अवैध कॉलोनियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करें – कलेक्टर श्रीमती चौहान

नई अवैध कॉलोनी न बनने पाए, पटवारी व आरआई रखें विशेष नजर 


अवैध कॉलोनियाँ विकसित करने की प्रवृत्ति को सख्ती से रोकें। ग्वालियर शहर की सीमा में स्थित अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिये इनकी सूची नगर निगम आयुक्त को उपलब्ध कराएँ। साथ ही जिले की नगर पालिका, नगर पंचायत एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित अवैध कॉलोनियों की सूची विस्तृत जाँच रिपोर्ट सहित कलेक्ट्रेट की कॉलोनी सेल शाखा में 15 दिवस के भीतर प्रस्तुत करें। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने राजस्व अधिकारियों द्वारा तैयार की गई अवैध कॉलोनियों की प्रारंभिक सूची की समीक्षा के दौरान अपर जिला दण्डाधिकारी एवं जिले के सभी एसडीएम को दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अवैध कॉलोनियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की जाए। 

रविवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जोर देकर कहा कि ग्वालियर शहर की सीमा में स्थित अवैध कॉलोनियों के खिलाफ नगर निगम आयुक्त, नगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों के तहत तत्परता से कार्रवाई करें। इस कार्रवाई की समीक्षा नियमित रूप से की जायेगी। इसलिए अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई ढ़िलाई न हो। उन्होंने कहा जिले के अन्य नगरीय निकायों व ग्रामीण क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां विकसित करने की प्रवृत्ति को भी सख्ती से रोका जायेगा। कलेक्टर ने ग्वालियर शहर की अवैध कॉलोनियों की इकजाई सूची नगर निगम आयुक्त को उपलब्ध कराने के निर्देश अपर जिला दण्डाधिकारी श्री टी एन सिंह को दिए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के सभी एसडीएम से कहा कि वे प्रारंभिक रूप से चिन्हित अवैध कॉलोनियों की सूची विस्तृत रिपोर्ट सहित कलेक्ट्रेट न्यायालय में उपलब्ध कराएँ, जिससे अवैध कॉलोनियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके। 

ज्ञात हो जिले में अवैध कॉलोनियों पर प्रभावी अंकुश लगाने के उद्देश्य से कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले के सभी राजस्व अधिकारियों से अवैध कॉलोनियों की प्रारंभिक सूची तैयार कराई है। इस सूची के आधार पर अवैध कॉलोनियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने की रणनीति जिला प्रशासन ने बनाई है। इसी कड़ी में कलेक्टर श्रीमती चौहान ने रविवार को राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर अवैध कॉलोनियों की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कॉलोनियों के विकास एवं अवैध कॉलोनियों के नियंत्रण के संबंध में विधिक प्रावधानों की जानकारी बैठक में सभी राजस्व अधिकारियों को विस्तारपूर्वक दी गई। इस मौके पर अपर कलेक्टर श्री कुमार सत्यम व श्री टी एन सिंह, जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार मौजूद थे। 

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बैठक में यह भी निर्देश दिए कि अवैध कॉलोनी विकसित करने की प्रवृत्ति को रोकने के लिये आरआई व पटवारी अपने-अपने क्षेत्र में विशेष नजर रखें। उन्होंने कहा राजस्व अधिकारियों द्वारा तैयार की गई अवैध कॉलोनियों की सूची के अलावा यदि कहीं पर और कोई अवैध कॉलोनी नजर में हो तो उसकी सूचना संबंधित पटवारी व आरआई तत्काल अपने एसडीएम व कलेक्ट्रेट में दें। साथ ही आवश्यक कार्रवाई भी करें। 

अवैध कॉलोनियों की सूची को सार्वजनिक करें 

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा कि अवैध कॉलोनियों की सूची को पब्लिक डोमेन अर्थात वेबसाइट इत्यादि पर अपलोड करें, जिससे लोगों को अवैध कॉलोनियों के बारे में पता चल सके, जिससे वे वहाँ पर प्लॉट या मकान खरीदने से बच जाएं। उन्होंने सभी एसडीएम एवं राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लोगों को अवैध कॉलोनियों में प्लॉट न खरीदने के लिये जागरूक करें। 

कलेक्टर ने की अपील सस्ते के चक्कर में अवैध कॉलोनियों में प्लॉट न खरीदें 

समीक्षा बैठक के माध्यम से कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने ग्वालियर शहर सहित सम्पूर्ण जिले के निवासियों से अपील की है कि वे सस्ते के चक्कर में अवैध कॉलोनियों में प्लॉट न खरीदें। अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने से सड़क, बिजली व पेयजल सहित अन्य बुनियादी सुविधायें नहीं मिल पातीं। वहाँ पर मकान बनाने से जीवन भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

