हषौल्लास के साथ मनाई गई श्री संत शिरोमणि नामदेव महाराज की जयंती

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़:-  स्थानीय ताल दरवाजा के पास स्थित श्री संत शिरोमणि नामदेव मंदिर में श्री संत शिरोमणि श्री नामदेव महाराज का 754 वां जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस संबंध में नामदेव समाज के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद नामदेव ने कहा कि आज यहां श्री संत शिरोमणि नामदेव जन्मोत्सव विट्ठल भगवान देवउठनी ग्यारस 754 वां जन्मोत्सव समारोह का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि सुबह 5 बजे सर्वप्रथम जन्मोत्सव कार्यक्रम संपन्न हुआ। तत्पश्चात सुबह 8 बजे से 10 बजे तक सत्यनारायण की कथा हुई। 10 बजे से 1 बजे तक सुंदरकांड पाठ किया गया। 12 बजे से 1 बजे तक जिला अस्पताल में स्थित आदर्श मानस प्रेरणा सेवा समिति में मरीजों के अटेंडरों को निशुल्क भोजन वितरण किया गया। तत्पश्चात दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक हवन कार्यक्रम तथा 3 बजे से सायं 6 बजे तक प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर श्री संत शिरोमणि नामदेव मंदिर नामदेव विकास परिषद टीकमगढ़ के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद नामदेव के अलावा सचिव जितेंद्र नामदेव रिंकू कोषाध्यक्ष जयप्रकाश नामदेव सलाहकार राजेंद्र कुमार चूड़ामणि के अलावा सीताराम नामदेव रामसेवक नामदेव चिप्पे कक्का जगप्रसाद नामदेव भगवती नामदेव नन्ना और राजेश नामदेव दिलीप नामदेव जगदीश नामदेव छोटेलाल नामदेव हरचरण नामदेव बानपुर सीताराम नामदेव कुंडेश्वर प्रवीण नामदेव राजेंद्र नामदेव अस्तौन पूरन नामदेव तथा महिला मंडल के द्वारा भी भजन प्रस्तुत किया गया। जिसमें श्रीमती यशोदा चूड़ामणि रानी नामदेव काजल नामदेव कुसुम नामदेव अर्चना नामदेव सुमन नामदेव शिवानी नामदेव अपराजिता चूड़ामणि मिथिलेश नामदेव विनीता नामदेव सुमन नामदेव प्रमिला नामदेव सहित अन्य महिलाएं शामिल हुई। मंदिर के पुजारी राजकुमार द्विवेदी रज्जू महाराज के अलावा बड़ी संख्या में नामदेव समाज के लोग सम्मिलित हुए। इस दौरान टीकमगढ़ विधायक यादवेंद्र सिंह ने भी कार्यक्रम में सम्मिलित होकर नामदेव जयंती की शुभकामनाएं दीं। समाज बंधुओ ने नामदेव समाज के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद नामदेव के पिछले कई वर्षों से किए जा रहे कार्यकाल की सराहना की। कार्यक्रम के अंत में राजेंद्र कुमार चूड़ामणि ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

करंट लगने से हुई वृद्धि की मौत,परिजनों ने मामला करवाया दर्ज, जांच में जुटी पुलिस

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़:- थाना बम्हौरीकलां के अंतर्गत आने वाली चौकी कनेरा में आज बुधवार दोपहर 12 बजे उपस्थित होकर फरियादी राजेश पिता घनश्याम अहिरवार उम्र 24 वर्ष ग्राम नरैनी ने रिपोर्ट लिखवाई जिसमें राजेश के द्वारा बताया गया कि उनके दादा सुखलाल अहिरवार रोज की तरह आज भी खेत पर खेतों में पानी डालने का काम कर रहे थे, लेकिन जब सुबह हुई तब राजेश के पिता घनश्याम अहिरवार अपने ककरवा हार स्थित खेत पर पहुंचे तो देखा की राजेश के दादा और घनश्याम के पिता सुखलाल अपने खेत पर चारपाई (खटिया) पर मृत पड़े हुए हैं घनश्याम ने जब उन्हें उठाने का प्रयास किया तो वह देखता है कि सुखलाल के हाथ व पीठ पर करंट लगने के निशान बने हुए हैं 

अधिक जानकारी देते हुए मृतक के नाती राजेश ने बताया कि मेरे दादा सुखलाल की मृत्यु सुबह 3:00 से 6:30 के बीच होने की आशंका है  

आपको बता दो सुखलाल अहिरवार किसानी (कृषि कार्य) करता था वह रोज की तरह आज भी वह अपने खेत पर कार्य कर रहा था , फिलहाल कनेरा चौकी पुलिस द्वारा 194 BNS के तहत मामला पंजीबद्ध कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

राजनीति में 'गद्दार ' गाली है या उपाधि ?

