भाजपा में शामिल क्यों नहीं होतीं शेख हसीना ?

 

आज का शीर्षक पढ़कर आप कहेंगे कि क्या बेवकूफी भरा सवाल है ,लेकिन सवाल तो है, क्योंकि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती शेख हसीना को भारत में   शरणार्थी की हैसियत से रहते हुए आज 100  दिन पूरे हो गए हैं।हमारे यहां सौ दिन सास के हों या सरकार के या शेख हसीना के महत्वपूर्ण मने जाते हैं। शेख हसीना के भारत में सौ दिन इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि  बांग्लादेश की अस्थायी सरकार भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है और भारत इस मुद्दे पर गुड़ खाकर बैठा हुआ है। भारत ने अब तक साफ़ नहीं किया है कि हसीना को लेकर उसकी नीति क्या है ?

माननीय शेख हसीना जिन परिस्थितियों में भारत में शरणार्थी बनकर आयीं वे जग जाहिर है।  एक सनातनी होने के नाते मै शेख हसीना को शरण देने के पक्ष में हूँ ,क्योंकि हमारी सनातन शरणार्थी नीति  आज की सरकार की शरणार्थी नीति से बिलकुल अलग है। हमारे राम जी कह गए हैं कि -सरनागत कहुँ जे तजहिं निज अनहित अनुमानि।

ते नर पावँर पापमय तिन्हहि बिलोकत हानि॥

इसलिए शेख हसीना को भारत से निकालना राम जी की शरणागत नीति के विरुद्ध जाएगा। दुर्भाग्य ये है कि भारत की शरणागत नीति शेख हसीना के बारे में अलग  है और शेष बांग्लादेशियों या म्यांमार के रोहंगियों के बारे में अलग। हमारी सरकार बांग्लादेशियों को देश के लिए एक बड़ा खतरा मानती है और अब चुन-चुनकर उन्हें वापस बांग्लादेश और म्यांमार भेज रही है ।  इन्हीं बांग्लादेशियों की शिनाख्त के लिए भाजपा की सरकार ने तमाम क़ानून बनाये,जिनमें से सीएए भी एक है। मेरा कहना है कि शरणागत क़ानून भी एक देश एक विधान जैसा होना चाहिए,यानि जो कानून   शेख हसीना के लिए हो वो ही दिल्ली में रिक्शा खींचने वाले बदरुद्दीन के लिए भी हो। लेकिन मै जानता हूँ कि मेरी बात किसी के गले नहीं उतरेगी,क्योंकि ऐसा करना न आसान है और न व्यावहारिक।

 बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद जान बचाकर भागी शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस प्रयासरत है।  बांग्लादेश ने इस बारे में भारत से  खतो  -किताबत भी की है ,लेकिन भारत ने अभी तक इस बारे में कोई संकेत नहीं दिए है।  भारत में 100  दिन से रह रहीं शेख हसीना को फिलहाल स्वदेश लौटने का ख्वाब देखना बंद कर देना चाहिए और तस्लीमा नसरीन की तरह भारत में स्थायी निवास के लिए अर्जी लगा देना चाहिए।  वे चाहें तो भारत की नागरिकता भी मांग सकती हैं और यहां रहकर भी बांग्लादेशियों के लिए नयी पार्टी बनाकर सियासत शुरू कर सकती हैं।  वे चाहें तो सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल  हो सकतीं है।  भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद उन्हें आसानी से मिल सकता है।

भारत शरणार्थियों के लिए स्वर्ग है। रामजी के राज में भी और मोदी जी के राज में भी ।  कांग्रेस के राज में भी शरणागत नीति बड़ी उदार थी ।  1975  में जब बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख मुजीबर्रहमान के परिवार की हत्या की गयी थी उस समय भी शेख हसीना भारत में थीं। शेख हसीना ने उस समय भी 1975  सी 1981  तक दिल्ली के पंडरा रोड पर रहकर स्वदेश वापसी के लिए तैयारी की थी। यानि उनके लिए भारत में 100  दिन शरणार्थी  बनकर रहना कोई नयी बात नहीं है। मोदी जी  चाहें तो भारत उन्हें  भारत में अगले आम चुनाव तक यानि 2029  तक आसानी से रुकने की इजाजत देकर कांग्रेस की सरकार के समय का कीर्तिमान भंग  कर सकती है।

भाजपा में शेख हसीना को लेकर दो धड़े है।  एक धड़ा चाहता है कि शेख हसीना भारत में ही रहें और दूसरा धड़ा चाहता है कि उन्हें जबरन बांग्लादेश भेज दिया जाये। मोदी जी कि शेख हसीना से जो कुर्बत है वो मोदी विरोधियों कि आँखों में किरकिरी जैसी खटकती है। 77  साल कि शेख हसीना हमारे   प्रधानमंत्री जी कि बड़ी बी, यानि बड़ी  बहन हैं। वे चाहें तो आगामी रक्षाबंधन पर शेख हसीना से राखी बंधवाकर उन्हें अपनी धर्म  बहन बना सकते हैं। इससे उनके ऊपर मुस्लिम विरोधी होने का जो दाग है वो भी धुल जाएगा और बांग्लादेशी घुसपैठियों का समर्थन भी मिल जाएगा।