खुशियों की दास्तां : इस बार की दीपावली मैंने बड़े स्वाभिमान के साथ मनाई

 

ग्वालियर : इस बार की दीपावली मैंने बड़े स्वाभिमान के साथ मनाई है। चाहे घर की सजावट का सामान खरीदना हो या फिर खुद के लिये कपड़े। इसके लिये मुझे किसी के आगे हाथ नहीं फैलाने पड़े। मेरे खाते में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत हर माह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा पहुँचाई गई धनराशि जमा थी, जिससे हमने हर्षोल्लास के साथ दीपोत्सव मनाया। 

यह कहना है ग्वालियर शहर के वार्ड-28 की निवासी श्रीमती अनीता बनर्जी का । अनीता शनिवार को कलेक्ट्रेट में लाड़ली बहना योजना की राशि अंतरण के उपलक्ष्य में आयोजित हुए जिला स्तरीय कार्यक्रम में भाग लेने पहुँची थीं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जब इंदौर से सिंगल क्लिक के जरिए प्रदेश भर की लाड़ली बहनों के खातों में धनराशि अंतरित की तो अनीता की खुशी देखते ही बनी। 

अनीता बनर्जी बताती है कि जबसे मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना शुरू हुई है तब से मेरे जीवन में खुशियों ने नई दस्तक दी है। मेरे खाते मे हर माह 1250 रूपये की राशि प्राप्त होने लगी है। यह राशि पाकर मैं अपने परिवार की छोटी-मोटी जरूरतो को पूरा कर पाती हूँ। अनीता बोलीं कि हमारे मुख्यमंत्री मोहन भैया प्रदेश भर की हम जैसी बहनाओं का पूरा ख्याल रख रहे हैं। 

नारे के आगे दो नारे,नारे के पीछे दो नारे

  

एक जमाने में फिल्म ' मेरा नाम जोकर ' के   लिए हसरत जयपुरी ने एक पहेलीनुमा गीत लिखा था ' तीतर  के आगे दो तीतर ,तीतर के पीछे  दो तीतर ,बोलो कितने तीतर ? ' आशा भोंसले ने इस गीत को गया था और शंकर जयकिशन ने इसे संगीतबद्ध किया था। ये  बात 1970 की है। आज हम 2024 के आखरी सिरे पर आ गए हैं लेकिन भारतीय राजनीति में जोकरों के लिए तीतर के बजाय नारे पहेलियाँ बन गए है।  ये समझना मुश्किल है की आखिर नारों के आगे,नारों के पीछे कितने नारे हैं और कितने जोकर है।

' मेरा नाम जोकर यदि आज बनाई जाती तो तय है की हसरत जयपुरी साहब को तीतर के आगे दो तीतर गीत के बोल बदलना पड़ते ।  वे लिखते-' नारे के आगे दो नारे, नारे के पीछे दो नारे,आगे नारे ,पीछे नारे ,बोलो कितने नारे ?निश्चित रूप से ये गीत भी लोकप्रिय होता,क्योंकि आज की राजनीति में नेताओं और मुद्दों से ज्यादा  नारे लोकप्रिय हो रहे हैं ,समूची राजनीति इन्हीं नारों पर टिकी है।  जिस दल के पास नारे नहीं ,उसके वारे-न्यारे नहीं। नारे बिना राजनीति आभूषणों बिना नारी जैसी है।

साल के जाते-जाते भारतीय राजनीति को जो सबसे ज्यादा चर्चित और हिंसक नारा मिला ,वो है - बंटोगे  तो कटोगे '। इस नारे के जनक हैं उत्तरप्रदेश के उत्तरदायी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। उनका ये नारा बड़ा ही कटखना है। ये नारा सबसे ज्यादा  पसंद आया राष्ट्रीय  स्वयं सेवक संघ को।  संघ ने इस नारे को अपनी दैनिक प्रार्थना-' नमस्ते सदा वतस्ले ' की तरह अंगीकार कर लिया।  सबसे पहले संघ के दो नंबरी नेता दत्तात्रय होंसबोले ने इस नारे के आगे समर्पण किया। उन्हें शायद आत्मग्लानि  हुयी की इतना मारक  नारा उनकी नागपुर की फैक्ट्री में क्यों नहीं गढ़ा गया ? कहते हैं कि योगी के नारे कि गूँज कनाडा में सुनाई दे रही है ।  उनका नारा बंटोगे तो कटोगे अब वैवाहिक निमंत्रण पत्रों पर भी लिखवाया जाने लगा है।

