अभद्राचार्य के श्रीमुख से एक भद्र टिप्पणी

 

चित्रकूट के गिरधर मिश्रा यानि जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के प्रति मेरे मन में श्रद्धा का भाव लेशमात्र भी नहीं है ,लेकिन उनकी विद्व्ता  का मै कायल हूँ ।  कायल हूँ उनकी निर्भीकता का ।  वे जिस आत्मविश्वास के साथ जातिवाद का समर्थन करते हैं ,उसी प्रखरता के साथ अपने अभद्र और विदूषक शिष्यों का संरक्षण भी करते हैं।  स्वामी जी ने हाल ही ,में  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत को भी आईना दिखाकर   एक शुभकार्य किया है। उन्होंने कहा है कि भागवत संघ प्रमुख हो सकते हैं जिन्तु हिन्दूधर्म के ठेकेदार नहीं। 

गत दिवस पुणे में 'हिंदू सेवा महोत्सव' के उद्घाटन के मौके पर बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा कि  राम मंदिर के साथ हिंदुओं की श्रद्धा है लेकिन राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वो नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं का नेता बन सकते हैं. ये स्वीकार्य नहीं है." उन्होंने इस माहौल पर चिंता जाहिर करते हुए एक बार फिर मंदिर-मस्जिद वाले चैप्टर को बंद करने की बात कही। उनके इस बयान से ये ध्वनित होता है जैसे कि  वे हिन्दू धर्म के ठेकेदार   के रूप में बोल रहे हैं। 

संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत की बात गिरगिट के  रंग बदलने जैसा है ।  उनके प्रचारकों की पार्टी भाजपा इन दिनों देश में मुसलमान के पूजा स्थलों की खुदाई का अभियान चलाये हुए है और इसके लिए बाकायदा अदालतों का सहारा लिया जा रहा है। इस मुद्दे पर स्वामी रामभद्राचार्य ने सबसे पहले अपना मौन तोड़ा और कहा कि  "ये मोहन भागवत का व्यक्तिगत बयान हो सकता है. ये सबका बयान नहीं है. वो किसी एक संगठन के प्रमुख हो सकते हैं, हिंदू धर्म के वो प्रमुख नहीं हैं कि हम उनकी बात मानते रहें।  वो हमारे अनुशासक नहीं हैं।  हम उनके अनुशासक हैं। "

रामभद्राचार्य ने कहा, "हिंदू धर्म की व्यवस्था के लिए वो ठेकेदार नहीं हैं. हिंदू धर्म की व्यवस्था, हिंदू धर्म के आचार्यों के हाथ में हैं. उनके हाथ में नहीं हैं।  वो किसी एक संगठन के प्रमुख बन सकते हैं. हमारे नहीं हैं।  संपूर्ण भारत के वो प्रतिनिधि नहीं हैं। "

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समय से ही भाजपा और सरकार से खिंचे रहने वाले ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी मोहन भागवत के बयान के बाद गुस्से में है।  उन्होंने कहा, "जो लोग आज कह रहे हैं कि हर जगह नहीं खोजना चाहिए, इन्हीं लोगों ने तो बात बढ़ाई है और बढ़ाकर सत्ता हासिल कर ली. अब सत्ता में बैठने के बाद कठिनाई हो रही है। "

हिन्दू धर्म के स्वयम्भू संरक्षक संघ प्रमुख के बयान की मुखालफत करने वाले स्वामी रामभद्राचार्य विचारों से पक्के हिन्दू हैं ,हिन्दू ही नहीं बल्कि राजनीतिक विचारों के मामले में भाजपा के समर्थक हैं और खुले आम भाजपा के लिए काम करते हैं। कांदिवली के ठाकुल विलेज में डेरा डाले बैठे स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि   बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर  सरकार  कदम उठा रही है, लेकिन अब और कठोर कदम उठाना चाहिए।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहूंगा कि वो कठोर रुख अपनाएं. इसके साथ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुंभ के आयोजन पर उन्होंने खुशी जाहिर की। स्वामी रामभद्राचार्य का बयान भी हालाँकि एक भूल-भुलैया ही है क्योंकि स्वामी जी भी वही सब चाहते हैं जो डॉ भागवत चाहते हैं, या जो योगी आदित्यनाथ चाहते हैं या प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी चाहते हैं। 

