1 जनवरी 2025, बुधवार का पंचांग


*सूर्योदय :-* 07:15 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:34 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह शुक्ल पक्ष *द्वितीया तिथि* 26:24 बजे तक है उसके बाद तृतीया तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज उत्तराषाढ़ नक्षत्र* 23:45 बजे तक फिर श्रवण नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *व्याघात* है। 

 *करण*  :-आज *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा,गंडमूल नहीं है।    

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  12:35 बजे से 13:42 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:03 बजे से 12:45 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: अंग्रेजी नव वर्ष 2025 प्रारंभ

*मुहूर्त* :-  नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-मकर, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-कुंभ, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 07:15 - 08:33 शुभ

अमृत 08:33 - 09:50 शुभ

काल 09:50 - 11:08 अशुभ

शुभ 11:08 - 12:25 शुभ

रोग 12:25 - 13:42 अशुभ

उद्वेग 13:42 - 14:59 अशुभ

चर 14:59 - 16:17 शुभ

लाभ 16:17 - 17:34 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

उद्वेग 17:34 - 19:17 अशुभ

शुभ 19:17 - 20:59 शुभ

अमृत 20:59 - 22:42 शुभ

चर 22:42 - 24:25*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

जितेन्द्र गोस्वामी का जल्द ही खुद का पक्का मकान होगा

कलेक्ट्रेट की “जन-सुनवाई”

 ग्वालियर 31 दिसम्बर ।जितेन्द्र गोस्वामी का जल्द ही खुद का पक्का मकान होगा। लम्बे अर्से से आवास स्वीकृति की आस लगाए बैठे जितेन्द्र को कलेक्ट्रेट की “जन-सुनवाई” ने सहारा दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा हर पात्र व्यक्ति को मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान के तहत योजना का लाभ दिलाने के लिये दिए गए निर्देशों का पालन कर कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जितेन्द्र की वर्षों पुरानी मांग पूरी कर दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना में उनका नाम जुड़वा दिया है। कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में इस बार 128 लोगों की सुनवाई की गई। 

मंगलवार को कलेक्ट्रेट में हुई जन-सुनवाई में नगर परिषद मोहना के वार्ड-7 के निवासी श्री जितेन्द्र गोस्वामी अपनी फरियाद लेकर पहुँचे थे। उन्होंने कलेक्टर श्रीमती चौहान को अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि पात्रता होने के बाबजूद भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मेरे नाम से आवास मंजूर नहीं हुआ है। इसके लिये हमने नगर परिषद व विकासखंड स्तर पर कई बार प्रयास किए पर सफलता नहीं मिली। 

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने उनके आवेदन के आधार पर छानबीन कराई तब पता चला कि तकनीकी कारणों से जितेन्द्र गोस्वामी के लिये आवास मंजूर नहीं हो सका है। मोहना जब ग्राम पंचायत थी, तब उनका नाम प्रतीक्षा सूची में शामिल था। मोहना के नगर पंचायत बनने के बाद नए सिरे से लक्ष्य और प्राथमिकता क्रम का निर्धारण हुआ। इस वजह से जितेन्द्र के लिये आवास स्वीकृत होने में देरी हुई। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना में उनका नाम शामिल करा दिया है। अब जल्द ही जितेन्द्र के खाते में मकान बनाने के लिए पहली किस्त पहुँच जायेगी। 

कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में इस बार 128 आवेदक पहुँचे थे। कलेक्टर श्रीमती चौहान, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू अरुण कुमार, श्री कुमार सत्यम व श्री टी एन सिंह सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने एक-एक कर सभी आवेदकों की समस्यायें सुनीं। साथ ही उनके आवेदनों के निराकरण की रूपरेखा तय की। जन-सुनवाई में प्राप्त हुए कुल आवेदनों में से 67 दर्ज किए गए। शेष 61 आवेदन सीधे ही विभिन्न विभागों के अधिकारियों को समय-सीमा में निराकृत करने के लिये दिए गए हैं। 

नगर निगम सेवा से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दी विदाई

 

ग्वालियर 31 दिसम्बर । नगर निगम सेवा से सेवानिवृत होने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को महापौर डॉ शोभा सतीश सिंह सिकरवार, सभापति श्री मनोज सिंह तोमर, नेता प्रतिपक्ष श्री हरिपाल, उपनेता सत्तापक्ष श्री मंगल योगन्द्र यादव, लेखा समिति के अध्यक्ष श्री अनिल सांखला, विधायक प्रतिनिधि श्री कृष्ण राव दीक्षित, जनप्रतिनिधि श्री राजू पलैया ने दी विदाई I 

