टीकमगढ पुलिस द्वारा धोखाधडी के अपराध में आरोपियान को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर माल बरामद किया

       टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़ / फरियादी शंशाक जैन पिता ओमप्रकाश जैन उम्र 34 साल नि० सुधा सागर स्कूल के पास तालाबपुरा डोडाघाट ललितपुर ने थाना उपस्थित आकर एक टाइपसुदा स्व हस्ताक्षरित आवेदन पत्र आरोपीगण देवी सिंह, अशोक जैन, लच्छुवा प्रसाद, हीरा सिंह एवं प्रिया उर्फ विनीता लूनिया शादी के नाम पर धोखाधड़ी कर षडयंत्र बनाकर रुपये एवं जेवरात हङप लेने बाबत् संबंध मे पेश किया आवेदन पत्र के मजमून से प्रथम दृष्टया अपराध धारा 319(2),318(4), 61(2), 3(5) BNS का घटित होना पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ मनोहर सिंह मंडलोई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ सीताराम द्वारा निर्देशित एवं एसडीओपी टीकमगढ़ राहुल कटरे  के मार्गदर्शन में निरीक्षक पंकज शर्मा प्रभारी थाना कोतवाली मय हमराह पुलिस के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुये एवं तत्परता से आरोपियान की तलाश की गयी जो सूचना मिली की देवी सिंह, अशोक जैन, लच्छुवा प्रसाद, हीरा सिंह एवं प्रिया उर्फ विनीता लूनिया ग्राम पठा स्टेण्ड पर दिखाई दिये जो कही वाहर जाने की फिराक में दिख रहे है। जो सूचना ग्राम पठा स्टैण्ड मय टीम के पहुंचकर घेराबंदी कर आरोपियान देवी पिता दशरथ अहिरवार उम्र 31 साल नि० ग्राम तखा मजरा थाना देहात टीकमगढ 2- अशोक पिता प्रेमचंद्र जैन उम्र 35 साल नि० ग्राम पपौरा माडूमर टीकमगढ, 3-लछुआ पिता सूका अहिरवार उम्र 65 साल नि0 ग्राम गुदनवारा टीकमगढ, 4-हीरालाल उर्फ हीरा सिंह पिता रामलाल अहिरवार उम्र 32 साल नि0 ग्राम गुदनवारा टीकमगढ 5- विनीता उर्फ प्रिया सिंह पुत्री भागचंद्र नुनिया उम्र 26 साल नि0 मकान नं0 2812 बंधा गुडाहा थाना रीठी जिला कटनी टीकमगढ को मौके पर दस्तयाव कर गिर. किया गया जो अपराध में उपरोक्त आरोपियान पास से नगद रूपये, मोबाइल, जेवरात कुल कीमती 2,40,000/- रूपये का बरामद किया गया। आरोपियान उपरोक्त को गिर. कर जेआर पर पेश किया गया है।

उक्त कार्यवाही में निरीक्षक पंकज शर्मा, सउनि० सतीष त्रिपाठी, प्रआर0 148 मोहन, प्रआर0 173 भूपेन्द्र, प्रआर0 02रतिराम, मप्रआर0 485 अफरोज, आर0 607 छोटेलाल, महिला आर0 563 सुधा चौधरी,सराहनीय भूमिका रही।

कैसी होगी कुम्भ के बाद की राजनीति ?


