12 वर्षो बाद श्रवण नक्षत्र , सिद्धि योग,कुंभ महापर्व के संयोग में मौनी अमावस्या

इस वार की मौनी  अमावस्या होगी खास क्योंकि की इस की बात ही कुछ और है।

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि इस बार की मौनी अमावस्या खाश योगों के साथ है इस लिए विशेष रूप से खाश रहेगी। यह 29 जनवरी बुधवार के दिन श्रवण नक्षत्र सिद्धि योग के संयोग के साथ रहेगी।

इस दिन  ग्रहों की स्थिति बेहद खाश होगी जो 12 वर्षो बाद बनी हुई है।चंद्रमा एवं सूर्य दोनो ग्रह शनि की राशि मकर  में होंगे,गुरु वृष राशि में होने से माघ मास में मौनी अमावस्या को महाकुंभ महापर्व   प्रयाग राज में चल रहा  है इससे इसका फल,पुण्य विशेष बढ़ जाता हैं।

जैन ने कहा इस दिन मौन रहकर व्रत करना चाहिए।

मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है इसलिए इस व्रत को मौन धारण करके करने से मुनि  पद की भी प्राप्ति होती है और आत्म बल बढ़ता है यह दिन सृष्टि संचालक मनु का जन्म दिवस भी है।इस बार मौनी अमावस्या को 29 जनवरी को प्रयागराज में शाहीअमृत  स्नान  संयोग   है।

जैन ने कहा कि यदि इस दिन प्रयाग में संगम के तट पर स्नान किया जाए तो व्यक्ति के समस्त पाप ताप नाश होता है।

अगर कुंडली में पितृ दोष योग है अथवा कालसर्प योग है या राहु,केतु,शनि की दशा है तो इस दिन स्नान ,दान करने से वे तुरंत शांत होकर शुभ फल देते है।

जो गंगा संगम अथवा पवित्र नदी आदि में स्नान करने  नहीं पहुंच पाते उन्हें घर के जल में गंगा जल मिलकर स्नान करना कर दान करना चाहिए।

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