भोपाल में आयकर विभाग की टीम ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा के ठिकानों पर बुधवार सुबह छापमारी की। शर्मा का नाम प्रदेश के एक पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्य सचिव से जुड़ा है। आईटी की टीम ने भोपाल में 49, इंदौर में दो और ग्वालियर में एक जगह सर्च की। आयकर विभाग को राजेश शर्मा के 10 लॉकर्स की जानकारी मिली है, जिनमें भारी मात्रा में ज्वेलरी और अन्य मूल्यवान सामग्री पाई गई है। विभाग ने ज्वेलरी की वैल्यूएशन अभी तक नहीं की है।
इसके अलावा टीम ने दस्तावेज, कंप्यूटर डेटा, मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क भी जब्त किए हैं। भोपाल के विभिन्न इलाकों जैसे नीलबड़, एमपी नगर, कस्तूरबा नगर, होशंगाबाद रोड और 10 नंबर मार्केट में छापेमारी जारी है। इंदौर में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के आदित्य गर्ग और ग्वालियर में रामवीर सिकरवार के ठिकानों पर भी छापे मारे गए। सिकरवार के पास पांच एकड़ जमीन खरीदने के दस्तावेज भी मिले हैं। इससे पहले उनके खिलाफ ईडी भी कार्रवाई कर चुका है। मप्र अभी तक ईडी के निशाने पर नहीं आया है। यहां किसी भी दल के नेता को अभी ईडी खोज नहीं पायी है।
मध्य्प्रदेश भले ही आर्थिक रूप से पिछड़ा राज्य हो लेकिन यहाँ के नेता ही नहीं बल्कि सिपाही तक करोड़पति हैं। पिछले दिनों मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर करोड़ों रुपये नकद मिले हैं, जिसे देख अधिकारी भी दंग रह गए. दरअसल, लोकायुक्त पुलिस नेसौरभ शर्मा के दो ठिकानों पर छापा मारा. इस दौरान उनके घर से 4 करोड़ रुपये नकद मिले. वहीं छापेमारी के दौरान 50 लाख के सोने-हीरे, 60 किलों चांदी भी मिले हैं. सौरभ शर्मा के दो ठिकानों से टीम को 4 करोड़ रुपये नकद, 60 किलो चांदी, 50 लाख के सोने-हीरे के जेवर, 4 एसयूवी, 22 प्रॉपर्टी के दस्तावेज और नोट गिनने की 7 मशीनें भी मिली हैं। अब आप कल्पना कीजिये की यदि परिवहन मंत्री के घर छापा मारा जाये तो कितना माल मिल सकता है ?
मध्यप्रदेश में एक लम्बे आरसे तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की पत्नी के बारे में ये खबरें चला करतीं थीं कि उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में नोट गिनने की मशीनें लगा रखीं हैं ,तब लोग हँसते थे ,लेकिन एक पूर्व सिपाही के घर इन मशीनों का मिलना ये संकेत देता है कि मुख्यमंत्री आवास में इन मशीनों के होने की खबरें भी निराधार नहीं थीं,लेकिन कोई ईडी,कोई सीबीआई ,कोई लोकायुक्त मुख्यमंत्री निवास तक पहुँचने का साहस नहीं दिखा सका। गरीब मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल के एक मंत्री के बच्चे के स्कूली बस्ते से तक नॉट टपक पड़े थे, बाद में इस मामले को रफा-दफा कर दिया गया।
मध्य्प्रदेश में सरकारी राजस्व की चोरी की वजह से ही सरकार गले-गले तक कर्ज में डूबी है। अब प्रदेश सरकार अब तक का सर्वाधिक कर्ज लेने की तैयारी में है। यह कर्ज 88 हजार 540 करोड़ रुपये का होगा। मप्र सरकार, 73 हजार 540 करोड़ रुपये बाजार से और 15 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार से कर्ज लेगी।आपको बता दें कि मप्र सरकार द्वारा लिया जाने वाला यह कर्ज पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के मुकाबले 38 प्रतिशत ज्यादा है। गौरतलब है कि साल 2023-24 में मध्य प्रदेश सरकार ने 55 हजार 708 रुपए का कर्ज लिया था। हालांकि सरकार निंश्चित हैं, ज्यादा कर्ज लेने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा कहते हैं कि सबकुछ नियम के अनुसार ही लिया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार विकास के लिए कर्ज लेती भी है और समय पर उसका भुगतान भी करती है।
मध्यप्रदेश में परिवहन,आबकारी ,और खनिज विभाग अवैध कमाई के सबसे बड़े स्रोत्र हैं। इन महकमों में नौकरी करने वाले चपरासी तक करोड़पति हैं। इन तीन विभागों के बाद राजस्व विभाग का नंबर आता है । राजस्व महकमें में पटवारियों की हैसियत किसी भी उद्योगपति से कम नहीं है । पिछले दिनों इंदौर समभाग के 3 पटवारियों को कदाचरण के आरोप में निलंबित किया गया तो पूरे प्रदेश के पटवारी हड़ताल पर चले गए थे। इसी मध्यप्रदेश में एक प्रमुख सचिव के आवास से छापे में 300 करोड़ रूपये की जब्ती का मामला आपको याद होगा।सिंचाई विभाग के इस महाघोटाले के आरोपी आईएएस दम्पति का निधन हो चुका है। यानि यदि सरकार अपने प्रदेश में भ्र्ष्टाचार के खिलाफ ही मुहीम चला ले तो उसे कर्ज से निजात मिल सकती है।
@ राकेश अचल
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