इन दिनों देश में विकास का रथ थमा हुआ है ,चौतरफा केवल और केवल राजनीति  हो रही है। लगता है कि ये देश राजनीति के बिना   प्रगति कर ही नहीं सकता। पक्ष -विपक्ष में मुद्दों की बात नहीं हो रही बल्कि दोषारोपण हो रहे है।  सब -मतदाताओं को भयभीत करने में लगे हैं। एक-दूसरे को हौवा बताने में लगे हैं।  इस बीएच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ' गद्दार ' शब्द पर आपत्ति की है ।  और आज का विमर्श यहीं से शुरू होता है कि  क्या राजनीति में ' गद्दार ' शब्द गाली  है या उपाधि ?

' गद्दार' एक अरबी शब्द है लेकिन हम हिन्दुस्तानियों की जुबान पर ऐसा चढ़ा है की हिंदी के द्रोही शब्द को भी खा गया। 'मुझे लगता है कि  देश में ' गद्दार ' शब्द का इस्तेमाल मुगलों के भारत में आने के बाद शुरू हुआ होगा ।  ' गद्दार ' संज्ञा है ,विशेषण है  या और कुछ ये तो ' शब्दों का सफरनामा लिखने वाले हमारे दोस्त बता सकते हैं या दूसरे विद्वान। मुझे तो केवल इतना लगता है कि '  गद्दार ' कलिकाल  में एक गाली है उन लोगों के लिए जिन्होंने लोगों के विश्वास को तोड़ा यानी विश्वासघात किया । तमाम सिद्धांतों,विचारों और नैतिकताओं का परित्याग कर अपनी सियासी बल्दियत बदली और वो भी बेशर्मी के साथ।
महाराष्ट्र के चुनावी  माहौल में गद्दार शब्द को चर्चित किया है सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ।  आप जानते हैं कि  एकनाथ शिंदे ने बाला साहब ठाकरे की शिवसेना को भाजपा के सहयोग से दो टुकड़ों में बाँट दिया,इसलिए उन्हें मूल शिवसेना के कार्यकर्ता गद्दार कहते हैं और मानते भी हैं। मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का काफिला चांदीवली विधानसभा क्षेत्र में जब कांग्रेस के नेता नसीम अहमद खान के दफ्तर से बाहर से निकला तो कुछ कार्यकर्ताओं ने गद्दार-गद्दार कहकर नारेबाजी है।  शिंदे को इस नारेबाजी से गुस्सा आया। वह काफिले को रोककर नीचे उतरे और सीधे कुछ ही दूरी पर स्थित कांग्रेस नेता के दफ्तर में पहुंच गए। एकनाथ शिंदे ने नसीम खान के दफ्तर में मौजूद पदाधिकारियों से कहा कि आप कार्यकर्ताओं को यही सिखाते हैं ?
' गद्दार ' शब्द को लेकर शिंदे का गुस्सा जायज है या नाजायज इसका फैसला महारष्ट्र की जनता हम और आप से ज्यादा बेहतर कर सकती है और शायद करेगी भी। लेकिन हमने ये शब्द अपने छात्र जीवन में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की कहानी पढ़ते हुए पहली बार सुना था। इतिहास कहता है कि  प्रथम स्वतांत्रता संग्राम के दौरान  अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का झंडा उठाने वाले झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ तत्कालीन ग्वालियर रियासत के शासकों ने ' गद्दारी ' की थी। रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों से लड़ते हुए जब झांसी से ग्वालियर पहुंचीं तो वहां के शासक सिंधिया अपनी राजधानी छोड़कर चले गए थे।
' गद्दारी ' की इस कथित लेकिन ऐतिहासिक घटना को सुभद्रा कुमारी चौहान ने आजादी के बाद एक कविता लिखकर जन-जन में चर्चित  कर दिया। उनकी कविता की कुछपंक्तियाँ एक तरह से कहावत में तब्दील हो गयी। कालांतर  में मैंने भी 'गद्दार ' शीर्षक  से एक उपन्यास लिख डाला। उपन्यास ' हॉटकेक ' की  तरह खूब बिका  भी। राजनीति में ताजा घटनाक्रम ने ' गद्दार ' शब्द को एक बार फिर से पुनर्जीवित कर दिय।  महाराष्ट्र से पहले मध्यप्रदेश में ग्वालियर के सिंधिया राजवंश के ही मौजूदा प्रतिनिधि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने कटक के साथ 2020  में कांग्रेस से विद्रोह कर अपने ऊपर गद्दार का तमगा खुद चस्पा कर लिया।ज्योतिरादित्य सिंधिया को शायद गद्दारी की प्रेरणा अपनी दादी श्रीमंत विजयाराजे सिंधिया से मिली ।  राजमाता ने 1967  में मप्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार कि साथ' गद्दारी ' की थी।हालाँकि सिंधिया परिवार आजतक अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार नहीं करत।   बाद में तो जहां भी दल-बदल हुआ ,पार्टियां टूटी या तोड़ी गयीं ' गद्दार ' शब्द गरिमा हासिल करता गया।
