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कंगाल मध्यप्रदेश में माल ही माल


कर्ज में गले-गले तक डूबी मध्यप्रदेश में धन की कोई कमी नहीं है। मप्र की सरकार निवेश के लिए विदेशों के चक्कर काट रही है जबकि मध्यप्रदेश में चौतरफा पैसा बिखरा पड़ा है। यहां तक कि मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग के सिपाही तक करोड़पति है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयकर विभाग को एक लावारिस कार से 52 किलो सोना और भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ।   कार रातीबड़ क्षेत्र के मेंडोरी के जंगल में लावारिस हालत में मिली है।  पुलिस और इनकम टैक्स यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कार में पैसे और सोना कौन छोड़ गया ? सोने की कीमत करीब 42 करोड़ बताई जा रही है, जबकि 10 करोड़ रुपये कैश भी जब्त किया गया है. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
  भोपाल में आयकर विभाग की टीम ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा के ठिकानों पर बुधवार सुबह छापमारी की। शर्मा का नाम प्रदेश के एक पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्य सचिव से जुड़ा है। आईटी की टीम ने भोपाल में 49, इंदौर में दो और ग्वालियर में एक जगह सर्च की। आयकर विभाग को राजेश शर्मा के 10 लॉकर्स की जानकारी मिली है, जिनमें भारी मात्रा में ज्वेलरी और अन्य मूल्यवान सामग्री पाई गई है। विभाग ने ज्वेलरी की वैल्यूएशन अभी तक नहीं की है।
इसके अलावा टीम ने दस्तावेज, कंप्यूटर डेटा, मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क भी जब्त किए हैं। भोपाल के विभिन्न इलाकों जैसे नीलबड़, एमपी नगर, कस्तूरबा नगर, होशंगाबाद रोड और 10 नंबर मार्केट में छापेमारी जारी है। इंदौर में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के आदित्य गर्ग और ग्वालियर में रामवीर सिकरवार के ठिकानों पर भी छापे मारे गए। सिकरवार के पास पांच एकड़ जमीन खरीदने के दस्तावेज भी मिले हैं। इससे पहले उनके खिलाफ ईडी भी कार्रवाई कर चुका है।  मप्र अभी तक ईडी के निशाने पर नहीं आया है।  यहां किसी भी दल के नेता को अभी ईडी खोज नहीं पायी है।
मध्य्प्रदेश  भले ही आर्थिक रूप से पिछड़ा राज्य हो लेकिन यहाँ के नेता ही नहीं बल्कि सिपाही तक करोड़पति हैं। पिछले दिनों मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में  परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर करोड़ों रुपये नकद मिले हैं, जिसे देख अधिकारी भी दंग रह गए. दरअसल, लोकायुक्त पुलिस नेसौरभ शर्मा के दो ठिकानों पर छापा मारा. इस दौरान उनके घर से 4 करोड़ रुपये नकद मिले. वहीं छापेमारी के दौरान 50 लाख के सोने-हीरे, 60 किलों चांदी भी मिले हैं. सौरभ शर्मा के दो ठिकानों से टीम को 4 करोड़ रुपये नकद, 60 किलो चांदी, 50 लाख के सोने-हीरे के जेवर, 4 एसयूवी, 22 प्रॉपर्टी के दस्तावेज और नोट गिनने की 7 मशीनें भी मिली हैं। अब आप कल्पना कीजिये की यदि परिवहन मंत्री के घर छापा मारा जाये तो कितना माल मिल सकता है ?
मध्यप्रदेश में एक लम्बे आरसे तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की पत्नी के बारे में ये खबरें चला करतीं थीं कि  उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में नोट गिनने की मशीनें लगा रखीं हैं ,तब लोग हँसते थे ,लेकिन एक पूर्व सिपाही के घर इन मशीनों का मिलना ये संकेत  देता है कि  मुख्यमंत्री आवास में इन मशीनों के होने की खबरें भी निराधार नहीं थीं,लेकिन कोई ईडी,कोई सीबीआई ,कोई लोकायुक्त मुख्यमंत्री निवास तक पहुँचने का साहस नहीं दिखा सका। गरीब मध्यप्रदेश में  शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल के एक मंत्री के बच्चे के स्कूली बस्ते से तक नॉट टपक पड़े थे, बाद में इस मामले को रफा-दफा कर दिया गया।
मध्य्प्रदेश में सरकारी राजस्व की चोरी की वजह से ही सरकार गले-गले तक कर्ज में डूबी है। अब प्रदेश सरकार अब तक का सर्वाधिक कर्ज लेने की तैयारी में है। यह कर्ज 88 हजार 540 करोड़ रुपये का होगा। मप्र सरकार, 73 हजार 540 करोड़ रुपये बाजार से और 15 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार से कर्ज लेगी।आपको बता दें कि  मप्र सरकार द्वारा लिया जाने वाला यह कर्ज पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के मुकाबले 38 प्रतिशत ज्यादा है। गौरतलब है कि साल 2023-24 में मध्य प्रदेश सरकार ने 55 हजार 708 रुपए का कर्ज लिया था। हालांकि सरकार निंश्चित हैं, ज्यादा कर्ज लेने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा कहते हैं कि सबकुछ नियम के अनुसार ही लिया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार विकास के लिए कर्ज लेती भी है और समय पर उसका भुगतान भी करती है।
मध्यप्रदेश में परिवहन,आबकारी  ,और खनिज विभाग अवैध कमाई के सबसे बड़े स्रोत्र हैं।  इन महकमों में नौकरी करने वाले चपरासी तक करोड़पति हैं। इन तीन विभागों के बाद राजस्व विभाग का नंबर आता है ।  राजस्व महकमें में पटवारियों की हैसियत किसी भी उद्योगपति से कम नहीं है । पिछले दिनों इंदौर समभाग के 3 पटवारियों को कदाचरण के आरोप में निलंबित किया गया तो पूरे प्रदेश के पटवारी हड़ताल पर चले गए थे। इसी मध्यप्रदेश में एक प्रमुख सचिव के आवास से छापे में 300  करोड़ रूपये की जब्ती का मामला आपको याद होगा।सिंचाई विभाग के इस महाघोटाले के आरोपी आईएएस दम्पति का निधन हो चुका है। यानि यदि सरकार अपने प्रदेश में भ्र्ष्टाचार के खिलाफ ही मुहीम चला ले तो उसे कर्ज से निजात मिल सकती है।
@ राकेश अचल   

बैंक कर्मचारी के सूने घर में लाखों की चोरी

चोर दो लाख रुपए कैश सहित सोने-चांदी के जेवर लेकर फरार हो गए

ग्वालियर बेटी की शादी करने गए बैंक कर्मचारी के सूने घर में लाखों की चोरी हो गई। चोर दो लाख रुपए कैश सहित सोने-चांदी के जेवर लेकर फरार हो गए। घटना माधौगंज थाना क्षेत्र के मामा का बाजार हैदरगंज की है। घटना का पता चलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के बाद अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस चोरों की तलाश के लिए बैंक कर्मचारियों के घर के आस-पास लगे CCTV कैमरे खंगाल रही। जिससे चोरों का सुराग लगाया जा सके।

हैदरगंज लाला का बाजार निवासी शहनाज बानो पत्नी अब्दुल मजीद ने शिकायत की है कि 17 दिसंबर को उनकी बेटी सुमाइला की शादी का कार्यक्रम हरे शिव गार्डन लक्ष्मीगंज से आयोजित हो रही थी। पूरा परिवार शादी में था और घर पर ताले डाल गए थे। इसी बीच चोरों ने उनके घर का ताला तोड़कर अलमारी में रखे दो लाख रुपए कैश और सोने व चांदी के जेवर पार कर दिए। घटना का पता उस समय चला। जब वह वापस आए तो नगदी व जेवर गायब मिले। मामले का पता चलते ही पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया है।

अंजली पलैया को बुधवार को पार्षद पद की शपथ दिलाई

 

ग्वालियर / कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने नगर पालिका अधिनियम के तहत श्रीमती अंजली पलैया को बुधवार को पार्षद पद की शपथ दिलाई। श्रीमती अंजली पवैया हाल ही में नगर निगम ग्वालियर के वार्ड-39 के पार्षद पद के लिए हुए उपचुनाव में निर्वाचित हुई है। यहाँ कलेक्ट्रेट में यह शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम का संचालन नगर निगम के उपायुक्त श्री प्रदीप श्रीवास्तव ने किया।

इस अवसर पर नगर निगम के सभापति श्री मनोज तोमर व नेता प्रतिपक्ष श्री हरी पाल सहित नगर निगम के अन्य पार्षदगण व शहर के जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे। 

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने ग्वालियर में किया देश के पहले जियो साइंस म्यूजियम का उदघाटन

