20 दिसंबर 2024, शुक्रवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:10 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:27 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्यदक्षिणायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *पंचमी तिथि* 10:48 बजे तक है उसके बाद षष्ठी तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज मघा नक्षत्र*  27:46 बजे तक फिर  पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र  चलेगा।

    *योग* :- आज *विष्कुंभ* है। 

 *करण*  :-आज *तैतिल* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक भद्रा नहीं  गंडमूल   है ।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  11:02 बजे से 12:19 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:53 बजे से 12:34 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*:  नहीं 

*मुहूर्त* :- नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-सिंह, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

चर 07:11 - 08:28 शुभ

लाभ 08:28 - 09:45 शुभ

अमृत 09:45 - 11:02 शुभ

काल 11:02 - 12:19 अशुभ

शुभ 12:19 - 13:36 शुभ

रोग 13:36 - 14:53 अशुभ

उद्वेग 14:53 - 16:10 अशुभ

चर 16:10 - 17:27 शुभ

*🌔चोघडिया, रात*

रोग 17:27 - 19:10 अशुभ

काल 19:10 - 20:53 अशुभ

लाभ 20:53 - 22:36 शुभ

उद्वेग 22:36 - 24:19*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

हंगामा है क्यों बरपा थोड़ा सा जो बहके हैं

 

देश केंद्रीय गृहमंत्री माननीय अमितशाह द्वारा डॉ भीमराव अम्बेडकर के बारे में की गयी कथित टिप्पणी को लेकर खामखां परेशान है, शाह का इस्तीफा मांग रहा है।  अरे देश को तो खासतौर पार आंबेडकर वादियों को  तो अमितशाह और उनकी सरकार की जय-जय करना चाहिए ,की उन्होंने जितना डॉ भीमव आंबेडकर के लिए किया उतना देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नहीं किया। हमारे अमित भाई तो सपने में भी डॉ आम्बेडकर का अपमान नहीं कर सकते । वे तो डॉ आंबेडकर को मोदी से बड़ा नेता मानते हैं शायद  !

संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर को न मैंने देखा है और न माननीय अमित शाह साहब न।  जब मैंने नहीं देखा तो शाह साहब डॉ अम्बेडकर को कैसे देख सकते है।  वे मुझसे पांच साल छोटे हैं और डॉ अम्बेडकर हमारे जन्म से तीन साल पहले ही दिवंगत   हो गए थे ।  शाह साहब तो डॉ आंबेडकर के निधन के 8  या 9  साल बाद इस धराधाम पर आये। उन्हें डॉ अम्वेडकर के बारे में उतना ही ज्ञान है जितना संघ की शाखाओ में प्रबोधनों के जरिये उन्हें मिला। फिर भी मुझे यकीन है कि उन्होंने डॉ आंबेडकर के बारे में कम से कम मुझसे तो ज्यादा पढ़ा ही होगा। तभी तो वे डॉ अम्बेदककार का नाम संसद में बार-बार लिए जाने से भड़क गए।

हकीकत ये है कि   अमित साह साहब के कानों  को केवल मोदी-मोदी की मंगल ध्वनि  सुनने की आदत है इसलिए वे कोई दूसरानाम सुन ही नहीं सकते ।  बर्दाश्त कर ही नहीं सकते, इसीलिए जब बार-बार डॉ अम्बेडकर का नाम लिया गया तो उनके सब्र का बांध टूट गया और वे कह बैठे की -' 'अभी एक फैशन हो गया है. अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता है.' अमित शाह साहब ने ये शब्द गुस्से में कहे या प्रेम से कहे इसका तो हमें पता नहीं लेकिन जब उनका ये कथन वायरल हुआ और देशव्यापी प्रतिक्रियाएं आने लग्न तो पूरी भाजपा के अधोवस्त्र पीतांबर   होने लगे। बेचारी पीआईबी फैक्ट चेक को  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अमित शाह के भाषण का क्लिप्ड और फुल वीडियो शेयर करना पड़ा और सफाई देना पड़ी की जानबूझकर शाह साहब के भाषण को काट-छांटकर दिखाया जा रहा है।