' गद्दार ' शब्द के पर्यायवाची के रूप में हिंदी में एक नहीं अनेक शब्द है।  गद्दारी को कोई बिभीषण कहता है तो कोई बाग़ी ।  कोई विश्वसघाती कहता है तो कोई ' दोगला '।उर्दू  वाले ' गद्दार ' को नमक हराम, ख़ियानत करने वाला मानते हैं। अंग्रेजी में ' गद्दार ' को  BACK STABBER  कहा जाता है।  यानि ' गद्दार ' शब्द के अनेक रूप हैं।  कहीं ये संज्ञा है तो कहीं सर्वनाम ।  कहीं क्रिया है तो कहीं क्रिया विशेषण। कलियुग कोई सियासत में गद्दारी एक स्थायी भाव हो गया है।  आप यदि थोड़ी से मेहनत करें तो देश के आधुनिक गद्दारों की एक लम्बी फेहरिस्त बना सकता है।  आप चाहें तो इस विषय पार शोध कर डाक्टर आफ फिलासफी की उपाधि भी हासिल कर सकते हैं।
मेरा स्वाध्याय बताता है कि  देश और दुनिया में हर कालखंड में गद्दार मौजूद रहे है।  उनके बिना सियासत में तब्दीली होती ही नहीं है ।  बात एकनाथ शिंदे साहब द्वारा गद्दारी पर किये गए उज्र से शुरू हुई थी इसीलिए मुझे लगा कि  महाराष्ट्र के शिंदे और ग्वालियर के शिंदे के डीएनए में कुछ न कुछ तो समानता है ।  ग्वालियर  में भी सिंधिया शाही की शिंदे शाही कहा जाता है।  महाराष्ट्र    में एकनाथ ने शिव सेना तोड़ी तो मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस तोड़ा ।  यही सद्कर्म चम्पाई सोरेन  ने झारखण्ड में झामुमो को तोड़कर किया।  समाजवादी पार्टी में तो इस लिहाज से गद्दारों की कोई कमी नहीं है। बिहारी राजनीति में जीतनराम माझिं नए-नए ' गद्दार ' हैं ।  कांग्रेस तोड़कर अपना अलग दल बनाने वाले शरद पंवार साहब हों या सुश्री ममता बनर्जी इसी बिरादरी के माने जा सकते हैं।
' गद्दारी ' एक स्वभाव है ,मानवीय  स्वभाव इसलिए इसे गाली  नहीं माना जाना चाहिए और यदि इसे गाली मान ही लिया गया है तो फिर इस गाली का सम्मान करना चाहिए।  एकनाथ शिंदे की तरह गद्दार शब्द पर आपत्ति नहीं लेना चाहिए। गनीमत ये है कि  अभी तक ' गद्दार ' शब्द को गाली मानने  या कहने का मुद्दा अभी तक देश के सर्वोच्च न्यायालय तक नहीं पहुंचा है। यदि खुदा न खास्ता देश की बड़ी अदालत को इस शब्द को परिभाषित करने के लिए कह दिया जाए तो मुमकिन है कि  बड़े-बड़े अभिभाषकों के साथ सीजेआई को भी पसीना आ जाए ! हमारे पुरखे कहते आये हैं कि  दुनिया में जब तक सत्ता संघर्ष चलता रहेगा तब तक ' गद्दार ' पैदा होते रहेंगे।  ' गद्दार ' अमरौती खाकर पैदा होते है।  राहु -केतु की तरह अमर हैं देश और दुनिया के'  गद्दार '।
हम सभी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्रीमंत एकनाथ शिंदे का शुक्रगुजार होना चाहिए कि  उनके   बहाने हमें ' गद्दार ' शब्द पर विमर्श का मौक़ा मिला ।  मौक़ा मिला की हम अपने आसपास मौजूद ' गद्दारों ' को पहचाने,उनसे सावधान रहें ,लोगों को सावधान करें। आपके पास इस विषय में कोई और जानकारी हो तो जाहिर कीजिये। स्वागत है। वैसे मुझे याद आता है की 1973  में विनोद खन्ना और योगिताबाली की एक फिल्म  ' गद्दार ' ही था ।  बाद में एक और ' गद्दार 'सुनील शेट्टी और सोनाली बेंद्रे ने भी बनाई थी ।  
@ राकेश अचल