योगी  जी के इस इस नारे की नाव पर सवार होकर  भाजपा हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों में उतरी । हरियाणा में तो इस नारे से भाजपा की नाव चुनावी वैतरणी पर कर गयी लेकिन जम्मो-कश्मीर में डूब गयी।  जम्मू-कश्मीर में कुछ और चला। इस खंडित सूबे में न कोई कटा और न कोई बटा ,लिहाजा भाजपा के हाथ सत्ता  नहीं लगी। लेकिन न भाजपा निराश  हुयी और न माननीय योगी जी।  भाजपा,संघ और योगी जी इसी नारे को लेकर महाराष्ट्र और झारखड विधानसभा के चुनाव में जा कूदे। लेकिन यहां योगी की के इस नारे को अंगीकार नहीं किया गया। भाजपा के सहयोगी एनसीपी के अजित पंवार ने ही इस नारे का विरोध कर दिया ।  उद्धव ठाकरे की शिव सेना भी इस नारे के खिलाफ मुखर हुई तो  प्रधानमंत्री  श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी को दखल करना पड़ा।

माननीय मोदी जी तो राजनीती में नए नारों के जनक हैं,हालाँकि उनसे पहले श्रीमती इंदिरा गाँधी ' गरीबी हटाओ ' जैसे अति लोकप्रिय नारे लगा चुकी थी और जनता से लगवा चुकी थीं ,लेकिन न गरीब हटे और न गरीबी । उलटे आज देश में 85 करोड़ गरीब मोदी सरकार के हिस्से में है।  सबको पांच किलो अन्न मुफ्त में देना पड़  रहा है ।  मोदी जी भी इंदिरा जी के बताये रस्ते पर चलकर न गरीबी का उन्मूलन कर रहे हैं और न गरीबों का ।  हालांकि उनका दावा रहता है की उनकी सरकार ने 10 साल में 25 करोड़ गरीबों को गरीबी की रेखा से बाहर निकाला है।

बहरहाल बात नारों की चल रही थ।  योगी जी के नारे को महाराष्ट्र  में लड़खड़ाता देख मोदी जी इसी नारे को नए पैकिंग में लेकर नमूदार हुए।  उनका नारा है -' एक रहोगे तो सेफ रहोगे '। मोदी जी का नारा गांधीवादी नारा है या गोलवलकरवादी   नारा अभी तक कम से कम मै तो तय नहीं कर पाया हूँ ।  महाराष्ट्र की जनता इस नारे से कितनी प्रभावित हुयी है ये भी कहना कठिन है। मोदी जी के इस नारे के जबाब में उद्धव ठाकरे की शिव सेना ने कहा कि महाराष्ट्र तभी तक सेफ है जब तक की यहां भाजपा सत्ता से बाहर रहेगी। झारखण्ड में भी कमोवेश मोदी जी और योगी जी का नारा कारगार होता नहीं दिखाई दे रहा। भविष्य में हो जाये  तो मै इसकी गारंटी नहीं दे सकता या ले सकता।

योगी जी के नारे के जबाब में उत्तरप्रदेश के उत्तरदायी समाजवादियों ने  एक नया नारा गढ़ा है। हर नारे का अपना व्याकरण है ।  अपनी धार है। अपना असर है।  आज की सियासत में मुद्दे नहीं बल्कि नारे प्रधान होते हैं। बिना नारों के सियासत एक कदम आगे नहीं बढ़ सकती। जो राजनीतिक दल नया नारा नहीं गढ़ सकता उसे सत्ता भी आसानी से हासिल नहीं हो सकत।  मेरा नाम जोकर ब्रांड राजनीति में जोकरों की और नारों की कोई कमी नहीं है  ।  हर दल में जोकर है।  हर दल के अपने नारे हैं। नारे लगाने वाले है। नारे लगवाने वाले हैं। यानि जिधर देखो उधर केवल नारे ही नारे नजर आते हैं ,सुनाई देते है।  नेता और जनता मुद्दों को भूल नारों के भंवर जाल में फंस गयी है।