जाते हुए  साल की राजनीति  के कुम्भ  में डुबकी लगाने वाले भारत देश में राजनीति कितनी बदली ये सभी ने देख लिया है। अब नए साल में प्रयाग में होने वाले कुम्भ के आयोजन से देश की राजनीति कितनी प्रभावित होगी कहना कठिन है। प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ शुरू होने जा रहा है। आम धारणा है  कि महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने से पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है। महाकुंभ समाप्त 26 फरवरी 2025 को होगा। महाकुम्भ के लिए उत्तरप्देश की सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। 
उत्तर प्रदेश धार्मिक गतिविधियों का नाभि केंद्र तो है ही साथ ही राजनीति  का भी नाभि केंद्र है ।  देश का मुखिया बनने के लिए मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी को बह इसी उत्तर प्रदेश में आना पड़ा था। इसी उत्तर प्रदेश ने 2014  और 2019 में भाजपा को चुनावी वैतरणी पार कराई थी और इसी उत्तर प्रदेश ने 2024 में भाजपा की नाव को डुबो भी दिया था ,फलस्वरूप देश के हिस्से में एक लंगड़ी सरकार आयी। उत्तर प्रदेश में राम मंदिर तो भाजपा को 400पार नहीं करा पाया लेकिन अब देखना ये है कि महाकुम्भ भाजपा को दिल्ली  जितवा सकता है या नहीं ?
अजीब संयोग है कि नए साल में महाकुम्भ और दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी पिछले 12 साल से सत्ता में है। भाजपा ने देश की सत्ता तो तीसरी बार हासिल कर ली लेकिन ख़ास दिल्ली की सत्ता आज भी भाजपा के लिए एक ख्वाब ही है। भाजपा को महाकुम्भ के जरिये अपने हिंदुत्व के एजेंडे को और मारक हथियार बनाकर दिल्ली की सत्ता हासिल करना है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार देश  की लंगड़ी सरकार की मदद से महाकुम्भ के जरिये पुण्य  अर्जित करना चाहती है ,लेकिन गंगा में निर्मल जल ही नहीं है। 
महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना नदियों में बगैर शोधित मल और जल यानी अनट्रीटेड वाटर छोड़े जाने से रोकने और गंगा जल की पर्याप्त उपलब्धता की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली ने बेहद महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।  एनजीटी ने केंद्र व यूपी सरकार से कहा है कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में गंगाजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही साथ ही गंगाजल की क्वालिटी पीने-आचमन करने और नहाने योग्य भी होनी चाहिए। एनजीटी ने अपने फैसले में कहा है कि महाकुंभ के दौरान जो भी श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज आएं. उन्हें गंगाजल को लेकर कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. गंगा में आस्था की डुबकी लगाने पर श्रद्धालुओं की सेहत पर कोई खराब असर कतई नहीं पड़ना चाहिए। 
प्रयाग में कुम्भ का आयोजन कब से हो रहा है इसका कोई लिखित प्रमाण नहीं है किन्तु ये एक सनातन आयोजन है। और बिना किसी के सहयोग से होता आ रहा है ।  ये तब भी सम्पन्न हुआ ,जब देश में मुगलों का शासन था और ये तब भी हुआ जब देश में अंग्रेजों का शासन था।  आजादी के बाद से इस आयोजन को राजसत्ता की प्रत्यक्ष मदद मिलने लगी लेकिन देश की राजनीति में जब से भाजपा का जन्म हुआ है और भाजपा उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई है तब से कुम्भ का आयोजन धार्मिक के साथ ही राजनीतिक आयोजन भी ही गया है। यानि अब महाकुम्भ के माध्यम से राजनीतिक   लक्ष्य भी साधे जाने लगे हैं। इस साल उत्तर प्रदेश सरकार के कन्धों पर कुम्भ के जरिये दिल्ली की सत्ता हासिल करने का लक्ष्य है। भाजपा के लिए ये बड़ा लक्ष्य है। 
आपको बता दें कि प्रयागराज का कुम्भ 14 जनवरी से 10 मार्च 2013 के बीच आयोजित किया गया। यह कुल 55 दिनों के लिए था, इस दौरान इलाहाबाद (प्रयागराज) सर्वाधिक लोकसंख्या वाला शहर बन जाता है। 5 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा लोगों ने  हिस्सा  लिया था। आंकड़ों के हिसाब से ये दुनिया का सबसे बड़ा जमावड़ा है ,लेकिन आबादी की दृष्टि से देखें तो 144  करोड़ के इस देश में से 1  प्रतिशत आबादी भी कुम्भ नहीं पहुँच पाती।कुम्भ के मेले एक तरफ सद्भाव के केंद्र भी बनते हैं तो अतीत में ये पारस्परिक संघर्ष के साक्षी भी रहे हैं। 1690  में नासिक में शैव और वैष्णव साम्प्रदायों में संघर्ष; 60,000 लोग मारे गए थे। 1760 - शैवों और वैष्णवों के बीच हरिद्वार मेलें में संघर्ष; 1,800 मरे।1820  के हरिद्वार मेले में हुई भगदड़ से 430 लोग मारे गए। भगदड़ की अनेक घटनाएं कुम्भ के मेलों में हो चुकी हैं। 
पिछले एक दशक में भाजपा ने देश के अनेक धार्मिक आयोजनों को धार्मिक पर्यटन मेलों में बदल दिया है। प्रयाग का तो नाम तक बदल दिया गया। पहले प्रयाग को अल्लाहाबाद बनाया गया ,फिर इलाहबाद और अब एक बार फिर प्रयाग बना दिया गया है। भाजपा एक बार फिर से महाकुम्भ के जरिये पुण्य के साथ सत्ता सुख भी हासिल करना चाहती है। अयोध्या  में राम मंदिर भाजपा को पिछले आम चुनाव में अपेक्षित लाभ नहीं दिला पाया ,लेकिन भाजपा को उम्मीद है की कुम्भ के जरिये 2024  में हुए घाटे को पूरा किया जा सकेगा। 
@ राकेश अचल

