समूह संचालकों की मनमानी,नहीं परोस रहे मेन्यु अनुसार भोजन, बच्चों से लगवा रही झाड़ू

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो  प्रमोद अहिरवार 

 शिक्षकों की उदासीनता से बच्चों की एमडीएम में नहीं रुचि
 पत्तलों में दिया एमडीएम, समूह वाले नहीं धोना चाहते थालियां

टीकमगढ़:- पलेरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम खजरी में एक शाला एक परिसर पूर्व माध्यमिक  विद्यालय में पदस्थ शिक्षकों के स्वार्थसिद्धि के चलते समूह संचालक मनमर्जी कर बच्चों के हक का एमडीएम डकार रहे हैं।

लगातार आलू की सब्जी बनाई जाती है। वही स्कूल में बच्चों से लगवाते हैं झाड़ू जब हमारी टीम ने बच्चों से जानना चाहा कि आपको खाना थालियों में क्यों नहीं दिया जाता तो पता चला की समूह संचालक छुआछूत मानते हैं और कहते हैं कि हम तुम्हारी जूठी थालियां नहीं धोएंगे जिसके चलते बच्चों को पत्तलों में खाना दिया जा रहा है।

दरअसल समूह संचालक रसूखदार और नेताओं से संबंध रखने वाले होने के कारण इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। माध्यमिक शाला के मध्यान भोजन तो लगभग चार बच्चों ने ही किया जबकि दर्ज बच्चों की संख्या 171 है। अभिभावकों ने कई बार शिकायतें की हैं पर सीएसी जांच के नाम पर गुलछर्रे उड़ा रहे हैं। जब हमारी टीम ने थाली ना धोने का कारण पूछा तो हैंडपंप खराब होने का बहाना बना दिया गया। वहीं प्राथमिक शाला में एमडीएम दे रहे समूह ने थालियां स्वयं धोई।अब देखना यह है की जिला प्रशासन इन समूह संचालकों पर क्या कार्यवाही करता है या फिर वरदान देकर छोड़ दिया जाता है।

इनका कहना है -

मैं इसकी जांच करवा लेता हूं यदि ऐसा है तो मैं निश्चित समूह हटाने की कार्रवाई करूंगा।

*ओ.पी.दांगी*

एमडीएम प्रभारी जिला टीकमगढ़

कभी टोले से डरती है ,कभी झोले से डरती है

 

आजकल जैसे संसद में मुद्दों पर काम नहीं हो रहा उसी तरह मुझे भी लिखने के लिए ऐसे मुद्दे मिल रहे हैं जिनके बारे में लिखने  में मुझे तकलीफ होती है। आज मै फिर उस गैर जरूरी मुद्दे पर लिख रहा हूँ उसके बारे में लोकसभा का कीमती वक्त तो अभी बर्बाद नहीं हुआ लेकिन भाजपा का कीमती वक्त जरूर बर्बाद हो गया। ।  मुद्दा था कांग्रेस संसद प्रियंका वाड्रा का झोला। जी हाँ  झोला। हमारी प्रिय भाजपा  के पास किसानों के मुद्दों पर बहस के लिए वक्त नहीं है लेकिन प्रियंका के झोले को लेकर पूरी  सरकारी पार्टी बहस में उलझ गयी।

किस्सा यूं है कि प्रियंका वाड्रा लोकसभा में जो झोला लटका कर गयीं उसके ऊपर फिलिस्तीन अंकित था और फिलस्तीन का खरबूजा वाला ध्वज भी ।  बस यही भाजपा को खटक गया। इस कदम की भाजपा ने आलोचना की और उनके इस कदम को "तुष्टिकरण" करार दिया. बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, "गांधी परिवार तुष्टिकरण का झोला ढो रहा है." उन्होंने कहा, इसी तुष्टिकरण की वजह से उन्हें (कांग्रेस) चुनावों में हार मिली है। "

भाजपा द्वारा की गयी झोले की आलोचना के बाद प्रियंका भी कहाँ चुप रहने वाली थीं। उन्होंने पलटवार करते हुए  कहा कि यह आलोचना "पितृसत्ता" है, जहां उन्हें "बताया जा रहा है कि क्या पहनना है और क्या नहीं पहनना है." उन्होंने कहा, "मैं पितृसत्ता का समर्थन नहीं करती. मैं वही पहनूंगी जो मैं चाहती हूं। '

आपको याद होगा की इससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री  भाई किरेन रिजिजू प्रियंका  के भाई राहुल गांधी की टीशर्ट पर आपत्ति कर चुके है।  वे कह चुके हैं कि   राहुल टीशर्ट पहनकर संसद का अनादर करते हैं। दरअसल भाजपा राहुल गांधी से तो पहले से डरी हुई थी और अब प्रियंका के लोकसभा में आने के बाद भाजपा का डर दोगुना हो गया है।  तभी तो कभी भाजपा को राहुल  के टीशर्ट के बाहर झांकते ' टोले ' परेशान  करते हैं तो कभी प्रियंका के कंधे पर लटका झोला।