स्वामी रामभद्राचार्य के पतु शिष्य बागेश्वरधाम के विदोषक बाबा धीरेन्द्र शास्त्री तो बाकायदा भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे है।  उन्होंने हाल ही में 200  किमी की एक पदयात्रा भी हिन्दुओं को एकजुट करने के लिए की थी। लेकिन फिलहाल स्वामी रामभद्राचार्य ने ध्यान भटकाने में डॉ भागवत की मदद की है या विरोध ये तय कर पाना आसान नहीं है। 

पहले संसद में फिर संसद के बाहर डॉ भीमराव अम्बेडकर पर बयान को लेकर घिरी भाजपा अब धर्म के मुद्दे पर वापस आ गयी है ।  अब पूरी सरकार और सरकारी पार्टी मह्कुम्भ की बात करने लगी है। डॉ अम्बेडकर को लेकर केंन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सदन में दिए गए भाषण के बाद न केवल विपक्ष का आईएनडीआईए गठबंधन बल्कि दूसरे दल भी भाजपा के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं। डॉ अम्बेडकर की मान -प्रतिष्ठा को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगाए हुए हैं। 

मेरा मानना   है कि  यदि स्वामी रामभद्राचार्य हिंदुत्व की ठेकेदारी के मुद्दे पर संघ के खिलाफ खड़े हो जाएँ तो स्थितियां बदल सकतीं हैं ,लेकिन वे ऐसा कर नहीं सकते। आपको याद दिला दें कि  स्वामी रामभद्राचार्य  24  साल पहले सन 2000 में  न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित सहस्राब्दी विश्व शान्ति शिखर सम्मलेन में भारत के आध्यात्मिक और धार्मिक गुरुओं में जगद्गुरु रामभद्राचार्य सम्मिलित थे। संयुक्त राष्ट्र को उद्बोधित करते हुए  उन्होंने भारत और हिन्दू शब्दों की संस्कृत व्याख्या और ईश्वर के सगुण और निर्गुण स्वरूपों का उल्लेख करते हुए शान्ति पर वक्तव्य दिया था । 

स्वामी जी जुलाई 2003 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सम्मुख अयोध्या विवाद के अपर मूल अभियोग संख्या 5 के अन्तर्गत धार्मिक मामलों के विशेषज्ञ के रूप में साक्षी बनकर प्रस्तुत हुए थे।  उनके शपथ पत्र और जिरह के कुछ अंश अन्तिम निर्णय में उद्धृत हैं।अपने शपथ पत्र में उन्होंने सनातन धर्म के प्राचीन शास्त्रों जैसे वाल्मीकि रामायण, रामतापनीय उपनिषद्, स्कन्द पुराण, यजुर्वेद, अथर्ववेद,  से उन छन्दों को उद्धृत किया जो उनके मतानुसार अयोध्या को एक पवित्र तीर्थ और श्रीराम का जन्मस्थान सिद्ध करते हैं।अब देखना ये है की हिन्दू धर्म कि ठेके को लेकर स्वामी रामभद्राचार्य ने जो कुछ कहा है उसे शेष संत समाज का समर्थन मिलता है या फिर संघ पहले की तरह हिन्दुओं का स्वयम्भू ठेकदार बना रहेगा ?

@ राकेश अचल

25 दिसंबर 2024, बुधवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:13 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:29 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *दशमी तिथि* 22:29 बजे तक है उसके बाद एकादशी तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज चित्रा नक्षत्र* 15:21 बजे तक फिर स्वाति नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *अतिगंड* है। 

 *करण*  :-आज *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक , गंडमूल नहीं है भद्रा 09:12 से 22:29 बजे तक है।  

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  12:21 बजे से 13:39 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:59 बजे से 12:41 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: बड़ा दिन, क्रिसमस दे

*मुहूर्त* :- नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-तुला, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

*🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 07:13 - 08:30 शुभ

अमृत 08:30 - 09:47 शुभ

काल 09:47 - 11:04 अशुभ

शुभ 11:04 - 12:21 शुभ

रोग 12:21 - 13:39 अशुभ

उद्वेग 13:39 - 14:56 अशुभ

चर 14:56 - 16:13 शुभ

लाभ 16:13 - 17:30 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

उद्वेग 17:30 - 19:13 अशुभ

शुभ 19:13 - 20:56 शुभ

अमृत 20:56 - 22:39 शुभ

चर 22:39 - 24:22*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी ने जतारा एसडीम को दिया ज्ञापन

      टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़ :- जतारा तहसील में भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी के क्रांतिकारी मोनू चौधरी जी की अध्यक्षता में  जतारा विधानसभा मे जहां-जहां है हरिजन बस्ती शब्द लिखा है वह बहुजन के लिय गाली है  भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी द्वारा एसडीम जतारा को ज्ञापन दिया और कहा जहां भी हरिजन शब्द है वह परिवर्तित करके बहुजन महापुरुषों के नाम रखा जाए।जिसमें भारी संख्या में  भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी के क्रांतिकारी साथी आईटी सेल प्रभारी कृपान्त अहिरवार,रोहित चौधरी पूर्व विधानसभा सचिव, नगर अध्यक्ष सतीश, रफीफ खान, ग्राम अध्यक्ष सूरज जरया , चन्दपुरा ग्राम अध्यक्ष दिनेश अहिरवार, धीरू जाटव, अनीश रजक, रानू चौधरी, रूपेंद्र, प्रदीप, राघवेंद्र, पुष्पेन्द्र, अजय, जैसे सैकड़ो क्रांतिकारी साथी उपस्थित रहे I 

अमित शाह जब तक माफ़ी नहीं मांगेगे आंदोलन जारी रहेगा – यादवेंद्र सिंह टीकमगढ़ विधायक

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़:- आज कांग्रेस पार्टी के द्वारा अम्बेडकर सम्मान यात्रा का आयोजन किया गया नगर के अम्बेडकर चौराहे पर कांग्रेस पार्टी के विधायक, अध्यक्ष व कार्यकर्त्ता इक्कठे हुए जहा अमित शाह के खिलाफ जमकर नारे बाजी की गई टीकमगढ़ विधायक यादवेंद्र सिंह ने बताया की अमित शाह के द्वारा जो अम्बेडकर जी का अपमान किया गया हैं उसके विरोध मे यह प्रदर्शन किये जा रहे हैं और जब तक अमित शाह माफ़ी नहीं मांगेगे जब तक विभिन्न तरीको से प्रदर्शन जारी रहेगा और आज अम्बेडकर चौराहे से सम्मान यात्रा निकली गई यह यात्रा अम्बेडकर चौराहे से अस्पताल चौराहे तक निकली जहाँ राज्यपाल के नाम एस डी एम को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें राहुल गाँधी पर हुई एफ आई आर की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की साथ ही अमित शाह से माफ़ी मांगे जाने की अपील की हैं साथ बतया की माफ़ी न मांगे जाने पर कांग्रेस पार्टी उग्रआंदोलन करेंगी इस दौरान कांग्रेस पार्टी जिलाध्यक्ष नवीन साहू, टीकमगढ़ विधायक यादवेन्द्र सिंह, प्रदेश महिला सचिव किरण  अहिवार टीकमगढ़   कांग्रेश प्रभारी रेखा चौधरी ,खरगापुर विधायक चंदा सुरेंद्र सिंह व कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्त्ता मोज़ूद रहे I 

भाजपा कार्यकर्त्ताओं ने अटल जी की जन्म जयंती के अवसर पर किया रक्तदान

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 


टीकमगढ़। आज भाजपा नगर मंडल के कार्यकर्ताओं ने रक्तदान किया। भाजपा मीडिया प्रभारी स्वप्निल तिवारी ने बताया कि आज भाजपा पार्टी ने सुशासन दिवस मनाया, जिसमें विभिन्न कार्यक्रम संपन्न हुए, इसी संदर्भ में आज भाजपा नगर मंडल के कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया, रक्तदान करने वालों में नगर मंडल उपाध्यक्ष देवेंद्र सेन ने 14 वीं बार रक्तदान किया। मुख्य रूप से उपस्थित नगर मंडल अध्यक्ष नरेश तिवारी ने बताया कि सुशासन दिवस में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी की सौं वीं जयंती सभी बूथों पर मनाई गई,इस 25 दिसंबर को खजुराहो में हो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में केन बेतवा लिंक परियोजना के भूमिपूजन है, जिस कारण सभी कार्यकर्ताओं ने 24 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया। कार्यकर्ताओं में नगर मंडल अध्यक्ष नरेश तिवारी, महामंत्री पंकज प्रजापति, देवेंद्र सेन ,विनय सेन, जितेंद्र जैकी यादव, शक्ति दौंदरिया, स्वप्निल तिवारी आदि उपस्थित रहे।

