डॉ.रामदास माथोरिया दाम के शिवपुरी जिला अध्यक्ष बने

 

ग्वालियर। दलित आदिवासी महापंचायत (दाम) मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेतृत्व एवं संस्थापक संरक्षक डॉक्टर जवर सिंह अग्र के निर्देशानुसार शिवपुरी जिले के अध्यक्ष डॉ.रामदास माथोरिया को नियुक्त किया गया है। 

 दलित आदिवासियों (अनुसूचित जाति जनजाति) गरीबों के हक- अधिकारो के लिए संघर्ष कर न्याय दिलाने के लिए एक मात्र सामाजिक संगठन दलित आदिवासी महापंचात (दाम) ने डॉ.रामदास माथोरिया को जिला शिवपुरी का नवनियुक्त अध्यक्ष बनाए जाने पर बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दी। 

   विगत दिनों से अनुसूचित जाति - जनजाति एवं गरीबों पर हो रहे अन्याय अत्याचार शोषण के खिलाफ आवाज उठाएंगे तथा पीड़ितों को न्याय दिलाने का काम संगठन के माध्यम से पुरजोर तरीके से करेंगे। 

पुलिस विभाग से रिटायर्ड हुए अधिकारी कर्मचारियों को एसपी ग्वालियर ने दी विदाई

 

ग्वालियर। पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह,भापुसे द्वारा पुलिस विभाग से सेवानिवृत हुए पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को विदाई दी गई। इस मौके पर अति पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री निरंजन शर्मा, रक्षित निरीक्षक रणजीत सिंह सिकरवार, निज सहायक एसपी ग्वालियर निरीक्षक(अ) विजय रावत, सूबेदार अनुपम भदौरिया,मुख्य लिपिक नरेन्द्र तुनिया, सउनि(एम) अभिषेक पाराशर सहित कार्यालयीन स्‍टाफ एवं सेवानिवृत हुए पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी व उनके परिजन उपस्थित रहे।

आज पुलिस कन्ट्रोल रूम ग्वालियर सभागार में पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हो रहे 13 पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों के लिये विदाई समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें पुलिस अधीक्षक ग्वालियर द्वारा पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हो रहे पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह देकर विदाई दी गई। कार्यक्रम के समापन पर पुलिस अधीक्षक ग्वालियर ने आज सेवानिवृत्त हो रहे पुलिसकर्मियों को प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह देकर उनके बेहतर स्वास्थ्य व उज्जवल भविष्य की कामना की। पुलिस अधीक्षक ग्वालियर द्वारा सेवानिवृत्त हो रहे सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों से उनकी सेवाकाल के दौरान किये गये कार्यो की जानकारी ली गई। 

सेवानिवृत होने वाले पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारिगण इस प्रकार है- निरी कृपाशंकर अवस्थी, सउनि फिलमोन मिंज, सउनि भगवान सिंह, सउनि रणवीर सिंह तोमर, सउनि राजेन्द्र सिंह भदौरिया, सउनि बृजराज सिंह तोमर, सउनि ओमकुमार सिंह, सउनि मोहन सिंह तोमर, सउनि किशन सिंह राणा, प्र.आर सुरेन्द्र सिंह गौड़, प्र.आर महेन्द्र कुमार मिश्रा, प्र.आर कमल सिंह तोमर, प्र.आर अवतार सिंह यादव।