26 दिसंबर 2024, गुरुवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:13 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:30 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *एकादशी तिथि* 24:43 बजे तक है उसके बाद द्वादशी तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज स्वाति नक्षत्र* 18:09 बजे तक फिर विशाखा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *सुकर्मा* है। 

 *करण*  :-आज *बव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा ,गंडमूल नहीं है।   

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज दक्षिण दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  13:39 बजे से 14:56 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:59 बजे से 12:41 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: सफला एकादशी व्रत भगवान चंद्रप्रभु जी जन्म 

*मुहूर्त* :- नामकरण,वाहन है अन्य नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-तुला, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

शुभ 07:14 - 08:31 शुभ

रोग 08:31 - 09:48 अशुभ

उद्वेग 09:48 - 11:05 अशुभ

चर 11:05 - 12:22 शुभ

लाभ 12:22 - 13:39 शुभ

अमृत 13:39 - 14:56 शुभ

काल 14:56 - 16:13 अशुभ

शुभ 16:13 - 17:30 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

अमृत 17:30 - 19:13 शुभ

चर 19:13 - 20:56 शुभ

रोग 20:56 - 22:39 अशुभ

काल 22:39 - 24:22*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

एक ही दिन में 5000 से अधिक चिड़ियाघर पहुंचे सैलानी

ग्वालियर 25 दिसम्बर।नगर निगम द्वारा संचालित चिड़ियाघर में 25 दिसंबर को सैलानियों का तांता लगा रहा। एक ही दिन में 5000 से अधिक सैलानी चिड़ियाघर पहुंचे और वहां पर मौजूद विभिन्न प्रजातियों के पशु पक्षी और सरीसृपों को देखा। एक ही दिन में इतने अधिक सैलानी पहुंचने से नगर निगम को₹200000 से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।

चिड़ियाघर प्रभारी डॉक्टर उपेंद्र यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम के चिड़ियाघर में 25 दिसंबर का दिन काफी भीड़भाड़ वाला रहा । एक ही दिन में 5000 से अधिक सैलानी चिड़ियाघर में मौजूद विभिन्न प्रजातियों के जानवरों को देखने पहुंचे । पूर्ण रूप से सिंगल यूज पॉलिथीन मुक्त चिड़ियाघर में इतने अधिक सैलानी पहुंचने से निगम को भी₹200000 का राजस्व प्राप्त हुआ।


अभद्राचार्य के श्रीमुख से एक भद्र टिप्पणी

 

चित्रकूट के गिरधर मिश्रा यानि जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के प्रति मेरे मन में श्रद्धा का भाव लेशमात्र भी नहीं है ,लेकिन उनकी विद्व्ता  का मै कायल हूँ ।  कायल हूँ उनकी निर्भीकता का ।  वे जिस आत्मविश्वास के साथ जातिवाद का समर्थन करते हैं ,उसी प्रखरता के साथ अपने अभद्र और विदूषक शिष्यों का संरक्षण भी करते हैं।  स्वामी जी ने हाल ही ,में  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत को भी आईना दिखाकर   एक शुभकार्य किया है। उन्होंने कहा है कि भागवत संघ प्रमुख हो सकते हैं जिन्तु हिन्दूधर्म के ठेकेदार नहीं। 

गत दिवस पुणे में 'हिंदू सेवा महोत्सव' के उद्घाटन के मौके पर बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा कि  राम मंदिर के साथ हिंदुओं की श्रद्धा है लेकिन राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वो नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं का नेता बन सकते हैं. ये स्वीकार्य नहीं है." उन्होंने इस माहौल पर चिंता जाहिर करते हुए एक बार फिर मंदिर-मस्जिद वाले चैप्टर को बंद करने की बात कही। उनके इस बयान से ये ध्वनित होता है जैसे कि  वे हिन्दू धर्म के ठेकेदार   के रूप में बोल रहे हैं। 

संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत की बात गिरगिट के  रंग बदलने जैसा है ।  उनके प्रचारकों की पार्टी भाजपा इन दिनों देश में मुसलमान के पूजा स्थलों की खुदाई का अभियान चलाये हुए है और इसके लिए बाकायदा अदालतों का सहारा लिया जा रहा है। इस मुद्दे पर स्वामी रामभद्राचार्य ने सबसे पहले अपना मौन तोड़ा और कहा कि  "ये मोहन भागवत का व्यक्तिगत बयान हो सकता है. ये सबका बयान नहीं है. वो किसी एक संगठन के प्रमुख हो सकते हैं, हिंदू धर्म के वो प्रमुख नहीं हैं कि हम उनकी बात मानते रहें।  वो हमारे अनुशासक नहीं हैं।  हम उनके अनुशासक हैं। "

रामभद्राचार्य ने कहा, "हिंदू धर्म की व्यवस्था के लिए वो ठेकेदार नहीं हैं. हिंदू धर्म की व्यवस्था, हिंदू धर्म के आचार्यों के हाथ में हैं. उनके हाथ में नहीं हैं।  वो किसी एक संगठन के प्रमुख बन सकते हैं. हमारे नहीं हैं।  संपूर्ण भारत के वो प्रतिनिधि नहीं हैं। "

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समय से ही भाजपा और सरकार से खिंचे रहने वाले ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी मोहन भागवत के बयान के बाद गुस्से में है।  उन्होंने कहा, "जो लोग आज कह रहे हैं कि हर जगह नहीं खोजना चाहिए, इन्हीं लोगों ने तो बात बढ़ाई है और बढ़ाकर सत्ता हासिल कर ली. अब सत्ता में बैठने के बाद कठिनाई हो रही है। "

हिन्दू धर्म के स्वयम्भू संरक्षक संघ प्रमुख के बयान की मुखालफत करने वाले स्वामी रामभद्राचार्य विचारों से पक्के हिन्दू हैं ,हिन्दू ही नहीं बल्कि राजनीतिक विचारों के मामले में भाजपा के समर्थक हैं और खुले आम भाजपा के लिए काम करते हैं। कांदिवली के ठाकुल विलेज में डेरा डाले बैठे स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि   बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर  सरकार  कदम उठा रही है, लेकिन अब और कठोर कदम उठाना चाहिए।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहूंगा कि वो कठोर रुख अपनाएं. इसके साथ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुंभ के आयोजन पर उन्होंने खुशी जाहिर की। स्वामी रामभद्राचार्य का बयान भी हालाँकि एक भूल-भुलैया ही है क्योंकि स्वामी जी भी वही सब चाहते हैं जो डॉ भागवत चाहते हैं, या जो योगी आदित्यनाथ चाहते हैं या प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी चाहते हैं। 

स्वामी रामभद्राचार्य के पतु शिष्य बागेश्वरधाम के विदोषक बाबा धीरेन्द्र शास्त्री तो बाकायदा भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे है।  उन्होंने हाल ही में 200  किमी की एक पदयात्रा भी हिन्दुओं को एकजुट करने के लिए की थी। लेकिन फिलहाल स्वामी रामभद्राचार्य ने ध्यान भटकाने में डॉ भागवत की मदद की है या विरोध ये तय कर पाना आसान नहीं है। 

पहले संसद में फिर संसद के बाहर डॉ भीमराव अम्बेडकर पर बयान को लेकर घिरी भाजपा अब धर्म के मुद्दे पर वापस आ गयी है ।  अब पूरी सरकार और सरकारी पार्टी मह्कुम्भ की बात करने लगी है। डॉ अम्बेडकर को लेकर केंन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सदन में दिए गए भाषण के बाद न केवल विपक्ष का आईएनडीआईए गठबंधन बल्कि दूसरे दल भी भाजपा के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं। डॉ अम्बेडकर की मान -प्रतिष्ठा को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगाए हुए हैं। 

मेरा मानना   है कि  यदि स्वामी रामभद्राचार्य हिंदुत्व की ठेकेदारी के मुद्दे पर संघ के खिलाफ खड़े हो जाएँ तो स्थितियां बदल सकतीं हैं ,लेकिन वे ऐसा कर नहीं सकते। आपको याद दिला दें कि  स्वामी रामभद्राचार्य  24  साल पहले सन 2000 में  न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित सहस्राब्दी विश्व शान्ति शिखर सम्मलेन में भारत के आध्यात्मिक और धार्मिक गुरुओं में जगद्गुरु रामभद्राचार्य सम्मिलित थे। संयुक्त राष्ट्र को उद्बोधित करते हुए  उन्होंने भारत और हिन्दू शब्दों की संस्कृत व्याख्या और ईश्वर के सगुण और निर्गुण स्वरूपों का उल्लेख करते हुए शान्ति पर वक्तव्य दिया था । 