नफरत से दूर रहे अटल बिहारी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी   के बारे में लिखना एक रिवायत जैसा है ।  वे भाजपा के जवाहर लाल नेहरू थे,उदार ,उदात्त अध्ययनशील ,स्वप्नदृष्ट्रा  ।  नेताओं के मामले भाजपा दूसरे  दलों के मुकाबले बहुत कंगाल है ।  भाजपा के पास ले-देकर एक अटल बिहारी वाजपेयी है जिनका सहारा लेकर भाजपा समाज में खड़ी होकर कोई बात कर सकती है ,अन्यथा भाजपा का हर चेहरा विद्रूप दिखाई देता है। पिछले एक दशक में भाजपा के अनेक नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी छाप नेतागीरी करने की कोशिश की थी किन्तु मोदी युगमें ये छाप धूमिल पड़ गयी।

अटल जी के बारे में लिखते हुए न जाने क्यों ऐसा लगता है कि मै परिवार के किसी बुजुर्ग के बारे में लिख रहा हूँ ।  अटल जी को मैंने तब से देखा और जाना है जब से मै ग्वालियर  आया था ।  बात 1972  की है ,जब मैंने पहली बार अटल जी को देखा और सुना था। बाद के दिनों में वे देश के विदेशमंत्री भी बने और प्रधानमंत्री भी ,लेकिन वे हमेशा ही हमारे अपने अटल जी बने रहे।  अटल जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक  संघ से दीक्षित कार्यकर्ता थे। उनके भीतर भी हिंदुत्व  और महात्मा गाँधी ,जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ नफरत के बीज बोये गए थे ,किन्तु उन्होंने प्रयत्नपूर्वक अपने भीतर विषबेल को फैलने नहीं दिया।
अटल जी यदि जीवित होते तो आज हम सब उनका शताब्दी समारोह मना रहे होते ।  शताब्दी समारोह तो हम आज भी मना रहे हैं लेकिन उसमें अटल जी के अनुशरण का कोई संकल्प दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहा।  अटल   जी ने 1957  में पहली बार लोकसभा में कदम रखा था ।  उन्होंने देश के लगभग सभी प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया लेंकिन  वे हमेशा लोकसभा में नायक बने रहे,खलनायक नहीं। उनके खिलाफ कभी भी वैसा शोर शराबा नहीं हुआ जैसा की पिछले दस सालों में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास यदि के भाषणों के बीच होता है।  अटल जी को सुनना एक अनूठा अनुभव होता था।  उनके भाषणों में पांडित्य साफ़ झलकता था ।  उनकी भाव मुद्राएं अनुपम थीं। उनके व्यंग्य में हास्य भी ऐसा होता था कि  विरोधी भी खिलखिलाकर हंस देते थे।
ग्वालियरवासी  होने के नाते मुझे पत्रकार के रूप में ,एक साहित्यसेवी के रूप में उनके निकट रहने और उनसे संवाद करने के अनेकाएक अवसर मिले ,इसलिए मैं अधिकारपूर्वक   कह सकता हूँ   कि उनके जैसा अध्येता ,प्रवाचक और दूर दृष्टा नेता भाजपा में कोई दूसरा है ही नहीं। अटल जी कि साथ सियासत में आये लालकृष्ण आडवाणी भी नहीं। आडवाणी जी संघ के दीक्षित स्वयंसेवक हैं ,जनसंघ और भाजपा के संस्थापक है।  अयोध्या में बाबरी ध्वंश कि खलनायक हैं लेकिन अटल जी केवल और केवल नायक हैं। वे खलनायक बनाये ही नहीं जा सके। विपक्ष भी उन्हें खलनायक नहीं बना सका।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी अपनी गरीबी का रोना नहीं रोया। वे कभी भी एक विपक्ष के  नेता कि रूप में ,एक प्रधानमंत्री  के रूप में स्थापित लक्ष्मण रेखाओं के पार नहीं गए। वे जब तक जीवित रहे ,सक्रिय रहे [अंतिम दिनों को छोड़कर]। मुझे अटल जी जितने एक राजनेता के रूप में प्रिय थे उससे ज्यादा एक कवि के रूप में प्रिय थे।  चूंकि मै राजनीति में नहीं रहा इसलिए उनके साथ काम करने का अवसर मुझे नहीं मिला लेकिन एक कवि के रूप में मुझे अटल जी को सुनने और अपनी कविताएं सुनाने के अवसर अनेक मिले।  अटल जी की पढंत सबसे अलग थी।  उनकी पढ़न्त की छाप उनके धुर   विरोधी विचारधारा के ग्वालियर के मूर्धन्य कवि स्वर्गीय मुकुट बिहारी सरोज से लेकर जयंती  अग्रवाल के ऊपर तक थी।  लोग अटल जी को केवल राजनीति में ही नहीं बल्कि एक साहित्यकार के रूप में भी फॉलो करते थे।