13 नवंबर 2024, बुधवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:43 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:26 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वीरनिर्वाण संवत- 2551* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

दक्षिण  गोल 

*ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह  शुक्ल पक्ष *द्वादशी तिथि*  13:01 बजे तक फिर त्रयोदशी  तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र* रेवती नक्षत्र 27:10 बजे  तक फिर अश्वनी चलेगा।

    *योग* :- आज *वज्र है।  *करण*  :-आज   *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक है    गंडमूल है भद्रा नहीं है।

योग: -

*अग्निवास*: आज आकाश में  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*राहूकाल* :आज  12:05 बजे से 13:26 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:43 बजे से 12:26 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहार* :- तुलसी विवाह,प्रदोष व्रत कालिदास जयंती जैन भगवान अरह नाथ जी गर्भ 

*मुहूर्त* : सगाई, व्यापार, वाहन नाम कारण,अन्न प्रसन्न है अन्य  कोई नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र मीन, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-धनु, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

*🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 06:44 - 08:04 शुभ

अमृत 08:04 - 09:24 शुभ

काल 09:24 - 10:45 अशुभ

शुभ 10:45 - 12:05 शुभ

रोग 12:05 - 13:26 अशुभ

उद्वेग 13:26 - 14:46 अशुभ

चर 14:46 - 16:07 शुभ

लाभ 16:07 - 17:27 शुभ

*🌓चोघडिया, रात*

उद्वेग 17:27 - 19:07 अशुभ

शुभ 19:07 - 20:46 शुभ

अमृत 20:46 - 22:26 शुभ

चर 22:26 - 24:06*शुभ

*अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें _मो  9425187186 (अभी तक अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी अक्षरतः सत्य सिद्ध हुई)* *ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रिय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)* 

*हस्तरेखा,जन्म कुंडली,वास्तु विशेषज्ञ*

सामूहिक कन्या विवाह में एक साथ 11 जोड़ों ने थामा एक दूसरे का हाथ,बंधे विवाह बंधन में

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़। शहर के उत्सव भवन में नारी शक्ति टीकमगढ़ के अथक प्रयासों से सामूहिक कन्या विवाह का आयोजन किया गया जिसमें एक साथ अलग-अलग जगह से आए 11 बर वधू जोड़ों ने एक दूसरे का हाथ थाम कर विवाह बंधन की रस्में अदा की। बर बधू के 11 जोड़ों में एक विकलांग (ग्यासी प्रियंका) जोड़े ने अपने दांपत्य जीवन में प्रवेश किया। नारी शक्ति समिति की अध्यक्षता रुचि राजा परमार ने जानकारी देते हुए बताया नारी शक्ति टीकमगढ़ समिति का यह द्वितीय आयोजन है प्रथम वर्ष में नारी शक्ति टीकमगढ़ इकाई द्वारा पांच जोड़ों को विवाह बंधन में शामिल कर पूरी रीती रिवाज के साथ विदा किया था उसी क्रम को आगे बढ़ते हुए इस वर्ष भी ग्यारह जोड़ों को दांपत्य जीवन में जोड़ने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ समिति के सभी सदस्यों के साथ शहर के गणमान्य नागरिकों का भरपूर सहयोग रहा  जिस वजह से इस आयोजन को सफल बनाने में सफलता हासिल की है, सभी जोड़ों को पूरे हिंदू रीति रिवाज की रस्में कराई गई साथ ही गाजे बाजे के साथ बारात का भाव स्वागत किया गया बर बधू के जोड़ों के साथ आए घर आई और रिश्तेदारों का भी स्वागत किया गया साथ ही शुभ विवाह में बधू को गहने एवं विवाह संबंधी उपहार भेंट कर नवीन जोड़ों को विदा किया गया।

