21 अक्टूबर 2024, सोमवार का पंचांग



*सूर्योदय :-* 06:26 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:43 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वी.नि.संवत- 2550* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

उत्तर  गोल 

*ऋतु* : शरद  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह कृष्ण पक्ष *पंचमी* तिथि 26:29बजे तक फिर षष्ठी तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र* रोहिणी नक्षत्र 06:49 बजे तक  फिर मृगशिरा नक्षत्र रहेगा।

    *योग* :- आज *वरि यान*  है।  *करण*  :-आज   *कौलब* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्र है।

*अग्निवास*: आज पृथ्वी  पर   है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*राहूकाल* :आज 11:43 बजे से 12:28 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:43बजे से 12:28 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*त्योहार*  कोई नहीं 

*मुहूर्त* : नींव, भूमि पूजन, नवसंस्कृत मकान,दुकान,ऑफिस व्यापार,नामकरण, वाहन मुहूर्त  है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र-वृष, मंगल-मिथुन, बुध-तुला, गुरु-वृष, शुक्र-वृश्चिक, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

*🌞चोघडिया, दिन*

अमृत 06:22 - 07:47 शुभ

काल 07:47 - 09:12 अशुभ

शुभ 09:12 - 10:37 शुभ

रोग 10:37 - 12:02 अशुभ

उद्वेग 12:02 - 13:27 अशुभ

चर 13:27 - 14:52 शुभ

लाभ 14:52 - 16:17 शुभ

अमृत 16:17 - 17:42 शुभ

*🌓चोघडिया, रात*

चर 17:42 - 19:17 शुभ

रोग 19:17 - 20:52 अशुभ

काल 20:52 - 22:27 अशुभ

लाभ 22:27 - 24:03*शुभ

 *अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें _मो  9425187186 (अभी तक अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी अक्षरतः सत्य सिद्ध हुई)* *ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रिय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)* 

*हस्तरेखा,जन्म कुंडली,वास्तु विशेषज्ञ*

पुलिस की बड़ी कार्यवाही दीपावली त्यौहार के पहले अवैध पटाखों का जखीरा किया बरामद

अवैध  पटाखो का कीमती जखीरा लगभग  ग्यारह लाख नौ हजार सात सौ रुपए का किया जब्त

aapkedwar news अजय अहिरवार 

टीकमगढ़//पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ मनोहर सिंह मंडलोई द्वारा टीकमगढ़ जिले के समस्त थाना/ चौकी प्रभारियो को अपने-अपने थाना क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर संदिग्ध गतिविधियों की सूचनायें एकत्रित कर उन पर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है। इसी तारतम्य में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ सीताराम, एसडीओपी जतारा अभिषेक गौतम के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी लिधौरा द्वारा मुखविर की सूचना पर थाना लिधौरा एवं सहायतार्थ थाना दिगोड़ा प्रभारी नरेंद्र परिहार एवं चंदेरा प्रभारी उप निरीक्षक नीतू खटीक के नेतृत्व मे गठित पुलिस टीमों द्वारा बाजार मोहल्ला लिधोरा में स्वप्निल अग्रवाल के घर पर रेड कार्यवाही कर उसके घर से भूतल एवं प्रथम मंजिल में भारी मात्रा में पटाखे, विस्फोटक पदार्थ बरामद किए। 

इसके संबंध में आरोपियो द्वारा मोके पर विस्फोटक पदार्थ, पटाखे आदि के भंडारण संबंध में कोई भी वैध दस्तावेज पेश नहीं करने पर मौके से उक्त अवैध पटाखे, विस्फोटक पदार्थ कीमती लगभग 11,09700/-( ग्यारह लाख नो हजार सात सौ ) रुपए के जब्त कर आरोपी - स्वप्निल पिता शिव कुमार अग्रवाल उम्र 35 साल  शिवम उर्फ़ सुभम पुत्र शिव कुमार अग्रवाल दोनों  निवासी बाजार मोहल्ला लिधोरा  के विरुद्ध थाना लिधौरा में अपराध क्रमांक 247/24 धारा 287 बीएनएस एवं विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 9 ख के अंतर्गत अपराध कायम कर दोनों आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया। उक्त कार्यवाही में सराहनीय भूमिका रही थाना प्रभारी लिधौरा  निरीक्षक जी. एस. बाजपेई, थाना प्रभारी दिगोडा निरीक्षक  नरेंद्र सिंह परिहार, थाना प्रभारी चंदेरा उप निरीक्षक नीतू खटीक, उपनिरीक्षक राजेंद्र सिंह, सहायक उप निरीक्षक रविंद्र, प्रधान आरक्षक देवेंद्र, विजय सिंह घोष, अनिल रिछारिया, आनंद सुडेले,  आरक्षक अंकित, बृजेंद्र, विनोद, ब्रजकिशोर, महिला आरक्षक रोशनी की सराहनीय भूमिका रही।

इस तरह के पटाखों के अवैध भंडारण एवं संग्रहण पर पुलिस की पैनी नज़र रहेगी एवं अवैध गतिविधियों के विरुद्ध टीकमगढ़ पुलिस की कार्यवाही लगातार जारी रहेगी ।

20 अक्टूबर 2024, रविवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:25 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:44 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वी.नि.संवत- 2550* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

उत्तर  गोल 

*ऋतु* : शरद  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह कृष्ण पक्ष *तृतीया* तिथि 06:46 बजे तक फिर चतुर्थी तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र* कृतिका नक्षत्र 08:31 बजे तक  फिर रोहिणी नक्षत्र रहेगा।