अटल जी ने हमेशा जोड़ने की बात की।  वे सबका साथ ,सबका विकास या अच्छे दिन आएंगे का नारा दिए बिना सबको साथ लेकर चलते  रहे ।  उन्होंने  कभी  खुलकर हिन्दू-मुसलमान नहीं किया।  उन्होंने कभी मोहन भागवत की तरह ज्यादा बच्चे पैदा करो जैसे आव्हान  भी देश की जनता से नहीं किये।  अटल जी ने पड़ौसियों से रिश्ते सुधारने की हर सम्भव कोशिश की ।  उन्हें इस कोशिश में भारत के पुश्तैनी शत्रु पकिस्तान से धोखा भी  मिला जिसकी परिणति कारगिल युद्ध के रूप में हुई।  अटल  जी अपने राजनीतिक जीवन में अनेक बार टूटे लेकिन बिखरे कभी नही।  वे तब टूटे जब उनकी पहली सरकार 13  दिन में गिरी ।  वे तब भी टूटे जब उन्हें 13  महीने में गद्दी छोड़ना पड़ी ।  वे सबसे ज्यादा  तब टूटे जब उन्हें अपने ही शहर ग्वालियर में लोकसभा चुनाव 1984  में पराजय का सामना  करना पड़ा।
ग्वालियर वासी होने के नाते मुझे हमेशा ये शिकायत रही कि उन्होंने जितना अपनी कर्मभूमि लखनऊ के लिए किया उतना अपनी जन्मभूमि ग्वालियर के लिए नहीं किया।  ग्वालियर से मिली हार को वे आजीवन पचा नहीं पाए।  एक प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद सबसे जयादा लोकप्रिय प्रधानमंत्री अटल जी ही थे।  श्रीमती  इंदिरा गाँधी की लोकप्रियता भी बेमिसाल थी ,लेकिन अटल जी जैसी नहीं थी।  वे साहित्यकार नहीं थीं । विनोदी भी कम ही थीं। ।  अटल जी ने एक प्रधानमंत्री के रूप में देश को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बनाने में अहम भूमिका निभाई।  उन्होंने श्रीमती इंदिरा गाँधी के अधूरे काम को आगे बढ़ाया।  अटल जी ने कभी भी पंडित जवाहर लाल नेहरू,इंदिरा गाँधी या राजीव गाँधी की सरकार को पानी पी-पीकर नहीं कोसा।  उन्होंने कभी गैर भाजपाई प्रधानमंत्रियों को खलनायक नहीं कहा।
अटल जी को हमेशा आरएसएस का मुखौटा कहा जाता था ,क्योंकि वे संघ के स्वयं सेवक होते हुए भी उदारता की झीनी चादर ओढ़कर सियासत में सक्रिय रहे।  अटल जी के भीतर झांकें तो वहां आपको एक मोदी छिपा मिल जाएगा लेकिन वे मोदी की तरह उग्र हिन्दू नहीं थे। वे समावेशी था ।  गंगा-जमुनी संस्कृति का अर्थ और महत्व जानते थे।  वे अक्सर कहते थे कि  भारत को लेकर मेरी एक दृष्टि है- ऐसा भारत जो भूख, भय, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो। उन्होंने कभी चुनावों में सावरकर का नाम नहीं लिया हालाँकि वे कहते थे कि  "क्रान्तिकारियों के साथ हमने न्याय नहीं किया, देशवासी महान क्रान्तिकारियों को भूल रहे हैं, आजादी के बाद अहिंसा के अतिरेक के कारण यह सब हुआ।"अपनी रचनाधर्मिता को लेकर उनका हमेशा कहना रहा कि  "मेरी कविता जंग का ऐलान है, पराजय की प्रस्तावना नहीं। वह हारे हुए सिपाही का नैराश्य-निनाद नहीं, जूझते योद्धा का जय-संकल्प है। वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है।
मै अटल जी को एक हीरो के रूप में देखता हूँ जबकि उनकी और उनकी पार्टी की विचारधारा से मेरा विरोध सनातन रहा। उन्हें ग्वालियर के मेले में बिना सघन सुरक्षा के घुमते हुए, मूंगफलियां कहते हुए ,विनोद करते हुए याद करते हुए मेरा मन आज भी पुलकित होता है।  मुझे उनकी हथेलियों की कोमलता और स्निग्ध मुस्कान आज भी याद है।  वे अपनी शादी के बारे में पूछे जाने पर कैसे शर्माते थे मै भूला नहीं हूँ ।  आप अटल सरकार की उपलब्धियों के बारे में गूगल सर्च का सकते हैं लेकिन उनके मानवीय गुणों के बारे में जो मै लिख रहा हों वो आपको शायद ही कहीं और पढ़ने को मिले। अटल जी की जन्मसदी के मौके पर मै उन्हें  विनम्रता पूर्वक याद करते हुए कामना करता हूँ कि  वो आरएसएस को मोदी जी जैसे नहीं अटल जी जैसे नेता दे।
@ राकेश अचल 