  जलविहार स्थित सभा भवन में आयोजित सेवानिवृत कर्मचारियों के विदाई समारोह के अवसर पर सम्पदा अधिकारी श्री अरविंद चतुर्वेदी, सहायक वर्ग-3 श्री राजेन्द्र पाराशर, श्री विजय सिंह, श्रीमती आनंदी बाई, श्रीमती पुष्पा देवी को सेवानिवृत्त होने वाले सभी कर्मचारियों को शाल, श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया तथा कर्मचारियों के पीएफ की राशि बैंक खाते में पहुँचाई गई। इस अवसर पर सेवानिवृत्त होने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आगामी भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वस्थ जीवन की कामना की गई। 

कार्यक्रम का संचालन सचिव श्री बृजेश श्रीवास्तव ने किया।

नए साल में पुराने जख्म न कुरेदें आप

नया साल हो या रूमाल तभी तक नया है जब तक कि वो आपके पास आया नहीं। नया होना पुराने का वजूद समाप्त नहीं करता ,बल्कि नयेपन की खुशबू बिखेरता आता है।  नए का अहसास पुराने को मुकाबिल रखकर किया जा सकता है। नई कोंपल हो, नया अंकुर हो ,नया पैगाम हो या नया जाम हो सभी आल्हादित कर  देते हैं। नया आखिर नया ही होता है ,लेकिन यदा रखिये कि नया भी ' पानी केरा बुदबुदा ' ही है ,पलक झपकते प्रभात के तारे की तरह छिप जाता है या पुराना हो जाता है।

आज हमारे पास जो है वो कल पुराना हो जाएगा और कल जो हमारे पास आएगा वो नया कहलायेगा। नए और पुराने के बीच एक महीन सी लकीर होती है। अदृश्य लकीर। नया अल्पजीवी होता है फिर भी सभी को नए की दरकार होती है। जड़ हो या चेतन नयेपन को लेकर सदैव उत्सुक रहता है।नया स्वाद, नया कपड़ा,नया मौसम ,नयी जगह, नया घर,नयी गाडी ,नयी नौकरी, नया -नया-नया। सब कुछ नया। किन्तु प्रकृति में एक तारीख और वर्ष संख्या ही ऐसी है जो नई कही जाती है ,बाकी सब 365  दिन में नया नहीं हो पाता।मनुष्यों को छोड़ शायद ही कोई नया साल मानता हो।  

आज जो 31  है कल वो 1  हो जाएगा।  आज जो 2024  है ,कल से वो 2025  हो जाएगा,लेकिन बाकी सब कुछ पुराना होगा ,फिर भी सब नए साल का जश्न मानकर स्वागत करेंगे।  नए संकल्प लेंगे, नए सपने देखेंगे, नए ठिकाने तलाशेंगे ,हालाँकि  होगा सब कुछ पुराना है ।  जैसे नयी बोतल में पुरानी शराब। ये जुमला केवल जुमला नहीं है बल्कि एक हकीकत है।  हम  सनातनी तो जीवन और मृत्यु को भी इसी सिद्धांत के तहत लेकर चलते है।  हमारी आत्मा अजर,अमर है।  वो केवल देह बदलती है।  हमेशा नई देह चाहिए आत्मा को। नए की तलाश ही हमें गतशील बनाये रखती है।

मजे की बात ये है कि हम एक तरफ नए की और भागते हैं और दूसरी तरफ पुराने के प्रति हमारी आशक्ति समाप्त नहीं होती। हम नया स्वीकार करने में हिचकिचाते हैं और पुराने  को लगातार गले से लगाए रखना चाहते हैं।  यादें इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।  विरासत दूसरा बड़ा उदाहरण है। दुनिया में कोई ऐसा है जिसे नए के मुकाबिले पुराना अप्रिय लगता हो ! हम पुराने रिश्ते मरने नहीं देत।  पुरानी तस्वीरें उठाकर फेंक नहीं देते। फिर आखिर क्यों हमें पुराने जख्म कुरेदने में मजा आता है।  आखिर हम क्यों पुराने और गड़े हुए मुर्दे उखड़ते हैं ? ये बात अलग है कि हम पुराने से ऊबने लगते हैं। इसी ऊब से नयेपन की चाहत जन्म लेती है।

नए साल में भी हमारे   साथ अधिकांश चीजें पुरानी ही रहने वाली है।  न हम बदलेंगे और न हमरे आसपास के लोग ।  हम   उसी घर में रहेंगे जहां वर्षों से रहते आए हैं  ,लेकिन हम नयेपन का अहसास करने के लिए हफ्ते -दस दिन के लिए अपने ठिकाने बदल सकते हैं वो भी तब जब हमारे पास इसकी सामर्थ्य हो ,अन्यथा झोपडी में रहने वाला किसान,मजदूर नयेपन से हमेशा वंचित रहता है ,नया सभी को चाहिए किन्तु कुछ नया हो तब न !   !