शेख हसीना की भारत में मौजूदगी का लाभ भारत अनेक तरीकों से ले सकता हैं ।  शेख हसीना 20  साल तक बांग्लादेश कि प्रधानमंत्री रह चुकी है। माननीय मोदी जी उनसे लम्बे समय तक सत्ता में बने रहने के गुर सीख सकते है।  हमारी वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण चाहें तो शेख हसीना से ट्यूशन लेकर भारत कि जीडीपी बढ़ाने के नुस्खे हासिल कर सकती हैं। मोदी जी कि नीतियों को समझना आसान नहीं है ।  एक तरफ वे बाँटेंगे तो कटेंगे के नारे का समर्थन करते हैं तो दूसरी तरफ वे उस अजमेर शरीफ कि दरगाह के लिए चादर भी भेजते हैं जिसके नीचे शिव मंदिर होने की बात को लेकर मामला अदालत में विचारधीन है।इस बार ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 813 उर्स पर भी  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की और उनकी ओर से चादर चढ़ाई जाएगी।  पहले  पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी पीएम मोदी के प्रतिनिधि बनकर अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने जाया करते थे, इस बार केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू उनके प्रतिनिधि बनकर जाएंगे।

बहरहाल मुद्दा शेख हसीना का है। आने वाले दिनों में ये देखना होगा कि शेख हसीना भारत के लिए शुभ साबित होतीं हैं या अशुभ ?2025  में शेख हसीना का भविष्य किस करवट बैठेगा ,कोई नहीं जानता। शेख हसीना चाहें तो भारत में रहकर कोई किताब लिख सकती हैं ' डिस्कवरी आफ इंडिया ' की तर्ज पर ' डिस्कवरी आफ बांग्लादेश ' के नाम से।

@ राकेश अचल

3 जनवरी 2025, शुक्रवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:15 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:35 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह शुक्ल पक्ष *चतुर्थी तिथि* 23:39 बजे तक है उसके बाद पंचमी तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज घनिष्ठा नक्षत्र* 22:21 बजे तक फिर शतभिषा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *वज्र* है। 

 *करण*  :-आज *विनिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक 10:47 बजे से ,भद्रा 12:25 बजे से 23:39 बजे तक,गंडमूल नहीं है।    

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  11:08 बजे से 12:26 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:03 बजे से 12:45 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*:  विनायक चौथ

*मुहूर्त* :- वाहन  क्रय,नामकरण, अन्नप्राशन है अन्य नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-मकर, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-कुंभ, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

चर 07:16 - 08:33 शुभ

लाभ 08:33 - 09:51 शुभ

अमृत 09:51 - 11:08 शुभ

काल 11:08 - 12:26 अशुभ

शुभ 12:26 - 13:43 शुभ

रोग 13:43 - 15:01 अशुभ

उद्वेग 15:01 - 16:18 अशुभ

चर 16:18 - 17:36 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

रोग 17:36 - 19:18 अशुभ

काल 19:18 - 21:01 अशुभ

लाभ 21:01 - 22:43 शुभ

उद्वेग 22:43 - 24:26*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

महापौर खेल महोत्सव 2025 का शुभारंभ

प्रथम दिवस 23 टीमों के बीच मैच आयोजित किए गए तथा 31 मैच 3 जनवरी को खेले जाएगें

ग्वालियर । फूलबाग स्थित मैदान पर राज्य स्तरीय पुरूष कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमेें लगभग प्रदेश की 56 टीमों ने भाग लिया है। नॉकआउट आधार पर खेली जा रही प्रतियोगिता के प्रथम दिवस 23 टीमों के बीच मैच आयोजित किए गए तथा 31 मैच 3 जनवरी को खेले जाएगें। फूलबाग मैदान पर कबड्डी प्रतियोगिता के लिए चार ग्राउंड तैयार किए गए हैं। जिस पर एक साथ चार मैच कराए जा रहे हैं। 

महापौर खेल महोत्सव 2025 का शुभारंभ महापौर डॉ. शोभा सतीश सिंह सिकरवार, सभापति मनोज सिंह तोमर ने खिलाडियों से परिचय प्राप्त कर एवं रंग बिरंगे गुब्बारे हवा में छोड़कर किया। इस अवसर पर उपनेता सत्तापक्ष मंगल भैया योगेन्द्र, एमआईसी सदस्य अवधेश कौरव, पार्षद श्रीमती सुनीता कुशवाह, सुरेन्द्र साहू, म.प्र. कबड्डी एसोसिएशन के सचिव जेसी शर्मा, सचिव जिला कबड्डी संघ जेएस परमार,  शिववीर भदौरिया, उपायुक्त एवं नोडल अधिकारी खेल  सत्यपाल सिंह चौहान सहित बडी संख्या में कबड्डी खिलाडी उपस्थित रहे। 

प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर महापौर डॉ. शोभा सतीश सिंह सिकरवार ने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं, जितनी भी टीमें आईं हैं सभी खेल भावना से खेलें और ग्वालियर सहित प्रदेश का नाम रोशन करें। सभी खिलाडी अपने खेल प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीतें, हार जीत तो लगी ही रहती है। 

इस अवसर पर सभापति श्री मनोज सिंह तोमर ने कहा कि कबड्डी मानसिक एकाग्रता का खेल है। इससे जहां शरीर स्वस्थ होता है वहीं मानसिक रूप से भी युवा मजबूत होता है। इस प्रकार के खेल लगातार होते रहना चाहिए। नगर निगम ग्वालियर द्वारा हमेशा खेलों का बढ़ावा दिया जाता है। आगे भी निरंतर बडे खेल आयोजन किए जाते रहेंगे। 

कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर खेल महोत्सव के बारे में जानकारी नोडल अधिकारी खेल सत्यपाल सिंह चौहान ने दी तथा सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत सहायक खेल अधिकारी श्री जितेन्द्र सिंह यादव, श्री नमन कौरव, श्री धर्मेन्द्र सोनी, श्री सचिन पोल सहित अन्य खिलाड़ियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन सहायक खेल अधिकारी सुश्री विजेता सिंह चौहान ने किया। 