अब पीआईबी कहती है तो देश को मान लेना चाहिए की हमारे सम्माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह साहब के साथ अन्याय हुआ ह।  उन्होंने तो डॉ आंबेडकर जी के प्रति कुछ कहा ही नही।  उनके निशाने पर तो भाजपा और संघ के जन्मजात शत्रु पंडित जवाहर लाल नेहरू थे।  लोकसभा में नेहरू को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने गरियाया और बाकी की कसर अमित शाह साहब ने पूरी कर दी। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि विपक्ष अमित शाह के पूरे भाषण को छिपा रहा है और एक छोटे हिस्से को काटकर गलत तरीके से फैला रहा है। चलिए मन लेते हैं की विपक्ष ही इस समूची हरकत के पीछे ह।  लेकिन सरकार ये तो बताये की उसने दस साल छह महीने में अम्बेडकरवादियों के कयलन के लिए क्या किया ?

अमित शाह तो दरअसल पूरे वीडियो में ये कह रहे हैं की -अ 'हमें तो आनंद है कि अंबेडकर का नाम लेते हैं. अंबेडकर का नाम अभी 100 बार ज्यादा लो परंतु साथ अपने अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूं ?  उन्होंने आँखें नचाकर अपने अंदाज में कहा की-अंबेडकर जी ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया? अंबेडकर जी ने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों से हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं. सरकार की विदेश नीति से मैं असहमत हूं और आर्टिकल 370 से मैं असहमत हूं इसलिए मैं मंत्रिमंडल छोड़ना चाहता हूं. उन्हें आश्वासन दिया गया।  आश्वासन पूरा नहीं हुआ तो उन्होंने इग्नोरेंस के चलते इस्तीफा दे दिया.।'  यानि अमित शाह साहब ये साबित करना चाहते थे की डॉ अम्बेडकर अजन्मी भाजपा और दिवागत हो चुकी जनसंघ के अलावा राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ की तरह पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के विरोधी थे।

अपनी लम्बी और कर्कश जबान की वजह से आलोचनाओं का शिकार हुए अमित शाह अब कहते फिर रहे हैं कि 'अंबेडकर जी के स्मारक तब बने जब भारतीय जनता पार्टी केंद्र में आई।  मऊ में अंबेडकर जी के जन्म स्थान में स्मारक बना. लंदन में जहां अध्ययन करते थे वहां स्मारक बना, नागपुर में शिक्षा-दीक्षा ली वहां स्मारक बना, दिल्ली में महापरिनिर्वाण स्थल पर बना और मुंबई में चैत्य भूमि में भी बन रहा है।  शाह साहब का दावा है की  हमने पंचतीर्थ बनाए हैं।  उन्होंने कहा की मान्यवर मैं मानता हूं कि अंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलना नहीं और वोट के लिए उनकी गुहार लगा देना. 14 अप्रैल को राष्ट्रीय समरसता दिवस घोषित किया हमने. 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया, उस वक्त भी इसका विरोध कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने किया.'।

डॉ अम्बेडकर ने जिस समाज के लिए लड़ाई लड़ी उस समाज के ऊपर देस्शभर की डबल इंजिन की  सरकारों के क्षेत्रों में क़ानून और व्यवस्था के साथ ही  दलित, पीड़ित और आदिवासियों के मुद्दों पर जिस तरीके से काम हो रहा है  वो किसी से छिपा  नहीं है। डॉ अंबेडकर को मानने वाले जानते हैं कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने डॉ अम्बेडकर के समर्थकों  के लिए कितना किया और भाजपा ने कितना किया । संसद के शीत सत्र का हासिल इसी तरह के विवाद रहे है।संसद के इस सत्र का आगाज भी 25  नम्बंर को हंगामे के साथ हुआ  था और समापन भी हंगामे के साथ ही हुआ है।  दोनों का श्रेय सीधे-सीधे भारत की सरकार को दिया जा सकता है। देश कि अम्बेडकर वादियों को उतनी ही गंभीरता से अपने अंक से लगना चाहिए जो कि  आमीन ,