बुधवार को जब नया साल आएगा तब भी हमारे पास न सरकार नई होगी और न अखबार, न टीवी चैनल नया होगा और न कोई स्वाद।  हाँ हमारे पास नए कपड़े हो सकते हैं, नया घर  हो सकता है , नया वाहन हो सकता है ,नया मोबाईल सेट हो सकता है ,लेकिन अलप समय के लिए। हम नए दौर में प्रवेश जरूर करते हैं किन्तु ये नयापन टिकाऊ नहीं होता ।  आप याद करके देखिये और बताइये कि आपके पास नया क्या है ? नए केवल संकल्प हो सकते है।  नया केवल सपना हो सकता है।  नया केवल व्यवहार हो सकता है।  नयी केवल शैली हो सकती है।  नया केवल स्वाद हो सकता है हालाँकि हर नए के गर्भ में  पुराना ही छिपा होता है। यानि नयापन एक ' मृग मरीचिका ' है।  जो कभी हाथ नहीं  आती और यही वो चीज है जो हमें निरंतर  गतिशील बनाये रखती है।

 नया साल आप सभी को मुबारक हो ये कामना हम भी करते हैं ,क्योंकि आने वाले दिनों में कुछ तो नया हो। नए रिश्ते बनें, नयी सियासत शुरू हो। नया नेतृत्व सामने आये ।  नया भारत बने जिसमें संकीर्णता   ,साम्प्रदायिकता, वैमनस्य की दुर्गन्ध न आती हो। एक ऐसी नई दुनिया हमारा सपना है जिसमें युद्ध न हो ,केवल और केवल शांति हो। एक ऐसी दुनिया और एक ऐसा देश हो जहाँ भूख,गरीब। गैर बराबरी न हो  कोई नया अवतार न हो। लेकिन ये सब कैसे हो ,कोई नहीं जानता। आप अपने लिए अपना नया खुद तलाशिये,कोई सरकार आपको कुछ भी नया नहीं

  दे सकती।  दुनिया में हादसे और खुशियां समान रूप से नई और पुरानी होती आयीं है और होती रहेंगी।

मुझे हर साल नए साल के वक्त प्रेम धवन याद आते है।  हम हिंदुस्तानी फिल्म  याद आती है।  मुकेश याद आते है।  उषा खन्ना याद आतीं हैं क्योंकि उन्होंने जो आव्हान ,जो सलाह हम हिन्दुस्तानियों को दी है वो कोई और दे नहीं सकत।  प्रेम धवन  जी लिख गए हैं -

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी

नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी

हम हिंदुस्तानी,  हम हिंदुस्तानी

हम अपनी  पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं , इसीलिए क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं ? क्योंकि चांद के दर पर जा पहुंचा है आज ज़मानानए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं। अब हमारे पास नया खून है नई उमंगें है ,नई जवानी है। हममें सोचना है की हम को कितने ताजमहल और बनाने हैं। हमें उन्हें खोदने की बात नहीं सोचना ।  हमें सोचना है कि  कितने अजंता हम को और सजाने हैं। हमें  तय करना है अभी  कितने दरियाओं का  रुख पलटना है , और कितने पर्वतों को राहों से हटाना है। हमें अपनी  मेहनत को अपना ईमान बनाना है।  हमें किसी अवतार की जरूरत नहीं है ,हमें अपने हाथों से अपना भगवान  बनाना है। हमें राम,कृष्ण और गौतम की इस पुण्य भूमि पर ही सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाना है ,न की कोई हिन्दू राष्ट्र।

? हमें नहीं भूलना चाहिए की हमने दाग गुलामी का धोया है जान लुटा के,हमें याद रखना है कि हमने दीप जलाए हैं, ये कितने दीप बुझा के।  हमें याद रखना होगा कि हमने ली है आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को रखना होगा ,हर दुश्मन से आज बचा के । ? हमें हकीकत को पहचानना होगा। क्योंकि हमारा हर ज़र्रा है मोती  है ,जरा आँख उठाकर देखो।  हमारी मिटटी केवल मिटटी नहीं है इसमें  सोना है, हाथ बढ़ाकर देखो।  हमारी गंगा भी सोने की   है ,चांदी की जमुना है। इसकी मदद से चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो। किसी राज सत्ता या व्यक्ति के अंधभक्त बनकर हम ये सब नहीं कर सकत। नयापन हमारे लिए एक ख्वाब ही बनकर रह जाएगा।  बहरहाल आप सब खुश रहें ,सुख-समृद्धि आपके कदम चूमे। यही नए वर्ष पर हमारी शुभ कामना है।  