ग्वालियर । उप राष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने ग्वालियर में देश के पहले जियो साइंस म्यूजियम (भू-विज्ञान संग्रहालय) का रविवार को उदघाटन किया। ग्वालियर के ऐतिहासिक महाराज बाड़ा पर हैरीटेज बिल्डिंग विक्टोरिया मार्केट में स्थापित अत्याधुनिक जियो साइंस म्यूजियम के उदघाटन अवसर पर मध्यप्रदेश के राज्यपाल  मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय संचार व पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय कोयला व खान राज्य मंत्री  सतीश चंद्र दुबे, विधानसभा अध्यक्ष  नरेन्द्र सिंह तोमर, ग्वालियर जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट एवं सांसद श्री भारत सिंह कुशवाह भी मौजूद थे।

उप राष्ट्रपति  धनखड़ ने पट्टिका का अनावरण कर एवं म्यूजियम के प्रवेश द्वार पर फीता काटकर देश के पहले अत्याधुनिक जियो साइंस म्यूजियम का उदघाटन किया। साथ ही ग्वालियरवासियों को इस अनूठी सौगात की बधाई एवं शुभकामनायें दीं। उन्होंने सभी अतिथियों के साथ म्यूजियम की विभिन्न गैलरियों में दर्शाए गए भू-विज्ञान से संबंधित चित्रों, कलाकृतियों एवं जानकारियों को देखा एवं म्यूजियम की सराहना की।म्यूजियम के उदघाटन के बाद उप राष्ट्रपति  धनखड़ ने महाराज बाड़ा पर  स्थित वास्तु शिल्प के उत्कृष्ट नमूनों के रूप में खड़ीं ऐतिहासिक इमारतों को भी देखा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव, केन्द्रीय मंत्री  सिंधिया एवं विधानसभा अध्यक्ष  तोमर ने उप राष्ट्रपति को महाराज बाड़े की इमारतों के शिल्प एवं शैलियों से अवगत कराया।
राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद द्वारा ग्वालियर नगर निगम के सहयोग से तैयार किए गए देश के इस पहले अत्याधुनिक एवं अद्भुत जियो साइंस म्यूजियम में पृथ्वी की उत्पत्ति, मानव जाति व मानव सभ्यता का विकास व ब्रम्हाण्ड से जुड़ीं अनूठी जानकारियाँ समाहित हैं। म्यूजियम में डायनासोर का अण्डा सहित कीमती वस्तुएँ पर्यटकों को देखने के लिये उपलब्ध हैं। यह म्यूजियम भू-विज्ञान से संबंधित बच्चों से लेकर बड़ों तक की जिज्ञासाओं का समाधान उपलब्ध है। साथ ही वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह संग्रहालय ज्ञानवर्धक है। पृथ्वी विज्ञान से संबंधित दुर्लभ भू-वैज्ञानिक नमूनों को मल्टीमीडिया डिस्प्ले के जरिए म्यूजियम में दिखाया गया है।
संग्रहालय में दो गैलरियाँ, एक गैलरी में पृथ्वी की उत्पत्ति व विकास की जानकारी 
जियो साइंस म्यूजियम में दो गैलरियों के माध्यम से भू-विज्ञान के बारे में लाइट इफेक्ट के साथ आकर्षक ढंग से जानकारी संजोई गई है। एक गैलरी में पृथ्वी के विकास को दर्शाया गया है, जिसमें उल्लेख है कि पृथ्वी अपने मूल स्वरूप में किस प्रकार आई और कौन-कौन सी चीजों से मिलकर पृथ्वी बनी है। वर्तमान में जो पृथ्वी है, असल में वह कैसी दिखती है। पृथ्वी के भीतर लावा किस तरह से तैयार होता है और ज्वालामुखी फूटने से किस तरह पर्वतों का निर्माण होता है। यह सब जानकारियां बखूबी ढंग से संग्रहालय में दर्शायी गई हैं। यहाँ आने वाले पर्यटन भूकम्प का अनुभव भी कर सकेंगे। इसके अलावा वायु मण्डल और महासागर के बारे में भी वर्णन है। लाइट इफेक्ट और अत्याधुनिक मशीनी तकनीक से बड़े बखूबी ढंग से यह सब प्रदर्शित किया गया है।
मानव सभ्यता के विकास की गाथा बयां कर रही है दूसरी गैलरी 
जियो साइंस म्यूजियम की दूसरी गैलरी में मानव जाति और मानव सभ्यता के विकास को बड़े बखूबी ढंग से प्रदर्शित किया गया है। इसमें यह भी दर्शाया गया है कि धरती पर डायनासोर की उत्पत्ति व विलुप्ति हुई। साथ ही मानव की उत्पत्ति कैसे हुई और कैसे उसका जीवनक्रम आगे बढ़ा। मानव सभ्यता की जीवन शैली में आए बदलाव का यह वर्णन भी दर्शनीय है।
कार्यक्रम में इनकी भी रही मौजूदगी 
जियो साइंस म्यूजियम के उदघाटन कार्यक्रम में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के महानिदेशक  असित साहा, संभाग आयुक्त  मनोज खत्री, पुलिस महानिरीक्षक  अरविंद सक्सेना, कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, पुलिस अधीक्षक  धर्मवीर सिंह, नगर निगम आयुक्त  अमन वैष्णव एवं जियो लॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारीगण भी मौजूद थे।

जीवाजी राव ने जो शिक्षा का सपना देखा था वह आज साकार हो रहा है : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

जीवाजी विश्वविद्यालय में जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण

ग्वालियर। सिंधिया परिवार का शिक्षा के लिए हमेशा ही प्रयास रहे हैं। आज का दिन स्मरणीय दिन रहेगा। सिंधिया परिवार का संसद में हमेशा से ही योगदान रहा है। जो भी मंत्रालय माधव को मिला है। उन्होंने उसके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किया है।दुनिया हमारी संस्कृति का लोहा मान चुकी है। मैं उस महापुरुष की मूर्ति का अनावरण करूंगा जिन्होंने स्वतंत्र भारत में कीर्तिमान स्थापित किए। आजाद भारत में विकास को गति देते हुए कार्य किया। शिक्षा से ही किसी राष्ट्र में परिवर्तन लाया जा सकता है। शिक्षा से ही व्यक्ति मैं आदर भाव आता है ।शिक्षा से ही मानव का निर्माण होता है। परिवर्तनशील दुनिया है, बदलाव होकर रहेगा।शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए पीएम मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू किया।तकनीकी में भारत काफी आगे निकल चुका है। संस्था शोध करके नई-नई तकनीकी को लाएंगे ऐसी उम्मीद है।यह बात रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जीवाजी विश्वविद्यालय में जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा के अनावरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।अंत में महामहिम ने इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स के साथ एमओयू का कहा साथ ही जेयू के छात्रों को भारतीय संसद में संवाद के लिए आमंत्रित किया।विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, माननीय मंत्री, संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, भारत सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर,माननीय मंत्री, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष विभाग, मध्य प्रदेश इंदर सिंह परमार, माननीय मंत्री, जल संसाधन एवं प्रभारी मंत्री, ग्वालियर तुलसी सिलावट, राज्यमंत्री राकेश शुक्ला, श्रीमती सुदेश धनखड़ उपस्थित रहे। वहीं अध्यक्षता माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति, मध्य प्रदेश मंगुभाई पटेल ने की। कुलगुरू प्रो. अविनाश तिवारी के स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया गया।साथ ही एक पेड़ मां के नाम पर पौधारोपण किया गया। जेयू की उपलब्धियों पर लगी प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ज्ञान विज्ञान के समागम के माध्यम से हमारी सरकार ने काफी काम किया है। ऐसे महापुरुष की प्रतिमा का अनावरण किया जाना गौरव की बात है जिन्होंने शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जो शहर संगीत शिक्षा के लिए जाना जाता है, उसमें महामहिम का आगमन हुआ है यह गौरव की बात है। देश के लिए एक आधुनिक योग पीएम द्वारा लाया जा रहा है। एक सुनहरा युग बनने जा रहा है। ज्ञान से ही विनम्रता प्राप्त होती है। विनम्रता से ही पात्रता प्राप्त होती है। आज विश्वविद्यालय 250 एकड़ में स्थापित है जो मेरी दादी मां और डॉ . सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा पूजन किया गया था। जीवाजी विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नक्षत्र की तरह उभरता संस्थान है ।छात्र शिक्षा लेकर शिक्षित के साथ-साथ देश समाज का निर्माण करें।जो बीच बोया गया था वह 60 साल बाद वटवृक्ष की तरह खड़ा हो चुका है।हमारी संस्था आधुनिक युग की ओर अग्रसर है जो संस्थापकों की विचारधारा थी उससे दस कदम आगे संस्था बन चुकी है। सिंधिया परिवार का शिक्षा के प्रति हमेशा समर्पण रहा है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सपन पटेल ने किया।इस मौके पर कार्य परिषद सदस्य,विवि के प्रौफेसर, अधिकारी एवं कर्मचारी सहित छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

