ज्ञापन में आदिम जाति कल्याण विभाग में एससी एसटी वर्ग के अधिकारी पदस्थ करने के साथ ही छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की मांग
ग्वालियर । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को ग्वालियर आगमन पर आदिम जाति कल्याण विभाग छात्रावास आश्रम शिक्षक अधीक्षक संघ CASAS-कसस) के संस्थापक प्रांत अध्यक्ष एवं दलित आदिवासी महापंचायत के संस्थापक संरक्षक एवं अजाक विकास संघ के कार्यवाहक प्रांत अध्यक्ष डॉ जवर सिंह अग्र के नेतृत्व में अलग-अलग 3 ज्ञापन सौंपे गए । ज्ञापन सौंपने गए प्रतिदिन मंडल में दलित आदिवासी महापंचायत के संस्थापक संरक्षक आदिम जाति कल्याण विभाग छात्रावास आश्रम शिक्षक अधीक्षक संघ के संस्थापक प्रांत अध्यक्ष संघ के कार्यवाहक प्रांत अध्यक्ष डॉ जवर सिंह अग्र , दलित आदिवासी महापंचायत के प्रांत अध्यक्ष महेश मदुरिया , भाजपा नेता विकास सिंह अग्र , हाकिम सिंह चोकोटिया , चंद्रप्रकाश बरैया , दलित आदिवासी महापंचायत के जिला अध्यक्ष संदीप सोलंकी आदि शामिल थे ।
प्रथम ज्ञापन में मध्य प्रदेश शासन के अनुसूचित जाति जनजाति कार्य विभाग जिसे पूर्व में आदिम जाति कल्याण विभाग कहा जाता था उसमें विभाग के प्रमुख सचिव , आयुक्त से लेकर संभागीय उपआयुक्त , सहायक आयुक्त , जिला संयोजक अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के ही अधिकारी पदस्थ किए जाएं दूसरे ज्ञापन में प्राइवेट कॉलेज के माध्यम से छात्रवृत्ति में छात्रवृत्ति में खरबों रुपए का घोटाला किया जा रहा है उसकी वर्ष 2009 से भौतिक सत्यापन के आधार पर जांच करते समय तक की उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर जांच की जाए हो सके तो सीबीआई से इसकी जांच कराई जाए क्योंकि दर्जनों नहीं सैकड़ो शिकायते जिला प्रशासन से लेकर मध्य प्रदेश शासन के कार्यालय और मुख्यमंत्री के कार्यालय में लंबित है यहां तक की लोकायुक्त भी जांच कर रहा है लेकिन सभी ठंडा बस्ते में बंद है उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जांच कमेटी में शिकायतकर्ताओं को भी शामिल किया जाए ऐसी मांग की गई है तीसरी ज्ञापन में शिक्षा विभाग में और स्वास्थ्य विभाग में दिव्यांग के प्रमाण पत्र डॉक्टरो से मिलकर जुगाड़ करके 40 परसेंट और 40% से अधिक के बनवा लिए हैं उनकी अलग-अलग दो-तीन कमेटी बनाकर भी उच्च स्तरीय जांच भौतिक सत्यापन के आधार पर उन्हें मेडिकल कराकर यह देखा जाए कि कितना पर्सेंट दिव्यांग है यदि झूठा प्रमाण पत्र पाया जाता है जितना दिव्यांग व्यक्ति है उससे ज्यादा का परसेंट का प्रमाण पत्र बना है तो प्रमाण पत्र को निरस्त करते हुए ऐसे लोगों के विरुद्ध अपराधिक प्रकट पंजीबद्ध करके उनकी सेवा समाप्त की जाए और प्रमाण पत्र बनाने वाले मेडिकल बोर्ड में जो भी डाक्टर शामिल रहे हो उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाए और अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया जाए यदि शासकीय सेवा में ऐसे लोग हैं तो उनकी सेवा समाप्त की जाए साथ ही तीसरे ज्ञापन में मांग की गई है स्वास्थ्य विभाग में जो कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर फर्जी एफ आई आर दर्ज कराते हैं एससी एसटी को मिलने वाली आर्थिक सहायता के लिए और जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध है ऐसे कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसरों की सेवा समाप्त की जाए जिस पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया है कि इन पर शीघ्र कार्रवाई कराई जाएगी और दोषी बच नहीं पाएंगे ।
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