उमरा के लिए जा रहे लोग को फूल माला पहनाकर काबा शरीफ के लिए रवाना होगे

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़:- उमरा के लिए जायरीनों का जत्था शनिवार के दिन मक्का मदीना के लिए रवाना होगे। स्थानीय लोगों ने फूल माला पहनाकर स्वागत कर रवाना किया जाएगा। टीकमगढ़ और ललितपुर नगर से 29 जायरीन और आसपास से  जायरीन  22 कुल मिलाकर 51 जायरीन रवाना होगे हैं। यात्रियों को विदा करने के लिए भारी संख्या में लोग टीकमगढ़ स्टेशन पहुंचेंगे। स्टेशन पर जायरीनों का फूलमाला पहना कर स्वागत किया जाएगा।

लोगों ने काबा शरीफ में दुआ मांगने की दरख्वास्त को लोगों ने सफर ए उमरा पर जाने वालों के घर पहुंचकर माला पहनाकर उनका सम्मान किया जाएगा और अपने हक में दुआ मांगने की अपील की  जाएगी। 17 नवम्बर को मुंबई साउदी अरिबियन एयरलाइन से मक्का मदीना के लिए रवाना होंगे उन्होंने बताया कि हज वर्ष में केवल एक बार होता है जबकि उमरा साल

में कभी भी किया जा सकता है। इन दिनो भारी संख्या में लोग उमरा पर जा रहे हैं। यह काफिला हाजी फरीद खान अंबेडकर तिराहा टीकमगढ़ द्वारा ले जाया जा रहा है निजी दूर आपरेटर के माध्यम से 51 लोगों का जत्था उमरा के लिए रवाना हुआ। 16 नवम्बर  को सुबह 9 बजे नजरबाग दरगाह से  रवाना होगे  यात्रियों में फरीद खान , शहीद खान अफसरी बेगम ,समीर खान पत्रकार , आयशा खान , फरहा खान , याकूब अली, अंजुम फिरदौस, सितारा बेगम, शरीफ अहमद, रफिका बेगम, आनिसा खान, अर्शी मिर्जा, कलीम खान, रानी, रहबर, रेहान, सबरा, सायरा, मोहमद मूसा, आदि  जायरीन शामिल  हैं। जायरीनों से मिलकर स्टेशन पहुंचे लोगों ने काबा में आवाह से दुआ करने का आग्रह करेंगे। इस दौरान जायरीनों का फूलमाला पहनाकर विदा किया जाएगा।

नए सीजेआई के सामने पुरानी चुनौतियाँ

भारत के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना के सामने सभी चुनौतियाँ पुरानी  हैं।  देश के 51  वे मुख्यन्यायधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने पहले ही दिन एक मामले में पैरवी कर रहे वकील को झडपी देकर ये संकेत दे दिए हैं कि उनकी कार्यशैली निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ से कैसे और कितनी अलग होगी। नए सीजेआई की सबसे बड़ी चुनौती उनका अल्प कार्यकाल। है । सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना का बतौर मुख्य न्यायाधीश, कार्यकाल छह महीने का होगा. वह अगले साल 13 मई 2025 को रिटायर हो रहे हैं।

