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कलेक्टर मनीष सिंह ने प्रस्तावित पश्चिम रिंग रोड की तैयारियों का लिया जायजा

 शोभा सोनी AD News 24


इन्दौर / कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने पीथमपुर से इंदौर जिले की सीमा क्षेत्र के एबी रोड के ग्राम बरोदा अर्जुन तक बनने वाले पश्चिम रिंग रोड की तैयारियों का जायजा संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक में लिया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी श्री रोहन सक्सेना, नेशनल हाईवे के क्षेत्रीय अधिकारी श्री विवेक जायसवाल, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.पी. अहिरवार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

      बैठक में बताया गया कि पीथमपुर से लेकर इंदौर जिले की सीमा क्षेत्र के एबी रोड के ग्राम बरोदा अर्जुन तक लगभग 1400 करोड़ रूपये की लागत से 55 किलोमीटर लम्बा पश्चिम रिंग रोड बनाया जाना प्रस्तावित है। यह सड़क दो चरणों में पूर्ण होगी। इसके लिये 13 किलोमीटर का क्षेत्र एमपीआईडीसी द्वारा विकसित किया जायेगा। शेष 42 किलोमीटर रोड के निर्माण में इंदौर विकास प्राधिकरण का सहयोग रहेगा। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बैठक में संबंधित अधिकारियों से पश्चिम रिंग रोड के लेआउट तथा भूमि अधिग्रहण के संबंध में चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिये कि भूमि अधिग्रहण का कार्य शीघ्र शुरू कर पूरा किया जाये। उन्होंने इसके लिये संबंधित अधिकारियों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

केंद्रीय मंत्री गडकरी का एक अगस्त को इंदौर दौरा प्रस्तावित

 शोभा सोनी AD News 24

 इंदौर / केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी का 1 अगस्त 2022 को इंदौर द्वारा प्रस्तावित है। केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी प्रस्तावित दौरे के दौरान इंदौर क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। उक्त संबंध में जिला प्रशासन एवं एनएचएआई द्वारा कार्यक्रम हेतु जरूरी तैयारियां शुरू कर दी गई है।

जल जीवन मिशन में 1142 जल-प्रदाय योजनाएँ और हुईं शामिल

609 करोड़ की एकल ग्राम योजनाएँ मंजूर

ग्वालियर / लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जल जीवन मिशन में ग्रामीण नल-जल प्रदाय के लिए 608 करोड़ 55 लाख 87 हजार रूपये की लागत की 1142 ग्रामों की एकल जल-प्रदाय योजनाओं की स्वीकृति जारी की है। प्रदेश की ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन से हर घर जल उपलब्ध करवाने के कार्य निरंतर जारी हैं। मैदानी कार्यालयों से प्राप्त जल-प्रदाय योजनाओं के प्रस्ताव पर शासन स्तर से स्वीकृतियाँ दी जा रही हैं जिससे मिशन में लक्ष्य के अनुरूप कार्य किए जा सकें। जल-प्रदाय की इन एकल ग्राम योजनाओं में नवीन के साथ रेट्रोफिटिंग के कार्य भी शामिल हैं।

इन स्वीकृत जल-प्रदाय योजनाओं के कार्यों का लाभ नर्मदापुरम, रायसेन, बैतूल, उज्जैन, शाजापुर, रतलाम, देवास, धार, बड़वानी, ग्वालियर, गुना, दतिया, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, डिण्डोरी, नरसिंहपुर, उमरिया और अनूपपुर की ग्रामीण आबादी को मिलेगा। प्रस्तावित जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण होने पर इन जिलों में निवासरत ग्रामीण परिवारों को उनके घर पर ही नल कनेक्शन से जल मुहैया करवाया जायेगा।

मिशन में जारी इस स्वीकृति में कुल 1142 ग्रामों की एकल जल-प्रदाय योजनाएँ शामिल हैं। प्रदेश के करीब 51 लाख 20 हजार ग्रामीण परिवारों को उनके घर में ही जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है। इसी तरह 5 हजार 382 ग्राम ऐसे हैं, जिनके सभी परिवारों को पेयजल मुहैया करवाया गया है। मिशन में 23 हजार 700 से अधिक ग्रामों की जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य 70 से 90 प्रतिशत पूरा होने को हैं और 7 हजार 300 से अधिक ग्रामों के लिए समूह और एकल जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य शुरू किये जा रहे हैं।





नगर पालिक निगम के महापौर तथा पार्षदों को शपथ दिलाने कलेक्टर अधिकृत

राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किए निर्देश

शोभा सोनी AD News 24



इन्दौर : राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को उनके जिले के नगरपालिक निगम के निर्वाचित महापौर और पार्षदों को शपथ ग्रहण कराने के लिए अधिकृत किया गया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों  को महापौर एवं पार्षदों के प्रथम सम्मिलन में प्रावधान अनुसार शपथ ग्रहण की कार्यवाही कराने के निर्देश दिए गए हैं।

                सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम में नगरपालिक निगम के महापौर तथा प्रत्येक पार्षद को निगम के प्रथम सम्मिलन में अध्यक्ष के चुनाव  में भाग लेने के पूर्व या अपना पद ग्रहण करने के पहले राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के समक्ष निर्धारित प्रारूप में शपथ या प्रतिज्ञान पर हस्ताक्षर करना होगा। यदि नगरपालिक निगम का महापौर या पार्षद शपथ नहीं लेता है, तो यह समझा जायेगा कि ऐसे महापौर और पार्षद ने अपना पद ग्रहण नहीं किया है। श्री सिंह ने बताया है कि संभागीय आयुक्त की अनुमति के बगैर यदि कोई महापौर या पार्षद अपने निर्वाचन के दिनांक से 3 माह के भीतर शपथ नहीं लेता है तो उसका स्थान स्वमेव ही रिक्त हुआ समझा जाएगा।

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