कभी-कभी मुझे लगता है कि इस देश को डिक्शनरी के एक और नए संस्करण की जरूरत है।  इस डिक्शनरी में केवल और केवल ' नारे ही नारे समाहित किये जाएँ ।  पूरब से पश्चिम तक के नारे । कन्या कुमारी से कश्मीर तक के नारे ।  हिंदी नारे,पंजाबी नारे ,उड़िया नारे ,गुजराती नारे ,तमिल नारे ,मलयाली नारे ,तेलगू नारे ,मराठी नारे ,झारखंडी नारे। हर दल का एक नारा होना ही चाहिए। ' बिन नारा सब सून ' है भाई !नारा है तो सियासत है और सियासत है तो नारे हैं। नारों का भी वर्गीकरण किया जाना चाहिये ।  जैसे स्थानीय  नारे,प्रांतीय  नारे और राष्ट्रीय नारे। अंतर्राष्ट्रीय नारों की एक अलग श्रृंखला हो सकती है ।  जैसे पिछले दिनों अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान तरह -तरह के नारे सुनने में आये थे ।

आजादी के बाद  की पीढ़ी को पढ़ाया गया था कि भारत एक कृषि प्रधान देश है लेकिन 2014  के बाद मिली असली आजादी [ बकौल कंगना  रनौत ]के बाद की पीढी को पढ़ाया जा हां है कि - भारत एक नारा प्रधान देश है।  कृषि उत्पाद तो हम आयात भी कर सकते हैं लेकिन हमें नारे एकदम  स्वदेशी चाहिए।  आत्मनिर्भरता के लिए सब कुछ स्वदेशी होना चाहिए ,खास तौर पर सियासी नारे। इस देश को नारा आधारित राजनीति से कब मुक्ति मिलेगी ? ये मै तो नहीं बता सकता। कोई ज्योतिषी बता सके तो उसके मुंह में घी-शक़्कर। वैसे आपको याद होना चाहिए कि नारा हर युग में प्रभावी रहा है। आजादी के पहले महात्मा गाँधी की आंधी के समय ' करो या मरो ' के नारे ने जनता को एक किया था। अंग्रेजों को खदेड़ा था।  ये शाकाहारी नारा था। अब देखना है कि योगी जी का नारा इस देश से मुसलमानों ,बांग्लादेशी,मयंमार के घुसपैठियों को खदेड़ पायेगा या नहीं ? जय श्रीराम ।

@ राकेश अचल 

11 नवंबर 2024,रविवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:42 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:27 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वीरनिर्वाण संवत- 2551* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

दक्षिण  गोल 

*ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह  शुक्ल पक्ष *दशमी तिथि*  18:46 बजे तक फिर एकादशी  तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र*शतभिषा नक्षत्र 09:39 बजे  तक फिर पूर्वाभाद्रपद चलेगा।

    *योग* :- आज *व्याघात है।  *करण*  :-आज   *तैतिल* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक है  ,भद्रा 18:46 से है गंडमूल नहीं  है।

योग: - 

*अग्निवास*: आज आकाश में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*राहूकाल* :आज  08:03 बजे से 09:24 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:43 बजे से 12:26 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहार* :- भीष्म पंचक व्रत प्रारंभ 

*मुहूर्त* : सगाई, वाहन क्रय, नामकरण, अन्नप्राशन है अन्य कोई नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र - कुंभ, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-धनु, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

अमृत 06:42 - 08:03 शुभ

काल 08:03 - 09:24 अशुभ

शुभ 09:24 - 10:44 शुभ

रोग 10:44 - 12:05 अशुभ

उद्वेग 12:05 - 13:26 अशुभ

चर 13:26 - 14:46 शुभ

लाभ 14:46 - 16:07 शुभ

अमृत 16:07 - 17:28 शुभ

*🌓चोघडिया, रात*

चर 17:28 - 19:07 शुभ

रोग 19:07 - 20:47 अशुभ

काल 20:47 - 22:26 अशुभ

लाभ 22:26 - 24:05*शुभ

 *अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें _मो  9425187186 (अभी तक अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी अक्षरतः सत्य सिद्ध हुई)* *ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रिय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)* 