@ राकेश अचल

31 दिसंबर 2024, मंगलवार का पंचांग

 

*सूर्योदय :-* 07:15 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:33 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह शुक्ल पक्ष *प्रतिपदा तिथि* 27:21 बजे तक है उसके बाद द्वितीया तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज पूर्वाषाढ़ नक्षत्र* 24:03 बजे तक फिर उत्तराषाढ़ नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *ध्रुव* है। 

 *करण*  :-आज *किंस्तुघ्न* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा,गंडमूल नहीं है।    

*🔥अग्निवास*: आज आकाश में  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  14:59 बजे से 16:16 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:03 बजे से 12:45 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: 

*मुहूर्त* :-  नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-धनु, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-कुंभ, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

रोग 07:15 - 08:33 अशुभ

उद्वेग 08:33 - 09:50 अशुभ

चर 09:50 - 11:07 शुभ

लाभ 11:07 - 12:24 शुभ

अमृत 12:24 - 13:42 शुभ

काल 13:42 - 14:59 अशुभ

शुभ 14:59 - 16:16 शुभ

रोग 16:16 - 17:34 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

काल 17:34 - 19:16 अशुभ

लाभ 19:16 - 20:59 शुभ

उद्वेग 20:59 - 22:42 अशुभ

शुभ 22:42 - 24:25*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

सागर लोकायुक्त की बड़ी कार्यवाही पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा

          टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़:- मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है आए दिन सरकारी अधिकारी कर्मचारी रिश्वत लेते पकड़े जा रहे हैं ताजा मामला टीकमगढ़ जिले से सामने आया है जहां सागर लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए पटवारी को गिरफ्तार किया है बताया गया कि पटवारी ने जमीन संबंधी काम के लिए घूस मांगी थी 

यह पूरा मामला मोहनगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत मझगुवां का है जानकारी के मुताबिक इसी गांव के रहने वाले किसान से रिश्वत की डिमांड की गई थी हल्का पटवारी संजू रैकवार ने जमीन फौती नामांतरण के लिए घूस मांगी थी इसकी शिकायत किसान ने सागर लोकायुक्त पुलिस से की I 

शिकायत सही पाए जाने पर सागर लोकायुक्त पुलिस ने ग्राम पंचायत मझगुवां में दबिश दी हल्का पटवारी संजू रैकवार को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा  I 

सागर लोकायुक्त के द्वारा आगे की कार्यवाही की जा रही है

महाकुम्भ का न्यौता देने वाले आप कौन ?


बेसिर-पैर  की राजनीति करने में दक्ष हमारे राजनितिक  दल और सरकारें अपना असली काम छोड़कर रोजाना नए-नए विवाद खड़े करने में सिद्धहस्त हो चुकी है।  अब देश में ताजा विवाद महाकुम्भ का न्यौता है ।  उत्तरप्रदेश की सरकार इस आयोजन के निमंत्रण पत्र बाँट रही है ,समाजवादी पार्टी ने इसी पर सवाल खड़े किये हैं /प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ को लेकर तैयारियां लगभग अंतिम चरण पर है।  महाकुंभ के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने निमंत्रण पत्र बांटना शुरू कर दिया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित कई गणमान्य लोगों से मिलकर उन्हें महाकुंभ में शामिल होने के लिए निमंत्रण दे रहे हैं।  इसको लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के लिए निमंत्रण नहीं दिए जाते हैं. कुंभ में लोग खुद आते हैं. हमने अपने धर्म में यही सीखा है।  यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश यादव आप भी आएं, अपने पापों को धो लें और पुण्य प्राप्त करे। 

जहाँ तक मेरी स्मृति है देश में किसी भी धार्मिक आयोजन के लिए कभी निमंत्रण पत्र बांटे नहीं जाते फिर चाहे कुंभ हो,सिंघस्थ हो या चारधाम यात्रा हो ।  हमारे पुरखे पंचांग के हिसाब से तिथियां देखकर इन आयोजनों में अपने आप आते-जाते रहे हैं। ये धार्मिक आयोजन देश में चुनी हुई सरकारें बनने  से हजारों साल पहले से होते आ रहे हैं और होते भी रहेंगे ,लेकिन ये किसी की बेटी या बेटे की शादी नहीं है जो घर-घर जाकर निमंत्रण पत्र बांटे जाएँ। जिसे आना है ,वो आये और जिसे नहीं आना वो अपने घर बैठे। इन आयोजनों में सरकारों की भूमिका एक संरक्षक की  तो है किन्तु वे इसे अपना आयोजन या उपलब्धि नहीं बना सकतीं। 