24 दिसंबर 2024, मंगलवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:12 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:29 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *नवमी तिथि* 19:52 बजे तक है उसके बाद दशमी तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज हस्त  नक्षत्र* 12:16 बजे तक फिर चित्रा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *शोभन* है। 

 *करण*  :-आज *गर* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक ,भद्रा, गंडमूल नहीं है।  

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  14:55 बजे से 16:12 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:59 बजे से 12:41 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: कोई नहीं 

*मुहूर्त* :- नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-कन्या, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

रोग 07:13 - 08:30 अशुभ

उद्वेग 0

जतारा पुलिस की अवैध शराब के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

19 पेटी अवैध शराब 170 लीटर  कीमती ₹90,170/- फोर व्हीलर वाहन सहित की जप्त

टीकमगढ़:- पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई द्वारा अवैध मादक/नशीले पदार्थों पर प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ सीताराम एवं एसडीओपी जतारा अभिषेक गौतम के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी जतारा निरीक्षक अरविन्द सिंह दांगी द्वारा दिनांक 23/12/2024 की रात्रि में अवैध शराब परिवहन की मुखबिर से प्राप्त सूचना पर ग्राम बलदेवपुरा से ग्राम कंदवा रोड पर घेराबंदी की गई ,मुखबिर सूचना अनुरूप नीले रंग की बिना नबर की अल्टो गाडी आते हुये दिखी, जिसे रोकने का प्रयास किया किन्तु गाडी चालक गाडी को तेजगति से भगाकर ले गया वाहन का पीछा किया जो आगे गाडी को छोड़कर भाग गया । गाडी को चैक किया गया जिसमें भारी मात्रा में अवैध शराब रखी हुई थी ।उक्त मामले में *19 पेटी अवैध देशी मदिरा  कुल मात्रा 170 लीटर कीमती 90170/- रूपये मय गाडी अल्टो कीमती 250000/-रूपए कुल मशरूका 340170/-रूपए जप्त की गई।* 

सराहनीय भूमिका

उक्त कार्यवाही में निरीक्षक अरविन्द सिंह दांगी थाना प्रभारी जतारा, उप निरीक्षक संदीप चौधरी प्रआर0 117 नरेन्द्र लोधी, प्रआर0 अमरचंद, आर० 43 मनोज सविता, आर0 640 राघवेन्द्र रावत, आर0 632 रूपेश दीक्षित, प्रआर० चालक 184 पुष्पेन्द्र शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