@ राकेश अचल

19 दिसंबर 2024, गुरुवार का पंचांग


*सूर्योदय :-* 07:10 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:26 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्यदक्षिणायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *चतुर्थी तिथि* 10:02 बजे तक है उसके बाद पंचमी तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज आश्लेषा नक्षत्र*  25:59 बजे तक फिर  मघा नक्षत्र  चलेगा।

    *योग* :- आज *वैधृति* है। 

 *करण*  :-आज *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक भद्रा नहीं  गंडमूल   है ।

*🔥अग्निवास*: आज आकाश में  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज दक्षिण दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  13:26 बजे से 14:56 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:53 बजे से 12:34 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*:  नहीं 

*मुहूर्त* :- नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-वृश्चिक, चन्द्र-कर्क, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

अंजली पलैया को बुधवार को पार्षद पद की शपथ दिलाई

 

ग्वालियर / कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने नगर पालिका अधिनियम के तहत श्रीमती अंजली पलैया को बुधवार को पार्षद पद की शपथ दिलाई। श्रीमती अंजली पवैया हाल ही में नगर निगम ग्वालियर के वार्ड-39 के पार्षद पद के लिए हुए उपचुनाव में निर्वाचित हुई है। यहाँ कलेक्ट्रेट में यह शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम का संचालन नगर निगम के उपायुक्त श्री प्रदीप श्रीवास्तव ने किया।

इस अवसर पर नगर निगम के सभापति श्री मनोज तोमर व नेता प्रतिपक्ष श्री हरी पाल सहित नगर निगम के अन्य पार्षदगण व शहर के जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे। 

18 दिसंबर 2024, बुधवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:09 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:26 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्यदक्षिणायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *तृतीया तिथि* 10:06 बजे तक है उसके बाद चतुर्थी तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज पुष्य नक्षत्र*  24:57 बजे तक फिर आश्लेषा नक्षत्र  चलेगा।

    *योग* :- आज *ऐंन्द्र* है। 

 *करण*  :-आज *विष्टि* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक नहीं भद्रा 10:06 बजे तक गंडमूल नहीं  है ।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  12:18 बजे से 13:35 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:53 बजे से 12:34 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: चतुर्थी व्रत, चंद्रोदय 

*मुहूर्त* :- नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-वृश्चिक, चन्द्र-कर्क, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 07:10 - 08:27 शुभ

अमृत 08:27 - 09:44 शुभ

काल 09:44 - 11:01 अशुभ

शुभ 11:01 - 12:18 शुभ

रोग 12:18 - 13:35 अशुभ

उद्वेग 13:35 - 14:52 अशुभ

चर 14:52 - 16:09 शुभ

लाभ 16:09 - 17:26 शुभ

*🌔चोघडिया, रात*

उद्वेग 17:26 - 19:09 अशुभ

शुभ 19:09 - 20:52 शुभ

अमृत 20:52 - 22:35 शुभ

चर 22:35 - 24:18*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

सागर लोकायुक्त ने ग्राम पंचायत खरों सचिव को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार

टीकमगढ़:- टीकमगढ़ जिले के लिधौरा तहसील के ग्राम पंचायत खरों में मंगलवार को सागर लोकायुक्त ने छापामार कार्रवाई की। टीम ने पंचायत सचिव चतुर्भुज यादव को 6 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। सचिव ने प्रधानमंत्री आवास की तीसरी किस्त जारी करने के बदले हितग्राही से 9 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी।शिकायतकर्ता मनीराम रजक ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास की तीसरी किस्त डालने के बदले सचिव चतुर्भुज यादव ने 9 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। आज रिश्वत के 6 हजार देना तय हुआ। सचिव ने पंचायत कार्यालय में रिश्वत की राशि लेकर बुलाया था। जैसे ही मनीराम ने पंचायत कार्यालय में सचिव को रिश्वत की राशि सौंपी, उसी दौरान लोकायुक्त टीम ने छापा मार कर रंगे हाथों उसे गिरफ्तार कर लिया।

ट्रैपकर्ता :-निरीक्षक  रोशनी जैन 

ट्रेप दल सदस्य - निरीक्षक रंजीत सिंह , तथा लोकायुक्त स्टाफ





धारदार हथियार से वृद्ध की हत्या व महिला हुई घायल क्षेत्र में फैली सनसनी

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

एसडीओपी बोले मामले का जल्द होगा खुलासा

टीकमगढ़:- पलेरा थाना क्षेत्र के गौना गांव में बुजुर्ग दंपति के ऊपर धारदार हथियार से हमला किया गया। घटना में 65 वर्षीय पति की मौत हो गई। जबकि उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल है। घटना की जानकारी लगते ही पलेरा थाना पुलिस सहित जतारा एसडीओपी और एसपी भी मौके पर पहुंचे हैं। जतारा एसडीओपी अभिषेक गौतम ने बताया कि गौना गांव में बुजुर्ग की हत्या की सूचना मिली थी। थाना पुलिस ने मौके पर पहुंच कर पूछताछ शुरू की। इस दौरान मृतक का नाम बिहारी अहिरवार और उसकी पत्नी का नाम धनुआ बाई पता चला है। उन्होंने बताया कि बिहारी और उसकी पत्नी पर अज्ञात आरोपियों ने धारदार हथियार से हमला किया। जिसमें पति की मौत हो गई, जबकि महिला घायल है। उसे उपचार के लिए पलेरा स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है जिसे प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया । घटना स्थल की जांच के लिए एफएसएल टीम वह डॉग स्क्वाड को मौके पर बुलाया गया है। मोहल्ले वालों से जानकारी जुटाई जा रही है। फिलहाल मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए स्वास्थ्य केंद्र पलेरा लाया गया जहां शव का पीएम किया गया । थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर घटना की जांच शुरू कर दी है।

दिल्ली मजदूरी करने गए बेटे

एसडीओपी अभिषेक गौतम ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि मृतक के 2 बेटे हैं। दोनों मजदूरी के लिए दिल्ली गए हैं। घर में बुजुर्ग दंपति अकेले रहते थे। दोनों बेटों को घटना की सूचना दे दी गई है। वही एसडीओपी के द्वारा बताया गया है कि जो महिला है वह अब खतरे से बाहर है और मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है और जो भी आवश्यक तत्व व साक्ष्य हैं वह सभी जुटाए जा रहे हैं और जल्द से जल्द आरोपियों को पड़कर मामले का खुलासा किया जाएगा।

चंदेरा पुलिस द्वारा सामूहिक बलात्कार के फरार आरोपी को किया गया गिरफ्तार

          टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़ :- पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय सीताराम ससत्या, एसडीओपी महोदय जतारा अभिषेक गौतम के मार्ग दर्शन में थाना चंदेरा मे पंजीबद्ध अपराध 200/24 धारा 137(2),87,64,70(1), 127(2), 127 (3)64(2) (एम) वीएनएस, 3/4, 5/6 पोक्सो एक्ट के आरोपी की तलाश हेतु थाना प्रभारी चंदेरा के द्वारा पुलिस टीम बनाकर दविस दी गई जिसमे पुलिस के टीम के द्वारा बलात्कार केआरोपी चन्द्रभान उर्फ चन्दू यादव पिता राजधर यादव उम्र 46 साल निवासी वीरपुरा को कडी मेहनत से दिनउ मंदिर के पास बायपास तिगड्डा जतारा पलेरा मार्गसे दिनाँक 16/12/24 को गिरफ्तार कर आरोपी के कब्जे से मोटरसायकल जप्त कर बाद वैधानिक कार्यवाही कर दिनांक 17/12/2024 को माननीय न्यायलय पेश किया गया।