हमारे देश में एक कहावत है कि  - ' पूत के पांव पालने में दिखाई देने लगते हैं। सीजेआई खन्ना के बारे में ये कहावत कितनी लागू होती है ये जानने के लिए आपको उनके पहले दिन का काम काज देखना चाहिए। आपको पता है कि  जस्टिस खन्ना साहब की भी अपनी एक विरासत है जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ की तरह ।  चंद्रचूड़ साहब के पिता देश के सीजेआई रह चुके थे ,उनके नाम सबसे अधिक समय तक इस पद रहने का कीर्तिमान दर्ज है ,जबकि जस्टिस खन्ना के पितापिता देवराज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहे है।    जस्टिस संजीव खन्ना के  चाचा  देश के सीजेआई बनते-बनते रह गए थे,नए सीजेआई संजीव कहना साहब  जस्टिस एचआर खन्ना के भतीजे हैं. उनके चाचा ने एडीएम  जबलपुर के फैसले में असहमति जताई थी।ऐसी लोकमान्यता है कि  जसिटस एच आर  खन्ना के इस फैसले से नाराज सरकार ने उन्हें सीजेआई नहीं बनाया था और जस्टिस एचआर खन्ना ने  इस्तीफा दे दिया था।
नए सीजेआई जस्टिस  जस्टिस संजीव खन्ना को   201 9 में उच्चतम न्यायालय का  जज बनाया गया था। पहले ही दिन वो अपने चाचा की कोर्ट में बैठे और यहीं जस्टिस एचआर खन्ना की तस्वीर भी है। नए सीजेआई जस्टिस खन्ना शांत, गंभीर और सरल स्वभाव के हैं।  पब्लिसिटी से दूर रहते हैं ,लेकिन समस्या ये है की क्या मीडिया उन्हें पब्लिसिटी से दूर रहने देगी ।  मीडिया ने पहले ही दिन नए सीजेआई ने एक मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अभिभाषक मैथ्यूज नेदुमपरा को झिड़क दिया और कहा की वे यहां उनका लेक्चर सुनने नहीं आये है।  वकील साहब की गलती सिर्फ इतनी थी की उन्होंने नए सीजेआई से ये कह दिया की -उच्चतम न्यायालय में केवल अडानी अम्बानी की सुनवाई हो रही है गरीबों की नहीं।वैसे भी इस समय देश कि उच्चतम न्यायालय में भाषण देने वाले वकीलों की संख्या पहले की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है। ये वे  वकील हैं जो सुर्ख़ियों में रहने के आदी हैं  
बहरहाल नए सीजेआई को हकीकत का सामना तो करना ही पडेगा ,क्योंकि अतीत में उच्चतम न्यायालय में जिस तरह से क्रन्तिकारी काम हुआ है या आधे-अधूरे फैसले आये हैं ,उनसे आगे निकलने की जरूरत नए सीजेआई को पड़ेगी ।  सब जानते हैं  कि उच्चतम न्यायालय में 70  हजार से ज्यादा मामले लंबित है।  हालाँकि इस दौरान पुराने सीजेआई जस्टिस डी वाय, चंद्रचूड़ साहब ने उच्चतम न्यायालय को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में काफी काम किया।  पुराने सीजेआई जस्टिस चन्द्रचूड़ साहब अपने फैसलों से ज्यादा सुधारों के लिए याद किये जायेंगे। उन्होंने न्याय की प्रतीक प्रतिमा की आँखों से काली पट्टी हटवाई ।  हाथ से तलवार हटवाकर संविधान की प्रति दिलवाई। नए सीजेआई अपने छह माह के कार्यकाल  में कोई नया इतिहास लिख पाएंगे ये कहना और ऐसी धारणा बनाना भी ठीक नहीं।  उन्हें मौजूदा सरकार से टकराव की मुद्रा भी अख्तियार नहीं करना है ,हालाँकि आम धरना है की वे ऐसा कर सकते हैं।
आपको बता दूँ कि  जस्टिस खन्ना 14 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट में जज रहे. 2005 में एडिशनल जज और 2006 में स्थायी जज बने ।  जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 को वो भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में पदोन्नत  किए गए।  उन्होंने सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष पद का कार्यभार 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक संभाला।  इस समय वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं।
ये तो उनका परिचय था । अब उनके द्वारा अतीत में दिए गए कुछ फैसलों पर भी नजर डाल लीजिये ताकि आप अनुमान लगा सकें की नए सीजेआई जस्टिस खन्ना भविष्य में किस तरह की मुद्रा अख्तियार कर सकते हैं। जस्टिस संजीव खन्ना  बहुचर्चित बिलकिस बानो केस में फैसला देने वाली बेंच में शामिल थे।  उन्होंने केंद्र सरकार की आँखों की किरकिरी बने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत भी दी थी।  उन्होंने केजरीवाल को एक बार अंतरिम बेल थी और बाद भी उन्हें नियमित बेल दी थी। खन्ना साहब वीपीएटी T का सौ फीसदी सत्यापन करने , इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम, आर्टिकल 370 हटाने को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई करने वाली बेंच में जस्टिस संजीव शामिल रहे हैं। .
जस्टिस खन्ना के कम कार्यकाल का उनके भावी कार्यकाल पर कितना असर होगा कहना कठिन है ।  वे चाहें तो इसे इतिहास भी बना सकते हैं और न चाहें तो खामोशी के साथ सेवानिवृत  भी हो सकते है।  वे सौभाग्यशाली हैं कि  उन्हें कम से कम छह माह तो मिल रहे हैं अन्यथा इस देश में ऐसे सीजेआई भी बने हैं जो मात्र   17  दिन ही इस पद पर रह पाए ।  देश के 22  वे सीजेआई जस्टिस कमल नारायण सिंह के नाम सबसे कम दिन सीजेआई रहने का रिकार्ड दर्ज है। देश को उम्मीद है कि  नए सीजेआई अपने पूर्व के सीजेआई से बड़ी और नयी लकीर खींचेंगे। वे किसी को अपने घर आरती उतारने के लिए नहीं बुलाएँगे ।किसी अड्डे पर जाकर अपने फैसलों कि बारे में सफाई नहीं देंगे।   वे उच्चतम न्यायालय को इस छवि से भी बाहर निकलने की कोशिश करेंगे  कि  यहां केवल अडानी और अम्बानी जैसे लोगों के मामलों को ही प्राथमिकता के आधार पर सुना जाता।  उन्हें अपने संक्षिप्त कार्यकाल में  उच्चतम न्यायालय को गरीबों की सुनवाई का मंच बनाने का भी अवसर है हम सब नए सीजेआई के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं देते हैं।
@ राकेश अचल 