धार्मिक आयोजनों को हड़पने का पुण्यकार्य भाजपा ने शुरू किया है।  सबसे पहले राम मंदिर में प्राण प्रतिस्ठा समारोह में शामिल होने के लिए भेजा और संघ के स्वयं सेवकों ने घर-घर जाकर पीले चावल बांटे और सरकार ने लिखित निमंत्रण पत्र अब उत्तरप्रदेश की सरकार मह्कुम्भ के निमंत्रण पत्र बाँट रही है।  सरकार के फैसले पर ऊँगली उठाना जिनका काम है वे उठा रहे हैं ,लेकिन मेरा सवाल ये है कि निमत्रण पत्र बांटने की जरूरत क्या है।  राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी इस धार्मिक आयोजन के लिए निमंत्रण पत्र देना ठीक नही।  यदि इन महानुभावों के मन में महाकुम्भ के प्रति शृद्धा है है तो ये खुद अपना दौरा तय करें और राज्य सरकार इन महानुभावों के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करे। 

उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ही नहीं बल्कि भाजपा की सभी डबल और सिंगल इंजिन की सरकारें धार्मिक आयोजनों को हड़पकर उन्हें राजनीतिक और पार्टीगत आयोजन बना देने में लगीं हैं।  मध्यप्रदेश में सिंघस्थ का आयोजन भी सरकार करती है लेकिन भाजपा ने इसका भी भाजपाई यानि भगवाकरण   कर दिया है।  धार्मिक ही नहीं बल्कि दुसरे सांस्कृतिक ,सांगीतिक कार्यक्रम भी भगवा बनाये जा चुके हैं।  मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में होने वाले तानसेन संगीत समारोह भी अब भाजपा का अपना कार्यक्रम है। इस समारोह के शताब्दी वर्ष समारोह में भी किसी संगीतज्ञ को उद्घाटन के लिए नहीं बुलाया गया ,यहाँ भी मुख्यमंत्री ,केंद्रीय मंत्री और जिला स्तर के भाजपा नेता मंच पर जमे रहे। 

समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि जो करोड़ों लोग आएंगे, क्या उन्हें निमंत्रण दिया जाता है? यह सरकार अलग है. उन्होंने कहा कि सरकार को कठघरे में खड़ा करने की हमारी जिम्मेदारी है. जब सपा सरकार में कुंभ हुआ था, उसकी स्टडी हॉवर्ड यूनिवर्सिटी ने की थी. महाकुंभ का अच्छे से आयोजन हो, इसके लिए सपा सहयोग के लिए तैयार है। लेकिन अखिलेश यादव ये नहीं जानते  कि भाजपा की सरकारें सबका साथ,सबका विकास , का नारा केवल दिखने के लिए लगाती हैं ,हकीकत में उन्हें न सबका साथ चाहिए और न वे सबका विकास करना चाहतीं हैं। उन्हें अपना और अपनी पार्टी का विकास करना है और उन्हीं का साथ चाहिए। 

भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों ने जितना ध्यान धार्मिक आयोजनों और धार्मिक स्थलों के विकास पर दिया है उतना विज्ञान और शोध   कार्यों पर नहीं दिया। हमारी सरकारों और नेताओं को विज्ञान से ज्यादा धार्मिक अनुष्ठान प्रिय हैं। पिछले  10  साल में देश में जितने धार्मिक  कॉरिडोर बने और जितनी विशाल प्रतिमाएं बनवाई गयी उतना पहले कभी नहीं हुआ ।  हमारी सरकारें हर धार्मिक आयोजन को पर्यटन में बदल देना चाहती हैं हमारी सरकारों की होड़ विज्ञान और शोध में नहीं है ,हमारी सरकारें दिये जलने का विश्व रिकार्ड बनाकर अभिभूत होतीं हैं। अब इस प्रवृत्ति के लिए कोई क्या कर सकता है ?

महाकुम्भ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अम्बानी के बेटे अनंत अम्बानी को न्यौता  दिया है,जाहिर है कि सरकार महामुक्भ में भी धनकुबेरों को महत्व देकर निवेश के अवसर तलाश रही है ,अन्यथा अनंत क्या कोई शंकराचार्य हैं।  अभी तक योगी जी का कोई चित्र किसी शनकराचार्य को निमंत्रण देते हुए नहीं आया ,क्योंकि योगी जी जानते हैं की जिसकी अटकी होगी वो तो महाकुम्भ में आएगा ही ,लेकिन जिसकी अटकी नहीं है उसे न्यौता  देकर लाना पडेगा।  बेहद हास्यास्पद है निमंत्रण पत्र बांटते हुए तस्वीरें उतरवाना और फिर उनका प्रचार करवाना। मेरा तो सुझाव है कि भाजपा और संघ को महाकुम्भ में अपने भी शिविर लगा लेना चाहिए दुसरे अखाड़ों की तरह। इस महाकुम्भ में पार्टी का सदस्य्ता अभियान भी शुरू कर देना चाहिए। वैसे भी देश के प्रधानमंत्री जी त्रिपुण्ड लगाकर किसी महामंडलेश्वर से कम आकर्षक तो नहीं लगते। मुझे चूंकि योगी जी ने महाकुम्भ का निमंत्रण पत्र खुद आकर नहीं दिया है इसलिए मैंने तो फ़िलहाल अपना मन बनाया नहीं है ।  आपकी आप जानें। आपको बिना निमंत्रण पत्र के जाना है तो शौक से जाएँ।