संविद पात्रा के बाद  भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने प्रियंका को "राहुल गांधी से भी बड़ी आपदा" कहा है।  उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "इस संसद सत्र के अंत में, कांग्रेस में सभी के लिए दो मिनट का मौन रखें, जो मानते थे कि प्रियंका वाड्रा लंबे समय से प्रतीक्षित समाधान थीं, उन्हें पहले ही इसे अपना लेना चाहिए था।  वह राहुल गांधी से भी बड़ी आपदा हैं, जो सोचते हैं कि संसद में फिलिस्तीन के समर्थन में बैग लेकर चलना पितृसत्ता से लड़ना है।  यह सही है. मुसलमानों को सांप्रदायिक सद्गुणों का पैगाम देना अब पितृसत्ता के खिलाफ रुख के रूप में सामने आ रहा है! कोई गलती न करें, कांग्रेस नई मुस्लिम लीग है।

आपको याद हो या न हो किन्तु मै बता दूँ कि  पिछले सप्ताह नई दिल्ली स्थित फ़लस्तीनी दूतावास के चार्ज़ डिअफ़ेयर्स ने प्रियंका गांधी से मुलाक़ात कर उन्हें वायनाड से सांसद निर्वाचित होने पर बधाई भी दी थी. पूर्व में कांग्रेस नेता ग़ज़ा में इसराइली बमबारी की निंदा भी कर चुकी है। भाजपा के ही सांसद अनुराग ठाकुर जो पहले कभी केंद्र में मंत्री होते थे वे भी प्रियंका के फिलिस्तीनी झोले से आतंकित   हैं ।  उन्होंने कहा की प्रियंका केवल फैशन स्टेटमेंट  बनाने में लगी रहती हैं। उन्होंने बांग्लादेश में हिन्दुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में तो कुछ नहीं बोला।भाजपा के तमाम छोटे-बड़े नेता प्रियंका के झोले को लेकर प्रियंका को कोस रहे हैं।

दरअसल प्रियंका के झोले ने भारत सरकार को फिलस्तीन के मामले में कटघरे में ला खड़ा किया है।  भारत सरकार अभी तक ये तय नहीं कर पायी है कि  वो भारत के पुराने मित्र फिलिस्तीन के साथ है या इजराइल के साथ ? फिलस्तीन के मामले में नेहरू और इंदिरा गाँधी के युग में जो नीति थी उसे अटल जी के युग में भी दोहराया गया ,लेकिन मोदी युग में फिलिस्तीन को लेकर भारत की नीति अचानक बदल गय।  भारत अब फिलिस्तीनियों के संघर्ष और उनके मानवीय अधिकारों  का दमन करने वाले इजराइल के साथ खड़ा है। भारत ने इजराइल के फेर में फिलिस्तीन को एकदम भुला दिया है क्योंकि फिलिस्तीन में इजराइली बर्बरता का शिकार हो रहे लोग मुसलमान हैं।

मुमकिन है कि  कांग्रेस की संसद प्रियंका वाड्रा ने एक झोले के जरिये फिलिस्तीन मुद्दे को जिस ढंग से उठाया है उसके बारे में आज नहीं तो कल संसद में भी बहस हो।  संसद में बहस हो या न हो लेकिन संसद के बाहर तो ये बहस शुरू हो गयी है।  बहस इस बात पर भी हो रही है की क्या अब विपक्षी सांसदों को भाजपा यानि भाजपा सरकार से पूछना होगा की वे कौन से कपड़े पाहणकर संसद में आएं और कौन से कपड़े न पहने ? कौन सा झोला लटकाएं और कौन सा नहीं ?

 आपको याद होगा कि  भाजपा पहले भी लोगों के खान-पान और पहनावे को लेकर सवाल खड़े करती रही है ।  कभी उसके निशाने पर हिजाब रहता है तो कभी हलाल और गैर हलाल किया हुआ भोजन। असम में भाजपा की डबल इंजिन की सरकार होटलों में गौमांस बेचने पर प्रतिबन्ध लगा चुकी है लेकिन देश से गौमांस बाहर भेजने पार कोई प्रतिबन्ध नहीं है।  उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार को हलाल के मुद्दे पर तकलीफ रही है ।  कर्नाटक में भाजपा और उसके सहयोगी हिजाब पार तेजाबी रुख अख्तियार कार चुके हैं। लेकिन किसानों,मजदूरों के मुद्दे पर भाजपा का कोई प्रवक्ता,कोई नेता या संसद अपना मुंह नहीं खोलता।

राहुल की टीशर्ट और प्रियंका के झोले से बौखलाई भाजपा का डर  लोकसभा में इस जोड़ी की वजह से दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है।  भाजपा ने राहुल गांधी को पप्पू साबित करने में अपनी तमाम ताकत झौंक दी थी लेकिन आम चुनाव में राहुल की अगुवाई में विपक्षी गठबंधन ने जो शानदार कामयाबी  हासिल की थी  उसे कोई भूला नहीं है। अब प्रियंका के लोकसभा में आने के बाद भाजपा को  भय है कि  कहीं  प्रियंका भाजपा को बेनकाब करने में राहुल से भी आगे न निकल जाएँ, इसलिए अब भाजपा प्रियंका के पहनावे के साथ ही उनके झोले पर भी निगाह रखने लगी है।

हाल के दिनों में आपने देखा होगा कि  पहले राहुल गाँधी ने भाजपा की सरकार को संविधान के मुद्दे पर अपने पाले में खींचा और अब फिलिस्तीन के मुद्दे पर प्रियंका वाड्रा ने महज एक झोला लटकाकर भाजपा और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।  संविधान के मुद्दे पर तो प्रधानमंत्री जी लोकसभा में एक भाषण देकर फारिग हो गए लेकिन फिलिस्तीन के मुद्दे पर अभी तक सरकार ने चुप्पी साध रखी है ,लेकिन आज नहीं तो कल भाजपा सरकार को इस मुद्दे पर बोलना ही पडेगा। हालाँकि हमारी सरकार मौनव्रती सरकार है।  वो डेढ़ साल से मणिपुर के मुद्दे पर मौन है ,किसानों के  मुद्दे पर मौन है।