*हस्तरेखा,जन्म कुंडली,वास्तु विशेषज्ञ*

आबकारी विभाग की टीम ने3 हजार किलो गुड़ लहान व 28 लीटर हाथ भट्टी मदिरा बरामद

ग्वालियर ।  जिले में अवैध शराब के विनिर्माण, विक्रय, संग्रहण व परिवहन को कड़ाई से रोकने के लिये विशेष मुहिम चलाई जा रही है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने इस मुहिम को और तेज करने के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में अवैध मदिरा की सूचना मिलने पर आबकारी विभाग के दल ने शनिवार को मोहनपुर कंजर डेरा क्षेत्र में छापामार कार्रवाई की। 
सहायक आबकारी आयुक्त राकेश कुर्मी ने बताया कि इस कार्रवाई में लगभग 3 हजार किलोग्राम गुड़ लहान व 28 लीटर हाथ भट्टी मदिरा बरामद की गई। जब्त मदिरा का अनुमानित मूल्य लगभग  3 लाख 10 हजार रूप्ए है। इस अवैध कारोबार में लिप्त आपराधिक तत्वों के खिलाफ मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 34 के तहत कुल 4 प्रकरण पंजीबद्ध किये गए। अवैध मदिरा के विरुद्ध जिला प्रशासन के निर्देश पर आबकारी विभाग द्वारा चलाई जा रही मुहिम लगातार जारी रहेगी। कार्रवाई के लिये गए दल में आबकारी उपनिरीक्षक रविशंकर यादव, विवेक पटसरिया, सतेंद्र सिंह मीना, शिवा रघुवंशी तथा आरक्षक उत्तम दीक्षित, पंकज शर्मा, सुनील सिंह,ब्रजेश नागर, प्रदीप हिंडोनिया,दीपक शुक्ला, राधा दांगी, राधा चौहान, विनीता कुमारी, प्रियंका जाटव शामिल थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजभवन में पूर्व राष्ट्रपति श्री कोविंद से भेंट की


केरल के राज्यपाल को भेंट किया पुष्प-गुच्छ

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से मिलने राजभवन पहुँचे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर श्री कोविंद का स्वागत किया। उन्होंने मध्यप्रदेश पधारे केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मो. खान का भी पुष्प-गुच्छ भेंट कर अभिनंदन किया।

इस अवसर पर म.प्र. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति जस्टिस सुरेश कुमार कैत, उप मुख्यमंत्री द्वय श्री जगदीश देवड़ा और श्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।

आंवला नवमी पर आंवला का पूजन से सुख वैभव बढ़ता है

आमला नवमी 10 नवंबर रविवार के दिन है कार्तिक शुक्ल नवमी को आंवला है इसे नवमी है।

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया इस तिथि को अक्षय नवमी, कुष्मांड नवमी  भी कहा जाता है।  सतयुग का प्रारंभ भी इसी दिन हुआ था इस दिन द्रव्य,  वस्त्र आदि दान देने और आंवले की विधि पूर्वक पूजा से अनेक  पापो से छुटकारा मिलता है। इसलिए इस दिन आंवले की   पूजा  विशेष रूप से की जाती है।

प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनकर आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा की ओर उन्मुख होकर षोडशोपचार  पूजन करना या कराना चाहिए फिर आंवले की जड़ में दुग्ध धारा गिराकर चारों ओर कच्चा सूट लपेटे और कपूर की  से आरती करते हुए सात बार आंवले की परिक्रमा करें तत्पश्चात ब्राह्मण ब्राह्मणी को भोजन कराकर यथाशक्ति उन्हें दक्षिणा दे और फिर स्वयं भोजन करें भोजन में आवंला का प्रयोग अवश्य करें ऐसा करने से बहुत सारे पापों से बचा जा सकता है और दुख दरिद्रता दूर होकर सुख वैभव बढ़ता है।

10 नवंबर 2024,रविवार का पंचांग

 सूर्योदय :-* 06:41 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:28 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वीरनिर्वाण संवत- 2551* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

दक्षिण  गोल 

*ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह  शुक्ल पक्ष *नवमी तिथि*  21:01 बजे तक फिर दशमी  तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र* धनिष्ठा नक्षत्र 10:59 बजे  तक फिर  शतभिषा चलेगा।

    *योग* :- आज *ध्रुव है।  *करण*  :-आज   *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक है भद्रा ,गंडमूल नहीं  है।

योग: - 

*अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*राहूकाल* :आज  16:08 बजे से 17:28 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:43 बजे से 12:26 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहार* : आंवला  नवमी ,अक्षय नवमी, कूष्माण्ड नवमी,

*मुहूर्त* : सगाई,  है अन्य कोई नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र - कुंभ, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-धनु, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

उद्वेग 06:41 - 08:02 अशुभ

चर 08:02 - 09:23 शुभ

लाभ 09:23 - 10:44 शुभ

अमृत 10:44 - 12:05 शुभ

काल 12:05 - 13:26 अशुभ

शुभ 13:26 - 14:47 शुभ

रोग 14:47 - 16:08 अशुभ

उद्वेग 16:08 - 17:28 अशुभ

*🌓चोघडिया, रात*

शुभ 17:28 - 19:08 शुभ

अमृत 19:08 - 20:47 शुभ

चर 20:47 - 22:26 शुभ

रोग 22:26 - 24:05*अशुभ

*अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें _मो  9425187186 (अभी तक अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी अक्षरतः सत्य सिद्ध हुई)* *ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रिय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)* 