देवउठनी एकादशी से फिर शुरू हो जाएंगे विवाह

 केवल एक ही शुद्ध विवाह मुहूर्त

धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है यह भगवान विष्णु को समर्पित है कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में देवठान एकादशी व्रत रखा जाता है कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही देव उठानी एकादशी कहते हैं इसे प्रबोधिनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी नाम से ही जाना जाता है।

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य हुकुमचंद जैन ने बताया कि इस बार देवउठनी एकादशी 12 नवंबर मंगलवार को है मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से 4 महीने बाद जागते हैं और सृष्टि का फिर से संचालन करते हैं। आषाढ शुक्ल एकादशी बुधवार  17 जुलाई के दिन  भगवान विष्णु योग निद्रा में चले गए थे और अब कार्तिक शुक्ल एकादशी 12 नवंबर मंगलवार के दिन जागरण होगा। जाइसलिए इस दिन से ही चातुर्मास काल  भी समाप्त होगा और विवाह गृह प्रवेश आदि शुभ मंगल कार्यों की शुरुआत हो जाएगी । 

 देव उठानी एकादशी का शुभ मुहूर्त:-  

 एकादशी तिथि 11 नवंबर को शाम 06:40 बजे से आरंभ होगी और एकादशी तिथि का समापन 12 नवंबर को शाम 04:04 पर होगा।

 देव उठानी एकादशी पर बना रहे हैं कुछ शुभ योग:- जैन ने कहा  देव उठानी एकादशी मंगलवार को  इस वर्ष रवि योग , सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ संयोग भी बना रहे हैं पंचांग में इन योगों को अत्यंत शुभ और लाभदायक माना गया है ।

रवि योग सुबह 06:40 से 07:52 तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07:52 से दूसरे दिन 05:50 तक रहेगा।

 पूजन के शुभ मुहूर्त प्राप्त है 05:21 से 06:41 तक 

अभिजीत दोपहर 11:43 बजे से 12:36 बजे तक विजय मुहूर्त दोपहर 01:00 बजे  से 02:35 बजे तक 

गोधूलि बेला  शाम 05:28 से 05:54 तक संध्या 05:58 बजे  से 06:45 बजे तक रहेंगे। एकादशी पारण का दिन 13 नवंबर बुधवार को  सुबह पारण का समय 06:42 से 08:51 बजे तक रहेगा।

*विवाह मुहूर्त*:-

जैन ने कहा कि इस बार 15 जनवरी 2025 तक देव उठानी एकादशी के अबूझ मुहूर्त को छोड़कर एक या दो ही शुद्ध विवाह मुहूर्त है अन्य विवाह मुहूर्त  दोष सहित अशुद्ध मुहूर्त है।

शुद्ध विवाह मुहूर्त :- नवंबर में केवल 22 नवंबर 

दिसंबर में  केवल 02 दिसंबर ही है। फिर सीधे जनवरी 25 में है।

जनवरी 25 में- 16,17,18,21,22

फरवरी में - 071,13,14,18,20,21,25

मार्च 25 में - 05,06

अप्रैल 25-14,16,18,19,20,25,29,30, 

मई  25-  05,06,07,08,17,28

जून 25 - 01,02,04,07,08

 फिर सीधे नवंबर 2025 में 22,23,25,30

दिसंबर 25 में 04,11,12, है।

अशुद्ध विवाह मुहूर्त :-

नवंबर 2024 में 16,17,25,26,27,28 है। दिसंबर 2024 में 04,08,09,10,13,14 है।

12 नवंबर 2024, मंगलवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:42 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:27 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वीरनिर्वाण संवत- 2551* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