स्वामी जी जुलाई 2003 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सम्मुख अयोध्या विवाद के अपर मूल अभियोग संख्या 5 के अन्तर्गत धार्मिक मामलों के विशेषज्ञ के रूप में साक्षी बनकर प्रस्तुत हुए थे।  उनके शपथ पत्र और जिरह के कुछ अंश अन्तिम निर्णय में उद्धृत हैं।अपने शपथ पत्र में उन्होंने सनातन धर्म के प्राचीन शास्त्रों जैसे वाल्मीकि रामायण, रामतापनीय उपनिषद्, स्कन्द पुराण, यजुर्वेद, अथर्ववेद,  से उन छन्दों को उद्धृत किया जो उनके मतानुसार अयोध्या को एक पवित्र तीर्थ और श्रीराम का जन्मस्थान सिद्ध करते हैं।अब देखना ये है की हिन्दू धर्म कि ठेके को लेकर स्वामी रामभद्राचार्य ने जो कुछ कहा है उसे शेष संत समाज का समर्थन मिलता है या फिर संघ पहले की तरह हिन्दुओं का स्वयम्भू ठेकदार बना रहेगा ?

@ राकेश अचल

25 दिसंबर 2024, बुधवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:13 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:29 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *दशमी तिथि* 22:29 बजे तक है उसके बाद एकादशी तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज चित्रा नक्षत्र* 15:21 बजे तक फिर स्वाति नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *अतिगंड* है। 

 *करण*  :-आज *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक , गंडमूल नहीं है भद्रा 09:12 से 22:29 बजे तक है।  

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  12:21 बजे से 13:39 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:59 बजे से 12:41 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: बड़ा दिन, क्रिसमस दे

*मुहूर्त* :- नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-तुला, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

*🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 07:13 - 08:30 शुभ

अमृत 08:30 - 09:47 शुभ

काल 09:47 - 11:04 अशुभ

शुभ 11:04 - 12:21 शुभ

रोग 12:21 - 13:39 अशुभ

उद्वेग 13:39 - 14:56 अशुभ

चर 14:56 - 16:13 शुभ

लाभ 16:13 - 17:30 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

उद्वेग 17:30 - 19:13 अशुभ

शुभ 19:13 - 20:56 शुभ

अमृत 20:56 - 22:39 शुभ

चर 22:39 - 24:22*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी ने जतारा एसडीम को दिया ज्ञापन

      टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़ :- जतारा तहसील में भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी के क्रांतिकारी मोनू चौधरी जी की अध्यक्षता में  जतारा विधानसभा मे जहां-जहां है हरिजन बस्ती शब्द लिखा है वह बहुजन के लिय गाली है  भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी द्वारा एसडीम जतारा को ज्ञापन दिया और कहा जहां भी हरिजन शब्द है वह परिवर्तित करके बहुजन महापुरुषों के नाम रखा जाए।जिसमें भारी संख्या में  भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी के क्रांतिकारी साथी आईटी सेल प्रभारी कृपान्त अहिरवार,रोहित चौधरी पूर्व विधानसभा सचिव, नगर अध्यक्ष सतीश, रफीफ खान, ग्राम अध्यक्ष सूरज जरया , चन्दपुरा ग्राम अध्यक्ष दिनेश अहिरवार, धीरू जाटव, अनीश रजक, रानू चौधरी, रूपेंद्र, प्रदीप, राघवेंद्र, पुष्पेन्द्र, अजय, जैसे सैकड़ो क्रांतिकारी साथी उपस्थित रहे I 

अमित शाह जब तक माफ़ी नहीं मांगेगे आंदोलन जारी रहेगा – यादवेंद्र सिंह टीकमगढ़ विधायक