    *योग* :- आज *व्यतिपात*  है।  *करण*  :-आज   *विष्टि* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक गण्डमूल नहीं भद्रा 06:46  बजे तक है।

*अग्निवास*: आज पृथ्वी  पर   है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*राहूकाल* :आज 16:20 बजे से 17:45 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:43बजे से 12:28 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*त्योहार* करवाचौथ व्रत चंद्रोदय रात्रि 20:40 पर,भगवान संभव नाथ जी ज्ञान,रोहिणी व्रत

*मुहूर्त* :  नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र-वृष, मंगल-मिथुन, बुध-तुला, गुरु-वृष, शुक्र-वृश्चिक, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

उद्वेग 06:26 - 07:51 अशुभ

चर 07:51 - 09:16 शुभ

लाभ 09:16 - 10:41 शुभ

अमृत 10:41 - 12:06 शुभ

काल 12:06 - 13:30 अशुभ

शुभ 13:30 - 14:55 शुभ

रोग 14:55 - 16:20 अशुभ

उद्वेग 16:20 - 17:45 अशुभ

*🌓चोघडिया, रात*

शुभ 17:45 - 19:20 शुभ

अमृत 19:20 - 20:55 शुभ

चर 20:55 - 22:31 शुभ

रोग 22:31 - 24:06*अशुभ

*अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें _मो  9425187186 (अभी तक अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी अक्षरतः सत्य सिद्ध हुई)* *ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रिय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)* 

*हस्तरेखा,जन्म कुंडली,वास्तु विशेषज्ञ*

दुष्कर्म के आरोपी को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर भेजा गया जेल

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार

 टीकमगढ /  थाना खरगापुर मे फरियादिया पीडिता ने आरोपी के विरूध्द जबरदस्ती घर में घुसकर दुष्कर्म करने की रिपोर्ट की थी रिपोर्ट पर थाना खरगापुर मे अपराध क्रमांक - 276/2024 धारा -64,332(b),115(2),351(2)(3) बी.एन.एस का कायम कर विवेचना में लिया गया ।पुलिस अधीक्षक टीकमगढ श्री मनोहर सिंह मण्डलोई द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुये आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने हेतु  निर्देशित किया गया । अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टीकमगढ श्री सीताराम एवं एस.डी.ओ.पी. टीकमगढ श्री राहुल कटरे के मार्गदर्शन में थाना खरगापुर पुलिस द्वारा 24 घंटे के अंदर आरोपी रामसिहं पिता नाथूराम यादव उम्र 32 साल निवासी ग्राम पिपरा थाना खरगापुर जिला टीकमगढ को गिरफ्तार किया जाकर माननीय न्यायलय जे. आर. पर पेश किया गया जहां से माननीय न्यायालय द्वारा उक्त आरोपी को जेल भेजा दिया गया है।

 *सराहनीय भूमिका* उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी उनि. मनोज द्विवेदी, सउनि. कामता प्रसाद प्रजापति, सउनि. पन्नालाल, प्रआर. 533 सनिल शर्मा, प्रआर. 161 मुकेश कुशवाहा ,आर. 574 दीपक, आर. 248 सरमन, आर. 626 योगेश, आर. 375 रामसिंह ,मआर 601 हर्षिता, मआर. 329 संजू की महत्वपूर्ण भूमिका रही।



थाना कोतवाली पुलिस द्वारा अवैध 20 क्विंटल नकली मावा पकड़ा

टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार

टीकमगढ़ /आगामी त्योहारों को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ श्री मनोहर सिंह मंडलोई ने सभी थाना/चौकी प्रभारियों को सघन चैंकिंग करने हेतु निर्देशित किया गया है। इसी तारतम्य में  अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  श्री सीताराम, एसडीओपी टीकमगढ़ श्री राहुल कटरे के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी कोतवाली पंकज शर्मा के द्वारा दिनांक 18.10.2024 को रात्रि करीब 23.30 बजे मुखबिर की सूचना पर ओरछा ट्रेवल्स की यात्री बस क्रमांक MP15 PA 0775 से  20 क्विंटल नकली मावा परिवहन करते हुए पकड़ा एवं मौके पर फूड़ इंस्पेक्टर श्री मनीष जैन को बुलाकर कार्यवाही की गई।

उपरोक्त कार्यवाही में प्रधान आरक्षक सतीश शर्मा, प्रधान आरक्षक रतिराम, आरक्षक गजेन्द्र, आरक्षक रिषि, आरक्षक पुष्पराज, आरक्षक अजय की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।



सलमान उर्फ़ सल्लू उर्फ़ बजरंगी भाई जान

भारतीय रजतपट के सर्वाधिक लोकप्रिय सितारों में से एक अभिनेता सलमान खान के ऊपर मौत मंडरा रही है ,लेकिन सलमान का जिगरा है की वो बेख़ौफ़ [खौफ में होकर भी ] अपने काम में लगे हुए है ।  सलमान की जान का दुश्मन हिंदूवादी डॉनलारेंस विश्नोई। लारेंस चाहता है कि सलमान न सिर्फ उससे माफ़ी मांगे बल्कि पांच करोड़ की चौथ भी दे। सलमान को मिल रही धमकियों से उनके असंख्य प्रशंसकों में चिंता व्याप्त है। सलमान को लोग प्यार से यदि घर में सल्लू कहते हैं तो बाहर उन्हें बजरंगी भाईजान भी कहा जाता है