*हस्तरेखा,जन्म कुंडली,वास्तु विशेषज्ञ*

विधिक सेवा सप्ताह अंतर्गत हुई मैराथन दौड़ एवं नशे के विरुद्ध हुआ जागरूकता अभियान

 प्रमोद अहिरवार जिला ब्यूरो टीकमगढ़ मप्र

टीकमगढ़ :- पुलिस लाइन टीकमगढ़ से विधिक सेवा सप्ताह 2024 अंतर्गत एवं आमजन को नशे के दुष्प्रभावों से जागरूक करने हेतु पुलिस लाइन टीकमगढ़ से मान. जिला सत्र न्यायधीश  एच. एस. सिसोदिया एवं पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़  मनोहर सिंह मंडलोई द्वारा मैराथन दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जिसका समापन नज़र बाग में हुआ। इसी क्रम में टीकमगढ़ शहर के नज़र बाग प्रांगण से एक विशाल नशे के विरुद्ध कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें उपस्थित जनप्रतिनिधियों,प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा नशे से होने बाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देकर आमजन को नशे से दूर रहने हेतु प्रेरित किया इस कार्यक्रम अन्तर्गत एक विशाल रैली का आयोजन किया गया जो नज़र बाग प्रांगण से प्रारंभ होकर सैल सागर चौराहा ,मिश्रा तिराहा,लुकमान चौराहा,जवाहर चौराहा,पुरानी नगर पालिका चौराहा होते हुए लक्ष्मी टाकीज़ चौराहा ,स्टेटबैंक होते हुए नज़र बाग प्रांगण में समाप्त हुई ।उक्त रैली में नशे से दुष्प्रभावों से संबंधित गीतों एवं नारों से लोगों को नशे के विरुद्ध जागरूक किया गया ।

उपरोक्त कार्यक्रम में मान.सांसद लोकसभा क्षेत्र टीकमगढ़ एवं केंद्रीय मंत्री  डॉ.वीरेंद्र कुमार जी ,कलेक्टर  अवधेश शर्मा,पुलिस अधीक्षक  मनोहर सिंह मंडलोई,मान.जिला सत्र न्यायाधीश  एच.एस.सिसोदिया एवं जिला न्यायालय टीकमगढ़ के मान.न्यायाधीश एवं जिला अध्यक्ष भाजपा अमित नुना ,अनुराग वर्मा , विवेक चतुर्वेदी,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  सीताराम,एडीएम  पी एस चौहान सहित समस्त प्रशासनिक /पुलिस/न्यायालय के अधिकारी/कर्मचारी,स्कॉलों के विद्यार्थी व शिक्षक,खेल बिभाग के खिलाड़ी एवं प्रशिक्षक, जनप्रतिनिधि, आमजन शामिल हुए ।

ढोंगा पानी की टंकी के पास हुई तेज रफ्तार कार और 1212 ट्रक की टक्कर

 प्रमोद अहिरवार जिला ब्यूरो टीकमगढ़ मप्र

टीकमगढ़:- ढोंगा पानी की टंकी के पास हुई तेज रफ्तार कार और टाटा 1212ट्रक की टक्कर, टक्कर में बाल-बाल बचे कार सवार लोग, कार हुई पूरी तरह छतिग्रस्त, तेज रफ्तार में ढोंगा तरफ जा रहा था ट्रक ओर सामने से आ रही थी तेज रफ्तार बलेनो कार, कार सवार लोगो को आई मामूली चोटें, कोतवाली पुलिस मामले की जांच में जुटी ! घटना सुबह 10 बजे की है जब एक तेज रफ्तार टाटा ट्रक जिसका नम्बर यूपी 64 एटी 7725 है वह  तेज रफ्तार से ढोंगा तरफ जा रहा था, तभी सामने से एक तेज रफ्तार में बलेनो कार जिसका नम्बर एमपी 36 जेडएफ 4244 है वह भी तेज रफ्तार में राजमहल तरफ आ रही थी कि अचानक ढोंगा पानी की टंकी के पास तेज रफ्तार में होने से दोनों वाहन अनियंत्रित हुए ओर आपस मे टकरा गए, गनीमत रही कि कार सवार लोगो को गंभीर चोटें नही आई ! कार में सवार दो युवक रविन्द्र अहिरवार और उसका भाई अशोक अहिरवार निवासी ढोंगा कॉलोनी अस्पताल इलाज कराने जा रहे थे, जिन्हें मामूली चोटें आई है, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है ! वही पुलिस को मामले की जानकारी लगते ही मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई है !