@ राकेश अचल

17 दिसंबर 2024, मंगलवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:09 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:25 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्यदक्षिणायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *द्वितीया तिथि* 10:56 बजे तक है उसके बाद तृतीया तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज पुनर्वसु नक्षत्र*  24:53 बजे तक फिर पुष्य नक्षत्र  चलेगा।

    *योग* :- आज *ब्रह्म* है। 

 *करण*  :-आज *गर* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, गंडमूल नहीं भद्रा 22:25 से है ।

*🔥अग्निवास*: आज आकाश में  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  14:52 बजे से 16:09 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:53 बजे से 12:34 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*:  भगवान मल्ली नाथ जी ज्ञान

*मुहूर्त* :- नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-वृश्चिक, चन्द्र-मिथुन, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

रोग 07:02 - 08:22 अशुभ

उद्वेग 08:22 - 09:42 अशुभ

चर 09:42 - 11:03 शुभ

लाभ 11:03 - 12:23 शुभ

अमृत 12:23 - 13:43 शुभ

काल 13:43 - 15:04 अशुभ

शुभ 15:04 - 16:24 शुभ

रोग 16:24 - 17:44 अशुभ

*🌔चोघडिया, रात*

काल 17:44 - 19:24 अशुभ

लाभ 19:24 - 21:04 शुभ

उद्वेग 21:04 - 22:43 अशुभ

शुभ 22:43 - 24:23*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

 17 दिसंबर 2024, मंगलवार का पंचांग

किसानों की अस्मिता को ललकार रही है सरकार


हर मुद्दे पर टेसू की तरह अड़ने वाली केंद्र सरकार ने एक बार फिर किसानों की अस्मिता को ललकारा है ।  केंद्र सरकार पिछले 20  दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को बहुत हल्के में ले रही है।  किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 19 दिनों से अनशन पर हैं।  उनकी मांग है कि सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी दे ताकि किसानों की आत्महत्या न करना पड़े। आपको याद होगा की देश के किसान इससे पहले 2020  में केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए 3  किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ एक लम्बे आंदोलन से गुजर चुके हैं।

एक देश एक चुनाव जैसे मुद्दों पर देश को उलझाए रखने वाली केंद्र सरकार के पास पिछले 20  दिन से आंदोलनरत किसानों की मांगों पार ध्यान देने की फुरसत नहीं है । सरकार की वादा खिलाफी को लेकर दोबारा आंदोलन के रस्ते पर आये किसानों के नेता जगजीत सिंहडल्लेवाल ने कहा कि उन किसानों का जीवन जो सरकार “सरकार की गलत नीतियों” के कारण आत्महत्या कर रहे हैं, उनके जीवन से ज्यादा मूल्यवान है।  तीन साल पहले हुए किसान आंदोलन में लगभग 700  किसानों ने आत्मोत्सर्ग  किया था। तब का आंदोलन केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कानूनों को वापस लेने और प्रधानमंत्री  नरेंद्र दामोदर दस मोदी  द्वारा किसानों से माफ़ी मांगने के बाद समाप्त हुआ था।

आपको स्मरण करा दूँ कि   पिछले 25 सालों में 5 लाख से ज्यादा किसानों ने कृषि क्षेत्र में संकट के चलते आत्महत्या की है।  इसे रोकने का एकमात्र उपाय स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देना है।  ये मामला   सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान  में भी है ।  सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस बारे में कुछ निर्देश भी दिए थे लेकिन बात बनी नहीं।  जगजीत सिंह  सुप्रीम कोर्ट से  भी अपील कर रहे हैं  कि सरकार पर दबाव डालकर किसानों को आत्महत्या से बचाने का कदम उठाए। 70 वर्षीय जगजीत सिंह डल्लेवाल कैंसर के मरीज हैं।  वे 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर है।  उनकी  मुख्य मांग केंद्र सरकार की ओर से एमएसपी की कानूनी गारंटी देना है।  डॉक्टरों ने उनकी बिगड़ती स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की सिफारिश की है, लेकिन डल्लेवाल अपने संकल्प पर अडिग है।

पंजाब से लगी हरियाणा की सीमा पर शनिवार को दिल्ली की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।  इस दौरान कुछ किसानों के घायल हो जाने के कारण प्रदर्शनकारी किसानों ने अपना 'दिल्ली चलो' मार्च एक दिन के लिए स्थगित कर दिया।  खबर है   की इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन पर जानकारी ली और मंत्रियों के साथ चर्चा की।

किसानों का आंदोलन अभी खुद किसान कर रहे हैं,लेकिन जैसे-जैसे दिन गुजर रहे हैं वैसे -वैसे इस बात की आशंका भी बढ़ रही है कि इस आंदोलन में राजनीतिक दल भी कूद सकते हैं। हरियाणा की कांग्रेस विधायक और मशहूर ओलम्पियन  विनेश फोगाट तो खनेरी सीमा पर अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने पहुँच ही गयीं। विनेश ने कहा की आज देश में इमरजेंसी जैसा माहौल है ।  सरकार न किसानों कीबात सुन रही है और न मजदूरों की।