 

“तानसेन संगीत समारोह-2024” : मशहूर गज़ल गायक चंदनदास की होगी प्रस्तुति

14 दिसम्बर को सायंकाल 6.30 बजे इंटक मैदान हजीरा पर पूर्वरंग “गमक” की संगीत सभा सजेगी

ग्वालियर  / विश्व संगीत समागम “तानसेन समारोह-2024” के तहत संगीत की नगरी ग्वालियर में पूर्वरंग कार्यक्रम जारी हैं। इसी कड़ी में तानसेन समारोह की पूर्व संध्या यानि 14 दिसम्बर को सायंकाल 6.30 बजे इंटक मैदान हजीरा पर पूर्वरंग “गमक” की संगीत सभा सजेगी। “गमक” में विश्व विख्यात गज़ल गायक श्री चंदनदास गज़ल प्रस्तुत करेंगे। 

दुनियाभर में गजल गायकी का परचम लहरा रहे श्री चुदनदास ने “न जीभर के देखा न कुछ बात की, बड़ी आरजू थी मुलाकात की” जैसी तमाम गजलें गाकर देश और दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है। उनकी हिट एलबम में ‘कितने ही रंग’, ‘गज़ल उसने छेड़ी’, ‘इनायत’ व ‘गुजारिश’ शामिल हैं। उन्होंने कई लोकप्रिय धारावाहिकों एवं फिल्मों के लिये भी गायन किया है। साथ ही मुख्य धारा की फिल्मों के लिये भी संगीत दिया है। 

संगीत शिरोमणि तानसेन की याद में आयोजित होने वाले तानसेन समारोह का इस साल शताब्दी वर्ष है। राज्य शासन के संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन, नगर निगम व पुलिस के सहयोग से आयोजित हो रहे समारोह की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। समारोह में शहर के जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों, संगीत प्रेमियों एवं पत्रकारगणों को आमंत्रित किया गया है। समारोह पूर्णत: नि:शुल्क है।  

जन कल्याण व सुनियोजित विकास की गाथा बयां कर रही प्रदर्शनी

 प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी

ग्वालियर / जन कल्याण एवं सुनियोजित विकास की एक वर्ष की गाथा बयां कर रही प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। यह प्रदर्शनी जनसंपर्क विभाग द्वारा जिला प्रशासन एवं नगर निगम के सहयोग से बाल भवन परिसर में लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा पिछले एक साल में हासिल की गईं उपलब्धियों को चित्रों के माध्यम से बखूबी ढंग से प्रदर्शित किया गया है। ग्वालियरवासी बड़ी रुचि के साथ यह प्रदर्शनी देखने आ रहे हैं। 

गंभीर रोगियों के लिये वरदान बन रही पीएमश्री एयर एम्बूलेंस सेवा, प्रदेश के सभी 55 जिलों में पीएम एक्सीलेंस कॉलेज की शुरूआत, रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव की श्रृंखला के माध्यम से युवाओं के लिये रोजगार के नए अवसर 10 से अधिक गाय पालन पर अनुदान एवं जन सेवा के क्षेत्र में किए गए कार्यों को प्रदर्शनी में प्रमुखता से दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में औद्योगिक व अधोसंरचनागत विकास, स्वरोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, गौ रक्षा, किसान कल्याण, महिला सशक्तिकरण, संस्कृति व पर्यावरण का संरक्षण, पेयजल, शहरों का कायाकल्प एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हुए सुनियोजित विकास, जनजाति समाज को सामन अधिकार व विकास को बल देती अर्थव्यवस्था को रेखांकित कर रहे चित्र जन आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। 

स्मृति शेष : एक निर्विवादजनसेवक थे देवेंद्र तोमर

 

फेंफड़ों की बीमारी ने आखिर देवेंद्र तोमर को पराजित कर ही दिया ।  कुल 62  साल के देवेंद्र का असमय जाना दुखद है ,क्योंकि उनके निधन से ग्वालियर में एक संभावनाशील जन प्रतिनिधि का अभाव हो गया है ।  वे प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह के अग्रज थे। उन्होंने  इसके बावजूद अपनी स्वतंत्र पहचान कायम रखी और प्रद्युम्न के लिए हमेशा संकट मोचक का रोल अदा किया।

देवेंद्र ने जिस दिन से राजनीति की पहली सीढ़ियों  पर पैर रखा था ,वे उसी दिन से मेरे सम्पर्क में थे ।  सिविल इंजिनीयर बनने के बजाय वे पार्षद बने। वे विधायक भी बन सकते थे और मंत्री भी ,लेकिन शायद ये दोनों पद उनके लिए बने ही न थे ।  उन्होंने इन पदों के लिए अपने अनुज प्रद्युम्न सिंह  को ही आगे बढ़ाया ।  और कोई होता तो अपने भाई से पतिस्पर्द्धा करता ,लेकिन  देवेंद्र ने कभी इस तरह की चेष्टा नहीं की। वे सदैव अपने अनुज के गाइड बने रहे और इसी में उन्होंने अपना सुख खोज लिया था।

नगर निगम परिषद में मै 1983  से आता-जाता रहा हूँ ।  मैंने तब से अब तक बहुतेरे पार्षदों को आते जाते देखा। देवेंद्र  पार्षदों की भीड़ में सबसे अलग थे ।  वे खूब  पढ़-लिखकर परिषद में आते थे,जोरदार और तार्किक बहस करते थे ,लेकिन पूरे जीवन वे कभी अमर्यादित नहीं हुए। उन्होंने पार्षद के रूप में जन सेवक की अपनी भूमिका को पूरी जिम्मेदारी से निभाया। उनकी अपनी महत्वाकांक्षाएं रही होंगीं लेकिन उन्होंने उन्हें हमेशा नियंत्रित करके रखा। देवेंद्र ने सुर्ख़ियों में आने के लिए कभी कोई स्तरहीन कार्य नहीं किया। वे सौम्य,संकोची और विनम्र जन नेता थे। उनके व्यक्तित्व की छाप उनके अनुज ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह पर भी खूब पड़ी।

देवेंद्र में प्रतिभा की कोई कमी नहीं थी,लेकिन उन्हें जो अवसर मिलना चाहिए थे वे नहीं मिले ।  अवसर उनके बजाय उनके अनुज के हिस्से में चले गए और इसका गिला उन्होंने कभीनहीं किया। वे विचारों से समाजवादी कांग्रेसी थे।  श्रमिकों के हितैषी थे और हमेशा तामझाम   से दूर रहे । अपने अनुज के मंत्री और विधायक बनने के बाद भी उनके जीवन में कोई ख़ास परिवर्तन देखने को नहीं मिला। उनकी सहजता की पूँजी उनकी अपनी थी। उनकी अपनी मित्र मण्डली थी। राजनीति को उन्होंने मित्रों के बीच कभी आने नहीं दिया। जिसकी जितनी मदद कर सके ,करते रहे। उन्हें अपने अनुज का मैनेजर भी कहा जाने लगा था किन्तु वे कभी इस आरोप को लेकर विचलित नहीं हुए।

पिछले लम्बे आरसे से वे फुफ्फुस तंत्र की बीमारी के शिकार थे।  उनके उपचार में कोई कमी कभी नहीं आयी ,लेकिन वे बीमारी के आगे हारे नहीं ,झुके नही।  अपना काम भी करते रहे और इलाज भी लेते रहे ,लेकिन उनके हिस्से में जितनी साँसें लिखीं थीं वे बढ़ाई -घटाई नहीं जा सकीं ।  अंतिम दिनों में जब उनके फेंफड़ों के प्रत्यारोपण का निर्णय लिया गया ,तब तक शायद बहुत देर हो चुकी थी।  देवेंद्र को बीच रास्ते से ही अपना रास्ता बदलना पड़ा। उन्होंने अंतिम साँस भोपाल के एक अस्पताल में ली। वे जिस सौम्यता के साथ सार्वजनिक मंच पर प्रकट हुए थे उसी सौम्यता के साथ चिर निंद्रा में लीन भी हो गए  ,देवेंद्र का नाम स्थानीय निकाय   के इतिहास में एक प्रखर जन सेवक के रूप में हमेशा दर्ज रहेगा। अपने अनुजवत देवेंद्र के प्रति मेरी विनम्र श्रृद्धांजलि।

@ राकेश अचल

विधानसभाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने भाजपा नेता सुरेंद्र शर्मा के पिताश्री रामस्वरूप शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया

 रविकांत दुबे                       

 ग्वालियर 7 दिसंबर / मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एंव पूर्व केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री भारत सरकार नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज ग्वालियर प्रवास के दौरान भारतीय जनता पार्टी महानगर ग्वालियर के उपाध्यक्ष पुर्व सरपंच सुरेंद्र शर्मा के पिताश्री रामस्वरूप शर्मा (पटेल साहब ) के देवलोक गमन पर उनके निवास स्थान ग्राम मालनपुर गोहद जिला भिंड पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की I  उन्होंने स्वर्गीय पटेल साहब कि तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की I  इस अवसर पर मौजूद शोकाकुल परिवार से भेंट कर ढाडंस बधांया,

      शोक संवेदन व्यक्त करने बालो में मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्य समिति सदस्य अशोक जैन साथ थे ।

पूर्व महापौर स्व अरुणा सैंन्या की पुण्यतिथि मनाई

 

ग्वालियर की पूर्व महापौर स्वर्गीय श्रीमती अरुणा सैन्या की पुण्यतिथि पर आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन शिंदे की छावनी में किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भांडेर के पूर्व विधायक श्री घनश्याम पिरौनिया थे। इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री घनश्याम पिरौनिया ने कहा कि स्व श्रीमती अरुणा सैंन्या को प्रथम अनुसूचित जाति की महिला महापौर होने का गौरव प्राप्त है। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति बर्ग के कल्याण हेतु कार्य कर रही है। बरार धानुक समाज के अनेक लोगो को भाजपा ने आगे बढ़ाया है और समाज के सर्वांगीण विकास के लिए मप्र बांस शिल्प विकास निगम बनाकर शोषणपीड़ित समाज को सम्मानित किया है। कार्यक्रम का संचालन अरविन्द बैदौरिया ने किया एवं आभार प्रदर्शन देवेंद्र सैंन्या ने किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय पार्षद सुश्री भावना कनौजिया, सफाई कामगार आयोग के पूर्व सदस्य पप्पू बढोरी, प्रदेश मंत्री धर्मेंद्र आर्य, भाजपा मंडल अध्यक्ष आकाश श्रीवास्तव ,पार्षद अरुण कुशवाहा, एडवोकेट गजेंद्र दिसोरिया, जगन्नाथ लिदोरिया, लक्ष्मी नारायण सैया, पूर्व पार्षद विनोद आश्टैया, लक्ष्मण अस्त्राया, लक्ष्मण गोडसेले, मुन्नालाल भांगरावाले, पवन भरडेले, रवि मोरिया, अर्जुन नंदलाल बैदौरिया, नारायण बैरोलिया, पवन भारतेले, सुनील बैदोरिया, अनिल अस्ट्रया, अर्जुन कुमार ,अर्जुन नंगेले ,राजू बंशकार ,खेमचंद भदोरिया, पातीराम कैथैले, कन्हैयालाल दिसोरिया, देवेंद्र रसिया, नवल बरोलिया, नवल कोठारी ,हैप्पी वर्मा, मुन्नालाल वंशकार,लक्ष्मी नारायण सैया ,सहित अनेक समाज बंधु उपस्थित थे ।

ग्वालियर पुलिस द्वारा ‘‘हम होंगे कामयाब’’ जन-जागरूकता अभियान

जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम हेतु ‘‘हम होंगे कामयाब’’ जागरूकता अभियान के दौरान पुलिस द्वारा स्कूली बच्चों व महिलाओं को किया जागरूक

ग्वालियर।  संपूर्ण मध्यप्रदेश में जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम हेतु दिनांक 25.11.2024 से 15 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान ‘‘हम होंगे कामयाब’’ आयोजित किया जा रहा हैं। इसी तारतम्य में पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह(भापुसे) के निर्देश पर तथा डीएसपी महिला अपराध ग्वालियर श्रीमती किरण अहिरवार के मार्गदर्शन में ग्वालियर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में स्थित स्कूल/कॉलेज, कोचिंग संस्थान तथा सार्वजनिक स्थानों पर महिला बाल विकास एवं अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर जनचौपाल, नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग प्रतियोगिता, रैली आदि कार्यक्रम आयोजित कर छात्र-छात्राओं, महिलाओं तथा आमजन को ‘‘हम होंगे कामयाब’’ जागरूकता अभियान से अवगत कराते हुए नवीन कानूनी प्रावधानों तथा साइबर अपराधों, गुड टच-बैड टच तथा हेल्प लाइन के संबंध में जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है।

  मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलाया जा रहा अभियान ‘‘हम होंगे कामयाब’’ पखवाड़ा के अंतर्गत जेंडर आधारित हिंसा को रोकने के लिए थाना गिरवाई क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय कन्या विद्यालय सिकंदर कंपू में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित बच्चियों को जेंडर आधारित हिंसा के बारे में उप निरी. पूजा भदौरिया, सउनि कप्तान सिंह, आर. मनीष राजौरिया, म.आर. उर्मिला, कमल रावत,गौरव तोमर द्वारा जानकारी देकर जागरूक किया गया। इस अवसर पर स्कूली छात्राओं को विभिन्न हेल्पलाइन नंबर डॉयल 100, 1090, 1098, 181 आदि के बारे में जानकारी दी गई। महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा उपस्थित छात्राओं की समस्याओं को सुना जाकर उनकी समस्या का उचित समाधान किया गया और उन्हे ‘‘बेटी की पेटी’’ के संबंध में जानकारी दी गई।

जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम हेतु थाना डबरा देहात में सउनि नंदकिशोर झा, महिला आर.संगीता द्वारा महिला बाल विकास विभाग परियोजना अधिकारी श्रीमती बबीता धाकड़ एवं श्री अमित सिंह यादव के साथ ब्लाक स्तर पर जनपद पंचायत सभागार डबरा मे संस्थागत संबंधांे को मजबूती प्रदान करने हेतु पुलिस विभाग, राज्य आजीविका मिशन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के द्वारा स्व0 सहायता समूह की महिलाओं, शौर्य दल की महिलाआंे आ.वा. कार्यकर्ताओं को कानूनी जागरूकता प्रदान करने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे सायबर संबंधी अपराध तथा गुड टच, बैड टच के बारे में भी बताया गया एवं घरेलू हिंसा, बाल विवाह समाज में रोकने की शपथ दिलाई गई एवं बच्चों एवं महिलाओं के लिये शासन द्वारा संचालित हेल्प लाईन नंबर के बारे में बताया गया।

आज दिनांक 05.12.2024 को ‘‘हम होंगे कामयाब’’ अभियान के तहत जेंडर आधारित हिंसा को रोकने के लिए थाना सिरोल क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय माध्यमिक विद्यालय सिरोल गांव की बच्चियों, बच्चों को जेंडर आधारित हिंसा के बारे में उप निरी. मधु बंसल, म0आर0 राखी द्वारा जानकारी देकर जागरूक किया गया, विभिन्न हेल्पलाइन नंबर 1090, 1098 ,100 181 आदि के बारे में जानकारी दी गई। बच्चों को गुड टच बैड टच एवं महिला संबंधी तथा सायबर अपराधों के संबंध में जानकारी देकर जागरूक किया गया और उन्हे बेटी की पेटी के बारे में बताया गया साथ ही थानों पर बने ऊर्जा डेस्क के बारे में जानकारी दी गई। पुलिस टीम द्वारा जागरूकता अभियान के दौरान स्कूली बच्चों को पम्पलेट के माध्यम से समझाया गया।

नेशनल लोक अदालत 14 दिसम्बर को

विद्युत, जल कर एवं संपत्ति कर के मामलों के निराकरण पर मिलेगी छूट

ग्वालियर 5 दिसम्बर / ग्वालियर जिलेको में भी 14 दिसंबर को मौजूदा साल की चतुर्थ नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। कार्यपालिक अध्यक्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं  मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के आदेश के पालन में जिले में भी प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर श्री पी सी गुप्ता के मार्गदर्शन में तैयारियाँ जारी हैं। नेशनल लोक अदालत में विद्युत, जल कर एवं संपत्ति कर के मामलों के निराकरण पर छूट मिलेगी। पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं से नेशनल लोक अदालत का लाभ उठाकर अपने प्रकरणों का निराकरण कराने एवं छूट का लाभ उठाने की अपील की गई है। 