वनपरिक्षेत्र जतारा में अतिक्रमण के विरुद्ध फिर शुरू हुई बुलडोजर कार्यवाही

 Aapkedwar news- अजय अहिरवार 


जतारा–नवागत मुख्य वन संरक्षक छतरपुर और नवागत वन मंडल अधिकारी एवं उपवनमंडल अधिकारी टीकमगढ़ के दिशा निर्देशन और मार्गदर्शन में वर्षों पुराने अतिक्रमण को बेदखल करने की कार्यवाही वन परिक्षेत्र अधिकारी जतारा शिशुपाल अहिरवार के नेतृत्व में फिर से शुरू हो गई। जिसके तहत प्रशासन के सहयोग से दिनांक 31/01/2025 पूरे दल बल के साथ वन परिक्षेत्र जतारा का वन अमला बीट पलेरा नंबर दो के कक्ष क्रमांक 313 में पहुंचा जहां पर पूर्व से नामजद वन अपराध मे लिप्त अतिक्रमणकारी हरलाल कुशवाहा एवं अन्य दो से तीन सभी निवासी पलेरा के द्वारा वन क्षेत्र में अवैध रूप से बनाए गए वर्षों पुराने पक्के मकानों और बाड़ियों को बुलडोजर/जेसीबी की सहायता और वन अमले के सहयोग से जमीजोंद करते वन भूमि से बेदखल किया गया। और उसके बाद उन सभी के विरुद्ध नामजद वन अपराध प्रकरण क्रमांक 250/11 दिनांक 31/01/2025 पंजीबद्ध किया जाकर जप्ती की कार्यवाही की गई। और मौके से घर मकानों के अतिरिक्त लगभग 5 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया।

अविमुक्तेश्वरानद की सुनिए दिल्ली वालो


ज्योतिष पीठ द्वारिका के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानद सरस्वती ने महाकुम्भ हादसे में मौनी अमावस्या पर हुई मौतों के लिए सीधे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दोषी करार देते  हुए उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की है। शंकराचार्य   ने योगी को ' महाझूठा ' भी कहा। अब सवाल ये है कि क्या भाजपा हाईकमान स्वामी अविमुक्तेश्वरानद की बात मानेगी ?

महाकुम्भ से पहले ही कुम्भ मेलों में हादसे होते आये हैं ,लेकिन ये पहली बार हुआ की सरकार ने भगदड़ में हुई मौतों का आंकड़ा  जारी करने में पूरे 18 घंटे का समय लिया। मुख़्यमंत्रो योगी आदित्यनाथ पूरे दिन कहते रहे कि  भगदड़ में कोई नहीं मरा और उनकी बात मानकर ही महाकुम्भ में तीन शंकराचार्यों के अलावा तमाम अखाड़ों ने शाही स्नान किये ,जबकि भगदड़ में कम से कम 30 लोग अपनी जान गंवा चुके थे। स्वामी अविमुक्तेश्रानद का गुस्सा इस बात को लेकर है कि  यदि मुख्यमंत्री ने झूठ न बोला होता तो कम से कम प्रयागराज में मौजूद संत समाज मृतकों के प्रति श्रृद्धांजलि अर्पित करने के लिए उस दिन उपवास तो कर ही लेता। 

प्रयागराज में भगदड़ की न्यायिक जांच करने की बात कही गयी है ,दूसरी तरफ सरकार ने घटनास्थल  पर जेसीबी और ट्रेक्टर लगाकर पूरी सफाई करा दी है ,इससे अब कोई साक्ष्य ही नहीं बचे।  अब खबरें आ रहीं हैं कि  भगदड़ केवल संगम नोज पर ही नहीं एक और घाट पर भी हुई थी ,वहां भी लोग मरे गए ,लेकिन सरकार ने इस सबको छिपा लिया। आखिर सरकार को ऐसा करने की जरूरत क्या पड़ी ? क्या सही संख्या बताने से कोई फांसी पर चढ़ाया जा सकता था ? ये सब सरकार ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए किया , अब उत्तर प्रदेश की सरकार बुरी तरह  फंस गयी है।

 स्वामी अविमुक्तेश्वरानद को आप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रतिद्वंदी  नहीं कह सकते।   वे मौजूदा चारों  शंकराचार्यों में सबसे ज्यादा मुखर शंकराचार्य हैं।  आपको याद होगा कि  उन्होंने गत वर्ष अयोध्या में राम मंदिर  में प्राण प्रतिष्ठा  समारोह का बहिष्कार भी किया था।  वे गौहत्या पर प्रतिबंध न लगाने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न सिर्फ आलोचना कर चुके हैं बल्कि उन्हें कसाई तक कह चुके हैं।वे अम्बानी कि बेटे की शादी में भी पहुँच गए थे।  दुर्भाग्य ये है कि  योगी को हटाने की मांग करते हुए वे अकेले है।  शेष तीन शंकराचार्यों के अलावा महाकुम्भ में मौजूद 14  अखाड़ों के पीठाधीश्वरों ने फ़िलहाल चुप्पी साध रखी है।  सत्ता प्रतिष्ठान का विरोध करने का साहस शायद और किसी में है भी नहीं। अखाडा प्रमुखों को तो आप पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का जलाभिषेक करते हुए देख ही चुके हैं। 