किसानों का दुर्भाग्य ये है कि पिछले 25 नवमबर से शुरू हुए संसद के शीत सत्र में भी किसान आंदोलन को लेकर कोई ख़ास खरखसा नहीं हुआ ।  संसद अडानी और संविधान के मुद्दे पर ही हंगामाग्रस्त  है। विपक्ष राज्य सभा के सभापति के खिलाफ तो अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए शायर है किन्तु किसानों के मुद्दों को लेकर उसके पास कोई रणनीति नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान पर हुई बहस के दौरान भी किसान आंदोलन को लेकर एक शब्द नहीं कहा। कृषि प्रधान देश में किसानों की बदहाली अभी तक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बन पायी है ।  सभी राष्ट्रीय दल दिल्ली विधानसभा चुनाव में उलझे हैं किन्तु किसान किसी को नजर नहीं आ रहे।आपको याद होगा कि इससे पहले मोदी कैबिनेट के तत्कालीन कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमार भी किसान आंदोलन को समाप्त करने में नाकाम साबित हुए थे और अब नए केंद्रीय कृषि मनत्री शिवराज सिंह चौहान  भी तोमर की गति को प्राप्त होते  दिखाई दे रहे हैं।

किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार के रवैये को देखकर कभी-कभी ऐसा लगता है की केंद्र जानबूझकर किसानों के साथ मणिपुर की जनता के साथ की जारही अनदेखी को दोहरा रही है। किसान देश के कारपोरेट घरानों के चंगुल में फसने से आंतकित और आशंकित हैं। आपको बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2021 को घोषणा  की थी  कि केंद्र तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करेगा। तब से लेकर अब तक केंद्र की सरकार रूस और यूक्रेन युद्ध सुलझाने के लिए भाग-दौड़ करचुकी है ।  आम चुनाव निबटा चुकी है ।  आम चुनाव के बाद चार राज्यों के विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है ,लेकिन किसानों को दिए आश्वासनों के अनुरूप नए किसान क़ानून नहीं बना पायी। लगता है ज्सिअए सरकार देश में अच्छे दिन लाना भूली है वैसे ही किसानों से किये गए वेड भी उसे याद नहीं है।

हकीकत ये है कि किसान केंद्र सरकार की प्राथमिकता  में हैं ही नही।  केंद्र को तो एक देश ,एक चुनाव , समान नागरिक संहिता ,वक्फ बोर्ड संशोधन की चिंता ह।  केंद्र को चिंता है की कैसे देश भर में अल्पसंख्यकों की मस्जिदों का सर्वे कराकर वहां खुदाई कर दबे मंदिर निकाले जाएँ। केंद्र को चिंता है की प्रयाग में महाकुंभ भव्य-दिव्य कैसे हो ? केंद्र को अडानी की चिंता है ,बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री  शेख हसीना की चिंता है। देश के किसान दूर-दूर तक उसकी फेहरिश्त में हैं ही नहीं। किसानों के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को हड़काने वाले राज्य सभा के सभापति श्रीमान जगदीप धनकड़ किसानों  कि चिंता छोड़ ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल में शाही भोज के मजे ले रहे हैं।

 आपको याद हो तो पूर्व के किसान आंदोलन के समर्थन में देश के बाहर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया तक में जुलूस निकाले गए थे।  इस बार किसान आंदोलन क्या शक्ल लेगा ,फिलहाल कहा नहीं जा सकता। लेकिन एक बात तय है की जिस देश का किसान सड़कों पर होगा वो देश किसी भी सूरत में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन ही नहीं सकता।

@ राकेश अचल

16 दिसंबर 2024,सोमवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:08 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:25 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्यदक्षिणायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *प्रतिपदा तिथि* 12:27 बजे तक है उसके बाद द्वितीया तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज आद्रा नक्षत्र*  25:13 बजे तक फिर पुनर्वसु नक्षत्र  चलेगा।

    *योग* :- आज *शुक्ल* है। 

 *करण*  :-आज *कौलव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं है ।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  08:26 बजे से 09:43 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:53 बजे से 12:34 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: रसिक माधुरी जयंती धनु मलमास प्रारंभ

*मुहूर्त* :- नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-वृश्चिक, चन्द्र-मिथुन, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

अमृत 07:01 - 08:22 शुभ

काल 08:22 - 09:42 अशुभ

शुभ 09:42 - 11:02 शुभ

रोग 11:02 - 12:23 अशुभ

उद्वेग 12:23 - 13:43 अशुभ

चर 13:43 - 15:03 शुभ

लाभ 15:03 - 16:23 शुभ

अमृत 16:23 - 17:44 शुभ

*🌔चोघडिया, रात*

चर 17:44 - 19:23 शुभ

रोग 19:23 - 21:03 अशुभ

काल 21:03 - 22:43 अशुभ

लाभ 22:43 - 24:23*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने ग्वालियर में किया देश के पहले जियो साइंस म्यूजियम का उदघाटन

ग्वालियर । उप राष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने ग्वालियर में देश के पहले जियो साइंस म्यूजियम (भू-विज्ञान संग्रहालय) का रविवार को उदघाटन किया। ग्वालियर के ऐतिहासिक महाराज बाड़ा पर हैरीटेज बिल्डिंग विक्टोरिया मार्केट में स्थापित अत्याधुनिक जियो साइंस म्यूजियम के उदघाटन अवसर पर मध्यप्रदेश के राज्यपाल  मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय संचार व पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय कोयला व खान राज्य मंत्री  सतीश चंद्र दुबे, विधानसभा अध्यक्ष  नरेन्द्र सिंह तोमर, ग्वालियर जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट एवं सांसद श्री भारत सिंह कुशवाह भी मौजूद थे।