भारत , वीटो और भारत की चेतावनी


भारत के पास वीटो पावर नहीं है फिर भी भारत अब पहले वाला भारत नहीं है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर ‘वीटो’ लगाने की अनुमति नहीं देगा और वह किसी डर की परवाह किए बिना राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए जो भी सही होगा वह करेगा.। एस जयशंकर ने भले ही किसी का नाम न लिया हो, लेकिन उनका इशारा सीधे तौर पर चीन की ओर था. दरअसल, यूएन में चीन भारत से जुड़े प्रस्ताव वर वीटो का इस्तेमाल कर अड़ंगा लगाता रहा है।

सबसे पहले तो ये जान लीजिये कि ये वीटो पावर है क्या बला ? दरअसल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य देशो को मिला हुआ विशेषाधिकार ही ' वीटो पॉवर ” कहलाता हैं. जिन देशों के पास यह विशेषाधिकार होता हैं वो परिषद् में प्रस्तावित किसी भी प्रस्ताव को रोक सकते हैं या उसे नकार सकते हैं , भले ही उसके पक्ष में कितने भी वोट पड़े हों।  किसी प्रस्ताव को पारित करने के लिए परिषद् के सारे स्थायी सदस्यों का वोट और 4 अस्थाई सदस्यों का वोट मिलना जरूरी होता हैं. सुरक्षा परिषद् के पाँच स्थायी सदस्य जिन्हें 'वीटो पॉवर” प्राप्त हैं उनमें महाबली अमेरिका,रूस,ब्रिटेन,फ़्रांस और चीन शामिल है ।  भारत को अभी तक ये विशषाधिकार नहीं मिला है।
भारत की विदेश नीति में इस समय स्पष्टता का अभाव है।  भारत कभी अमेरिका के साथ खड़ा दिखाई देता है तो कभी रूस के साथ।  भारत ने अपने पारंरिक विरोधी चीन के साथ भी रिश्ते सुधरने के प्रयास भी किये हैं लेकिन उसे हमेशा खतरा बना रहता है की यदि संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ कोई मामला गया तो चीन उस पर अपने वीटो का इस्तेमाल कर सकता है।
भारत के खिलाफ अभी हालाँकि कोई प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद  में नहीं है लेकिन ऐसे तमाम मामले हैं जो वहां उठाये जा सकते हैं ,इसीलिए शायद विदेशमंत्री जयशंकर ने अपनी और से कहा कि  “स्वतंत्रता को कभी भी तटस्थता के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए. हम ‘संगत’ होने के किसी डर की परवाह किए बिना अपने राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए जो भी सही होगा, वह करेंगे।  भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर वीटो लगाने की अनुमति नहीं दे सकता। ” जयशंकर ने कहा कि भारत आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है.। एक तरफ, पिछले दशक ने दिखाया है कि उसके पास क्षमताएं, आत्मविश्वास और सबसे महत्वपूर्ण बात, व्यापक मोर्चों पर विकास को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता है।
सवाल ये है कि  क्या जयशंकर इतना नहीं जानते की वीटो का इस्तेमाल किसी से पूछकर नहीं किया जाता। जिसके पास वीटो पावर है वो इसका इस्तेमाल करता ही है।  1970  से लेकर अब तक अमेरिका 82  बार वीटो पावर का इस्तेमाल कर चुका है ,क्या उसने किसी से पूछकर इस विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया ? रूस ने ही भारत के पक्ष में 4  बार अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया। रूस ने सबसे ज्यादा 294  बार वीटो पावर का इस्तेमाल किया है। रूस के राजदूत व्यचेस्लाव मोलोतोव को तो दुनिया ' मिस्टर वीटो ' के नाम से ही पुकारने लगी थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद विश्व शांति के लिए प्रतिबंधों के साथ ही आवश्यक बल प्रयोग करने का अधिकार भी रखती है। रूस ने 1957 ,1961 ,1962  और 1971  में भारत के पक्ष में अपने वीटो का इस्तेमाल किया था
विश्व गुरु  बनने का प्रयास कर रहे भारत को अभी तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्य्ता और वीटो पावर नहीं मिली है ,जबकि भारत आबादी के लिहाज से अब दुनिया का नंबर वन देश है ,लेकिन न कांग्रेस और न भाजपा की सरकारें वीटो पावर हासिल करने में कामयाब हो पायीं। भूटान और पुर्तगाल ने भारत के पक्ष में आवाज उठाई है।भारत कि पड़ौसी देश पाकिस्तान ,बांग्लादेश म्यांमार,श्रीलंका यहाँ तक की मालदीव से भारत की अनबन  है   अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस पहले ही भारत का समर्थन कर चुके हैं. हालाँकि चीन, भारत की स्थायी सदस्यता में सबसे बड़ी बाधा बन रहा है। जब तक चीन नहीं मानता तब तक भारत को वीटो पर नहीं मिल सकती और बिना वीटो पावर के भारत बिना सुदर्शन चक्रधारी विष्णु जैसा है। भारत 2021  में सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बन चुका है लेकिन उसे अभी तक स्थाई सदस्य्ता नहीं दी गयी है। परिषद में 9  और देश अस्थाई सदस्य हैं।
भारत ने वीटो के बारे में अचानक जो कुछ कहा है उससे ये आशंका होने लगी है कि  संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद में कोई न कोई प्रस्ताव भारत के खिलाफ आने वाला है ,यदि ऐसा नहीं है तो विदेशमंत्री को वीटो पावर के बारे में जिक्र करने की क्या जरूरत थी ? संसद में तो इस बारे में कोई जिक्र हुआ नही।  देश के आम चुनावों में किसी दल ने भारत को वीटो दिलाने की बात अपने चुनाव घोषणा पत्र में की नहीं। फिर अचानक ये वीटो राग कहाँ से श्रुरू हो गया ? लगता है की सरकार देश के अंदरूनी मुद्दों से जनता का ध्यान बंटाने के लिए वीटो -वीटो गा उठी है। भारत को विश्वगुरु बनने की सनक छोड़कर वीटो हासिल करने कि लिए काम करना चाहिए।
@ राकेश अचल 