इस नेशनल लोक अदालत में आपराधिक, सिविल, वैवाहिक, मोटर दुर्घटना, चैक बाउंस, श्रम न्यायालय, उपभोक्ता मामले एवं अन्य प्रकरणों सहित विद्युत अधिनियम 2003 की धारा-126 एवं 135 के अंतर्गत बनाये गये विद्युत उपभोक्ताओं के प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा । विद्युत विभाग से संबंधित प्रकरणों में  ऊर्जा विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल के निर्देशानुसार 14 दिसंबर 2024  को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में आकंलित सिविल दायित्व की राशि रूपये 50,000 तक के प्रीलिटिगेशन प्रकरणों पर 30 प्रतिशत एवं लिटिगेशन प्रकरणों पर 20 प्रतिशत छूट रहेगी। साथ ही आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले चक्रवृद्धि ब्याज की 100 प्रतिशत छूट प्रदान की जायेगी। ऐसे समस्त विद्युत उपभोक्ता जिनके प्रकरण  विशेष न्यायालय ग्वालियर  एवं डबरा में लंबित है अथवा न्यायालय में दर्ज किया जाना शेष हैं वे नेशनल लोक अदालत में दी जा रही छूट का लाभ प्राप्त कर अपने मामले का स्थाई निराकरण प्राप्त कर सकते हैं। 

नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नेशनल लोक अदालत में रखे जाने वाले संपत्ति कर , जलकर , उपभोक्ता प्रभार एवं अन्य करों के अधिभार(सरचार्ज) में छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है। संपत्ति कर के ऐसे मामले जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रू.50000 तक बकाया  है उनमें सरचार्ज पर 100 प्रतिशत तक छूट, जहां कर और अधिभार की राशि 50000 से 100000 तक बकाया है उनमें अधिभार में 50प्रतिशत की छूट,और जहां कर और अधिभार की राशि 100000 से ज्यादा है उनमें सरचार्ज  में 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी। 

जलकर के मामलों में कर और अधिभार की राशि 10000 है तब अधिभार में 100प्रतिशत की छूट,यदि राशि 10000 से 50000 के बीच है तो अधिभार में 75 प्रतिशत की छूट,और यदि कर व अधिभार राशि 50000 से ज्यादा है उन मामलों में अधिभार की राशि पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आमजन से अपील की गयी है कि वे अपने मामलों का निराकरण 14 दिसंबर को आयोजित नेशनल लोक अदालत में कराकर नेशनल लोक अदालत के लिए प्रावधानित छूट का लाभ प्राप्त करें।साथ ही मोटर दुर्घटना दावों के आवेदकों से भी अपील की गई है कि जो आवेदक अपने मोटर दुर्घटना दावों का निराकरण कराने के इच्छुक हैं वे नवीन न्यायालय परिसर में स्थित एडीआर भवन में संपर्क कर सकते हैं।


180 सीसीटीव्ही कैमरों के माध्यम से मेले में की जायेगी निगरानी

ग्वालियर व्यापार मेल पूर्ण भव्यता और गरिमा के साथ आयोजित होगा 

व्यवस्थाओं के लिये 17 टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण 

पशु मेला एवं दंगल के लिये विभागों से प्राप्त प्रस्ताव अनुमोदन हेतु मेला अध्यक्ष एवं मंत्री उद्योग विभाग को भेजे गए 

ग्वालियर / ग्वालियर व्यापार मेला इस वर्ष 25 दिसम्बर 2024 से 25 फरवरी 2025 तक आयोजित होगा। प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी मेला पूर्ण भव्यता और गरिमा के साथ आयोजित किया जायेगा। मेले की सभी व्यवस्थाओं के लिये ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण द्वारा तैयारियाँ तेजी से की जा रही हैं। मेले में विभिन्न व्यवस्थाओं के लिये प्राधिकरण द्वारा 17 टेंडरों की कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है। इसके साथ ही दो कामों के टेंडरों के लिये पुन: रीटेंडर किए गए हैं। मेले की विभिन्न सड़कों के संधारण के लिये उद्योग विभाग के माध्यम से 5 करोड़ रूपए की लागत से टेंडर की कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है। एलयूएन को उद्योग विभाग भोपाल के निर्देशानुसार शौचालय की मरम्मत हेतु सचिव, मेला को भोपाल से अधिकृत किया गया है। शीघ्र ही सड़कों के संधारण का कार्य प्रारंभ होगा। 

मेले में पशु मेला एवं दंगल के लिये भी विभाग से प्रास्ताव प्राप्त हो गए हैं, जिन्हें अनुमोदन के लिये अध्यक्ष मेला प्राधिकरण एवं मंत्री उद्योग विभाग मध्यप्रदेश शासन को अनुमोदन हेतु भेजा गया है। इसके साथ ही मेले की विभिन्न व्यवस्थाओं के लिये आमंत्रित किए गए 17 टेंडरों को भी अनुमोदन हेतु भेजा गया है। मेले में सुरक्षा की दृष्टि से 180 सीसीटीव्ही कैमरे लगाने का कार्य किया जायेगा। इसके लिये एजेंसी निर्धारित कर दी गई है। 

ग्वालियर व्यापार मेले में स्थापित 2205 दुकानों में से 1694 दुकानों का आवंटन निर्धारित कर दिया गया है। शेष बची 542 दुकानों के लिये 482 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका निर्धारण भी शीघ्र कर दिया जायेगा। पशु चिकित्सा विभाग के माध्यम से पशु मेले के लिए 6 लाख 10 हजार रूपए का प्रस्ताव एवं खेल विभाग के माध्यम से दंगल के लिये 12 लाख 33 हजार रूपए का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जो उद्योग मंत्री को अनुमोदन हेतु भेजा गया है। मेले में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिये संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। 

मेला सचिव श्री रावत ने बताया कि ग्वालियर व्यापार मेले में जिन व्यवस्थाओं के लिये टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है, उनमें टेंट, माइक, मंच प्रकाश, सुरक्षा गार्ड, होर्डिंग, शिल्प बाजार की दुकानें, सीवर संधारण, फ्लैक्स प्रिंटिंग, टीनशेड, बैरीकेटिंग, पानी की लाइन (जल व्यवस्था), सुलभ कॉम्प्लेक्स, विद्युत फिटिंग एवं सजावट, मेले की साफ-सफाई व्यवस्था, लाउड स्पीकर से एनांउसमेंट एवं सीसीटीव्ही कैमरे स्थापित करने का कार्य शामिल है। इसके साथ ही दुपहिया वाहन एवं चार पहिया वाहन के लिये भी टेंडर की कार्रवाई की गई है। 

मेला सचिव श्री रावत ने बताया कि मेले की सभी व्यवस्थायें समय रहते पूर्ण कर मेला पूर्ण गरिमा और भव्यता के साथ आयोजित किया जायेगा। 


न्यायाधीशों द्वारा रविवार को नवीन जिला न्यायालय भवन का निरीक्षण कर परिसर में पौधारोपण किया

 

ग्वालियर। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा रविवार को नवीन जिला न्यायालय भवन का निरीक्षण कर परिसर में पौधारोपण किया गया।

इस अवसर पर न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैथ न्यायधीश मध्यप्रदेश उच्चन्यायालय जबलबुर, न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविन्द धर्माधिकारी न्यायधीश मध्य उच्चन्यायालय जबलपुर, न्यायमूर्ति आनंद पाठक न्यायधीश उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर, रजिस्ट्रार जनरल धरमिंदर सिंह सहित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीसी गुप्ता, विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज प्रमोद कुमार, आशीष दवंडे सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उपस्थित थे। 

कांग्रेस की बैठक 1दिसंबर को

 ग्वालियर । शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि वार्ड 39 के नगर निगम पार्षद उपचुनाव में कंाग्रेस की जीत सुनिश्चित करने एवं जनता के हितों के मुद्दों को लेकर शहर जिला  कांग्रेस कमेटी द्वारा आगामी दिनों में किए जाने वाले धरने, प्रदर्शन, आंदोलन, कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए आज 1 दिसंबर को दोपहर 3 बजे कांग्रेस भवन शिंदे की छावनी पर कांग्रेस  साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई है।

शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि कांग्रेस साधारण सभा की बैठक में विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस, जिला  कांग्रेस  , ब्लॉक कंाग्रेस, मंडलम  कांग्रेस  , सेक्टर  कांग्रेस  , यूवा कांग्रेस, महिला काग्रेस, सेवादल, एनएसयूआई,  कांग्रेस   विभाग प्रकोष्ठ, पार्षद, पूर्व पार्षद, पार्षद प्रत्याशी सहित समस्त कांग्रेसजन सम्मलित रहेंगे।

संविधान ,संसद और हमारी सरकार


विषय गंभीर  है ,इसलिए इसे गंभीरता से ही पढ़िए। देश के संविधान के 74  साल पूरे हो गए हैं और 75 वां साल शुरू हो गया है। इसी दीर्घायु संविधान से आज की सरकार धर्मनिरपेक्षता को निकाल फेंकना चाहती है ,लेकिन लाख-लाख शुक्रिया कि सरकार की बदनीयत पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने पानी फेर दिया। इसी संविधान की शपथ लेकर  संसद में  जाने  वाले  लोग  दूसरी तरफ संसद को बहरा और गूंगा बनाने पर आमादा हैं। अब सवाल ये है कि हमारा संविधान और संसद क्या किसी सनक का शिकार हो सकता है ?