मनोज श्रीवास्तव पर मोहन की कृपा

' सेवा कीजिये तो मेवा जरूर मिलती है ' ,ये हमारे बुजुर्गों  का अनुभवजन्य वाक्य है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक पूर्व अधिकारी मनोज श्रीवास्तव पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की कृपा बरसते देख तमाम लोगो के पेट में दर्द हो रहा है। राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव को 1 जनवरी, 2025 से छ: वर्ष या 66 वर्ष की आयु पूर्ण होने, जो पहले हो, तक की अवधि के लिये आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग के पद पर नियुक्त किया गया है।

मनोज श्रीवास्तवको मैं तब से जानता हूँ जब से वे भातीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुए ।  मनोज जी  1987 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। वे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर प्रमुख सचिव के पद से अप्रैल 2021 में सेवानिवृत्त हुए थे। छोटे कद के मनोज श्रीवास्तव ने वास्तव में बड़े - बड़े कामों को अंजाम दिया ।  सामान्य परिवार से भाप्रसे में आना उनकी अद्वितीय मेधा का ही परिणाम है।  वे मध्य्प्रदेश के तमाम मुख्यमंत्रियों के प्रिय रहे ,क्योंकि उन्हें अपने हर आका की मंशा भांपना भली-भाँती आता है ।
 उनकी सरकारी सेवाओं की एक लंबी और गौरवपूर्ण सूची है। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे जब इंदौर इंदौर कलेक्टर,थे तब उनके ऊपर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की महती कृपा थी ।  मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्होंने इंदौर में अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलकर दिग्विजय विरोधी तमाम बिल्डरों की अनेक बहुमंजिला इमारतों को बारूद से उड़ा दिया था। वे  अपनी प्रतिभा के बूते ही प्रदेश के जनसंपर्क आयुक्त, मुख्यमंत्री  सचिवालय में सचिव, और वाणिज्य कर विभाग के प्रमुख सचिव जैसे पदों पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा, वे पशुपालन समिति और कई अन्य प्रशासनिक इकाइयों में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
मनोज श्रीवास्तव को प्रदेश सरकार के अलावा संघ और भाजपा का समर्थन कोई एक दिन में हासिल नहीं हुआ। इसके पीछे उनकी लम्बी साधना है ।  वे हर मुख्यमंत्री के सुर में सुर मिलाने में सिद्धहस्त अधिकारी रहे हैं ।  वे अध्येता है। खूब पढ़ते हैं, खूब लिखते हैं। उनकी दर्जनों पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।  एक जमाने में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को खुश करने   के लिए धर्म और राष्ट्रगीत वन्देमातरम तक पर लघु पुस्तिकाएं लिखीं। वे जिस पद पर रहे ,उस पद पर अपने आपको प्रमाणित  करके ही निकले ।  उन्हें प्रशासनिक सेवा में हर समय मेवा ही नहीं मिली , वनवास भी मिला ।  वे राजस्व मंडल में भी सजा भुगतने वाले प्रशासनिक अधिकारीयों में शामिल हैं ,किन्तु उन्होंने राजस्व मंडल में भी कमल का  धमाल किया था।वे सेवानिवृत्त के बाद सोशल मीडिया पर भी खूब सक्रिय हैं।
मनोज श्रीवास्तव मुझसे उम्र में छोटे हैं किन्तु ज्ञान में बहुत बड़े हैं।  मेरे जैसे अज्ञानियों का अनुभव है कि मध्यप्रदेश में भाजपा और संघ की रीतिनीति पर प्रदेश में सबसे जायदा और मुखरता से जितना काम पत्रकारों में विजय मोहन  तिवारी ने किया उतना  ही काम प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों में मनोज श्रीवास्तव ने किया।  दोनों भाजपा की सनातन थ्योरी के उद्घोषक है।  जो काम वे सरकारी सेवा में नहीं कर पाए उसे उन्होंने सेवानिवृत्त होने के बाद कर दिखाया। इसका नतीजा ये हुया की तिवारी जी प्रदेश के सूचना आयुक्त बन गए और मनोज श्रीवास्तव पहले  प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग के सदस्य बनाये गए और बाद में प्रदेश के निर्वाचन आयुक्त।
प्रशासनिक हलकों में खबर गर्म है की मनोज श्रीवास्तव के पद पर नियुक्ति से पहले, इस पद के लिए पूर्व मुख्य सचिव वीरा राणा  और रिटायर्ड एसीएस मलय श्रीवास्तव के नामों पर भी चर्चा हो रही थी। दरअसल, 30 सितंबर को वीरा राणा के रिटायरमेंट के दिन उन्हें राज्य निर्वाचन आयुक्त बनाए जाने का आदेश जारी होने वाला था, लेकिन अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाए जाने के बाद समीकरण बदल गए,और मनोज श्रीवास्तव के नाम की लाटरी खुल गयी। मनोज श्रीवास्तव का भाजपा और संघ प्रेम सबके ऊपर भारी पड़ा।
भाजपा और संघ की नीतियों के मुखर समर्थक मनोज श्रीवास्तव ने अपना संघ और भाजपा प्रेम सेवा में रहते हुए उजागर नहीं होने दिया था। उन्हें उनकी सेवाओं के लिए  केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा दिए जाने वाले स्वामी विवेकानंद पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। मनोज श्रीवास्तव को  काउंसिल फॉर इंटरनेशनल कल्चरल रिलेशंस एंड नेहरू सेंटर’, साउथ बैंक्स, लंदन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विमानन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्तमान में वह महात्मा मांधी द्वारा स्थापित राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के हिंदी भवन से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका अक्षरा के प्रधान संपादक हैं। मनोज जी ने एक -दो नहीं बल्कि पूरी 38 पुस्तकें लिखी। उन्हें उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए  मध्य प्रदेश सरकार का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार 'कबीर सम्मान' से सम्मानित. किया जा चुका है। वह सहित्य के क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं ,कभी-कभी उनकी सक्रियता से ईर्ष्या भी होने लगती है।
मध्य्प्रदेश में भाजपा के जितने भी मुख्यमंत्री रहे वे नौकरशाही पर निर्भर रहे। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रहीं हों या बाबूलाल गौर या शिवराज सिंह,सबने अपनी-अपनी पसंद के नौकरशाहों को सेवानिवृत्त होने के बाद न केवल पुनर्नियुक्तियाँ दिन बल्कि उनका कार्यकाल भी बढ़वाया। संघ और भाजपा की कृपा हासिल करने वाले मनोज श्रीवास्तव कोई पहले या आखिरी नौकरशाह नहीं है।  उनसे पहले राकेश साहनी हों या दी सिल्वा ,इकबाल सिंह बैंस हों या डॉ भगीरथ प्रसाद या सरदार सिंह डंग्स। भाजपा नौकरशाहों को राजनीति में भी लायी और उन संवैधानिक पदों पर भी जिनसे उसे मनमाना काम कराना है।  मुझे मनोज श्रीवास्तव के राज्य निर्वाचन आयुक्त बनने की खबर ने आल्हादित कार दिया है। मै उन्हें बधाई भी देता हूँ और उम्मीद भी करता हूँ कि  वे भाजपा की सेवा तो करेंगे लेकिन पूरी तरह कठपुतली नहीं बनेंगे ।  बन भी जाएँ तो कोई उनका क्या बिगाड़ लेगा ?
@ राकेश अचल 