23 दिसंबर 2024, सोमवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:12 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:28 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *अष्टमी तिथि* 17:07 बजे तक है उसके बाद नवमी तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज उत्तराफाल्गुनी  नक्षत्र* 0908 बजे तक फिर हस्त नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *सौभाग्य* है। 

 *करण*  :-आज *कौलव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक ,भद्रा, गंडमूल नहीं है।  

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  08:29 बजे से 09:49 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:59 बजे से 12:40 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: राष्ट्रीय किसान दिवस  

*मुहूर्त* :- वहां क्रय अन्य नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-कन्या, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 🌞 *चोघडिया, दिन*

अमृत 07:12 - 08:29 शुभ

काल 08:29 - 09:46 अशुभ

शुभ 09:46 - 11:03 शुभ

रोग 11:03 - 12:20 अशुभ

उद्वेग 12:20 - 13:38 अशुभ

चर 13:38 - 14:55 शुभ

लाभ 14:55 - 16:12 शुभ

अमृत 16:12 - 17:29 शुभ

🌘 *चोघडिया, रात*

चर 17:29 - 19:12 शुभ

रोग 19:12 - 20:55 अशुभ

काल 20:55 - 22:38 अशुभ

लाभ 22:38 - 24:21*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

प्रेस क्लब में मनाया जाएगा पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी का जन्मदिन

फूलबाग स्थित प्रेस क्लब  में  23 दिसंबर सोमवार को अपराह्न  3: 00 बजे एक आवश्यक बैठक

ग्वालियर  । ग्वालियर के सपूत वरिष्ठ पत्रकार और देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन 25 दिसंबर को फूलबाग स्थित प्रेस क्लब परिसर में  मनाया जाएगा । इस अवसर पर दो वरिष्ठ पत्रकारों का सम्मान भी किया जाएगा | कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर फूलबाग स्थित प्रेस क्लब  में  23 दिसंबर सोमवार को अपराह्न  3: 00 बजे एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई है । आपको बता दे बिगत दिवस बैठक में तय कार्यक्रम के अनुसार ग्वालियर के सपूत वरिष्ठ पत्रकार और देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन 25 दिसंबर  हर्षोल्लास  से मनाये जाने और इस अवसर पर दो  पत्रकारों का सम्मान किये जाने को लेकर बैठक में सभी साथी अपने सुझाव देकर सहयोग प्रदान करे l 

Featured Post

दो जिस्म, एक जान की जबरदस्त नयी कहानी

तिरुपति मंदिर में हुई भगदड़ के बड़े में क्या लिखना ? जो मरे उन्हें भगवान ने मोक्ष  प्रदान कर ही दिया होगा । जो बच गए हैं वे मोक्ष  पाने के लिए...