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़:- आज कांग्रेस पार्टी के द्वारा अम्बेडकर सम्मान यात्रा का आयोजन किया गया नगर के अम्बेडकर चौराहे पर कांग्रेस पार्टी के विधायक, अध्यक्ष व कार्यकर्त्ता इक्कठे हुए जहा अमित शाह के खिलाफ जमकर नारे बाजी की गई टीकमगढ़ विधायक यादवेंद्र सिंह ने बताया की अमित शाह के द्वारा जो अम्बेडकर जी का अपमान किया गया हैं उसके विरोध मे यह प्रदर्शन किये जा रहे हैं और जब तक अमित शाह माफ़ी नहीं मांगेगे जब तक विभिन्न तरीको से प्रदर्शन जारी रहेगा और आज अम्बेडकर चौराहे से सम्मान यात्रा निकली गई यह यात्रा अम्बेडकर चौराहे से अस्पताल चौराहे तक निकली जहाँ राज्यपाल के नाम एस डी एम को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें राहुल गाँधी पर हुई एफ आई आर की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की साथ ही अमित शाह से माफ़ी मांगे जाने की अपील की हैं साथ बतया की माफ़ी न मांगे जाने पर कांग्रेस पार्टी उग्रआंदोलन करेंगी इस दौरान कांग्रेस पार्टी जिलाध्यक्ष नवीन साहू, टीकमगढ़ विधायक यादवेन्द्र सिंह, प्रदेश महिला सचिव किरण  अहिवार टीकमगढ़   कांग्रेश प्रभारी रेखा चौधरी ,खरगापुर विधायक चंदा सुरेंद्र सिंह व कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्त्ता मोज़ूद रहे I 

भाजपा कार्यकर्त्ताओं ने अटल जी की जन्म जयंती के अवसर पर किया रक्तदान

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 


टीकमगढ़। आज भाजपा नगर मंडल के कार्यकर्ताओं ने रक्तदान किया। भाजपा मीडिया प्रभारी स्वप्निल तिवारी ने बताया कि आज भाजपा पार्टी ने सुशासन दिवस मनाया, जिसमें विभिन्न कार्यक्रम संपन्न हुए, इसी संदर्भ में आज भाजपा नगर मंडल के कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया, रक्तदान करने वालों में नगर मंडल उपाध्यक्ष देवेंद्र सेन ने 14 वीं बार रक्तदान किया। मुख्य रूप से उपस्थित नगर मंडल अध्यक्ष नरेश तिवारी ने बताया कि सुशासन दिवस में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी की सौं वीं जयंती सभी बूथों पर मनाई गई,इस 25 दिसंबर को खजुराहो में हो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में केन बेतवा लिंक परियोजना के भूमिपूजन है, जिस कारण सभी कार्यकर्ताओं ने 24 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया। कार्यकर्ताओं में नगर मंडल अध्यक्ष नरेश तिवारी, महामंत्री पंकज प्रजापति, देवेंद्र सेन ,विनय सेन, जितेंद्र जैकी यादव, शक्ति दौंदरिया, स्वप्निल तिवारी आदि उपस्थित रहे।

नफरत से दूर रहे अटल बिहारी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी   के बारे में लिखना एक रिवायत जैसा है ।  वे भाजपा के जवाहर लाल नेहरू थे,उदार ,उदात्त अध्ययनशील ,स्वप्नदृष्ट्रा  ।  नेताओं के मामले भाजपा दूसरे  दलों के मुकाबले बहुत कंगाल है ।  भाजपा के पास ले-देकर एक अटल बिहारी वाजपेयी है जिनका सहारा लेकर भाजपा समाज में खड़ी होकर कोई बात कर सकती है ,अन्यथा भाजपा का हर चेहरा विद्रूप दिखाई देता है। पिछले एक दशक में भाजपा के अनेक नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी छाप नेतागीरी करने की कोशिश की थी किन्तु मोदी युगमें ये छाप धूमिल पड़ गयी।

