आरक्षित वर्ग विरोधी प्रशासन में बैठे अधिकारी एक पक्षीय कार्यवाही कर रहे हैं
ग्वालियर 26 अप्रैल । मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट नियम है और समय-समय पर पुनः जारी किए जा रहे हैं कि दलित और आदिवासियों को यानी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के अधिकारी कर्मचारियों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न किया जाए, लेकिन इन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए आरक्षित वर्ग विरोधी अधिकारी इन वर्गों को शासन के नियम होते हुए भी भेदभाव कर पीड़ित कर रहे हैं निलंबित कर रहे हैं ।
यह आरोप आरक्षित वर्ग वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ (अवाक्स) के प्रांत अध्यक्ष डॉ जवर सिंह अग्र ने लगाया है उदाहरण के लिए दतिया के सीएमएचओ डॉ हेमंत मंडेलिया जो दलित हैं जिला श्योपुर के सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग दोनों को निलंबित किया गया है लेकिन दूसरे के अधिकारियों की दर्जनों शिकायतें हैं जांचो में भी दोषी हैं उनको निलंबित नहीं किया जाता । जिस प्रकार दलित और आदिवासी वर्ग के अधिकारी कर्मचारीयों के बिरुद्ध कार्यवाही की जाती है उसी प्रकार दूसरे वर्ग के अधिकारियों पर कर्मचारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती यह हम और आपको समझाना पड़ेगा जबकि शासन के स्पष्ट नियम है कि अनुसूचित जाति जनजाति के अधिकारी कर्मचारियों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव ने किया जाए लेकिन खुलेआम भेदभाव किया जा रहा है इन वर्गों के अधिकारी कर्मचारियों को पीड़ित किया जा रहा है उत्पीडित किया जा रहा है लेकिन हमारे वर्गों के संगठन सम्मेलन सम्मान समारोह करने में मस्त है पीड़ित अधिकारी कर्मचारियों को न्याय दिलाने में और अन्याय अत्याचार भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने में पीछे है ।
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