उक्त कार्यवाही में उनि नीतू खटीक थाना प्रभारी चंदेरा, उनि दयाराम चक्रवर्ती, उनि मयंक नगाइच (सायबर सेल प्रभारी), सउनि करन सिहं यादव, प्र. आर रहमान (सायबर सेल), प्र.आर. 407 रामचन्द्र नायक, प्र.आर 283 बृजेश शर्मा, आर. 566 योगेन्द्र, आर. 455 वेदप्रकाश शर्मा, आर. 266 दिनेश अहिरवारआर 124 भारतेन्द्र, आर 667 अरविन्द यादव, आर 729 बीरन यादव, आर 62 अरुण सेंगर, आर 170 काशीराम कुशवाहा, आर 266 दिनेश, आर 217 बृजेश अहिरवार, म.आर 663 अंकिता शर्मा, म.आर 432 रुचि जाटवकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

सूर्य के रथ खींचने लगे खर , नहीं होंगे विवाह आदि शुभ कार्य

 

भारतीय संस्कृति प्रकृति के साथ ऋतुओं के साथ जुड़ी हुई गुथी हुई हैं। इस वजह से व्यवहारिक कार्यों को त्यौहार, मुहूर्तों से करने के विधान शास्त्रों में निहित है।

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि खर मास साल में दो बार आता है । जब जब सूर्य  गुरु की राशि में धनु और मीन में गोचर करते हैं वह अवधि को खरमास के नाम से जाना जाता है। खरमास की अवधि 30 दिन की होती है धनु खरमास  और मीन खर मास प्रारंभ हो चुका I   

धनु खरमास 15 दिसंबर की रात्रि 22:09 बजे से सूर्य ने धनु राशि में प्रवेश किया है यह 14 जनवरी को प्रातः 8:00 बज कर 54 मिनट तक रहेगा  धनु राशि में रहने से सौर पौष धनु खरमास रहेगा।  

 सूर्य देव के रथ को निरंतर सात घोड़ों द्वारा खींचा जाता है। लगातार घोड़े का रथ में चलने से घोड़े को थकान हो जाती है और उनको थोड़ा विश्राम के लिए छोड़ दिया जाता है ।इस अवधि में सूर्य का रथ लगातार चलने के कारण उसमें खर यानी गधों को रथ में जोत दिया जाता है यह 30 दिन तक खर यानी गधे रथ को धीमी गति से  खींचते हैं इस  वजह से खरमास में सूर्य का तेज कम हो जाता है सूर्य की  चाल काफी ज्यादा धीमी हो जाती है  इसलिए खरमास में शादी विवाह गृह प्रवेश देव प्रतिष्ठा मुंडन  आदि शुभ, मंगल कार्य को शास्त्रों के अनुसार वर्जित रखा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में शुभ मंगल कार्यों के करने से उनका सुख उनका  पूरा फल नहीं मिल पाता इसलिए इस समय धार्मिक कार्य  आदि करना चाहिए।

जैन ने बताया खरमास और मलमास में अंतर होता है खरमास सूर्य के धुन और मीन राशि में प्रवेश करने से हर वर्ष में दो बार आता है जबकि मलमास 3 वर्ष में एक बार आता है। 