अटल जी के बारे में लिखते हुए न जाने क्यों ऐसा लगता है कि मै परिवार के किसी बुजुर्ग के बारे में लिख रहा हूँ ।  अटल जी को मैंने तब से देखा और जाना है जब से मै ग्वालियर  आया था ।  बात 1972  की है ,जब मैंने पहली बार अटल जी को देखा और सुना था। बाद के दिनों में वे देश के विदेशमंत्री भी बने और प्रधानमंत्री भी ,लेकिन वे हमेशा ही हमारे अपने अटल जी बने रहे।  अटल जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक  संघ से दीक्षित कार्यकर्ता थे। उनके भीतर भी हिंदुत्व  और महात्मा गाँधी ,जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ नफरत के बीज बोये गए थे ,किन्तु उन्होंने प्रयत्नपूर्वक अपने भीतर विषबेल को फैलने नहीं दिया।
अटल जी यदि जीवित होते तो आज हम सब उनका शताब्दी समारोह मना रहे होते ।  शताब्दी समारोह तो हम आज भी मना रहे हैं लेकिन उसमें अटल जी के अनुशरण का कोई संकल्प दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहा।  अटल   जी ने 1957  में पहली बार लोकसभा में कदम रखा था ।  उन्होंने देश के लगभग सभी प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया लेंकिन  वे हमेशा लोकसभा में नायक बने रहे,खलनायक नहीं। उनके खिलाफ कभी भी वैसा शोर शराबा नहीं हुआ जैसा की पिछले दस सालों में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास यदि के भाषणों के बीच होता है।  अटल जी को सुनना एक अनूठा अनुभव होता था।  उनके भाषणों में पांडित्य साफ़ झलकता था ।  उनकी भाव मुद्राएं अनुपम थीं। उनके व्यंग्य में हास्य भी ऐसा होता था कि  विरोधी भी खिलखिलाकर हंस देते थे।
ग्वालियरवासी  होने के नाते मुझे पत्रकार के रूप में ,एक साहित्यसेवी के रूप में उनके निकट रहने और उनसे संवाद करने के अनेकाएक अवसर मिले ,इसलिए मैं अधिकारपूर्वक   कह सकता हूँ   कि उनके जैसा अध्येता ,प्रवाचक और दूर दृष्टा नेता भाजपा में कोई दूसरा है ही नहीं। अटल जी कि साथ सियासत में आये लालकृष्ण आडवाणी भी नहीं। आडवाणी जी संघ के दीक्षित स्वयंसेवक हैं ,जनसंघ और भाजपा के संस्थापक है।  अयोध्या में बाबरी ध्वंश कि खलनायक हैं लेकिन अटल जी केवल और केवल नायक हैं। वे खलनायक बनाये ही नहीं जा सके। विपक्ष भी उन्हें खलनायक नहीं बना सका।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी अपनी गरीबी का रोना नहीं रोया। वे कभी भी एक विपक्ष के  नेता कि रूप में ,एक प्रधानमंत्री  के रूप में स्थापित लक्ष्मण रेखाओं के पार नहीं गए। वे जब तक जीवित रहे ,सक्रिय रहे [अंतिम दिनों को छोड़कर]। मुझे अटल जी जितने एक राजनेता के रूप में प्रिय थे उससे ज्यादा एक कवि के रूप में प्रिय थे।  चूंकि मै राजनीति में नहीं रहा इसलिए उनके साथ काम करने का अवसर मुझे नहीं मिला लेकिन एक कवि के रूप में मुझे अटल जी को सुनने और अपनी कविताएं सुनाने के अवसर अनेक मिले।  अटल जी की पढंत सबसे अलग थी।  उनकी पढ़न्त की छाप उनके धुर   विरोधी विचारधारा के ग्वालियर के मूर्धन्य कवि स्वर्गीय मुकुट बिहारी सरोज से लेकर जयंती  अग्रवाल के ऊपर तक थी।  लोग अटल जी को केवल राजनीति में ही नहीं बल्कि एक साहित्यकार के रूप में भी फॉलो करते थे।
अटल जी ने हमेशा जोड़ने की बात की।  वे सबका साथ ,सबका विकास या अच्छे दिन आएंगे का नारा दिए बिना सबको साथ लेकर चलते  रहे ।  उन्होंने  कभी  खुलकर हिन्दू-मुसलमान नहीं किया।  उन्होंने कभी मोहन भागवत की तरह ज्यादा बच्चे पैदा करो जैसे आव्हान  भी देश की जनता से नहीं किये।  अटल जी ने पड़ौसियों से रिश्ते सुधारने की हर सम्भव कोशिश की ।  उन्हें इस कोशिश में भारत के पुश्तैनी शत्रु पकिस्तान से धोखा भी  मिला जिसकी परिणति कारगिल युद्ध के रूप में हुई।  अटल  जी अपने राजनीतिक जीवन में अनेक बार टूटे लेकिन बिखरे कभी नही।  वे तब टूटे जब उनकी पहली सरकार 13  दिन में गिरी ।  वे तब भी टूटे जब उन्हें 13  महीने में गद्दी छोड़ना पड़ी ।  वे सबसे ज्यादा  तब टूटे जब उन्हें अपने ही शहर ग्वालियर में लोकसभा चुनाव 1984  में पराजय का सामना  करना पड़ा।