अनुच्छेद 370 पर आमने-सामने कांग्रेस और भाजपा

 

भारतीय राजनीति में जड़ता टूटने का नाम ही नहीं ले रही ।  सभी प्रमुख दलों  का सुर एक जैसा है ,यानि ' मेरा टेसू यहीं अड़ा' । बात महाराष्ट्र और झारखण्ड विधानसभा चुनावों की नहीं बल्कि उस जम्मू-कश्मीर विधानसभा की है जिसमें संविधान के अनुच्छेद 370  की वापसी के लिए रखे गए प्रस्ताव पर  मुंहवाद ही नहीं हुआ बल्कि लात-घूंसे  भी चले। जम्मू-काश्मीर से मीलों दूर महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम ने समवेत स्वर में कहा कि -मोदी के रहते इस प्रावधान की वापसी कभी नहीं होगी। हालाँकि  महाराष्ट्र  और  झारखण्ड  के विधानसभा चुनावों का अनुच्छेद 370  से कोई लेना-देना नहीं है

अनुच्छेद 370  को हटाने कि पैरवी करते हुए प्रधानमंत्री  जी और उनका ' कटक '[ फ़ौज ] एक ही तर्क दे रहा है कि जम्मू-काश्मीर में बाबा साहब अम्बेडकर का संविधान लागू है और वो ही रहेगा।  अब सवाल ये है कि क्या संविधान का अनुच्छेद 370  का प्रावधान  अमेरिका के संविधान से लिया गया था ?  ये  प्रवधान सौ फीसदी उसी संविधान का हिस्सा था जो बाबा साहब अम्बेडकर कि अगुवाई में रचा गया था।  हमारा संविधान लचीला है ,उसे देश-काल के हिसाब से बदला जाता रहा है।  कांग्रेस के समय भी और भाजपा के समय भी ,इसलिए कोई ये दम्भ और दावा कैसे कर सकता है कि जम्मू-काश्मीर को दोबारा अनुच्छेद 370  का संरक्षण नहीं मिल पायेगा।

आज का जम्मू -काश्मीर ,कल के जम्मू काश्मीर से एकदम अलग है ।  आज के कश्मीर के पास राज्य का वैभव नहीं है । ये वैभव उसे आजादी के बाद बाबा साहब के संविधान से ही हासिल हुआ था। आज  वो खंड-खंड हो चुका है ।  केंद्र के अधीन क्षेत्र भर है आज का जम्मू-काश्मीर। उसे उसका राज्य का दर्जा भी वापस  चाहिए और संविधान के अनुच्छेद 370  का संरक्षण भी।  अब ये कब और कैसे होगा ? होगा भी या नहीं होगा ? ये कहना कठिन है। भाजपा ने जम्मू-काश्मीर विधानसभा में और देश के दूसरे हिस्सों में जिस तरह से अनुच्छेद 370  को लेकर प्रतिक्रिया दी है उसे देखकर ये तो तय है कि जम्मू-काश्मीर की जनता के साथ केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा कि सरकार ने वादा खिलाफी की है।  जम्मू-काश्मीर के लोगों को इस सरकार के रहते न राज्य का वैभव वापस मिलेगा और न अनुच्छेद 370  का छाता।

संविधान के अनुच्छेद 370  को लेकर माननीय   प्रधानमंत्री मोदी जी और  उनके हनुमान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बोलें तो समझ में भी आता है, लेकिन जब बाबा योगी आदित्यनाथ बोलते हैं तो हंसी आती है।  वे आजकल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा का नया ' माउथपीस ' बने हुए है।  वे ' बटोगे तो कटोगे ' का नारा देने के बाद अब कहते फिर रहे हैं कि देश में अब कांग्रेस का हाल भी संविधान के अनुच्छेद 370  जैसा होगा,यानि कांग्रेस भविष्य में कभी केंद्र कि सत्ता में नहीं लौटेगी।  योगी बाबा के नारे को लेकर भाजपा गठबंधन में फूटे विरोध के स्वर देखते ही प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस नारे को नया मुखौटा लगाने की चतुराई दिखाई है ।  उनका नया नारा है कि -' एक रहोगे तो सेफ रहोगे ' ये हिंदी और अंग्रेजी का खिचड़ी नारा है ।  इस नारे से न मराठी मानुष प्रभावित होने वाला है और न झारखण्ड का आदिवासी समाज।