फ़िल्मी दुनिया में अकूत कमाई और कीर्ति हासिल करने वाले सलमान खान पहले नहीं हैं, जिन्हें इस तरह की धमकियां मिली हों ।  सलमान से पहले भी तमाम अभिनेता भय और आतंक के साये में जीने को मजबूर किये जा चुके हैं।  लारेंस से पहले डॉन की एक पूरी जमात सिने अभिनेताओं से चौथ वसूली का धंधा खुले आम करते  रहे हैं । कुछ चौथ देकर अपना पिंड इन डॉन से छुड़ा लेते हैं और कुछ सलमान की तरह न टूटते हैं और न झुकते हैं।  सलमान को भयभीत करने के लिए लारेंस के गुर्गों ने सलमान के पारिवारिक मित्र रहे पूर्व मंत्री और एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी को सरे आम गोलियों से भून दिया है ।

महाराष्ट्र में ये मुद्दा सिर्फ क़ानून और व्यवस्था का ही नहीं बल्कि राजनीति का भी है।  महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा के चुनाव होने जा रहे है ।  इन चुनावों में लारेंस भी एक राजनीतिक मुद्दा होगा ,लेकिन इससे सलमान को सुरक्षा की गारंटी तो नहीं मिल जाती ।  अभी तक सरकार ने सलमान की सुरक्षा की गारंटी ली भी नहीं है हालाँकि सलमान को सरकार की और से सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई गयी है ।  सलमान का अपना सुरक्षा कुछ है सो अलग।

फ़िल्मी दुनिया में आये सलमान खान को कोई 36  साल हो गए है।  उन्होंने 1988  में फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा था और आज वे रजतपट के सबसे चाहते और सबसे ज्यादा मंहगे अभिनेता है।  हाल में ही उनकी अनेक फिल्मों ने सबसे ज्यादा कमाई की है ,शायद इसीलिए सलमान अंदर वर्ल्ड की नजर में चढ़े हुए है।  डॉन लारेंस विश्नोई से सलमान की अदावत की एक वजह काले हिरण के शिकार का वो मामला है जिसमें सलमान खान पर आरोप लगाए गए थे। राजस्थान का विश्नोई समाज काले हिरण को अपनी जान से ज्यादा चाहता है ,शायद लारेंस आपने समाज की और से स्वयंभू ठेकेदार बनकर सलमान से बदला लेना चाहता है।

लारेंस की धमकी के बाद सलमान खान 'बिग बॉस ' की शूटिंग के लिए घर से निकले। लेकिन उनके पिता सलीम खान की आँखों में मैंने अपने बेटे के लिए डर को तैरते हुए देखा ।  एक टीवी चैनल  को दिए इंटरव्यू में सलीम साहब की आँखे पनीली हो गयीं। सलीम खान साहब अपने जमाने के मशहूर पटकथालेखक हे है।  उनकी और जावेद खान की जोड़ी ने फ़िल्मी दुनिया को हिलाकर रख दिया था ।  बाद में ये जोड़ी टूट गयी और सलीम साहब भी ,लेकिन उनके बेटे सलमान खान ने जो यश-कीर्ति कमाई उससे उन्हें सम्हलने का मौक़ा जरूर मिला। एक पिता के रूप में सलीम साहब को डरते हुए मैंने पहली बार देखा।

अजीब बात ये है कि  लारेंस विश्नोई और सत्तारूढ़ दल के लक्ष्य अल्पसंख्यक ही हैं। कभी-कभी लगता है कि  दोनों मिलकर इस देश से मुसलमानों का सफाया करना चाहते हैं। लेकिन ये जान लेना जरूरी है कि  सलमान खान के डीएनए में इसी देश का नमक और खून बह रहा  है।  वे यहीं जन्में हैं और तीन पीढ़ियों से भारतीय है।  अलवत्ता  सलमान ख़ान के दादा अफगानिस्तान से आकर भारत में मध्य प्रदेश में बस गए थे। उनकी माँ मराठी हिंदू है। सलमान  ख़ान ने एक दफ़ा खुद भी कहा है कि वे आधे हिंदू व आधे मुस्लिम है।उनकी सौतेली माँ हेलेन, अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री  हैं।  सलमान  पटकथा लेखक  सलीम ख़ान और उनकी पहली पत्नी  सुशीला चरक  उर्फ़ सलमा के ज्येष्ठ पुत्र है। उन उनके दो भाई अरबाज़ ख़ान और सुहेल ख़ान व बहनें अलवीरा और अर्पिता है। अलवीरा की शादी अभिनेता/निर्देशक अतुल अग्निहोत्री से हो चुकी है। ख़ान ने अपने भाईयों अरबाज़ व सुहेल की ही तरह बांद्रा स्थित सेंट स्टेनिस्लॉस हाई स्कूल के माध्यम से अपनी स्कूली शिक्षा समाप्त की। इससे पहले उन्होंने ग्वालियर स्थित सिंधिया स्कूल में अपने छोटे भाई अरबाज़ से साथ कुछ वर्ष पढ़ाई की।