दक्षिण  गोल 

*ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह  शुक्ल पक्ष *एकादशी तिथि*  16:04 बजे तक फिर द्वादशी  तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र* पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र 07:51 बजे  तक फिर उत्तराभाद्रपद चलेगा।

    *योग* :- आज *हर्षण है।  *करण*  :-आज   *विष्टि* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक है  ,भद्रा 16:04 तक  है गंडमूल 05:40 से चल रहे है।

योग: - सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग है।

*अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*राहूकाल* :आज  14:46 बजे से 16:07 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:43 बजे से 12:26 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहार* :- देव उठानी एकादशी/ चातुर्मास व्रत नियम पूर्ण

*मुहूर्त* :-  कोई नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र मीन, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-धनु, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

रोग 06:43 - 08:03 अशुभ

उद्वेग 08:03 - 09:24 अशुभ

चर 09:24 - 10:45 शुभ

लाभ 10:45 - 12:05 शुभ

अमृत 12:05 - 13:26 शुभ

काल 13:26 - 14:46 अशुभ

शुभ 14:46 - 16:07 शुभ

रोग 16:07 - 17:27 अशुभ

*🌓चोघडिया, रात*

काल 17:27 - 19:07 अशुभ

लाभ 19:07 - 20:46 शुभ

उद्वेग 20:46 - 22:26 अशुभ

शुभ 22:26 - 24:06*शुभ

*अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें _मो  9425187186 (अभी तक अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी अक्षरतः सत्य सिद्ध हुई)* *ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रिय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)* 

*हस्तरेखा,जन्म कुंडली,वास्तु विशेषज्ञ*

थाना चंदेरा पुलिस द्वारा छेड्छाङ करने बाले आरोपी को 24 घण्टे के अन्दर किया गिरफ्तार

 प्रमोद अहिरवार जिला ब्यूरो टीकमगढ़ मप्र 

टीकमगढ़:- पुलिस अधीक्षक  मनोहर सिंह मंडलोई के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  सीताराम ,  एसडीओपी जतारा  अभिषेक गौतम के मार्गदर्शन में थाना चंदेरा मे पंजीवद्ध अपराध 212/24 धारा 333,74,351(3) वीएनएस के आरोपी की तलाश हेतु थाना प्रभारी चंदेरा के नेतृत्व में पुलिस टीम बनाकर दविस दी गई  जिसमें  पुलिस टीम द्वारा छेङछाङ करने वाले आरोपी नाथूराम पिता फूलचन्द्र कुशवाहा उम्र 30 साल निवासी दरियापुरा को  गिरफ्तार कर माननीय न्यायलय पेश किया गया।

उक्त कार्यवाही में उनि. नीतू खटीक थाना प्रभारी चंदेरा, उनि. दयाराम चक्रवर्ती, सउनि करन सिह , रामचन्द्र नायक, योगेन्द्र, वेदप्रकाश शर्मा, अरूण, कपिल, वृजेश, मोहित, गणेश, अंकिता की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

बम्होरी कला पुलिस ने स्थाई वारंटी आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया

 प्रमोद अहिरवार जिला ब्यूरो टीकमगढ़ मप्र 


टीकमगढ़ / पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई एवं जतारा एसडीओपी अभिषेक गौतम के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के तहत बम्होरी कला पुलिस ने धारा 13 के अंतर्गत स्थाई वारंटी आरोपी घनश्याम कुशवाहा पिता करंजू कुशवाहा को आज ग्राम पहाड़ी बुजुर्ग से  गिरफ्तार किया गया है जिसको बम्होरी कला पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जतारा न्यायालय में पेश किया गया है बम्होरी कला पुलिस के द्वारा लगातार कार्यवाही की जा रही हैं जिससे संपूर्ण थाना क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है इस कार्यवाही में थाना प्रभारी रश्मि जैन, मनोज मिश्रा, संगम नायक, केके पटेल, शैलेंद्र सिंह परिहार, राम प्रकाश अहिरवार,सीताराम कुशवाहा, केदारी लाल अहिरवार, की महत्वपूर्ण भूमिका रही है l 

Featured Post

विपक्षी दलों में खलबली के खतरनाक संकेत

  भारत में लोकतंत्र खतरे में हो या न हो लेकिन तमाम विपक्षीदल जरूर खतरे में नजर आ रहे हैं।  अनेक क्षेत्रीय दल अब सत्तारूढ़ भाजपा से मोर्चा लेन...