2 जनवरी 2025, गुरुवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:15 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:34 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह शुक्ल पक्ष *तृतीया तिथि* 25:08 बजे तक है उसके बाद चतुर्थी तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज श्रवण नक्षत्र* 23:10 बजे तक फिर धनिष्ठा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *हर्षण* है। 

 *करण*  :-आज *तैतिल* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा,गंडमूल नहीं है।    

*🔥अग्निवास*: आज आकाश पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज दक्षिण दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  13:43 बजे से 15:00 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:03 बजे से 12:45 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: 

*मुहूर्त* :-  नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-मकर, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-कुंभ, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

शुभ 07:16 - 08:33 शुभ

रोग 08:33 - 09:51 अशुभ

उद्वेग 09:51 - 11:08 अशुभ

चर 11:08 - 12:25 शुभ

लाभ 12:25 - 13:43 शुभ

अमृत 13:43 - 15:00 शुभ

काल 15:00 - 16:18 अशुभ

शुभ 16:18 - 17:35 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

अमृत 17:35 - 19:18 शुभ

चर 19:18 - 21:00 शुभ

रोग 21:00 - 22:43 अशुभ

काल 22:43 - 24:25*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

MPCCI कॉस्मो क्रिकेट कार्निवाल का आयोजन 2 को

 

रोमांच से भरा होगा आयोजन, होगी उपहारों की बारिश

कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम पर फ्लड लाइट में होंगे क्रिकेट मैच
ओपनिंग सेरेमनी के मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-  पी.सी. गुप्ता  होंगे

ग्वालियर पूर्व विधायक-डॉ. सतीश सिंह सिकरवार जी के मुख्यातिथ्य में होगी क्लोजिंग सेरेमनी 
ग्वालियर | MPCCI द्बारा दीपावली एवं नव वर्ष मिलन समारोह का तीन दिवसीय आयोजन 02,04,05 जनवरी,2025 को किया जा रहा है| इस तीन दिवसीय आयोजन के प्रथम दिवस क्रिकेट कार्निवाल का आयोजन 02 जनवरी,2025 को प्रात: 09.30 बजे से कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम पर होगा| 
अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, कार्यक्रम संयोजक एवं संयुक्त अध्यक्ष-हेमंत गुप्ता, कार्यक्रम सहसंयोजक एवं उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल, कार्यक्रम सहसंयोजक एवं मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल एवं कार्यक्रम सहसंयोजक व कोषाध्यक्ष-संदीपनारायण अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि चेम्बर के सदस्य एवं परिजनों के लिए आयोजित दीपावली एवं नव वर्ष मिलन समारोह के तहत आयोजित MPCCI कॉस्मो क्रिकेट कार्निवाल की ओपनिंग सेरेमनी  के मुख्य अतिथि-प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश- पी.सी. गुप्ता जी होंगे| कार्निवाल की क्लोजिंग सेरेमनी (पुरस्कार वितरण) रात्रि 08.30 बजे होगी। इस सेरेमनी के मुख्य अतिथि-ग्वालियर पूर्व विधायक-डॉ. सतीश सिंह सिकरवार जी होंगे। 
इस आयोजन में निम्नानुसार 8 टीमें भाग लेंगी:-
1. Savarkar Challengers -Dr. Praveen Agrawal
2. Mansingh Warriors - Hemant Gupta
3. Gujri Sunrisers - Dr. Rakesh Agrawal
4. Galav Daredevils - Deepak Agrawal
5. Jiwaji Royals - Pawan Kumar Agrawal
6. Tansen Challengers - Sandeep Narayan Agrawal
7. Jaivilas Kings-11 - Vasant Agrawal
8. Fortknight Riders -  Sanjeev Agrawal Kukku