तमाम विवादों में घिरे सलमान खान का एक प्रशंसक मै भी हूँ । उनकी फ़िल्में देखने वालों में तमाम अंधभक्त भी हैं  लेकिन अब उन्हें सलमान खान में नायक नहीं बल्कि खलनायक नजर आता है। सलमान  ने अतीत में जो भी अपराध किये हों उनकी सजा उन्हें मिली है या मिलेगी लेकिन उन्हें सिर्फ इस वजह से जान से मारने की धमकी नहीं दी जा सकती क्योंकि वे एक मुसलमान हैं। काले हिरण के शिकार के मामले में उन्होंने बाकायदा जेल यात्रा की और न्यायालय की और से ही उन्हें  जो राहत मिलना थी सो मिली।  अब इस मामले में लारेंस जज क्यों बनना चाहता है ? सलमान से पहले कितने   ही अभिनेताओं को  जान से मरने की धमकियां मिल चुकी हैं। बदमाशों ने शाहरुख़ खान,राकेश रोशन महेश भट्ट,आमिर खान और अक्षय कुमार को भी क्या कम धमकाया है ? गुलशन कुमार और सिद्धू मूसावाला की तो इन बदमाशों ने जान ही ले ली है।

सलमान खान भारतीय फिल्म जगत के राहुल गांधी हैं।  अविवाहित लेकिन सबसे ज्यादा लोकप्रिय ।  दोनों की जान लगातार खतरे में रहती है लेकिन दोनों की लोकप्रियता दिनों -दिन बढ़ती ही जा रही है।  राहुल और सलमान खान की तुलना करने पर मुझे तमाम आक्रमणों का सामना करना पड़ेगा,लेकिन एक लेखक के रूप में मुझे जो ठीक लग रहा है ,वो मै लिख रहा हूँ ।  मुमकिन है कि  मेरा लिखा सही न भी हो। मै करूँ तो करूँ भी क्या ? मुझे दिलीप कुमार साहब भी पसंद है। मुझे वहीदा रहमान पसंद है।  ये सभी  मुसलमान है।  अब सिर्फ इसी वजह से न मैं अपनी पसंद बदल सकता हूँ और न दूसरे लोग भी ऐसा कर सकते है। कुल जमा बात ये है कि  इस समय देश में सत्ता और डॉन के बीच एक अघोषित गठबंधन बनता नजर आ रहा है ।  महाराष्ट्र और राष्ट्र के मतदाताओं की ये जिम्मेदारी है की वो इस गठजोड़ को हर सूरत में तोड़े।

@ राकेश अचल


19 अक्टूबर 2024,शनिवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:25 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:45 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वी.नि.संवत- 2550* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

उत्तर  गोल 

*ऋतु* : शरद  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह कृष्ण पक्ष *द्वितीया* तिथि 09:48 बजे तक फिर तृतीया तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र* भरणी नक्षत्र 10:46 बजे तक  फिर कृतिका नक्षत्र रहेगा।

    *योग* :- आज *सिद्धि*  है।  *करण*  :-आज   *गर* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा 20:13 बजे से गण्डमूल नहीं  है।

*अग्निवास*: आज आकाश  में  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*राहूकाल* :आज 09:16 बजे से 10:41 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:47बजे से 12:35 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*त्योहार* नहीं

*मुहूर्त* :  नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र-मेष, मंगल-मिथुन, बुध-तुला, गुरु-वृष, शुक्र-वृश्चिक, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

काल 06:26 - 07:51 अशुभ

शुभ 07:51 - 09:16 शुभ

रोग 09:16 - 10:41 अशुभ

उद्वेग 10:41 - 12:06 अशुभ

चर 12:06 - 13:31 शुभ

लाभ 13:31 - 14:56 शुभ

अमृत 14:56 - 16:21 शुभ

काल 16:21 - 17:46 अशुभ

*🌓चोघडिया, रात*

लाभ 17:46 - 19:21 शुभ

उद्वेग 19:21 - 20:56 अशुभ

शुभ 20:56 - 22:31 शुभ

अमृत 22:31 - 24:06*शुभ

*अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें _मो  9425187186 (अभी तक अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी अक्षरतः सत्य सिद्ध हुई)* *ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रिय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)* 

*हस्तरेखा,जन्म कुंडली,वास्तु विशेषज्ञ*

ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन धर्मनिष्ठ, वाणीभूषण, सरलस्वभावी,ज्योतिष विद्वान की उपाधि से सम्मानित हुए

 

ताज की नगरी आगरा में अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद के चतुर्थ स्थापनादिवस का आयोजन परम पूज्य उपाध्याय मेडिटेशन गुरु श्री विहसंत सागर जी महाराज जी के सानिध्य में 17 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के दिन हुआ इस अवसर परभारतकेबुमई,दिल्ली,जयपुर,किशनगढ़,मेरठ,ग्वालियर,जबलपुर,वापी,भोपाल,सूरत ,आगरा आदि शहरों के 100 से अधिक ज्योतिष विद्वानों ने भाग लिया और अपने ज्योतिष पर अलग अलग विचार रखे।

ग्वालियर शहर से ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने भी अपना  ज्योतिष विषय पर उद्वोधन  देते हुए कहा कि आज कल ज्योतिष विद्वान मंगल,कालसर्प, योग शनि साढ़ेसाती,आदि को प्रमुखता से बताते हैं लेकिन उसका उपाय प्रोपर और सटीक पूछने वाले को नहीं देते इसलिए ज्योतिष के प्रति व्यक्ति भ्रमित है।जबकि ज्योतिष शास्त्रों में जब जब गोचर वस या महादशा,अंतर्दशा में अशुभ ग्रह भ्रमण करते हैं तो व्यक्ति को नाना प्रकार के कष्ट से बचने के सरल मंत्र जाप,उपाय वर्णित है जिनसे ग्रह पीड़ा शांत होती हैं।