@ राकेश अचल

30 दिसंबर 2024, सोमवार का पंचांग

 

*सूर्योदय :-* 07:14 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:32 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह कृष्ण पक्ष *अमावस्या तिथि* 27:56 बजे तक है उसके बाद प्रतिपदा तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज मूल नक्षत्र* 23:56 बजे तक फिर पूर्वाषाढ़ नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *वृद्धि* है। 

 *करण*  :-आज *चतुष्पद* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा नहीं है। गंडमूल  23:57 बजे तक है।   

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  08:32 बजे से 09:49 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:02 बजे से 12:43 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: देवपितृकार्यों सोमवती अमावस्या 

*मुहूर्त* :-  नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-धनु, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-कुंभ, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

अमृत 07:15 - 08:32 शुभ

काल 08:32 - 09:49 अशुभ

शुभ 09:49 - 11:07 शुभ

रोग 11:07 - 12:24 अशुभ

उद्वेग 12:24 - 13:41 अशुभ

चर 13:41 - 14:58 शुभ

लाभ 14:58 - 16:16 शुभ

अमृत 16:16 - 17:33 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

चर 17:33 - 19:16 शुभ

रोग 19:16 - 20:58 अशुभ

काल 20:58 - 22:41 अशुभ

लाभ 22:41 - 24:24*शुभ

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विशेष मुहिम चलाकर शासकीय मंदिरों की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराएँ

 कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की बैठक ली 

सरकारी जमीनों को सुरक्षित करने पर दिया विशेष बल 

राजस्व महाअभियान, वसूली व अवैध कॉलोनियों पर अंकुश सहित अन्य विषयों की हुई समीक्षा 

ग्वालियर 29 दिसम्बर / जिले में स्थित सभी शासकीय माफी के मंदिरों से जुड़ी जमीन का सत्यापन करें और यदि कहीं अतिक्रमण हो तो चरणबद्ध ढंग से हटवाएँ। साथ ही मंदिरों की आय बढ़ाने के प्रस्ताव तैयार करें और सुनियोजित ढंग से विकास कार्य कराकर मंदिरों को आदर्श रूप प्रदान करें। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में जिले के सभी एसडीएम एवं तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को दिए। उन्होंने कहा यह कार्य अभियान बतौर किया जाए। बैठक में राजस्व महाअभियान, राजस्व वसूली एवं अवैध कॉलोनियों पर अंकुश सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा की गई। 

रविवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्रीमती चौहान ने जिले की हर तहसील में शासकीय जमीन को सुरक्षित करने पर विशेष जोर दिया। साथ ही सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि न्यायालयों में विचाराधीन शासकीय जमीन से संबंधित प्रकरणों में मजबूती के साथ शासन का पक्ष रखें, जिससे शासन के हक में फैसला आए। यदि फैसला विपरीत हो तो समय से अपील की जाए। इस काम में ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने शासकीय प्रयोजनों के लिये जमीन आवंटन से संबंधित प्रकरणों में तत्काल रिपोर्ट भेजने के निर्देश भी सभी राजस्व अधिकारियों को दिए। 

बैठक में अपर कलेक्टर श्री कुमार सत्यम, अपर जिला दण्डाधिकारी श्री टी एन सिंह एवं संयुक्त कलेक्टर श्री संजीव जैन सहित जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदारों तथा संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। 

अवैध कॉलोनियों पर लगाएँ अंकुश 

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बैठक में यह भी निर्देश दिए कि ग्वालियर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध कॉलोनी विकसित करने की प्रवृत्ति को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने कहा कि ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में चिन्हित की गईं अवैध कॉलोनियों की जो सूची नगर निगम को सौंपी गई है, उसकी मॉनीटरिंग जोनल अधिकारीवार कराई जाए। उन्होंने कहा नगर निगम क्षेत्र की अवैध कॉलोनियों के खिलाफ नगर निगम अधिनियम के तहत नगर निगम आयुक्त कार्रवाई करेंगे। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में चिन्हित की गईं 70 अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिये भी नोटिस जारी कर दिए गए हैं। 