उपरोक्त आठ टीमों को चार समूहों-ए,बी,सी,डी में बांटा गया है| समूह के चार मैच होने के उपरांत दो सेमीफायनल एवं एक फायनल सहित कुल 7 मैच खेले जायेंगे| प्रत्येक टीम 8 ओवर खेलेगी|  
पदाधिकारियों ने बताया कि इस आयोजन में मैन ऑफ द सीरीज, बेस्ट बॉउलर, बेस्ट बेट्समेन, बेस्ट फील्डर, बेस्ट कैच के साथ प्रत्येक मैच में मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया जायेगा| इस आयोजन में सदस्य परिवार के लोग भी आनंद लें सकें इसके लिए गेमजोन एवं फूड जोन के स्टॉल लगाये गये हैं, जहां मनोरंजक गेम व विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया जा सकेगा|  
पदाधिकारियों ने चेम्बर के समस्त सदस्य एवं उनके परिजनों से उक्त आयोजन में भाग लेने की अपील की है| 

प्रबिस नगर कीजे सब काजा,हृदय राखि कौशलपुर राजा

नए साल का आगाज आप चाहे ' प्रबिस नगर कीजे सब काजा,हृदय राखि  कौशलपुर राजा का सुरन कर कीजिये या  कहिये या "बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम ' कहकर। दोनों का अर्थ ,निहितार्थ यानि मतलब एक ही है। यानि जो कीजिये सर्वशक्तिमान को स्मरण कर कीजिये ताकि वर्ष 2025 में कुछ तो ऐसा हो जो 2024 से  अलग  हो,सुकून  देने  वाला  हो। ये दोनों जुमले हमने बचपन में अपने पुरखों से सुने थे। आज की पीढ़ी के लिए ये जुमले शायद अनजान से हों किन्तु हिंदुस्तान के जनमानस में ये दोनों जुमले रचे-बसे हुए हैं। 

नया साल लगने से पहले एक काम तो ये हुया कि जो काम देश के प्रधानमंत्री जी को करना था वो काम मणिपुर के नाकाम,मुख्यमंत्री वीरेन कुमार ने कर दिया ,यानि मणिपुर की हिंसा के लिए माफ़ी मांग ली ,लेकिन ये नाकाफी  है, उन्हें अपनी नाकामी के लिए माफ़ी मांगने के बजाय अपने पद से त्यागपत्र देना चाहिए था। लेकिन शायद इसकी इजाजत उनकी पार्टी के आला कमान ने उन्हें नहीं दी होगी। वैसे देश से ,मणिपुर से संसद में माफ़ी मांगी जाना चाहिए थी वो भी प्रधानमंत्री जी की और से तो लगता कि  सरकार को डेढ़ साल से जल रहे मणिपुर में अपनी नाकामियों का अहसास है और वो अपनी गलती पर शर्मिंदा है।

 हम लोग भी दुनिया के दुसरे मुल्कों की तरह सनातनी हैं ,आशावादी हैं ,इसलिए उम्मीदें पालकर आगे चलते हैं। उम्मीदों के सहारे  ही दुनिया आगे बढ़ती आयी है ।  हमें उम्मीद है कि  हमारे प्रधानमंत्री अपना राजहठ छोड़कर नए साल में रूस,यूक्रेन,नाइजीरिया जाने के बजाय एक-दो बार मणिपुर जरूर जायेंगे। वहां  की जनता से बात करेंगे , वहां शांति  स्थापना के लिए उपवास,व्रत ,ध्यान करेंगे। ये और बात है कि  वे ऐसा करेंगे नहीं ,क्योंकि यदि उन्हें मणिपुर की आग को शांत करने के लिए गांधीवादी तरीका इस्तेमाल करना होता तो वे पहले ही ऐसा कर चुके होते। बहरहाल उम्मीदों पर हमारा भी यानि देश की जनता का आस्मां टिका है ,टिका रहेगा। 

नए साल में दुनिया में शांति स्थापित हो ये हमारा ही नहीं पूरी दुनिया का सपना है। शांति से ही प्रगति का रास्ता खुलता है ,यदि हम खोलना चाहें तो। यदि हम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण महकमे की तरह  मोहन जोदाड़ो की नई संस्कृति और सभ्यता का पता लगाने के लिए पूरे देश में उत्खनन करना चाहते  हैं तो बात और है।हमें अपनी ताकत,अपने स्रोत विज्ञान के अन्वेषण पर खर्च करना चाहिए,क्योंकि हम दुनिया से अन्वेषण के मामले में लगातार पिछड़ रहे हैं। नए साल में यदि हम चीनी माल से अपनी निर्भरता से मुक्ति का अभियान चला पाएं तो मुमकिन है कि  साल 2025  ,पिछले साल 2024  के मुकाबले  यादगार बन जाये।

भारत की बात करें तो हम भारत के लोग न कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं और न भाजपायुक्त भारत। हमें एक ऐसा भारत चाहिए जिसमें सभी तत्व मौजूद हों। सब मिलजुल कर सचमुच  सबका विकास कर सकें वो भी सबको साथ लेकर। अभी हम केवल और केवल हिन्दुओं को साथ लेकर हिन्दुओं का विकास और बाकियों का सत्यानाश करने का काम कर रहे हैं। ये हकीकत है ,कोई माने तो ठीक और न माने तो भी ठीक। हम तो अपने ' मन की बात ' कर रहे हैं जैसे कि  माननीय किया करते हैं। नया साल दल-बदलुओंसे, बिभीषणों से, चाटुकारों से , अवसरवादियों से मुक्ति का आव्हान   करता  है। अब राजनीति में पासवानों , नीतीश कुमारों और  और सिंधियों की जरूरत नहीं है। 