 चंद्रमा को पृथ्वी के 12 चक्कर लगाने में 355 दिन का समय लगता है पृथ्वी को सूर्य का चक्कर लगाने में 365 दिन का समय लगता है इस तरह हर साल चंद्र वर्ष और सूर्य वर्ष में लगभग 10 दोनों का अंतर आ जाता है इसी अंतर को दूर करने के लिए अधिक मास या पुरुषोत्तम मास की व्यवस्था की गई है ताकि व्रत, त्यौहार निश्चित ऋतु में मनाई जा सके अगर ऐसा ना हो तो सभी  त्योहारों के और रितु परिवर्तन समय में काफी अंतर आ सकता है।

समूह संचालकों की मनमानी,नहीं परोस रहे मेन्यु अनुसार भोजन, बच्चों से लगवा रही झाड़ू

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो  प्रमोद अहिरवार 

 शिक्षकों की उदासीनता से बच्चों की एमडीएम में नहीं रुचि
 पत्तलों में दिया एमडीएम, समूह वाले नहीं धोना चाहते थालियां

टीकमगढ़:- पलेरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम खजरी में एक शाला एक परिसर पूर्व माध्यमिक  विद्यालय में पदस्थ शिक्षकों के स्वार्थसिद्धि के चलते समूह संचालक मनमर्जी कर बच्चों के हक का एमडीएम डकार रहे हैं।

लगातार आलू की सब्जी बनाई जाती है। वही स्कूल में बच्चों से लगवाते हैं झाड़ू जब हमारी टीम ने बच्चों से जानना चाहा कि आपको खाना थालियों में क्यों नहीं दिया जाता तो पता चला की समूह संचालक छुआछूत मानते हैं और कहते हैं कि हम तुम्हारी जूठी थालियां नहीं धोएंगे जिसके चलते बच्चों को पत्तलों में खाना दिया जा रहा है।

दरअसल समूह संचालक रसूखदार और नेताओं से संबंध रखने वाले होने के कारण इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। माध्यमिक शाला के मध्यान भोजन तो लगभग चार बच्चों ने ही किया जबकि दर्ज बच्चों की संख्या 171 है। अभिभावकों ने कई बार शिकायतें की हैं पर सीएसी जांच के नाम पर गुलछर्रे उड़ा रहे हैं। जब हमारी टीम ने थाली ना धोने का कारण पूछा तो हैंडपंप खराब होने का बहाना बना दिया गया। वहीं प्राथमिक शाला में एमडीएम दे रहे समूह ने थालियां स्वयं धोई।अब देखना यह है की जिला प्रशासन इन समूह संचालकों पर क्या कार्यवाही करता है या फिर वरदान देकर छोड़ दिया जाता है।

इनका कहना है -

मैं इसकी जांच करवा लेता हूं यदि ऐसा है तो मैं निश्चित समूह हटाने की कार्रवाई करूंगा।

*ओ.पी.दांगी*

एमडीएम प्रभारी जिला टीकमगढ़

कभी टोले से डरती है ,कभी झोले से डरती है

 

आजकल जैसे संसद में मुद्दों पर काम नहीं हो रहा उसी तरह मुझे भी लिखने के लिए ऐसे मुद्दे मिल रहे हैं जिनके बारे में लिखने  में मुझे तकलीफ होती है। आज मै फिर उस गैर जरूरी मुद्दे पर लिख रहा हूँ उसके बारे में लोकसभा का कीमती वक्त तो अभी बर्बाद नहीं हुआ लेकिन भाजपा का कीमती वक्त जरूर बर्बाद हो गया। ।  मुद्दा था कांग्रेस संसद प्रियंका वाड्रा का झोला। जी हाँ  झोला। हमारी प्रिय भाजपा  के पास किसानों के मुद्दों पर बहस के लिए वक्त नहीं है लेकिन प्रियंका के झोले को लेकर पूरी  सरकारी पार्टी बहस में उलझ गयी।