प्रकरणों को अनावश्यक लंबित रखने पर दो तहसीलदारों को नोटिस 

राजस्व महाअभियान की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने लश्कर व महलगाँव तहसील वृत में अनावश्यक रूप से नामांतरण व बटवारा के प्रकरण लंबित पाए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने इसके लिये लश्कर तहसीलदार श्री रमाशंकर सिंह व महलगांव वृत के नायब तहसीलदार श्री महेन्द्र यादव को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि राजस्व महाअभियान में चिन्हित सीमांकन व बटवारा के प्रकरणों के निराकरण के लिये 2 जनवरी तक विशेष मुहिम चलाएँ। उन्होंने कहा इस तिथि के बाद यदि प्रकरण लंबित रहे तो संबंधित तहसीलदार व नायब तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने राजस्व महाअभियान के तहत लक्ष्य के अनुरूप चरणबद्ध ढंग से नक्शा तरमीम का कार्य पूर्ण करने पर भी विशेष बल दिया। बैठक में नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, अभिलेख दुरूस्ती, फॉर्मर रजिस्ट्री, आधार सीडिंग, ई-केवायसी व स्वामित्व योजना की प्रगति बढ़ाने के निर्देश भी उन्होंने दिए। 

राजस्व वसूली में तेजी लाने पर जोर , रैरा व अन्य विभागों की बकाया राशि वसूलने की हिदायत सभी राजस्व अधिकारियों को दी गई। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने कहा कि जिन प्रकरणों में आरआरसी दर्ज है और बकायादारों द्वारा राशि जमा नहीं की जा रही है, उनकी सम्पत्ति कुर्क की जाए। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को आगाह किया कि विभागों की राजस्व वसूली में ढ़िलाई पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। 

आबकारी एक्ट में फरार आरोपी को खिरिया पुलिस ने किया गिरफ्तार

      टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़:- पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  सीताराम व अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस)  राहुल कटरे के मार्गदर्शन में फरार आरोपियों की धरपकड  हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान में कार्यवाही हेतु थाना कोतवाली के अप0क्रमांक 382/24 धारा 34(2) आवकारी एक्ट में फरार आरोपी की पतारसी हेतु  थाना  प्रभारी कोतवाली पंकज शर्मा द्वारा si वीरेंद्र परस्ते के नेतॄव में राकेश घोष , अरविंद सिंह, अभय पाठक की पुलिस टीम गठित की गई। उक्त पुलिस टीम द्वारा आज दिनाक 29/12/24 को 8 माह से फरार आरोपी कल्लू उर्फ विक्रम सिंह तनय गोविंद्र सिंह परमार उम्र 36 साल निवासी ग्राम तिंदारी थाना कोतवाली को सग्राम तिंदारी से गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की गई है। उक्त कार्य मे थाना प्रभारी कोतवाली निरी0 पंकज शर्मा, चौकी प्रभारी उनि वीरेंद्र परस्ते, si मयंक नगायच साइबर सेल, प्र0आर0 राकेश सिंह घोष, संजीव, रहमान साइबर सेल, आर0 अरविंद सिंह, भूपेंद्र सिंह, अभय पाठक की सराहनीय भूमिका रही।

पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार विवाद सरदार की नहीं, सरकार की मिटटी पलीद

 

देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह अपनी जीवन यात्रा के पूर्ण होने के बाद भी मौन ही रहे,उनके अंतिम   संस्कार स्थल को लेकर देश की सरकार ने जो संकीर्णता दिखाई उससे दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री सरदार डॉ मन मोहन सिंह की नहीं बल्कि देश की सरकार की मिटटी पलीद हो गयी। डॉ मन मोहन सिंह की पार्थिव  देह का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर हुआ तो भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा लेकिन ये सवाल जरूर खड़ा हो गया कि देश के किसी पूर्व प्रधानमंत्री  के अंतिम संस्कार को लेकर सरकार के पास कोई मान्य नियमावली है या सब कुछ मनमानी से होता है।?