नए साल में देश में ऐसा माहौल बनना चाहिए जिसमें की हर कोई अपने मन की बात कर सके ।  ये सुविधा केवल एक व्यक्त को ही हासिल नहीं होना चाहिए। नया साल उम्मीदों  पर टिका साल है ।  हम चाहते हैं कि  देश का नेतृत्व अब अमृतकाल  को पार कर चुके लोगों  के बजाय उन हाथों में आये जो नौजवान हैं। जिनके पास नयी दृष्टि है ।  जो नया हौसला रखते हैं। जो अपनी प्राथमिकताओं में बुनियादी मुद्दों  को सबसे ऊपर रखें। हर राजनीतिक दल को अब अपने युवा नेतृत्व को सामने लाना चाहिए। वे ही भावी चुनौतियों का दृढ़ता से सामना कर सकते हैं। वे फकीरों की तरह झोला डालकर न  मैदान छोड़ेंगे और न किसी झोले   को देखकर  भयभीत  होंगे । 

पुराने भारत का रास्ता सनातनी रास्ता था,गांधी का रास्ता था ,हमें उसी रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए। हमने यदि गाँधी  का रास्ता न छोड़ा होता तो हम कहीं के कहीं  होते ,लेकिन गांधी को राष्ट्र का शत्रु  मानकर हमने गांधी का रास्ता छोड़ा और आज हम जहाँ खड़े हैं वो आप सब जानते हैं। हम एक ऐसे रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं  जो कहने को गौरव की स्थापना का है किन्तु  इस रास्ते पर चलते लोग हमें प्रतिशोध से भरे दिखाई दे  रहे हैं।  वे देश के प्रथम  प्रधानमंत्री से लेकर तेरहवें प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह से भी बदला लेते दिखाई दे रहे हैं। प्रतिशोध का महाभारत अठारह दिन में क्या 18  सदियों में भी समापत नहीं हो सकता।  हमने तो नए साल में पहला कदम अपने हृदय में कौशलपुर के राजा का स्मरण कर किया है।  हमारा नया कदम उस सर्व शक्तिमान के नाम पार है जो अकबर है,जो अल्लाह है ,जो राम है ,जो कृष्ण है,जो बुद्ध है, जो वाहे गुरु है ,जो जीसस है। आपकी  आप जाने। आज का आलेख न आपको ऐ आई लिखकर दे सकता है और न कोई दूसरा । इसलिए इसे कम से कम दो बार जरूर पढ़िए ।  नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनयें। 

 @ राकेश अचल

1 जनवरी 2025, बुधवार का पंचांग


*सूर्योदय :-* 07:15 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:34 बजे 

*श्री विक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज पौष  माह शुक्ल पक्ष *द्वितीया तिथि* 26:24 बजे तक है उसके बाद तृतीया तिथि  चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज उत्तराषाढ़ नक्षत्र* 23:45 बजे तक फिर श्रवण नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *व्याघात* है। 

 *करण*  :-आज *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा,गंडमूल नहीं है।    

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  12:35 बजे से 13:42 बजे तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:03 बजे से 12:45 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*: अंग्रेजी नव वर्ष 2025 प्रारंभ

*मुहूर्त* :-  नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-धनु, चन्द्र-मकर, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-कुंभ, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 07:15 - 08:33 शुभ

अमृत 08:33 - 09:50 शुभ

काल 09:50 - 11:08 अशुभ

शुभ 11:08 - 12:25 शुभ

रोग 12:25 - 13:42 अशुभ

उद्वेग 13:42 - 14:59 अशुभ

चर 14:59 - 16:17 शुभ

लाभ 16:17 - 17:34 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

उद्वेग 17:34 - 19:17 अशुभ

शुभ 19:17 - 20:59 शुभ

अमृत 20:59 - 22:42 शुभ

चर 22:42 - 24:25*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

जितेन्द्र गोस्वामी का जल्द ही खुद का पक्का मकान होगा

कलेक्ट्रेट की “जन-सुनवाई”

 ग्वालियर 31 दिसम्बर ।जितेन्द्र गोस्वामी का जल्द ही खुद का पक्का मकान होगा। लम्बे अर्से से आवास स्वीकृति की आस लगाए बैठे जितेन्द्र को कलेक्ट्रेट की “जन-सुनवाई” ने सहारा दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा हर पात्र व्यक्ति को मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान के तहत योजना का लाभ दिलाने के लिये दिए गए निर्देशों का पालन कर कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जितेन्द्र की वर्षों पुरानी मांग पूरी कर दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना में उनका नाम जुड़वा दिया है। कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में इस बार 128 लोगों की सुनवाई की गई। 

मंगलवार को कलेक्ट्रेट में हुई जन-सुनवाई में नगर परिषद मोहना के वार्ड-7 के निवासी श्री जितेन्द्र गोस्वामी अपनी फरियाद लेकर पहुँचे थे। उन्होंने कलेक्टर श्रीमती चौहान को अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि पात्रता होने के बाबजूद भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मेरे नाम से आवास मंजूर नहीं हुआ है। इसके लिये हमने नगर परिषद व विकासखंड स्तर पर कई बार प्रयास किए पर सफलता नहीं मिली। 