किस्सा यूं है कि प्रियंका वाड्रा लोकसभा में जो झोला लटका कर गयीं उसके ऊपर फिलिस्तीन अंकित था और फिलस्तीन का खरबूजा वाला ध्वज भी ।  बस यही भाजपा को खटक गया। इस कदम की भाजपा ने आलोचना की और उनके इस कदम को "तुष्टिकरण" करार दिया. बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, "गांधी परिवार तुष्टिकरण का झोला ढो रहा है." उन्होंने कहा, इसी तुष्टिकरण की वजह से उन्हें (कांग्रेस) चुनावों में हार मिली है। "

भाजपा द्वारा की गयी झोले की आलोचना के बाद प्रियंका भी कहाँ चुप रहने वाली थीं। उन्होंने पलटवार करते हुए  कहा कि यह आलोचना "पितृसत्ता" है, जहां उन्हें "बताया जा रहा है कि क्या पहनना है और क्या नहीं पहनना है." उन्होंने कहा, "मैं पितृसत्ता का समर्थन नहीं करती. मैं वही पहनूंगी जो मैं चाहती हूं। '

आपको याद होगा की इससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री  भाई किरेन रिजिजू प्रियंका  के भाई राहुल गांधी की टीशर्ट पर आपत्ति कर चुके है।  वे कह चुके हैं कि   राहुल टीशर्ट पहनकर संसद का अनादर करते हैं। दरअसल भाजपा राहुल गांधी से तो पहले से डरी हुई थी और अब प्रियंका के लोकसभा में आने के बाद भाजपा का डर दोगुना हो गया है।  तभी तो कभी भाजपा को राहुल  के टीशर्ट के बाहर झांकते ' टोले ' परेशान  करते हैं तो कभी प्रियंका के कंधे पर लटका झोला।

संविद पात्रा के बाद  भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने प्रियंका को "राहुल गांधी से भी बड़ी आपदा" कहा है।  उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "इस संसद सत्र के अंत में, कांग्रेस में सभी के लिए दो मिनट का मौन रखें, जो मानते थे कि प्रियंका वाड्रा लंबे समय से प्रतीक्षित समाधान थीं, उन्हें पहले ही इसे अपना लेना चाहिए था।  वह राहुल गांधी से भी बड़ी आपदा हैं, जो सोचते हैं कि संसद में फिलिस्तीन के समर्थन में बैग लेकर चलना पितृसत्ता से लड़ना है।  यह सही है. मुसलमानों को सांप्रदायिक सद्गुणों का पैगाम देना अब पितृसत्ता के खिलाफ रुख के रूप में सामने आ रहा है! कोई गलती न करें, कांग्रेस नई मुस्लिम लीग है।

आपको याद हो या न हो किन्तु मै बता दूँ कि  पिछले सप्ताह नई दिल्ली स्थित फ़लस्तीनी दूतावास के चार्ज़ डिअफ़ेयर्स ने प्रियंका गांधी से मुलाक़ात कर उन्हें वायनाड से सांसद निर्वाचित होने पर बधाई भी दी थी. पूर्व में कांग्रेस नेता ग़ज़ा में इसराइली बमबारी की निंदा भी कर चुकी है। भाजपा के ही सांसद अनुराग ठाकुर जो पहले कभी केंद्र में मंत्री होते थे वे भी प्रियंका के फिलिस्तीनी झोले से आतंकित   हैं ।  उन्होंने कहा की प्रियंका केवल फैशन स्टेटमेंट  बनाने में लगी रहती हैं। उन्होंने बांग्लादेश में हिन्दुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में तो कुछ नहीं बोला।भाजपा के तमाम छोटे-बड़े नेता प्रियंका के झोले को लेकर प्रियंका को कोस रहे हैं।