ग्वालियर वासी होने के नाते मुझे हमेशा ये शिकायत रही कि उन्होंने जितना अपनी कर्मभूमि लखनऊ के लिए किया उतना अपनी जन्मभूमि ग्वालियर के लिए नहीं किया।  ग्वालियर से मिली हार को वे आजीवन पचा नहीं पाए।  एक प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद सबसे जयादा लोकप्रिय प्रधानमंत्री अटल जी ही थे।  श्रीमती  इंदिरा गाँधी की लोकप्रियता भी बेमिसाल थी ,लेकिन अटल जी जैसी नहीं थी।  वे साहित्यकार नहीं थीं । विनोदी भी कम ही थीं। ।  अटल जी ने एक प्रधानमंत्री के रूप में देश को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बनाने में अहम भूमिका निभाई।  उन्होंने श्रीमती इंदिरा गाँधी के अधूरे काम को आगे बढ़ाया।  अटल जी ने कभी भी पंडित जवाहर लाल नेहरू,इंदिरा गाँधी या राजीव गाँधी की सरकार को पानी पी-पीकर नहीं कोसा।  उन्होंने कभी गैर भाजपाई प्रधानमंत्रियों को खलनायक नहीं कहा।
अटल जी को हमेशा आरएसएस का मुखौटा कहा जाता था ,क्योंकि वे संघ के स्वयं सेवक होते हुए भी उदारता की झीनी चादर ओढ़कर सियासत में सक्रिय रहे।  अटल जी के भीतर झांकें तो वहां आपको एक मोदी छिपा मिल जाएगा लेकिन वे मोदी की तरह उग्र हिन्दू नहीं थे। वे समावेशी था ।  गंगा-जमुनी संस्कृति का अर्थ और महत्व जानते थे।  वे अक्सर कहते थे कि  भारत को लेकर मेरी एक दृष्टि है- ऐसा भारत जो भूख, भय, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो। उन्होंने कभी चुनावों में सावरकर का नाम नहीं लिया हालाँकि वे कहते थे कि  "क्रान्तिकारियों के साथ हमने न्याय नहीं किया, देशवासी महान क्रान्तिकारियों को भूल रहे हैं, आजादी के बाद अहिंसा के अतिरेक के कारण यह सब हुआ।"अपनी रचनाधर्मिता को लेकर उनका हमेशा कहना रहा कि  "मेरी कविता जंग का ऐलान है, पराजय की प्रस्तावना नहीं। वह हारे हुए सिपाही का नैराश्य-निनाद नहीं, जूझते योद्धा का जय-संकल्प है। वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है।
मै अटल जी को एक हीरो के रूप में देखता हूँ जबकि उनकी और उनकी पार्टी की विचारधारा से मेरा विरोध सनातन रहा। उन्हें ग्वालियर के मेले में बिना सघन सुरक्षा के घुमते हुए, मूंगफलियां कहते हुए ,विनोद करते हुए याद करते हुए मेरा मन आज भी पुलकित होता है।  मुझे उनकी हथेलियों की कोमलता और स्निग्ध मुस्कान आज भी याद है।  वे अपनी शादी के बारे में पूछे जाने पर कैसे शर्माते थे मै भूला नहीं हूँ ।  आप अटल सरकार की उपलब्धियों के बारे में गूगल सर्च का सकते हैं लेकिन उनके मानवीय गुणों के बारे में जो मै लिख रहा हों वो आपको शायद ही कहीं और पढ़ने को मिले। अटल जी की जन्मसदी के मौके पर मै उन्हें  विनम्रता पूर्वक याद करते हुए कामना करता हूँ कि  वो आरएसएस को मोदी जी जैसे नहीं अटल जी जैसे नेता दे।
@ राकेश अचल 

24 दिसंबर 2024, मंगलवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:12 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:29 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *नवमी तिथि* 19:52 बजे तक है उसके बाद दशमी तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज हस्त  नक्षत्र* 12:16 बजे तक फिर चित्रा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *शोभन* है। 

 *करण*  :-आज *गर* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक ,भद्रा, गंडमूल नहीं है।  

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  14:55 बजे से 16:12 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:59 बजे से 12:41 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: कोई नहीं 

*मुहूर्त* :- नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-कन्या, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-मकर, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

रोग 07:13 - 08:30 अशुभ

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