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने उनके आवेदन के आधार पर छानबीन कराई तब पता चला कि तकनीकी कारणों से जितेन्द्र गोस्वामी के लिये आवास मंजूर नहीं हो सका है। मोहना जब ग्राम पंचायत थी, तब उनका नाम प्रतीक्षा सूची में शामिल था। मोहना के नगर पंचायत बनने के बाद नए सिरे से लक्ष्य और प्राथमिकता क्रम का निर्धारण हुआ। इस वजह से जितेन्द्र के लिये आवास स्वीकृत होने में देरी हुई। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना में उनका नाम शामिल करा दिया है। अब जल्द ही जितेन्द्र के खाते में मकान बनाने के लिए पहली किस्त पहुँच जायेगी। 

कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में इस बार 128 आवेदक पहुँचे थे। कलेक्टर श्रीमती चौहान, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू अरुण कुमार, श्री कुमार सत्यम व श्री टी एन सिंह सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने एक-एक कर सभी आवेदकों की समस्यायें सुनीं। साथ ही उनके आवेदनों के निराकरण की रूपरेखा तय की। जन-सुनवाई में प्राप्त हुए कुल आवेदनों में से 67 दर्ज किए गए। शेष 61 आवेदन सीधे ही विभिन्न विभागों के अधिकारियों को समय-सीमा में निराकृत करने के लिये दिए गए हैं। 

नगर निगम सेवा से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दी विदाई

 

ग्वालियर 31 दिसम्बर । नगर निगम सेवा से सेवानिवृत होने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को महापौर डॉ शोभा सतीश सिंह सिकरवार, सभापति श्री मनोज सिंह तोमर, नेता प्रतिपक्ष श्री हरिपाल, उपनेता सत्तापक्ष श्री मंगल योगन्द्र यादव, लेखा समिति के अध्यक्ष श्री अनिल सांखला, विधायक प्रतिनिधि श्री कृष्ण राव दीक्षित, जनप्रतिनिधि श्री राजू पलैया ने दी विदाई I 

  जलविहार स्थित सभा भवन में आयोजित सेवानिवृत कर्मचारियों के विदाई समारोह के अवसर पर सम्पदा अधिकारी श्री अरविंद चतुर्वेदी, सहायक वर्ग-3 श्री राजेन्द्र पाराशर, श्री विजय सिंह, श्रीमती आनंदी बाई, श्रीमती पुष्पा देवी को सेवानिवृत्त होने वाले सभी कर्मचारियों को शाल, श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया तथा कर्मचारियों के पीएफ की राशि बैंक खाते में पहुँचाई गई। इस अवसर पर सेवानिवृत्त होने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आगामी भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वस्थ जीवन की कामना की गई। 

कार्यक्रम का संचालन सचिव श्री बृजेश श्रीवास्तव ने किया।

नए साल में पुराने जख्म न कुरेदें आप

नया साल हो या रूमाल तभी तक नया है जब तक कि वो आपके पास आया नहीं। नया होना पुराने का वजूद समाप्त नहीं करता ,बल्कि नयेपन की खुशबू बिखेरता आता है।  नए का अहसास पुराने को मुकाबिल रखकर किया जा सकता है। नई कोंपल हो, नया अंकुर हो ,नया पैगाम हो या नया जाम हो सभी आल्हादित कर  देते हैं। नया आखिर नया ही होता है ,लेकिन यदा रखिये कि नया भी ' पानी केरा बुदबुदा ' ही है ,पलक झपकते प्रभात के तारे की तरह छिप जाता है या पुराना हो जाता है।

आज हमारे पास जो है वो कल पुराना हो जाएगा और कल जो हमारे पास आएगा वो नया कहलायेगा। नए और पुराने के बीच एक महीन सी लकीर होती है। अदृश्य लकीर। नया अल्पजीवी होता है फिर भी सभी को नए की दरकार होती है। जड़ हो या चेतन नयेपन को लेकर सदैव उत्सुक रहता है।नया स्वाद, नया कपड़ा,नया मौसम ,नयी जगह, नया घर,नयी गाडी ,नयी नौकरी, नया -नया-नया। सब कुछ नया। किन्तु प्रकृति में एक तारीख और वर्ष संख्या ही ऐसी है जो नई कही जाती है ,बाकी सब 365  दिन में नया नहीं हो पाता।मनुष्यों को छोड़ शायद ही कोई नया साल मानता हो।  

आज जो 31  है कल वो 1  हो जाएगा।  आज जो 2024  है ,कल से वो 2025  हो जाएगा,लेकिन बाकी सब कुछ पुराना होगा ,फिर भी सब नए साल का जश्न मानकर स्वागत करेंगे।  नए संकल्प लेंगे, नए सपने देखेंगे, नए ठिकाने तलाशेंगे ,हालाँकि  होगा सब कुछ पुराना है ।  जैसे नयी बोतल में पुरानी शराब। ये जुमला केवल जुमला नहीं है बल्कि एक हकीकत है।  हम  सनातनी तो जीवन और मृत्यु को भी इसी सिद्धांत के तहत लेकर चलते है।  हमारी आत्मा अजर,अमर है।  वो केवल देह बदलती है।  हमेशा नई देह चाहिए आत्मा को। नए की तलाश ही हमें गतशील बनाये रखती है।

मजे की बात ये है कि हम एक तरफ नए की और भागते हैं और दूसरी तरफ पुराने के प्रति हमारी आशक्ति समाप्त नहीं होती। हम नया स्वीकार करने में हिचकिचाते हैं और पुराने  को लगातार गले से लगाए रखना चाहते हैं।  यादें इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।  विरासत दूसरा बड़ा उदाहरण है। दुनिया में कोई ऐसा है जिसे नए के मुकाबिले पुराना अप्रिय लगता हो ! हम पुराने रिश्ते मरने नहीं देत।  पुरानी तस्वीरें उठाकर फेंक नहीं देते। फिर आखिर क्यों हमें पुराने जख्म कुरेदने में मजा आता है।  आखिर हम क्यों पुराने और गड़े हुए मुर्दे उखड़ते हैं ? ये बात अलग है कि हम पुराने से ऊबने लगते हैं। इसी ऊब से नयेपन की चाहत जन्म लेती है।

