केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह को बधाई देने का मन है । शाह साहब ने इंटरपोल की तर्ज पर भारत की पुलिस के लिए एक नयी एजेंसी ' भारतपोल ' बनाई ह। ये वैसे एक पोर्टल है ,लेकिन है तो नया ही । ।अमित शाह ने कहा कि 'भारतपोल' की संरचना से भारत की हर एजेंसी, हर राज्य की पुलिस खुद को इसकी मदद से बहुत सरलता से इंटरपोल के साथ जोड़ पाएगी और जांच को गति दे पाएगी।
आप जानते ही हैं कि इंटरपोल एक अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन है जो दुनिया भर में पुलिस सहयोग और अपराध नियंत्रण की सुविधा प्रदान करता है। इसका मुख्यालय लियोन, फ्रांस में है। इसके दुनिया भर में सात क्षेत्रीय ब्यूरो हैं, और सभी 194 देशों में, जो इसके सदस्य हैं, एक राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा पुलिस संगठन बनाता है।भारत को इसकी नकल करने की जरूरत क्यों पड़ी ये शाह साहब ही जानते है। लेकिन ये एक अच्छी पहल है। नकल ही सही लेकिन है अक्लमंदी की कोशिश। क्योंकि भारत में पुलिस के बीच राज्यों की तो छोड़िये थाना स्तर पर भी सामंजस्य नहीं है । सीमा विवाद को लेकर देश में आये दिन हादसों का शिकार लोग हफ्तों तक प्रथमिकी दर्ज नहीं करा पाते। अज्ञात शव सड़ते रहते हैं
वैसे आपको बता दूँ कि ' पोल ' का मतलब एक खोखला आकार होता है। जो लंबवत होता है । पोल को अंग्रेजी में ही नहीं बल्कि राजस्थानी में खम्भा ही कहते हैं।राजस्थान के अनेक शहरों में पोल ही पोल हैं। ढोल में भी पोल होती है। अब आप अनुमान लगा सकते हैं कि भारतपोल कैसा होगा ? माननीय केंद्रीय केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मंगलवार 7 जनवरी 2025) को भारतपोल पोर्टल का उद्घाटन किया. 'इस मौके पर अमित शाह ने कहा,यह हमारे देश की अंतर्राष्ट्रीय जांच को एक नए युग में ले जाने वाली शुरुआत है। 'भारतपोल' की संरचना से भारत की हर एजेंसी, हर राज्य की पुलिस अपने आप को इसकी मदद से बहुत सरलता से इंटरपोल के साथ जोड़ पाएगी और जांच को गति दे पाएगी.।
सरकारी दावे के मुताबिक भारतपोल के जरिये सभी एजेंसियां एक मंच से जुड़ जाएंगी । इसके माध्यम से हम दुनियाभर के अपराधियों को भारत में खोजने करने की व्यवस्था भी कर सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच सरल हो जायगी। शाह का कहना है की कई सालों तक अपराधियों ने विदेशों में बैठ कर कानून की पहुँच से बाहर रहे। अब समय आ गया है कि उन्हें इसके अंदर लाया जाए. ड्रग ट्रैफिकिंग, स्मगलिंग, ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसे क्राइम पर लगाम लगाने के लिए यह काम करेगा।
भारत पोल के पांच प्रमुख मॉड्यूल होंगे ,यानि कनेक्ट, नोटिस, रेफरेंस, ब्रोडकास्ट और रिसोर्सेस। इन्हीं मॉड्यूल्स के जरिए देश की सभी लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसियां एक ही साथ में एक प्लेटफॉर्म में आ जाएंगी। रेड कॉर्नर और अन्य अलग-अलग तरह के नोटिस जारी करने के लिए हमारी एजेंसियां अपने अनुरोधों को भारतपोल की मदद से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों तक तेजी से पहुंचा सकेंगी और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी भारत तक अपने ऐसे किसी अनुरोध को तेजी के साथ पहुंचा सकेंगी। भारतपोल 195 देशों की पुलिस से जुड़कर काम कार सकेगा।