उप राष्ट्रपति  धनखड़ ने पट्टिका का अनावरण कर एवं म्यूजियम के प्रवेश द्वार पर फीता काटकर देश के पहले अत्याधुनिक जियो साइंस म्यूजियम का उदघाटन किया। साथ ही ग्वालियरवासियों को इस अनूठी सौगात की बधाई एवं शुभकामनायें दीं। उन्होंने सभी अतिथियों के साथ म्यूजियम की विभिन्न गैलरियों में दर्शाए गए भू-विज्ञान से संबंधित चित्रों, कलाकृतियों एवं जानकारियों को देखा एवं म्यूजियम की सराहना की।म्यूजियम के उदघाटन के बाद उप राष्ट्रपति  धनखड़ ने महाराज बाड़ा पर  स्थित वास्तु शिल्प के उत्कृष्ट नमूनों के रूप में खड़ीं ऐतिहासिक इमारतों को भी देखा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव, केन्द्रीय मंत्री  सिंधिया एवं विधानसभा अध्यक्ष  तोमर ने उप राष्ट्रपति को महाराज बाड़े की इमारतों के शिल्प एवं शैलियों से अवगत कराया।
राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद द्वारा ग्वालियर नगर निगम के सहयोग से तैयार किए गए देश के इस पहले अत्याधुनिक एवं अद्भुत जियो साइंस म्यूजियम में पृथ्वी की उत्पत्ति, मानव जाति व मानव सभ्यता का विकास व ब्रम्हाण्ड से जुड़ीं अनूठी जानकारियाँ समाहित हैं। म्यूजियम में डायनासोर का अण्डा सहित कीमती वस्तुएँ पर्यटकों को देखने के लिये उपलब्ध हैं। यह म्यूजियम भू-विज्ञान से संबंधित बच्चों से लेकर बड़ों तक की जिज्ञासाओं का समाधान उपलब्ध है। साथ ही वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह संग्रहालय ज्ञानवर्धक है। पृथ्वी विज्ञान से संबंधित दुर्लभ भू-वैज्ञानिक नमूनों को मल्टीमीडिया डिस्प्ले के जरिए म्यूजियम में दिखाया गया है।
संग्रहालय में दो गैलरियाँ, एक गैलरी में पृथ्वी की उत्पत्ति व विकास की जानकारी 
जियो साइंस म्यूजियम में दो गैलरियों के माध्यम से भू-विज्ञान के बारे में लाइट इफेक्ट के साथ आकर्षक ढंग से जानकारी संजोई गई है। एक गैलरी में पृथ्वी के विकास को दर्शाया गया है, जिसमें उल्लेख है कि पृथ्वी अपने मूल स्वरूप में किस प्रकार आई और कौन-कौन सी चीजों से मिलकर पृथ्वी बनी है। वर्तमान में जो पृथ्वी है, असल में वह कैसी दिखती है। पृथ्वी के भीतर लावा किस तरह से तैयार होता है और ज्वालामुखी फूटने से किस तरह पर्वतों का निर्माण होता है। यह सब जानकारियां बखूबी ढंग से संग्रहालय में दर्शायी गई हैं। यहाँ आने वाले पर्यटन भूकम्प का अनुभव भी कर सकेंगे। इसके अलावा वायु मण्डल और महासागर के बारे में भी वर्णन है। लाइट इफेक्ट और अत्याधुनिक मशीनी तकनीक से बड़े बखूबी ढंग से यह सब प्रदर्शित किया गया है।
मानव सभ्यता के विकास की गाथा बयां कर रही है दूसरी गैलरी 
जियो साइंस म्यूजियम की दूसरी गैलरी में मानव जाति और मानव सभ्यता के विकास को बड़े बखूबी ढंग से प्रदर्शित किया गया है। इसमें यह भी दर्शाया गया है कि धरती पर डायनासोर की उत्पत्ति व विलुप्ति हुई। साथ ही मानव की उत्पत्ति कैसे हुई और कैसे उसका जीवनक्रम आगे बढ़ा। मानव सभ्यता की जीवन शैली में आए बदलाव का यह वर्णन भी दर्शनीय है।
कार्यक्रम में इनकी भी रही मौजूदगी 
जियो साइंस म्यूजियम के उदघाटन कार्यक्रम में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के महानिदेशक  असित साहा, संभाग आयुक्त  मनोज खत्री, पुलिस महानिरीक्षक  अरविंद सक्सेना, कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, पुलिस अधीक्षक  धर्मवीर सिंह, नगर निगम आयुक्त  अमन वैष्णव एवं जियो लॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारीगण भी मौजूद थे।

जीवाजी राव ने जो शिक्षा का सपना देखा था वह आज साकार हो रहा है : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