राहु केतु पीड़ा, मंगली पत्रिका,पितृ दोष,कालसर्प योग दोष के अनेक सरल उपाय है उन्हें विद्वानों को बताना चाहिए ओर समय के साथ उनमें  प्रयोग करना चाहिए।

कुछ ज्योतिष विद्वानों और आम जनता ने भी ज्योतिषाचार्य से खुले मंच पर प्रश्न किए जैसे मंगली पत्रिका का जीवन पर असर,कालसर्प या पितृ दोष के उपाय से शांति संभव है क्या ग्रहण का मनुष्य  जीवन और   तेजी मंदी पर कैसे असर होता है या नहीं इसे माने या नहीं आज के समय में  इस पर ज्योतिषाचार्य जैन ने कहा कि ग्रह गौचर और ग्रहण सभी चर अचर  पर अपना असर उनकी राशि ,नक्षत्र के अनुसार  अच्छा बुरा प्रभाव डालते हैं उनके उपाय पर भी प्रकाश डाला।

इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन को अर्पित मय पावन वर्षायोग समिति,ग्रेटर कमला नगर आगरा उत्तरप्रदेश ने उन्हें धर्मनिष्ठ,विभूषण, सरल स्वभावी ज्योतिष विद्वान की उपाधि से सम्मानित किया।

डाकुओं और डॉन में जमीन -आसमान का फर्क


मै एक जमाने में दुर्दांत डकैतों के लिए बदनाम चंबल इलाके से आता हूँ ।  मैंने  अपने  पत्रकारिता के कार्यकाल में डाकुओं की जितनी कहानियां बनाई और बेचीं उतनी शायद मुंबई के डॉन की कहानियां भी नहीं बिकी होंगीं। चंबल के डाकू दो दशक पहले हमेशा -हमेशा के लिए समाप्त हो गये।  लेकिन मुंबई के डॉन आज भी ज़िंदा हैं । मुंबई के डॉन और चंबल  के डाकुओं में बहुत फर्क है ।  डाकू कभी किसी की हत्या के लिए सुपारी नहीं लेते थे,लेकिन डॉन सुपारी लेते भी हैं और देते भी हैं।

डाकू हों या डॉन मीडिया के लिए हमेशा ' हाट केक ' की तरह बिकने वाले कथानक रहे है।  आजकल मुंबई में ही नहीं पूरे देश में डाकुओं से ज्यादा डॉन की चर्चा हैं ।  डॉन लारेंस विश्नोई   द्वारा हाल ही में दिल्ली और मुंबई में सुपारी देकर कराई गयी हत्याओं के बाद सुर्ख़ियों में  हैं। भ्रष्ट नेताओं से ज्यादा खूखार डॉन सुर्ख़ियों में है।  विश्नोईयों के बारे में धारणा  है कि वे न केवल पर्यावरण प्रेमी होते हैं बल्कि काले हिरणों के सबसे बड़े संरक्षक भी होते हैं ,लेकिन इस विश्नोई समाज से यदि लारेंस डॉन बनकर निकला है तो हैरानी होती है ।  पता नहीं लारेंस का राजस्थान के विश्नोई समाज से कोई वास्ता है भी या नहीं।

मैंने अपने पत्रकारिता के जीवन में देश के इस सदी के सबसे कुख्यात और ' रॉबिनहुड ' रहे डकैत देखे है।  उनसे मिला हूँ ।  माधौ  सिंह ,मोहर सिंह ,तहसीलदार सिंह, पान सिंह,निर्भय गूजर  से लेकर फूलन देवी तक को मै खूब जानता था,लेकिन कोई इतना नृशंस नहीं था, जितना कि  आजकल के डॉन हैं।  डाकुओं ने हत्याएं   कीं,अपहरण किये, गांव के गांव जलाये लेकिन उनकी करतूतों के पीछे की कहानियां कुछ और हुआ करतीं थीं। उनके मन में हिंसा के साथ  दया-माया भी थी ।  वे रॉबिन हुड की तरह गरीबों की मदद भी करते थे और आततायियों को सबक भी सिखाते थे ।  डाकुओं ने कभी प्रदेश में बैठकर अपने गिरोह  नहीं चलाये लेकिन मोदीकाल के डाकू अमेरिका में बैठकर अपने गिरोह चला रहे है।  बीहड़ों के बजाय वातानुकूलित जेलों में रहकर गिरोह चला रहे है।

बात नए -नए डॉन लारेंस विश्नोई की हो रही थी ।  लारेंस विश्नोई हाल ही में एनसीपी [ अजित गुट ] के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद सुर्ख़ियों में है।  उसके निशाने पर एक लोकप्रिय अभिनेता सलमान खान के अलावा अनेक खान हैं।  ये महज संयोग है या कोई नियोजित अभियान की लारेंस और सत्तारूढ़ दल के लक्ष्य एक जैसे ही है।  कभी -कभी लगता  है कि  लारेंस ने या तो संघ और भाजपा का एजेंडा चुरा लिया है या वो इन संगठनों और दलों का अंधभक्त बन गया है।  दोनों के निशाने पर अल्पसंख्यक ज्यादा हैं ,दुसरे  लोग भी हैं लेकिन अल्पसंख्यक  सबसे ऊपर है।  कहने को तो बाबा सिद्दीकी जैसे लोग संजय दत्त के भी खैरख्वाह थे।