दरअसल भारतपोल उस सीबीआई का बच्चा है जो पिछले दस साल से देश के विपक्ष के खिलाफ एक औजार की तरह इस्तेमाल की जा रही है। भारत सरकार के पास पहले से अनेक पोर्टल है। हर विभाग का अपना पोर्टल है । मसलन साइवर अपराधों की रोकथाम के लिए भी एक पोर्टल है लेकिन साइबर अपराध नहीं रुक रहे। ये पोर्टल आकर क्या जादूकर दिखायेगा,इसे बताने में सरकार अभी समर्थ नहीं है। सरकार की असमर्थता को समझा जा सकता है। सरकार को इस तरह के एक पोर्टल की जरूरत थी भी। भारतपोल पहले से काम बाढ़ की शिकार सीबीआई के लिए कहीं सिरदर्द तो नहीं बन जाएगा इसकी गारंटी कोई नहीं दे रहा। केंद्र ने सीबीआई के लिए एक और पोल खोल दी है। जैसे ढोल की पोल होती है। वैसे भी आने वाले दिनों में सरकार को नए ढोलों और नई पोलों की जरूरत है ,क्योंकि सरकार को दिल्ली विधानसभा के चुनाव मेंउतरना है।
ढोल और पोल का पुराना रिश्ता है। सरकार कब किस पोल में घुस जाये,ये कोई नहीं जानता और कब कौन सा ढोल बजाने लगे ,ये भी कहना मुश्किल है। जैसे अमित शाह साहब आजकल कश्मीर का नाम बदलकर कश्यप प्रांत करना चाहते हैं। वे जब इंटरपोल की तर्ज पर भारतपोल बना सकते हैं तो कश्मीर का नाम भी बदलकर कश्यप प्रांत कर सकते हैं। कौन है जो उन्हें ऐसा करने से रोक ले ? मै शाह साहब का शुरू से मुरीद हूँ । उनके जैसा प्रतिभाशाली गृहमंत्री देश को पहले कभी मिला ही नही। कांग्रेस के 21 और भाजपा के 3 गृहमंत्रियों में से शाह साहब सबसे काबिल गृहमंत्री है।
भारत के दो दर्जन से अधिक गृहमंत्रियों में से मैंने केवल पहले गृहमंत्री सरदार वल्ल्भ भाई पटेल,सी राजगोपालाचार्य,कैलाशनाथ काटजू ,जीवी पंत,लाल बहादुर शास्त्री,और गुलजारी लाल नंदा को नहीं देखा,बाकी के जितने भी गृहमन्त्री हुए हैं उनमें से अधिकांश से मै मिला हूं या उनके कार्यकाल का चश्मदीद हूँ। मुझे लगता है कि अमित शाह के समाने यशवंत राव चव्हाण,उमाशंकर दीक्षित ,इंदिरा गाँधी ,केबी रेड्डी,चरण सिंह ,मोरारजी देसाई,ज्ञानी जेल सिंह,ार वेंकटरमन,पीसी सेठी,पीवी नरसिम्हाराव,शंकर राव चव्हाण, सरदार बूटा सिंह ,मुफ़्ती मोहम्मद सईद,चंद्रशेखर, प्रो मुरली मनोहर जोशी,इंद्रजीत गुप्ता, लालकृष्ण आडवाणी,शिवराज पाटिल,पी चिदांबरम,सुशिल कुमार शिंदे और राजनाथ सिंह भी कहीं नहीं ठहरते। हमें उम्मीद करना चाहिए कि भारत पोल का भविष्य उज्ज्वल हो ताकि अमित शाह गृहमंत्री के रूप में अजर-अमर हो सकें।
अपने 45 साल के पत्रकारिता के जीवन में मैंने देखा है कि देश के अनेक गृह मंत्री देश की पुलिस के अंग्रेजी चरित्र को बदलने की बात करते है लेकिन बदल नहीं पाते । हमारे मध्यप्रदेश के तमाम पुलिस महानिदेशक मित्र मध्य्प्रदेश की पुलिस को ब्रिटेन की बॉबी पुलिस बनाना चाहते थे किन्तु बना नहीं पाए,क्योंकि हमें तो आततायी और भ्र्ष्ट पुलिस की जरूरत है न ! हमें जरूरत भारत पोल से ज्यादा पुलिस में सुधर के लिए एक नए आयोग कि थी ,लेकिन किसी को फर्स्ट कहाँ जो इस विष्य में सोचे।
@ राकेश अचल
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