देश के संविधान की प्रस्तावना में पिछली सरकार द्वारा जोड़े गए दो शब्द आज की सरकार और उसके समर्थकों की आँख में कांटे की तरह चुभ रहे है।  इन्हें  विलोपित करने के लिए फिलहाल संसद में प्रस्ताव नहीं आया है लेकिन कुछ लोग सर्वोच्च न्यायालय जा पहुंचे।सुप्रीम कोर्ट ने  संविधान की प्रस्तावना में 'समाजवादी' और 'पंथनिरपेक्ष' शब्दों को हटाने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि प्रस्तावना के मूल सिद्धांत पंथनिरपेक्ष लोकाचार को दर्शाते हैं। केशवानंद भारती और एसआर बोम्मई सहित कई फैसलों में कहा गया है कि पंथनिरपेक्षता संविधान की एक बुनियादी विशेषता है।

इन दो शब्दों को लेकर आज की सरकार और संविधान के बीच का टकराव साफ़ देखा जा सकता है।  हाल ही में सम्पन्न हुए महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के चुनावों में संविधान की मूल भावना के खिलाफ ' सरकार और सरकारी पार्टी ने ' बटोगे तो कटोगे ' का बीभत्स नारा उछाला। लेकिन किसी ने सरकार को रोका नहीं। आखिर किसके पास इतनी ताकत है कि जो वो सरकार को संविधान के खिलाफ जाने से रोके ? ये काम  या तो देश की सबसे बड़ी अदालत कर सकती है या फिर जनता की अदालत। जनता की अदालत संसद होती है उसे गूंगा-बहरा बनाने की कोशिश की जा रही है। संसद के शीत सत्र के पहले ही दिन लोकसभा की कार्रवाई केवल 1  मिनिट चली और तत्काल स्थगित कर दी गयी । लोकसभा अध्यक्ष ने सदन चलने की कोई कोशिश नहीं की ।  लगता है जैसे वे घर से ही सोचकर निकले थे कि संसद की कार्रवाई को चलाना ही नहीं है।

प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र दामोदर दास मोदी  ने संसद में प्रवेश से पहले ही कह दिया कि जिन लोगों को जनता ने ठुकरा दिया है वे मुठ्ठी भर लोग संसद में हंगामा करते है।  अब कोई मोदी जी से कैसे पूछे कि सदन में जनता द्वारा चुने हुए लोग ही प्रवेश करते हैं ठुकराए हुए नहीं। और ये लोग मुठ्ठी भर नहीं हैं सैकड़ों की संख्या में हैं। इन्हें इस तरह से लांछित नहीं किया जा सकता। मुश्किल ये है कि माननीय प्रधानमंत्री न संसद के बाहर सवालों का सामना करते हैं और न संसद में।  उनकी अग्निवीर सेना संसद में संविधान के बजाय ' मोदी-' मोदी ' के नारे लगाकर आतंक पैदा करना चाहती है। आखिर मोदी जी महाराष्ट्र में जीते  हैं तो झारखण्ड  में बुरी  तरह हारे  भी  हैं। फिर इस नारेबाजी का क्या अर्थ है ?इससे क्या हासिल होने वाला है ?

हमारी मौजूदा बैशाखी पर टिकी सरकार को शायद ये भरम हो गया है कि हमारा संविधान उनके मतलब का नहीं है ,क्योंकि जब संविधान बनाया गया तब माननीय मोदी जी थे ही नहीं। आपको बता दें कि भारतीय संविधान की 'प्रस्तावना' एक संक्षिप्त परिचयात्मक कथन है। प्रस्तावना किसी दस्तावेज के दर्शन और उद्देश्यों को बताती है। इसे 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था। दरअसल, 1946 में जवाहरलाल नेहरू ने संवैधानिक ढांचे का वर्णन करते हुए उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया था। 1947 (22 जनवरी) में इसे अपनाया गया। इसने भारत के संविधान को आकार दिया और इसका संशोधित रूप भारतीय संविधान की प्रस्तावना में परिलक्षित होता है।

भारतीय संविधान की प्रस्तावना में केवल एक बार 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 के जरिए संशोधन किया गया है। 'समाजवादी', 'पंथनिरपेक्ष' और 'अखंडता' शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 के जरिए प्रस्तावना में जोड़े गए। 'संप्रभु' और 'लोकतांत्रिक' के बीच 'समाजवादी' और 'पंथनिरपेक्ष' शब्द जोड़ दिए गए। 'राष्ट्र की एकता' को बदलकर 'राष्ट्र की एकता और अखंडता' कर दिया गया।ये शब्द भाजपा को अजीर्ण पैदा करते हैं। इसीलिए भाजपा न जाने कब से संविधना से इन शब्दों को हटाने की फ़िराक में हैं ,लेकिन कहते हैं की ऊपर वाला बड़ा दयालु है ।  गंजों को नाखून नहीं देता। संविधान में संशोधन के लिए जितनी ताकत [ संख्या बल ] चाहिए उतना भाजपा अभी तक जुटा नहीं पायी। हारकर उसने अदालत की शरण ली।

शीर्ष अदालत में भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी, सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय और बलराम सिंह ने इसे लेकर याचिकाएं दाखिल की थीं। याचिकाओं में 1976 में 42वें संशोधन के जरिये संविधान की प्रस्तावना में शामिल किए गए दो शब्दों पंथनिरपेक्ष और सामाजवाद को हटाने की मांग की गई। याचिकाओं में कहा गया कि ये दोनों शब्द 1949 में तैयार किए गए संविधान के मूल प्रस्तावना में नहीं हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की और  22 नवंबर को आदेश सुरक्षित रखा था।अब शीर्ष अदालत  में भी भाजपा  का सपना  चकनाचूर  हो चुका  है।  इसकी  खीज  आप  संसद में साफ़ देख  सकते  हैं। सरकार ने मन  बना  लिया  है की उसे संसद में हंगामे  को बहना  बनाकर  किसी भी सवाल का उत्तर  देना  ही नहीं है।

देश का दुर्भाग्य  ये है कि देश के पास इस समय एक कजहिजी हुई,बौखलाई हुई,मन से हारी  हुई एक ऐसी सरकार है जो विपक्ष  को फूटी आँख नहीं देखना  चाहती आपको याद   होगा  कि इसी पार्टी की सरकार ने पिछली संसद में किस  तरह से थोक  में सांसदों  को सदन से बाहर का रास्ता  दिखाकर अपनी  मनमानी की थी। इस बार भी मुझे यही आशंका है कि सरकार सदन चलाना ही नहीं चाहती ।  सरकार के तेवर बता रहे हैं कि  उसे किसी की परवाह नहीं है।  न सदन की गरिमा की ,न सदन  के सदस्यों के मान-अपमान की और न जनाकांक्षाओं की।लोकसभा और राज्य  सभा  के हिस्से  में पहली  बार सरकार के कठपुतली  पीठासीन  प्रमुख  आये  हैं ,जो सदन को नियमों  ,और परम्पराओं  के अनुरूप  चलने के बजाय सरकार के  इशारों  से चलना  चाहते  हैं। आप कल्पना  कर सकते हैं कि जो सरकार संविधान की लाल  जिल्द देखकर बिदकती हो वो संविधान और संसद की गरिमा की रक्षा क्या ख़ाक करेगी ?