जीवाजी विश्वविद्यालय में जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण

ग्वालियर। सिंधिया परिवार का शिक्षा के लिए हमेशा ही प्रयास रहे हैं। आज का दिन स्मरणीय दिन रहेगा। सिंधिया परिवार का संसद में हमेशा से ही योगदान रहा है। जो भी मंत्रालय माधव को मिला है। उन्होंने उसके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किया है।दुनिया हमारी संस्कृति का लोहा मान चुकी है। मैं उस महापुरुष की मूर्ति का अनावरण करूंगा जिन्होंने स्वतंत्र भारत में कीर्तिमान स्थापित किए। आजाद भारत में विकास को गति देते हुए कार्य किया। शिक्षा से ही किसी राष्ट्र में परिवर्तन लाया जा सकता है। शिक्षा से ही व्यक्ति मैं आदर भाव आता है ।शिक्षा से ही मानव का निर्माण होता है। परिवर्तनशील दुनिया है, बदलाव होकर रहेगा।शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए पीएम मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू किया।तकनीकी में भारत काफी आगे निकल चुका है। संस्था शोध करके नई-नई तकनीकी को लाएंगे ऐसी उम्मीद है।यह बात रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जीवाजी विश्वविद्यालय में जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा के अनावरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।अंत में महामहिम ने इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स के साथ एमओयू का कहा साथ ही जेयू के छात्रों को भारतीय संसद में संवाद के लिए आमंत्रित किया।विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, माननीय मंत्री, संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, भारत सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर,माननीय मंत्री, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष विभाग, मध्य प्रदेश इंदर सिंह परमार, माननीय मंत्री, जल संसाधन एवं प्रभारी मंत्री, ग्वालियर तुलसी सिलावट, राज्यमंत्री राकेश शुक्ला, श्रीमती सुदेश धनखड़ उपस्थित रहे। वहीं अध्यक्षता माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति, मध्य प्रदेश मंगुभाई पटेल ने की। कुलगुरू प्रो. अविनाश तिवारी के स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया गया।साथ ही एक पेड़ मां के नाम पर पौधारोपण किया गया। जेयू की उपलब्धियों पर लगी प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ज्ञान विज्ञान के समागम के माध्यम से हमारी सरकार ने काफी काम किया है। ऐसे महापुरुष की प्रतिमा का अनावरण किया जाना गौरव की बात है जिन्होंने शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जो शहर संगीत शिक्षा के लिए जाना जाता है, उसमें महामहिम का आगमन हुआ है यह गौरव की बात है। देश के लिए एक आधुनिक योग पीएम द्वारा लाया जा रहा है। एक सुनहरा युग बनने जा रहा है। ज्ञान से ही विनम्रता प्राप्त होती है। विनम्रता से ही पात्रता प्राप्त होती है। आज विश्वविद्यालय 250 एकड़ में स्थापित है जो मेरी दादी मां और डॉ . सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा पूजन किया गया था। जीवाजी विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नक्षत्र की तरह उभरता संस्थान है ।छात्र शिक्षा लेकर शिक्षित के साथ-साथ देश समाज का निर्माण करें।जो बीच बोया गया था वह 60 साल बाद वटवृक्ष की तरह खड़ा हो चुका है।हमारी संस्था आधुनिक युग की ओर अग्रसर है जो संस्थापकों की विचारधारा थी उससे दस कदम आगे संस्था बन चुकी है। सिंधिया परिवार का शिक्षा के प्रति हमेशा समर्पण रहा है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सपन पटेल ने किया।इस मौके पर कार्य परिषद सदस्य,विवि के प्रौफेसर, अधिकारी एवं कर्मचारी सहित छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

 

संविधान पर बहस में सब कुछ तहस-नहस

लोकसभा में संविधान पर बहस के बाद माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी का उत्तर सुनकर समझा में आ गया कि उन्होंने संघ की साखा में संविधान के  बारे में जो कुछ पढ़ा-लिखा उससे ज्यादा वे संविधान  के बारे में जानते नहीं हैं। संविधान पर बहस के दौरान उठाये गए एक भी सवाल का उत्तर देने के बजाय वे अपने सिर पर सवार जवाहरलाल नेहरू,इंदिरा गाँधी और राजीव गांधी के भूत को बिदारते नजर आये। वे नहीं बता पाए कि  उनके युग में संविधान कैसे मजबूत हो रहा है ?