दरअसल प्रियंका के झोले ने भारत सरकार को फिलस्तीन के मामले में कटघरे में ला खड़ा किया है।  भारत सरकार अभी तक ये तय नहीं कर पायी है कि  वो भारत के पुराने मित्र फिलिस्तीन के साथ है या इजराइल के साथ ? फिलस्तीन के मामले में नेहरू और इंदिरा गाँधी के युग में जो नीति थी उसे अटल जी के युग में भी दोहराया गया ,लेकिन मोदी युग में फिलिस्तीन को लेकर भारत की नीति अचानक बदल गय।  भारत अब फिलिस्तीनियों के संघर्ष और उनके मानवीय अधिकारों  का दमन करने वाले इजराइल के साथ खड़ा है। भारत ने इजराइल के फेर में फिलिस्तीन को एकदम भुला दिया है क्योंकि फिलिस्तीन में इजराइली बर्बरता का शिकार हो रहे लोग मुसलमान हैं।

मुमकिन है कि  कांग्रेस की संसद प्रियंका वाड्रा ने एक झोले के जरिये फिलिस्तीन मुद्दे को जिस ढंग से उठाया है उसके बारे में आज नहीं तो कल संसद में भी बहस हो।  संसद में बहस हो या न हो लेकिन संसद के बाहर तो ये बहस शुरू हो गयी है।  बहस इस बात पर भी हो रही है की क्या अब विपक्षी सांसदों को भाजपा यानि भाजपा सरकार से पूछना होगा की वे कौन से कपड़े पाहणकर संसद में आएं और कौन से कपड़े न पहने ? कौन सा झोला लटकाएं और कौन सा नहीं ?

 आपको याद होगा कि  भाजपा पहले भी लोगों के खान-पान और पहनावे को लेकर सवाल खड़े करती रही है ।  कभी उसके निशाने पर हिजाब रहता है तो कभी हलाल और गैर हलाल किया हुआ भोजन। असम में भाजपा की डबल इंजिन की सरकार होटलों में गौमांस बेचने पर प्रतिबन्ध लगा चुकी है लेकिन देश से गौमांस बाहर भेजने पार कोई प्रतिबन्ध नहीं है।  उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार को हलाल के मुद्दे पर तकलीफ रही है ।  कर्नाटक में भाजपा और उसके सहयोगी हिजाब पार तेजाबी रुख अख्तियार कार चुके हैं। लेकिन किसानों,मजदूरों के मुद्दे पर भाजपा का कोई प्रवक्ता,कोई नेता या संसद अपना मुंह नहीं खोलता।

राहुल की टीशर्ट और प्रियंका के झोले से बौखलाई भाजपा का डर  लोकसभा में इस जोड़ी की वजह से दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है।  भाजपा ने राहुल गांधी को पप्पू साबित करने में अपनी तमाम ताकत झौंक दी थी लेकिन आम चुनाव में राहुल की अगुवाई में विपक्षी गठबंधन ने जो शानदार कामयाबी  हासिल की थी  उसे कोई भूला नहीं है। अब प्रियंका के लोकसभा में आने के बाद भाजपा को  भय है कि  कहीं  प्रियंका भाजपा को बेनकाब करने में राहुल से भी आगे न निकल जाएँ, इसलिए अब भाजपा प्रियंका के पहनावे के साथ ही उनके झोले पर भी निगाह रखने लगी है।

हाल के दिनों में आपने देखा होगा कि  पहले राहुल गाँधी ने भाजपा की सरकार को संविधान के मुद्दे पर अपने पाले में खींचा और अब फिलिस्तीन के मुद्दे पर प्रियंका वाड्रा ने महज एक झोला लटकाकर भाजपा और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।  संविधान के मुद्दे पर तो प्रधानमंत्री जी लोकसभा में एक भाषण देकर फारिग हो गए लेकिन फिलिस्तीन के मुद्दे पर अभी तक सरकार ने चुप्पी साध रखी है ,लेकिन आज नहीं तो कल भाजपा सरकार को इस मुद्दे पर बोलना ही पडेगा। हालाँकि हमारी सरकार मौनव्रती सरकार है।  वो डेढ़ साल से मणिपुर के मुद्दे पर मौन है ,किसानों के  मुद्दे पर मौन है।

@ राकेश अचल

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