दरअसल मै अपने नयी पीढ़ी के पाठकों को डॉन और डाकुओं में फर्क बताने की कोशिश कर रहा था ।  डाकू विषम परिस्थितियों में बीहड़ का रास्ता पकड़ते थे और डॉन सुनियोजित तरीके से मुंबई का रुख  करते हैं। डॉन और डाकू पहले छोटी  वारदात  करते  हैं ,बाद में किसी स्थापित  गिरोह में शामिल होते हैं लेकिन बाद में अनुभव हासिल होते ही डॉन अपने स्वतंत्र गिरोह बना लेते हैं। जाति डॉन की भी होती है और डाकू की भी। हाजी मस्तान से लारेंस तक और मान सिंह से लेकर  जगजीवन परिहार तक कहानियां एक जैसी हैं।दोनों कि जीवन पर फ़िल्में भी खूब बनतीं और चलतीं हैं।  लेकिन डाकू दिलेर  होते हैं और डॉन कायर।  डाकू पुलिस  से सीधे मुठभेड़ करते हुए मारे जाते हैं ,लेकिन डॉन कभी पुलिस से सीधे मोर्चा नहीं लेते ।  डाकुओं के गुर्गे नहीं होते लेकिन डॉन के होते हैं। डॉन विलासता का जीवन जीते हैं ,बड़े शहरों और बड़े देशों में रहते हैं किन्तु डाकू बीहड़ों में विषम परिस्थितयों में रहते हैं और उनके जीवन में विलासता भी बड़े ही निम्न स्तर को होती थी।

डॉन और डाकूओं  में महिलाओं  का प्रतिशत  बहुत कम  रहा है।  गुजरात  की लेडी डॉन की तरह एक जमाने में चंबल की महिला डाकू पुतली बाई एक किवदंती बन गयी थी।  फूलन तो डाकू जीवन से मुक्त होकर संसद तक पहुंची।  एक डाकू सरगना  मलखान सिंह भी फूलन  का अनुशरण   करते हुए विधानसभा में पहुँचने के लिए बार-बार चुनाव लड़ा लेकिन कामयाब नहीं हुआ।  डॉन भी किवदंती बने हैं ,लेकिन शायद ही कोई डॉन हो जो संसद तक पहुंचा हो,हालाँकि हाजी मस्तान ने डॉन बनने के बाद गाँधी  टोपी पहनकर नेतागीरी की थी लारेंस को भविष्य में कोई हिंदूवादी पार्टी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में टिकिट दे दे तो मै जानता नहीं। हाँ डाकुओं कि मंदिर हैं लेकिन डॉन कि नहीं।

लोकतंत्र के लिए डाकू और डॉन समान  रुप से उपयोगी रहे है।  मै ऐसे तमाम नेताओं को जानता हूँ जो एक जमाने में चुनावों के वक्त  चंबल में डाकुओं के प्रभाव का ,आतंक का इस्तेमाल खुलेआम करते थे।  चंबल की ये कहानी  मै महाराष्ट्र ,गुजरात और देश के हर हिस्से में दुहराते हुए देख रहा हू।  अब हर राज्य में कोई न कोई डॉन किसी न किसी नेता को चुनाव जितने के लिए अपने प्रभाव    और आतंक   का इस्तेमाल करता  है। डॉन और डाकू आतंक के कारण  ही समाज में ज़िंदा हैं। अब डॉन और डाकुओं ने अपनी   वर्दी बदल ली है।  वे खादी से लेकर 'हुडी'  तक पहनने लगे हैं।

डाकुओं के समर्पण के लिए विनोबा भावे  और जयप्रकाश नारायण से लेकर अर्जुन सिंह तक ने अथक प्रयास किये थे लेकिन डॉन को समाज की मुख्यधारा में लाने का काम किसी नेता ने किये हो तो मुझे मालूम नहीं।  डॉन आज भी सुपारी ले और दे रहा है।  हत्याएं करा रहा है। चौथ वसूली कर रहा है। डाकू ये सब छोड़ चुके हैं। वे या तो खेती कर रहे हैं  या राजनीति या समाजसेवा।  दुर्भाग्य कहूँ या सौभाग्य कि  मुझे आजतक किसी डॉन से मिलने का सौभाग्य नहीं मिला,हालाँकि  हमारे पूर्वज कहें या अग्रज स्वर्गीय वेद प्रताप वैदिक सीमा पर जाकर पाकिस्तान के डॉन हाफिज सईद से मिल आये थे। उनका और हाफिज जी का इंटरव्यू ठीक उसी तरह से सुर्खियां  बना था जैसा की एक जमाने में फूलन  और निर्भय के इंटरव्यू ।

बहरहाल डाकुओं की कहानी तो लगभग समाप्त हो चुकीहै किन्तु डॉन की फिल्म खत्म होने का नाम नहीं ले रही ।  डॉन की कहानी ने ' सीक्वल ' का रुप ले लिया है।  एक जाता है तो दूसरा आ जाता है।  ये तब तक चलेगा जब तक सियासत चाहेगी ।  जिस दिन सियासत और डॉन का रिश्ता दरकेगा डॉन की कहानी भी उसी तरह समाप्त हो जाएगी जैसे की डाकुओं की हुई है। डॉन ,डाकू और डाकिया तंत्र लोकतंत्र के लिए अभिशाप है।  इनका खात्मा जितनी जल्द हो उतना अच्छा है। अन्यथा न मुंबई चैन से रह पायेगी और न दिल्ली।