मै माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदार दास मोदी के भाषण को दत्त-चित्त होकर सुनता हूँ। शनिवार को भी मैंने उन्हें लोकसभा में सुना ।  वे प्रधानमंत्री के स्तर का भाषण देने में हमेशा की तरह विफल हुए ,उन्होंने संविधान पर भाषण देते समय संविधान पर अपने गहन अध्ययन का प्रदर्शन करने के बजाय सिर्फ वो सब उद्घाटित किया जो संघ  की शाखाओं   में स्वयं सेवकों को पिछले 100  साल से दीक्षित किया जा रहा है। मोदी जी संघ के प्रचारक हैं ये हकीकत है लेकिन वे देश के प्रधानमंत्री हैं इसलिए उन्हें शाखाओं के ज्ञान से ज्यादा सिखने की जरूरत है।उन्हें देश को बताना चाहिए था कि  पिछले दस साल में उनकी सरकार में संविधान की रक्षा के लिए क्या कदम उठाये ?
 संविधान संशोधनों को लेकर माननीय मोदी जी ने पिछली सरकारों के कामकाज को संविधान के साथ खिलवाड़ बताया ,लेकिन जोर देकर कहा कि  उनकी सरकार ने संविधान के साथ जो भी किया तो डंके की चोट किया। यानि वे परोक्ष रूप से कह रहे हैं कि  -वे  करें तो करेक्टर ढीला, हम  करें  तो रास लीला। संविधान के साथ किस पार्टी और सरकार ने खिलवाड़ किया ये पूरा देश जानता है। कांग्रेस ने आपातकाल लगाया ये सभी को पता है।  मोदी जी कहते हैं कि  आपातकाल का कलंक कांग्रेस के माथे से कभी मिट नहीं सकता ,लेकिन वे भूल जाते हैं कि  इसी देश की जनता ने,विपक्ष की खिचड़ी  जनता सरकार के गिरने के बाद  मशीन और मशीनरी के बिना हुए आम चुनाव में कांग्रेस को विजय श्री देकर इस कलंक को मिटा दिया था। मेरा दृढ विश्वास है कि  मोदी जी जब तक प्रधानमंत्री रहेंगे तब तक उनके सिर से  जवाहर लाल नेहरू का,इंदिरा गाँधी का ,राजीव गांधी का यहां तक की राहुल गांधी का भूत उतरने वाला नहीं है और जब तक ये भूत उनके सर पर सवार रहेगा वे न चैन से काम कर पाएंगे और न संविधान के विधान को  समझ पाएंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी देश को आश्वस्त नहीं कर पाए कि  उनके लिए संविधान  बड़ा है या मनु स्मृति ? वे ये स्पष्ट नहीं कर पाए की उन्हें धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद शब्द से तकलीफ है या नहीं? वे ये भी नहीं बता पाए की संविधान को लेकर वीर सावरकार साहब जो सोचते थे ,क्या वे उससे सहमत हैं या नहीं ? वे तमाम प्रश्नों का उत्तर देने के बजाय जम्मू-कश्मीर से धारा 370  हटाने को ही अपनी सबसे बड़ी संविधान की सेवा बताते हुए नहीं थकते। संविधान  का सम्मान करना और संविधान की धज्जियां करना दो अलग-अलग काम हैं। मौजूदा सरकार ने पिछले  एक दशक में संविधान की सेवा किस तरह से की है ,देश और दुनिया जानती है। जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनना, मणिपुर को डेढ़ साल से अनाथ छोड़ना संविधान की सेवा नहीं है। देश में अल्पसंख्यक समाज को आतंकित करना,उन्हें लक्ष्य बनाकर बुलडोजर दौड़ा देना संविधान की सेवा नहीं है। तमाम मंदिरों-मस्जिदों की खुदाई का अभियान  चलाना संविधान  की सेवा नहीं है। संविधान समदृष्टा है ,लेकिन सरकार नहीं है। सरकार लगातार हिन्दू-मुसलमान का खेल खेलती आ रही है।
सोमवार को राज्य सभा में भी यदि संविधान पर बहस हुई तो आप तय मानिये कि  केंद्रीय गृहमंत्री भी प्र्धानमंत्री जी के भाषण को ही दोहराएंगे। विसंगति ये है कि  संविधान को लेकर डींगे हांकने वाले लोग वे हैं जिनकी मात्र संस्थाओं का ,पूर्वज नेताओं का देश   के संविधान  के निर्माण में कोई योगदान नहीं रहा। वे तो दूसरे तरह का संविधान चाहते थे।यानि आज का संविधान आज की सरकार के मन का   संविधान नहीं है। संविधान की प्रस्तावना ही आज की सरकार को पसंद नहीं है ।  आज की सरकार को पूर्व की सरकारों द्वारा किये गए संशोधन पसंद नहीं है। संसद में संविधान की प्रति का लहराना पसंद नहीं है ,लेकिन दुर्भाग्य ये है कि  सरकार के पास इतनी ताकत नहीं है कि  वो विरासत में मिले संविधान  को बदल सके।
संसद में माननीयों के भाषण से ये जाहिर हो गया है कि  आज की सरकार के लिए कल का संविधान केवल शपथ लेने की एक किताब है ,लेकिन कोई भी संविधान में लिखे विधान का अनुशरण करना नहीं चाहता। इस समय देश की सरकार के सिर पर एक देश,एक चुनाव का भूत सवार है ।  सरकार देश में एक विधान,एक निशान ,एक भाषा,,एक धर्म और अंत में एक नेता के सिद्धांत पर आगे बढ़ना चाहती है। केंद्र सरकार का हर कदम देश के सांविधान के खिलाफ उठाया जा रहा है । प्रधानमंत्री जी के भाषण से उनकी संविधान  के प्रति आस्था और समर्पण का अनुमान लगाया जा सकता है। मोदी जी की तकलीफ है कि  आजादी के बाद सरदर पटेल के बजाय नेहरू को प्रधानमंत्री बना दिया गया था। लेकिन वे भूल जाते हैं कि  उन्हें भी लालकृष्ण आडवाणी को धकियाकर प्रधानमंत्री बनाया गया था। यानि जो कल हुआ ,वो ही आज भी हो रहा है। यदि कांग्रेस अपनी पार्टी के संविधान  को नहीं मान रही तो भाजपा कौन से आपने संविधान को मान रही है ।  भाजपा भी कांग्रेस का अनुशरण करते हुए अपनी पार्टी के संविधान की धज्जियां उड़ा रही है।
बहरहाल इस देश के संविधान  की अनदेखी करना किसी भी सरकार को महंगा पड़ सकता है ।  कांग्रेस ने यदि संविधान के बाहर जाकर काम करने की कोशिश की तो जनता ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया और यदि यही गलती भाजपा करेगी तो उसे भी सत्ता से बाहर जाना ही पड़ेगा ।  साम,दाम ,दंड और भेद एके सीमा तक ही काम आते हैं। देश के लिए ' एक देश एक चुनाव ' उतना आवश्यक नहीं है जितना कि  'एक देश एक दाम ' आवश्यक है ।  देश में किसानों की फसल के दाम का मामला हो या देश के बेरोजगारों को रोजगार दिलाने का मामला एकसाथ चुनाव करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। सरकर और सरकारी पार्टी बार-बार मंदिर-मस्जिद करके देश की समस्याओं से बचकर नहीं निकल सकती।
@ राकेश अचल   