बहरहाल संविधान की हीरक जयंती पर आप सभी  को शुभकामनाएं।  अब संविधान को बचाने का दायित्व   सांसदों   के साथ  ही जनता के ऊपर भी है ।  जनता यदि  घरों  में टीवी  सेट्स  से चिपके  रहकर  सामविधान और संसद की रकक्षा  करना चाहेगी  तो उसे कुछ भी हासिल नहीं होगा ।

@ राकेश अचल

संभल से इम्फाल तक हिंसा की एक ही बीमारी

उत्तर प्रदेश में संभल हिंसा की आग में जल रहा है ।  हिंसा में 4  लोग मारे जा चुके हैं। मणिपुर में हिंसा का जघन्य  रूप सामने है लेकिन सरकार महारष्ट्र में जीत का जश्न मना रही है।  उत्तर प्रदेश में सरकार और सरकारी पार्टी के लोग मस्जिदों के नीचे दबे मंदिरों को खोजने की सनक में गड़े मुर्दे उखाड़ने से पीछे नहीं हैट rah।  वैसे भी उसका नारा है ' बटोगे तो कटोगे ' का है।  महारष्ट्र के विधानसभा चुनाव ने समाज को एक नहीं किया बल्कि बाँट दिया है। ये बँटवारा मणिपुर में पूरी तरह हो चुका है और उत्तर प्रदेश में जारी  है।  उत्तर प्रदेश  बहराइच से होता हुआ साम्भल तक आ पहुंचा है।

मणिपुर और संभल की बीमारी एक जैसी है ,लेकिन उसका इलाज अलग-अलग तरीके  से किया जा रहा है।  उत्तर प्रदेश में सरकार और सरकार संरक्षित लोग / संस्थाएं जामा मस्जिद की जामा तलाशी लेने के लिए अदालती आदेशों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण महकमे का सहारा ले रही है।  ये काम अयोध्या की बाबरी मस्जिद से शुरू हुआ था और आज तक जारी है।  कभी ज्ञानवापी के रूप में तो कभी संभल   के रूप में। ये घृणित कोशिश उत्तराखंड में भी हुई और देश के दूसरे हिस्सों में भी। देश में लोगों के पास महंगाई के खिलाफ लड़ने का माद्दा नहीं है ।  लोग बेरोजगारी के खिलाफ नहीं लड़ सकते, महिला हिंसा के खिलाफ खड़े नहीं  हो सकते ।  भूख-गरीबी के खिलाफ एकजुट होकर अदालतों के चक्कर नहीं काट सकते,  लेकिन जामा मस्जिद की जामा तलाशी के लिए अदालतों के चक्कर काटने की फुरसत उन्हें है।

देश में स्पष्ट क़ानून है कि आजादी के बाद जिन पूजा स्थलों की जो स्थिति है उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं होगी ,किन्तु  देश की अदालतों को इस कानून से शायद कोई लेना-देना नहीं है। वे कभी भी ,किसी को भी किसी भी मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दे सकतीं हैं। अदालतों   को भी सियासत और सत्ता की तरह गड़े मुर्दे उखाड़ने में मजा आता है शायद। अन्यथा क्या जरूरत है किसी मस्जिद की जड़ें खोदने की ? माना कि अतीत में किसी मस्जिद को, किसी मंदिर को जमीदोज कर बनाया गया होगा, लेकिन क्या आज फिर  वो ही गलती जानबूझकर दोहराये जाने की जरूरत है ?।
महाराष्ट्र विधान सभाचुनावों में मिली प्रचंड जीत ने भाजपा और उसके अनुसांगिक  संगठनों का हौसला और बढ़ा दिया है।  वे हर कीमत पर अल्पससंख्य्क  समाज को सबक सिखाना चाहते हैं और इसी का नतीजा बहराइच और संभल   की हिंसा है। सरकार और सरकारी लोगों को रोज-रोज ये नाटक करने के बजाय एक बार में देश की तमाम मस्जिदों के सर्वेक्षण का आदेश अदालत से हासिल कर लेना चाहिए।  आपको शायद पता न हो इसलिए मै बता दूँ कि देश में एक -दो नहीं कोई 6  लाख  छोटी-बड़ी मस्जिदें है।  इनमें से अधिकांश के नाम जामा मस्जिद हैं।  क्या सरकार इन सबका सर्वे करा सकती ही ? मेरे ख्याल से सरकार को वक्फ बोर्ड क़ानून में संशोधन करने के इन लाखों मस्जिदों का सर्वेक्षण करने के लिए एक विधेयक लाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में जो काम 5 -6  दिसंबर 1992  को अयोध्या  से शुरू हुआ था वो काम आज भी जारी है।  कभी ज्ञानवापी   के रूप में कभी संभल के रूप में तो कभी उत्तराखंड की किसी मस्जिद केो तोड़ने के रूप में। सरकार देश को धर्मनिरपेक्ष नहीं देखना चाहती ।  सरकार का एजेंडा देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने का है ,इसलिए बेहतर हो कि केंद्र सरकार एक क़ानून लेकर पहले देश को मस्जिद विहीन करे ,बाद में देश को हिन्दू राष्ट्र बनाये। न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी। देश के 20  करोड़ से ज्यादा मुसलमानों को भी हिंदुस्तान से बेदखल कर दुनिया के तमाम मुस्लिम राष्ट्रों में तकसीम कर देना चाहिए।  सरकार ये कर सकती है।  सरकार के तमाम मुस्लिम देशों से मैत्रीपूर्ण रिश्ते भी हैं। लेकिन सरकार ऐसा कर नहीं पायेगी।
इस समय देश एक कठिन दौर से गुजर रहा है ।  डेढ़ साल से मणिपुर यदि जल रहा है तो केवल केंद्र और राज्य सरकार की नाकामी की वजह से।  मणिपुर में धार्मिक स्थलों को जिस तरह से तबाह किया गया है उसकी कोई मिसाल हमारे इतिहास में नहीं मिलती।  क्या भविष्य में मणिपुर की तरह उत्तर प्रदेश या दूसरे सूबों में दूसरे  धर्म के पूजा स्थलों को आग के हवाले किया जाएगा ? क्या उनकी नीवों को सर्वे के नाम पर खोदा जाएगा ? क्या जानबूझकर वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन की कोशिश की जाएगी ? ये ऐसे तमाम सवाल हैं जिनके उत्तर इस देश के अल्पसंख्यक ही  बल्कि बहुसंख्यक समाज को भी चाहिए।  
संसद का शीत सत्र शुरू हो चुका है।  देखना ये है कि संसद में देश की भलाई के लिए कोई काम होता है या फिर संसद हिन्दू-मुसलमान करती रह जाएगी। ये देश इस मामले में बदनसीब है कि इसे आजादी के पहले भी साम्प्रदायिक हिंसा की आएग में जलना पड़ा और आजादी के 77  साल बाद   भी यहां बहराइच और संभल काण्ड हो रहे हैं। सांप्रादियक हिंसा से ग्रस्त इलाकों में शान्ति स्थापना केलिए हमारे पास सशस्त्र बल हैं,बंदूकें हैं, आंसू गैस के गोले  हैं,लाठियां हैं लेकिन कोई गांधी नहीं है  जो वहां जाकर उपवास कर सके ।  लोगों से शांति की अपील कर सके।  हमारे पास आज गांधी जी नहीं ,मोदी जी हैं और  मोदी जी  संभल   जाने से रहे ,उन्हें उपवास करना आता ही कहाँ है / वे तो हिमालय की कंदराओं में ध्यान लगा सकते हैं  ।  उन्हें  तो  डेढ़ साल से धधक रहे मणिपुर जाने की फुरसत नहीं है। हे भगवान इस देश की रक्षा कीजिये।
@ राकेश अचल


लालू-तेजस्वी दतिया आये, मां पीतांबरा की पूजा अर्चना की

 

ग्वालियर। राजद प्रमुख लालू यादव और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रविवार दोपहर अचानक दतिया आये। दतिया एयरपोर्ट पर राज्यसभा सांसद अशोक सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। इसके बाद लालू, तेजस्वी ने मां पीतांबरा की विधि विधान से पूजा अर्चना की। 


इक धुंद से आना है ,इक धुंद में जाना है

 

महाराष्ट्र और झारखण्ड के चुनाव परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे देश को अचानक गौतम अडानी की गिरफ्तारी वारंट की खबर से रूबरू होना पड़ा ।  गौतम अडानी यानि देश की अर्थव्यवस्था का एक ध्रुव। उनके ऊपर संकट आया तो देश पर संकट आ गया। एक झटके में साढ़े पांच लाख करोड़ रूपये शेयर बाजार में डूब गए ।  अब कल्पना कीजिये कि यदि अमेरिका की पुलिस सचमुच गौतम भाई साहब को गिरफ्तार कर ले जाये तो भारत के शेयर बाजार का  क्या हाल होगा ? गौतम भाई पर अमेरिका में एक सौदा हासिल करने के लिए संबंधित पक्ष के अधिकारियों को भारी-भरकम रिश्वत  देने की पेशकश करने का आरोप है।

भारत के मौजूदा दशक की सियासत पर अडानी ने एक धुंद की चादर दाल दी है ,वैसे ये धुंद तो आती जाती रहती है।  कभी ऐ-१ तो कभी ऐ-२ बनकर ये धुंद आती है और चली भी जाती है।  अपने जमाने के मशहूर शायर साहिर लुधियानवी की याद मुझे अक्सर आती है।  वे धुंद को बाखूबी पहचानते थे। एक जमाने में उन्होंने ' धुंद ' नाम से बनी एक फिल्म के लिए एक गजल लिखी ,जो आज की देशी -विदेशी राजनीति पर सौ फीसदी फिट बैठती है।  साहिर  साहब ने लिखा -

संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है

इक धुँद से आना है इक धुँद में जाना है।

भारत की राजनीति में सरकार के पीछे खड़े होकर देश चलने वाले माननीय गौतम अडानी साहब के हाथ ही   लम्बे नहीं हैं बल्कि जिगरा भी शेर का है अन्यथा और कोई है जो अमेरिका में जाकर किसी सौदे केलिए रिश्वत देने की पेशकश कर सके।  रिश्वत के अनेक नाम है।  कोई इसे घूस कहता है तो कोई शुकराना ,कोई इसे नजराना मानता है। भारत में रिश्वत ' बिन पद  चलहि ,सुने बिन काना ' जैसी है।  गोस्वामी तुलसीदास जी ने ये चौपाई हलांक ब्रम्ह को लेकर लिखी थी ,लेकिन ये लागू हो रही है आज के अडानी और अम्बानी पर। ये दोनों महापुरुष आज के ब्रमंह हैं  । ये बिना पैरों के चलते हैं, बिना कानों के सुनते हैं।  बिना  हाथ के नाना प्रकार के काम करता है, बिना मुँह (जिह्वा) के ही सारे (छहों) रसों का आनंद लेता है और बिना वाणी के बहुत योग्य वक्ता है।

गौतम भाई साहब के गिरफ्तारी वारंट से जितने खुद अडानी साहब व्यथित नहीं हैं उससे ज्यादा व्यथित हमारे देश की सत्तारूढ़ पार्टी है ।  सत्तारूढ़ दल के हर नेता का पेट पानी हो रहा है  ।  सबके सब अडानी साहब के बचाव में अपनी तमाम योग्यता के साथ उपस्थित हैं ,क्योंकि लोकसभा में विपक्ष  के नेता राहुल गांधी ने माननीय गौतम अडानी साहब की गिरफ्तारी की मांग  की  है। विपक्ष के नेता का काम ही  मांग  करना है। विपक्ष और कुछ कर भी तो नहीं सकता। जो करना होता है सरकार और अडानी-अम्बानी साहब को करना होता  है ।  लोकसभा अध्यक्ष तो इन दोनों का नाम तक सदन में नहीं लेने देते।

बहरहाल इन दिनों गौतम अडानी साहब के नाम का डंका जोर-जोर से पूरी दुनिया में बज रहा है ।  भारत के नाम का इतना तेज डंका तो माननीय प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र दामोदर दास मोदी भी पिछले 10  साल में नहीं बजा पाए थे। ' डंका वादन ' की इस महान उपलब्धि के लिए इस बार गणतंत्र दिवस पर माननीय गौतम अडानी के नाम एक पदम् पुरस्कार तो बनता   ही है। उन्होंने भारत में रिश्वत प्रथा को अंतर्राष्ट्रीय सम्मान जो दिलाया है। माननीय गौतम अडानी साहब अभी   केवल आरोपी हैं ,इसलिए मै उन्हें अपराधी नहीं मानता ।  मेरे मानने या न मानने से क्या होता है ? हमारे देश की सरकार उन्हें गुनहगार नहीं मानती ।  यदि अमेरिका की अदालत में वे दोषी साबित किये जाते हैं तब की तब देखी जाएगी। अडानी साहब के हमजोली प्रधानमंत्री अमेरिका के राष्ट्रपति के मीटर हैं ,कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेंगे। साहिर लुधियानवी साहब लिखते हैं कि-

 ये राह कहाँ से है ये राह कहाँ तक है

ये राज़ कोई राही, समझा है न जाना है

इस मामले में कमोवेश मै राहुल गाँधी के बजाय साहिर साहब से इत्तफाक रखता हूँ। अडानी भाई साहब के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट क्या जारी हुआ केन्या ने अडानी साहब कि साथ किया गया 700  मिलियन डालर का करार ही रद्द कर दिया। लगता है कि केन्या वाले इस बात से खफा हैं कि  अडानी   साहब ने जो पेशकश अमेरिका में अनुबंध हासिल करने के लिए की ,उससे केन्या वालों को वंचित रखा। लेकिन मुझे इस आशंका पर बिलकुल यकीन नहीं है ।  मुझेलगता है कि  उन्होंने अमेरिका में तो केवल पेशकश की है लेकिन केन्या वालों को तो रिश्वत दी ही होगी,क्योंकि वे जानते हैं की केन्या एक गरीब देश है ।  वहां की सरकार गरीब है ,इसलिए उसकी मदद तो की ही जाना चाहिए। वैसे भी अडानी साहब किसी का हक मारते नहीं है। उन्होंने तो इलेक्टोरल बांड में भी खूब दान दिया था। रिश्वत का ये खेल दुनिया में सब दूर खेला जाता है ,अमेरिका ने खामखां इसे एक जघन्य अपराध बना लिया है जबकि अमेरिका में इसे बख्शीस के रूप में सहर्ष स्वीकार किया जाता है। इस खेल के बारे में साहिर साहब लिखते हैं कि  -

इक पल की पलक पर है ठहरी हुई ये दुनिया

इक पल के झपकने तक हर खेल सुहाना है

आज अडानी के साथ जो हुआ ,कल वो किसी के साथ हो सकता है।  किसी को आने वाले कल का पता नहीं होत।  अब कल तो [ 23  नवमबर को ] महाराष्ट और झारखण्ड विधानसभाओं के चुनावों के नतीजे भी आना है।  कोई दावे के साथ नहीं कह सकता कि  इस बार कौन जीतेगा ? कौन मुख्यमंत्री बनेगा ? कम से कम मै तो नहीं कह सकता,क्योंकि मै मशीनरी और मशीनों   की  क्षमताओं से वाकिफ हूँ। मुमकिन है कि  यहां भी मध्यप्रदेश और हरियाणा जैसा ही खेला  हो जाये और मुमकिन है कि  कहीं पलट बजे और कहीं नहीं। ये चुनाव वैसे भी ' बंटोगे तो कटोगे ' के बीच थे । इस अनिश्चय को लेकर भी साहिर लुधियानबी ने एक शेर लिखा।-  

क्या जाने कोई किस पर किस मोड़ पे क्या बीते

इस राह में ऐ राही हर मोड़ बहाना है ।

हकीकत ये है कि  हम और आप इस खेल में कहीं हैं ही नहीं।  ये खेल महान लोगों का खेल है।  इस खेल में बकौल साहिर साहब -

हम लोग खिलौना हैं इक ऐसे खिलाड़ी का

जिस को अभी सदियों तक ये खेल रचाना है।

यानि ' हरि अनंत ,हरि कथा अनंता ' वाला मामला है। आप अडानियों अम्बानियों की थाह नहीं ले सकते । ये सबके है।  भाजपा के भी ,कांग्रेस के भी ,वामपंथियों के भी ,समाजवादियों के भी।  इन्हें तो कारोबार करना है  ।  सामने कौन है ,इससे कोई फर्क नहीं पड़ता ।  ये नजराने,शुकराने की पेशकश करने में सिद्धहस्त हैं । भगवान इनसे देश और दुनिया की रक्षा करे।

@ राकेश अचल

विद्यार्थियों ने उकेरे धरोहरों के एक से बढ़कर एक चित्र

 

ग्वालियर  किसी ने ग्वालियर के ऐतिहासिक दुर्ग तो किसी ने गुप्तकालीन प्रतिमाएँ और तो किसी ने अन्य प्राचीन प्रतिमाओं को कागज पर उकेरकर एक से बढ़कर एक चित्र बनाए। मौका था विश्व धरोहर सप्ताह के तहत गुरुवार को गूजरी महल में आयोजित हुई “हमारी पुरातात्विक धरोहर” विषय पर आयोजित हुई चित्रकला प्रतियोगिता का । इस प्रतियोगिता में कश्मीर यूथ एक्सेज प्रोग्राम के तहत कश्मीर से आए युवाओं द्वारा बनाए गए चित्र आकर्षण का केन्द्र रहे। इसी तरह सेवार्थ जनकल्याण समिति ग्वालियर के दिव्यांग छात्र सुनील जाटव ने अपने पैर से चित्र उकेरकर सभी को आकर्षित कर दिया।  इस प्रतियोगिता में लगभग 450 विद्यार्थियों ने सहभागिता की। “हमारी पुरातात्विक धरोहर” विषय पर आयोजित हुई चित्रकला प्रतियोगिता में उप संचालक पुरातत्व पीसी महोबिया, बेहट कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. कौशलेन्द्र सिंह तथा मधुसूदन शर्मा, श्रीमती अर्चना व श्रीमती नंदनी परिहार सहित अन्य आचार्यों की मौजूदगी रही। प्रतियोगिता में सीएम राइज कन्या उमावि किलागेट, माय स्कूल, विक्टर पब्लिक स्कूल, सेवार्थ जन कल्याण समिति एवं कश्मीर यूथ एक्सेज प्रोग्राम के विद्यार्थियों ने भाग लिया। 

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