कहते हैं किसी शुभ कार्य की शुरुआत शुभ मुहूर्त में करना चाहिए क्योंकि किसी बड़े कार्य जैसे गृह प्रवेश और विवाह करने में जीवन की पूरी पूंजी लग जाती है और पूरे जीवन भर इन दो चीजों का असर बना रहता है इसलिए शुभ मुहूर्त का कार्य करने से पहले इंतजार रहता है।
शहर के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी में बताया कि 6 मार्च गुरुवार 10:50 बजे से होलाष्टक प्रारंभ हो जाएंगे जो होली का दहन के साथ समाप्त हो जाएंगे इसके साथ ही 14 मार्च शुक्रवार को मीन राशि में सूर्य शाम 06:49 बजे प्रवेश करेंगे जो 14 अप्रैल रात्रि 03 :20 बजे तक रहेंगे।
जैन ने कहा इन दिनों में,सगाई, विवाह, गृह निर्माण/ भूमि पूजन ,नए घर में प्रवेश,देवप्रतिष्ठा,मुण्डन, आदि कार्यों को नहीं करना चाहिए।
होलाष्टक की आठ रात्रियों में तंत्र,मंत्र,यंत्र की साधना का महत्व माना जाता है।
सिद्ध रात्रि, काल रात्रि और मोह रात्रि जैसी रात्रियां अधिक प्रभावशाली होती है।
होलिका दहन के साथ फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को होलाष्टक तो समाप्त हो जाएंगे परंतु इस के साथ ही मीन राशिस्थ सूर्य संज्ञक सौर चैत्र मलमास के 30 दिन भी शुभ कार्य में वर्जित होते हैं।
शास्त्रों के अनुसार सूर्य जब तक मीन राशि में होता है तो शुभ मांगलिक कार्यों को स्थाई सफल वा आनंद दायक नहीं होने देता।
क्योंकि सूर्य का तेज इस समय मलीन होजता है यानी मीन राशि में सूर्य के रहते समय तक सूर्य का शुभ प्रभाव कमजोर पड़ जाता हैं। इसलिए इस समय ज्योतिष शास्त्र में शुभ कार्यों को करने के कोई विशेष मुहूर्त नहीं होते।
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