@ राकेश अचल

 


18 अक्टूबर 2024, शुक्रवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:25 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:46 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वी.नि.संवत- 2550* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

उत्तर  गोल 

*ऋतु* : शरद  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह कृष्ण पक्ष *प्रतिपदा* तिथि 13:15 बजे तक फिर द्वितीया तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र* अश्वनी नक्षत्र 13:25 बजे तक  फिर भरणी नक्षत्र रहेगा।

    *योग* :- आज *वज्र*  है।  *करण*  :-आज   *कैलाब* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा नहीं  गण्डमूल 13:25 बजे तक  है।

*अग्निवास*: आज आकाश  में  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*राहूकाल* :आज 10:41 बजे से 12:06 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:47बजे से 12:35 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*त्योहार* जैन अनंत  नाथ जी गर्भ कल्याणक

*मुहूर्त* :  नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र-मेष, मंगल-मिथुन, बुध-तुला, गुरु-वृष, शुक्र-वृश्चिक, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष मे

 *🌞चोघडिया, दिन*

चर 06:25 - 07:50 शुभ

लाभ 07:50 - 09:16 शुभ

अमृत 09:16 - 10:41 शुभ

काल 10:41 - 12:06 अशुभ

शुभ 12:06 - 13:31 शुभ

रोग 13:31 - 14:56 अशुभ

उद्वेग 14:56 - 16:22 अशुभ

चर 16:22 - 17:47 शुभ

*🌓चोघडिया, रात*

रोग 17:47 - 19:22 अशुभ

काल 19:22 - 20:57 अशुभ

लाभ 20:57 - 22:31 शुभ

उद्वेग 22:31 - 24:06*अशुभ

*अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें _मो  9425187186 (अभी तक अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी अक्षरतः सत्य सिद्ध हुई)* *ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रिय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)* 

*हस्तरेखा,जन्म कुंडली,वास्तु विशेषज्ञ*

यूनिकोड न्याय की गांन्धारी की आँखों से पट्टी का हटना सुखद


कहते हैं की जो होता है सो अच्छा ही होता है।  भारत में न्यायपालिका का प्रतीक चिन्ह आँखों पर पट्टी बंधे हाथ में तलवार लिए एक स्त्री का चित्र था ।  इसे न्याय की देवी कहा और माना जाता है ,क्योंकि न्याय देने का काम शायद देवता नहीं कर पाते हैं। न्याय की देवी की आँखों पर पट्टी शायद इसलिए बंधी गयी होगी ताकि वो नीर-क्षीर विवेक से न्याय कर सके,हाथ में तलवार शायद इसीलिए दी गयी होगी ताकि वो निर्ममता से दंड दे सके,लेकिन अब उसकी आँखों से पट्टी भी हटा दी गयी है और हाथ से तलवार भी छीन ली गयी है ।  न्याय की देवी के हाथों में उस संविधान की प्रति पकड़ा दी गयी है जो हाल के आम चुनाव में कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी और बाकी का विपक्ष लेकर घूम रहा था।

कहते हैं कि न्याय के प्रतीक को बदलने की सारी कवायद के पीछे देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ हैं।   उनके निर्देशों पर न्याय की देवी में बदलाव कर दिया गया है।  न्याय कि देवी कि नयी प्रतिमा  सुप्रीम कोर्ट में जजों की लाइब्रेरी में लगाई गई है।   पहले जो  न्याय की देवी की मूर्ति होती थी. उसमें उनकी दोनों आंखों पर पट्टी बंधी होती थी. साथ ही एक हाथ में तराजू जबकि दूसरे में सजा देने की प्रतीक तलवार होती थी। ये बदलाव हालाँकि सांकेतिक ही है लेकिन है अच्छा।  इस फैसले पर मौजूदा सरकार की सोच भी परिलक्षित होती है। आपको याद होगा कि हमारी मौजूदा सरकार को आजकल सब कुछ बदलने का भूत सवार है ।  शहरों,स्टेशनों के नाम ही नहीं बल्कि अंग्रेजों के जमाने के तमाम क़ानून भी बदले गए हैं। ऐसे में न्यायपालिका क्यों पीछे रहे ? इसीलिए  अब भारतीय न्यायपालिका  ने भी ब्रिटिश काल  को पीछे छोड़ते हुए नया रंगरूप अपनाना शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का ना केवल प्रतीक बदला है बल्कि सालों से न्याय की देवी की आंखों पर बंधी पट्टी भी हट गई है।  जाहिर है कि सुप्रीम कोर्ट ने देश को संदेश दिया है कि अब ' कानून अंधा' नहीं ह।  क़ानून को अंधा होना भी नहीं चाहिए ।दुर्भाग्य से देश में आज भी तमाम क़ानून अंधे हैं।  

मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य नयायधीश को ये विचार या प्रेरणा पिछले दिनों गणेशोत्स्व पर प्रधानमंत्री जी के साथ गणेश पूजन के बाद मिली।  शुरुआत अच्छी है। हम सब इसका स्वागत करते है ।  इस समय जिस भी  व्यवस्स्था की आँखों पर पट्टी बंधी हो उसे हटाने की जरूरत है। आँखों पर पट्टी का बंधा होना जहाँ नीर-क्षीर विवेक का प्रतीक माना जाता रहा है वहीं इसे जानबूझकर आखें बंद करने का प्रतीक भी माना जाता है।  द्वापर में गांधारी ने अपनी आँखों पर पट्टी अपने पति प्रेम के चलते बाँधी थी ,लेकिन उसका क्या परिणाम हुआ ,पूरी दुनिया जानती है ।  दुनिया न भी जानती हो , लेकिन भारत का बच्चा -बच्चा  जानता  है। सुप्रीम कोर्ट के इस नवाचार का हम दिल खोलकर स्वागत करते हैं और चाहते हैं कि अब देश में न्यायप्रणाली की ऑंखें न सिर्फ खुलीं हों बल्कि गंगाजल से धुली भी हो।  अभी तक भारतीय न्यायपालिका में देश का भरोसा कायम है यद्द्पि न्यायपालिका तमाम आधे-अधूरे  फैसलों की वजह से संदिग्ध हुई है तथापि उसे अनेक फैसलों की वजह से पूरा सम्मान भी हासिल है।

दुर्भाग्य ये है कि इस समय देश में कार्यपालिका हो या विधायिका,सभी की आँखों पर पट्टी और हाथों में तलवार है ।  पक्षपात की तलवार । अदावत की तलवार।  हमारी सरकार के नियंत्रण में सब कुछ है ।  न्यायपालिका भी ,क्योंकि इस अंग की नियुक्ति,वेतन-भत्तों तक की व्यवस्था सरकार करती है। सरकार भी अपनी आँखों पर पट्टी बांधकर काम करती है ।  वो जिस मंजर   को नहीं देखना चाहती उसे नहीं देखती ।  वो जहाँ तलवार चलाने की जरूरत होती है वहां तलवार को हाथ भी नहीं लगाती और जहाँ तलवार नहीं चलना होती वहां तलवार भी चलाती है और आँखों पर बंधी पट्टी भी हटा लेती है।  इस बात के उदाहरण नहीं दूंगा,इसका विश्लेषण आपको  भी करना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश माननीय चंद्रचूड़ का मानना है  कि अंग्रेजी विरासत से अब आगे निकलना चाहिए।  कानून कभी अंधा नहीं होता।  वो सबको समान रूप से देखता है।  इसलिए  न्याय की देवी का स्वरूप बदला जाना चाहिए।  साथ ही देवी के एक हाथ में तलवार नहीं, बल्कि संविधान होना चाहिए; जिससे समाज में ये संदेश जाए कि वो संविधान के अनुसार न्याय करती हैं।  न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ साहब  का मानना है कि तलवार हिंसा का प्रतीक है।  जबकि, अदालतें हिंसा नहीं, बल्कि संवैधानिक कानूनों के तहत इंसाफ करती हैं।  दूसरे हाथ में तराजू सही है कि जो समान रूप से सबको न्याय देती है।

हमें उम्मीद करना चाहिए की जिस तरह से माननीय मुख्य न्यायाधीश ने अपनी सेवा निवृत्ति से कुछ दिन पहले न्यायपालिका के प्रतीक को बदला है उसी तरह वे जाते-जाते उन सभी संवैधानिक संस्थाओं की आँखों पर बंधी पट्टी और हाथों   में ली गयी दृश्य और अदृश्य तलवारों को हटवाने का भी इंतजाम कर जायेंगे।   ईडी हो,सीबीआई हो या केंद्रीय चुनाव आयोग हो सबकी आँखों पर पट्टी और हाथों में तलवार है । आज का युग आँखों पर पट्टी बांधकर काम करने का है भी नही।  आज के युग में तलवार हाथ में लेकर दुनिया को नहीं चलाया जाता ।  आज कीदुनिया के हाथों में तलवार की जगह विनाशकारी बम आ गए हैं, मिसाइलें आ गयीं हैं  ,जो सामूहिक नरसंहार कर रहे हैं।

हमारे क़ानून के शिक्षक स्वर्गीय गोविंद अग्रवाल साहब हमें पढ़ते वक्त बताया करते थे कि -न्याय की देवी की वास्तव में यूनान की प्राचीन देवी हैं, जिन्हें न्याय का प्रतीक कहा जाता है. इनका नाम जस्टिया है. इनके नाम से जस्टिस शब्द बना था।  इनके आंखों पर जो पट्टी बंधी रहती है, उसका मतलब है कि   न्याय की देवी हमेशा निष्पक्ष होकर न्याय करेंगी।  किसी को देखकर न्याय करना एक पक्ष में जा सकता है।  इसलिए इन्होंने आंखों पर पट्टी बांधी थी। वैसे आपको भी पता है और मुझे भी पता है कि आँखों पर पट्टी बांधकर मोटर साइकल चलाना और चित्र बनाना जादूगरों का काम है,न्यायधीश ये नहीं कर सकते । नेता जरूर कर सकते हैं,कर भी रहे हैं। । बहरहाल मुख्य न्यायाधीश को इस तब्दीली के लिए तहेदिल से बधाई। कम से कम सेवनिवृर्ति से पहले वे भी एक नया इतिहास लिखकर जो जाने वाले हैं। अब पुरानी हिंदी फिल्मों में दिखाए जाने वाले अदालतों के इस प्रतीक चिन्ह का क्या होग। राम जाने ?

@ राकेश अचल


 

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