15 दिसंबर 2024, रविवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:07 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:25 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्यदक्षिणायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज मार्गशीर्ष  माह शुक्ल पक्ष *पूर्णिमा तिथि* 14:31 बजे तक है उसके बाद प्रतिपदा तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज मृगशिरा नक्षत्र*  26:19 बजे तक फिर आद्रा नक्षत्र  चलेगा।

    *योग* :- आज *शुक्ल* है। 

 *करण*  :-आज *बव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, भद्रा ,गंडमूल नहीं  है।

*🔥अग्निवास*: आज आकाश में  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  16:08 बजे से 17:25 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:53 बजे से 12:34 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: मार्गशीर्ष पूर्णिमा, सरदार पटेल पुण्य दिवस,भगवान संभव नाथ जी तप कल्याणक

*मुहूर्त* :- नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-वृश्चिक, चन्द्र-वृष, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

उद्वेग 07:01 - 08:21 अशुभ

चर 08:21 - 09:41 शुभ

लाभ 09:41 - 11:02 शुभ

अमृत 11:02 - 12:22 शुभ

काल 12:22 - 13:42 अशुभ

शुभ 13:42 - 15:03 शुभ

रोग 15:03 - 16:23 अशुभ

उद्वेग 16:23 - 17:43 अशुभ

*🌔चोघडिया, रात*

शुभ 17:43 - 19:23 शुभ

अमृत 19:23 - 21:03 शुभ

चर 21:03 - 22:43 शुभ

रोग 22:43 - 24:22*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

14 दिसंबर 2024, शनिवार का पंचांग


*सूर्योदय :-* 07:07 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:24 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्यदक्षिणायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज मार्गशीर्ष  माह शुक्ल पक्ष *चतुर्दशी तिथि* 16:58 बजे तक है उसके बाद पूर्णिमा तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज रोहिणी नक्षत्र*  27:54 बजे तक फिर मृगशिरा नक्षत्र  चलेगा।

    *योग* :- आज *सिद्धि* है। 

 *करण*  :-आज *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, गंडमूल नहीं भद्रा 16:58 से है।

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  09:42 बजे से 120:59 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:53 बजे से 12:34 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: श्री दत्तात्रेय जयंती सत्यनारायण व्रत अरहनाथ जी जन्म,रोहिणी व्रत

*मुहूर्त* :- नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-वृश्चिक, चन्द्र-वृष, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

काल 07:00 - 08:20 अशुभ

शुभ 08:20 - 09:41 शुभ

रोग 09:41 - 11:01 अशुभ

उद्वेग 11:01 - 12:22 अशुभ

चर 12:22 - 13:42 शुभ

लाभ 13:42 - 15:02 शुभ

अमृत 15:02 - 16:23 शुभ

काल 16:23 - 17:43 अशुभ

*🌔चोघडिया, रात*

लाभ 17:43 - 19:23 शुभ

उद्वेग 19:23 - 21:02 अशुभ

शुभ 21:02 - 22:42 शुभ

अमृत 22:42 - 24:22*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें मो 9425187186 पर।दर्जनों भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं ।

“तानसेन संगीत समारोह-2024” : मशहूर गज़ल गायक चंदनदास की होगी प्रस्तुति

14 दिसम्बर को सायंकाल 6.30 बजे इंटक मैदान हजीरा पर पूर्वरंग “गमक” की संगीत सभा सजेगी

ग्वालियर  / विश्व संगीत समागम “तानसेन समारोह-2024” के तहत संगीत की नगरी ग्वालियर में पूर्वरंग कार्यक्रम जारी हैं। इसी कड़ी में तानसेन समारोह की पूर्व संध्या यानि 14 दिसम्बर को सायंकाल 6.30 बजे इंटक मैदान हजीरा पर पूर्वरंग “गमक” की संगीत सभा सजेगी। “गमक” में विश्व विख्यात गज़ल गायक श्री चंदनदास गज़ल प्रस्तुत करेंगे। 

दुनियाभर में गजल गायकी का परचम लहरा रहे श्री चुदनदास ने “न जीभर के देखा न कुछ बात की, बड़ी आरजू थी मुलाकात की” जैसी तमाम गजलें गाकर देश और दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है। उनकी हिट एलबम में ‘कितने ही रंग’, ‘गज़ल उसने छेड़ी’, ‘इनायत’ व ‘गुजारिश’ शामिल हैं। उन्होंने कई लोकप्रिय धारावाहिकों एवं फिल्मों के लिये भी गायन किया है। साथ ही मुख्य धारा की फिल्मों के लिये भी संगीत दिया है। 

संगीत शिरोमणि तानसेन की याद में आयोजित होने वाले तानसेन समारोह का इस साल शताब्दी वर्ष है। राज्य शासन के संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन, नगर निगम व पुलिस के सहयोग से आयोजित हो रहे समारोह की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। समारोह में शहर के जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों, संगीत प्रेमियों एवं पत्रकारगणों को आमंत्रित किया गया है। समारोह पूर्णत: नि:शुल्क है।  

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