एक सामान्य पत्रकार होने के नाते मै माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी कि ' वाडी लेंग्वेज ' देखकर ये बात दावे के साथ कह  सकता हूँ कि दस साल केंद्र की सत्ता में रहने के बाद भी माननीय मोदी जी के स्वभाव में कोई तब्दीली नहीं आयी है ।  वे नारा अवश्य ' सबका साथ ,सबका विकास'  का लगा रहे हैं लेकिन हकीकत ये है कि वे इस देश के अल्पसंख्यकों को न  ' एक ' रहने देंगे और न  ' सेफ '।  उन्हें बहुसंख्यक हिन्दुओं को ' एक ' रखने और ' सेफ ' रखने की सनक  सवार  है। ये सनक भी है और इसे ुका  दृढ संकल्प भी कहा जा सकता है।  आरएसएस का एजेंडा भी कहा जा सकता है।  इसे आप जो चाहे सो कह सकते हैं। सम्भवत:वे  राजनीति में अवतरित ही इसी के लिए हुए हैं

मुझे अनुच्छेद 370  वापस लाने में कोई दिलचस्पी नहीं है । मेरी चिंता जम्मू-काश्मीर कि जनता के साथ हो रहे दुराव को लेकर है ।  इस समय देश में लोकतंत्र के जितने भी स्तम्भ हैं उनमें से अधिकांश माननीय मोदी जी के सुर में सुर मिला रहे हैं या उनके प्रत्यक्ष और परोक्ष इशारों पर नर्तन कर रहे हैं। किसी एक विश्व विद्यालय के अलप संख्यक या बहुसंख्यक दर्जे का सवाल नहीं है, सवाल ये है कि आने वाले दिनों में क्या अल्पसंख्यकों को इतना दबाया जाएगा कि वे या तो बहुसंख्यक समाज के दास बन जाएँ या फिर देश छोड़कर भाग जाएँ,लेकिन ये दोनों ही सपने पूरे होने वाले नहीं है ।

अगर आप कान लगाकर सुनें तो आपको मोदी जी के सुर में वही तारत्व सुनाई देगा जो इजराइल के प्रधान नेतन  याहू के या रूस के राष्ट्रपति पुतिन  के या अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सुरों में शामिल है।  एक अलग तरह का राष्ट्रवाद दुनिया के तमाम देशों में ठाठें मार रहा है। ऐसा दुनिया में पहले भी हुआ है ,आज भी हो रहा है  और शायद कल भी होगा ,लेकिन इस राष्ट्रवाद की  उम्र बहुत छोटी होती है। दुनिया में वही राष्ट्रवाद कामयाब है जहां सचमुच सभी  जातियों ,धर्मों और वर्णों के लोग मिलजुल कर रहते हैं।  भारत जिस बीमारी से 1947  में बचकर निकल गया था आज वही  बीमारी तेजी से फ़ैल रही है। बांटने और काटने की बात आजादी के पहले सुनाई दी  थी और आज आजादी के 77  साल बाद एक बार फिर से सुनाई दे रही है।

इस देश कि किस्मत में क्या लिखा है ये कहना बहुत कठिन है ।  उस देश ने बहुत से बुरे दिन देखे है।  1947  से पहले भी और 2014  के बाद भी। जबकि 2014  में नारा ' अच्छे दिन आएंगे '  का दिया गया था। नारा केवल नारा ही साबित हुआ। नारा अमल में नहीं आ पाया।  इसके लिए देश कि जनता जिम्मेदार है या नेता ये कोई अदालत तय नहीं कर सकती ।  हमारे पास तो अदालतें आजकल आधे-अधूरे फैसले देने के लिए लोकप्रिय है, फैसले टालने के लिए चर्चित है।  नेताओं के साथ आरतियां उतरने के लिए सुर्ख़ियों में है। अब जो होगा सो 23  नबंवर के बाद देखा  जाएगा ,जब विधानसभा चुनावों /उप चुनावों के परिणाम सामने आएंगे ।  देखा जाएगा 25  नबम्वर को जब देश के संसद एक बार फिर बैठेगी।

अनुच्छेद 370 को लेकर दोबारा से शुरू हुई यलगार थमने वाली नहीं है।  थम भी नहीं सकती,क्योंकि दोनों ही पक्ष झुकने को राजी नहीं है। याद रहे की अनुच्छेद 370  व्यवहार में तो हटाया जा चुका है किन्तु जम्मू-कश्मीर की जनता के दिलों से इसे हटाना आसान काम नहीं है।  यदि होता तो विधानसभा चुनाव के बाद्घाटी में नेशनल कांफ्रेंस या इंडया गठबंधन की नहीं भाजपा गठबंधन एनडीए की सरकार होती। खंडित सूबे की जनता ने महाप्रभु मोदी का सपना खंडित कर एक और अपराध कर दिया है।

@राकेश अचल  

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