कांग्रेस ने डॉ मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थल पर करने के लिए सरकार से आग्रह किया था जहां उनका स्मारक बनाया जा सके, लेकिन सरकार ने कांग्रेस का आग्रह नहीं माना और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार एक सामान्य नागरिक की तरह निगम बोध श्मशान में करा दिया। सरकार का हाथ कोई रोक नहीं सकता। और डॉ मनमोहन सिंह ने ऐसी कोई वसीयत छोड़ी नहीं थी जिसमें उन्होंने अपने अंतिम संस्कार के लिए कोई ख़ास स्थान की  इच्छा जताई होती। ऐसे में सरकार का निर्णय ही अंतिम होना था सो हुआ।

मुझे याद है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का अंतिम संस्कार  17  अगस्त 2018  को विजयघाट पर किया गया था,लेकिन तब अटल जी की पार्टी की सरकार थी और कल जब डॉ मन मोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया गया तब उनकी पार्टी की सरकार नहीं थी अन्यथा वे भी किसी विजय घाट पर ही अग्नि की समर्पित किये जाते। दुर्भाग्य ये है कि संकीर्णता का प्रदर्शन करने वाली सरकार अब डॉ मन मोहन सिंह के अंतिम संस्कार के फैसले पर खेद प्रकट करने के बजाय पूरी बेशर्मी से राजनीति कर रही है। पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्ढा से लेकर छुटभैया भाजपा नेता तक अपनी सरकार के फैसले का बचाव करने में लगे हैं

 पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए स्थल के चयन और उनके नाम पर स्मारक को लेकर सियासी घमासान मच गया. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जहां केंद्र सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्री की स्मृति का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया.।  वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पूर्व प्रधानमंत्री के दुखद निधन पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं

नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित की थी और उनके परिवार को इसकी जानकारी भी दी थी. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की ऐसी ओछी सोच की जितनी भी निंदा की जाए कम है. कांग्रेस, जिसने मनमोहन सिंह को उनके जीवित रहते कभी वास्तविक सम्मान नहीं दिया, अब उनके सम्मान के नाम पर राजनीति कर रही है । ’इससे पहले कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर देश के पहले सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए उचित स्थान न देने का आरोप लगाया है, जहां बाद में उनका स्मारक बनाया जा सकता था. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी ने  केंद्र सरकार ने मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर ‘भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री’ का सरासर अपमान किया है। 

दुनिया भर में आज तक सभी पूर्व राष्ट्र प्रमुखों की गरिमा का आदर करते हुए उनके अंतिम संस्कार अधिकृत समाधि स्थलों में किए जाते हैं  ताकि हर व्यक्ति बिना किसी असुविधा के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दे पाए। ,लेकिन इस मुद्दे  पर सियासत केवल भारत में होती है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए यथोचित स्थान उपलब्ध नहीं करा कर सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के पद की गरिमा, मनमोहन सिंह जी की शख्सियत, उनकी विरासत और खुद्दार सिख समुदाय के साथ न्याय नहीं किया। आपको बता दें की राष्ट्रिय स्मारक स्थल के लिए यूपीए सरकार के जमाने में 2013  में अलग से जिस जगह का आवंटन किया गया था वहीं पर 2018  में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार किया गया था ,लेकिन डॉ मन मोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर कराया गया ।

सरकार के फैसले से डॉ मन मोहन सिंह के परिजन दुखी हैं या नहीं लेकिन पूरा सिख समुदाय अपने आपको अपमानित अनुभव कर रहा है।दुःख की बात तो ये है कि अपनी सरकार के गलत फैसले के खिलाफ केंद्रीय मंत्रिमंडल के अकेले सिख मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी कुछ नहीं बोले। बोलते कैसे ,इतना साहस ही नहीं था उनमे ।  वे कोई डॉ मनमोहन सिंह थोड़े ही हैं   

 लगता है कि सरकार डॉ मन मोहन सिंह की मिटटी पलीद करना चाहती थी किन्तु उसके फैसले से खुद सरकार की मिटटी पलीद हो गयी। पूरी दुनिया ने देखा की निगम बोध घाट पर कैसे प्रबंध थे ।  डॉ मन मोहन सिंह के परिजनों तक के बैठने का इन्तिजाम नहीं था ।  दूरदर्शन को छोड़ किसी दूसरे टीवी चैनल के कैमरे अंदर नहीं जाने दिए गए। डॉ मन मोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए स्थल चयन के पीछे सरकार की कौन सी मानसिकता थी इसका आकलन समय करेगा,किन्तु अब ये  सवाल भी मुंह बाये खड़ा  है कि क्या भविष्य में भी देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों  और राष्ट्रपतियों के अंतिम संस्कार  के समय इसी तरह के विवाद खड़े होंगे या इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट प्रोटोकॉल तय किया जाएगा ? क्योंकि मरना तो सभी को है ,कोई अमरौती खाकर नहीं आया। और कोई भला आदमी मरने से पहले अपने अंतिम संस्कार के लिए वसीयत लिखने से रहा। भाजपा कि सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी का अंतिम संस्कार विजयघाट पर कराया   था और अब आठ साल बाद 20   करोड़ कि लागत से स्मारक बनवा रही है ग्वालियर में। 

@ राकेश अचल

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