नए साल में भी हमारे   साथ अधिकांश चीजें पुरानी ही रहने वाली है।  न हम बदलेंगे और न हमरे आसपास के लोग ।  हम   उसी घर में रहेंगे जहां वर्षों से रहते आए हैं  ,लेकिन हम नयेपन का अहसास करने के लिए हफ्ते -दस दिन के लिए अपने ठिकाने बदल सकते हैं वो भी तब जब हमारे पास इसकी सामर्थ्य हो ,अन्यथा झोपडी में रहने वाला किसान,मजदूर नयेपन से हमेशा वंचित रहता है ,नया सभी को चाहिए किन्तु कुछ नया हो तब न !   !

बुधवार को जब नया साल आएगा तब भी हमारे पास न सरकार नई होगी और न अखबार, न टीवी चैनल नया होगा और न कोई स्वाद।  हाँ हमारे पास नए कपड़े हो सकते हैं, नया घर  हो सकता है , नया वाहन हो सकता है ,नया मोबाईल सेट हो सकता है ,लेकिन अलप समय के लिए। हम नए दौर में प्रवेश जरूर करते हैं किन्तु ये नयापन टिकाऊ नहीं होता ।  आप याद करके देखिये और बताइये कि आपके पास नया क्या है ? नए केवल संकल्प हो सकते है।  नया केवल सपना हो सकता है।  नया केवल व्यवहार हो सकता है।  नयी केवल शैली हो सकती है।  नया केवल स्वाद हो सकता है हालाँकि हर नए के गर्भ में  पुराना ही छिपा होता है। यानि नयापन एक ' मृग मरीचिका ' है।  जो कभी हाथ नहीं  आती और यही वो चीज है जो हमें निरंतर  गतिशील बनाये रखती है।

 नया साल आप सभी को मुबारक हो ये कामना हम भी करते हैं ,क्योंकि आने वाले दिनों में कुछ तो नया हो। नए रिश्ते बनें, नयी सियासत शुरू हो। नया नेतृत्व सामने आये ।  नया भारत बने जिसमें संकीर्णता   ,साम्प्रदायिकता, वैमनस्य की दुर्गन्ध न आती हो। एक ऐसी नई दुनिया हमारा सपना है जिसमें युद्ध न हो ,केवल और केवल शांति हो। एक ऐसी दुनिया और एक ऐसा देश हो जहाँ भूख,गरीब। गैर बराबरी न हो  कोई नया अवतार न हो। लेकिन ये सब कैसे हो ,कोई नहीं जानता। आप अपने लिए अपना नया खुद तलाशिये,कोई सरकार आपको कुछ भी नया नहीं

  दे सकती।  दुनिया में हादसे और खुशियां समान रूप से नई और पुरानी होती आयीं है और होती रहेंगी।

मुझे हर साल नए साल के वक्त प्रेम धवन याद आते है।  हम हिंदुस्तानी फिल्म  याद आती है।  मुकेश याद आते है।  उषा खन्ना याद आतीं हैं क्योंकि उन्होंने जो आव्हान ,जो सलाह हम हिन्दुस्तानियों को दी है वो कोई और दे नहीं सकत।  प्रेम धवन  जी लिख गए हैं -

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी

नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी

हम हिंदुस्तानी,  हम हिंदुस्तानी

हम अपनी  पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं , इसीलिए क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं ? क्योंकि चांद के दर पर जा पहुंचा है आज ज़मानानए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं। अब हमारे पास नया खून है नई उमंगें है ,नई जवानी है। हममें सोचना है की हम को कितने ताजमहल और बनाने हैं। हमें उन्हें खोदने की बात नहीं सोचना ।  हमें सोचना है कि  कितने अजंता हम को और सजाने हैं। हमें  तय करना है अभी  कितने दरियाओं का  रुख पलटना है , और कितने पर्वतों को राहों से हटाना है। हमें अपनी  मेहनत को अपना ईमान बनाना है।  हमें किसी अवतार की जरूरत नहीं है ,हमें अपने हाथों से अपना भगवान  बनाना है। हमें राम,कृष्ण और गौतम की इस पुण्य भूमि पर ही सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाना है ,न की कोई हिन्दू राष्ट्र।

? हमें नहीं भूलना चाहिए की हमने दाग गुलामी का धोया है जान लुटा के,हमें याद रखना है कि हमने दीप जलाए हैं, ये कितने दीप बुझा के।  हमें याद रखना होगा कि हमने ली है आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को रखना होगा ,हर दुश्मन से आज बचा के । ? हमें हकीकत को पहचानना होगा। क्योंकि हमारा हर ज़र्रा है मोती  है ,जरा आँख उठाकर देखो।  हमारी मिटटी केवल मिटटी नहीं है इसमें  सोना है, हाथ बढ़ाकर देखो।  हमारी गंगा भी सोने की   है ,चांदी की जमुना है। इसकी मदद से चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो। किसी राज सत्ता या व्यक्ति के अंधभक्त बनकर हम ये सब नहीं कर सकत। नयापन हमारे लिए एक ख्वाब ही बनकर रह जाएगा।  बहरहाल आप सब खुश रहें ,सुख-समृद्धि आपके कदम चूमे। यही नए वर्ष पर हमारी शुभ कामना है।  

@ राकेश अचल

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