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि मौजूदा सरकार को सत्ता में रहने का अब नैतिक अधिकार नहीं है।उन्होंने कहा कि भगदड़ की घटना ने  सरकारी इंतजामों की पोल खोल दी है. अधिकारी महाकुंभ में 40 करोड़ और मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का दावा पहले ही कर रहे थे. इस हिसाब से उन्हें व्यापक तैयारी करके रखनी चाहिए थी।कि यह मौजूदा सरकार की बहुत बड़ी विफलता है. ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह गया है.सरकार को खुद ही हट जाना चाहिए या फिर जिम्मेदार लोगों को इस मामले में दखल देना चाहिए. यह ऐसी दुखद घटना है जिसे सनातनियों की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े किए हैं 

इस मामले में संत समाज का मौन सालता है ,लेकिन नगीना से लोक सभा सांसद और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ ने भगदड़ के लिए बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को दोषी बताया है। उन्होंने बागेश्वर बाबा पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की बात कही है। चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ ने कहा कि एक बागेश्वर बाबा हैं जिन्होंने वहीं कुंभ में खड़ा होकर कहा था कि जो यहां नहीं आएगा मौनी अमावस्या पर जब यहां अमृत वर्षा होगी वो देश्द्रोशी होगा। मैं मानता हूं कि जो लोग वहां गए और अव्यवस्था की वजह से जिनकी जान गई। उन सभी के जिम्मेदार बागेश्वर बाबा है। उनपर मुकदमा करके उन्हें जेल में डाल देना चाहिए।

 प्रयागराज  कुम्भ  में अभी 3  और शाही स्नान होना बाकी  है।  मुझे नहीं लगता कि  भाजपा हाईकमान  भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री को हटाने का कोई निर्णय कर पायेगी ।  भाजपा को और आरएसएस को अभी योगी आदित्यनाथ की जरूरत है। वे संघ की मांग में उधर का सिन्दूर हैं जो पिछले अनेक विधानसभा चुनावों में भाजपा के बहुत काम आये हैं। दुर्भाग्य से दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा योगी का इस्तेमाल नहीं कर पायी,क्योंकि प्रयागराज में भगदड़ हो गयी। अब देखना ये है कि  ये देश एक शंकराचार्य के साथ खड़ा होते है या एक योगी मुख्यमंत्री के खिलाफ। आपको बता दें की शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानद पहले भी कह चुके हैं की योगी को मठ और सत्ता में से किसी एक को चुन लेना चाहिए ,क्योंकि कोई योगी यानि संत सत्ता प्रतिष्ठान के लायक नहीं होता और कोई मुख्यमंत्री संत नहीं हो सकता। संत मुख्यमंत्री के रूप में उतना उदार नहीं हो सकता जितना की संत को होना चाहिए। 

महाकुम्भ में भगदड़ का हादसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि 5  फरवरी को महाकुम्भ में आने को लेकर भी सवाल खड़े कार रहा ह।  लेकिन मुझे लगता है की प्रधानमंत्री जी अपने तय समय पर महाकुम्भ में डुबकी लगाएंगे। वे कुम्भ से दूर रहकर अपने आपको देशद्रोही थोड़े ही कहलवाना चाहेंगे।कायदे से तो उन्हें हादसे कि फौरन बाद प्रयागराज में होना चाहिए था लेकिन वे शायद साहस नहीं जुटा पाए। वे यदि हादसे कि बाद प्रयागराज आ जाते तो उनके प्रति जनता का आदर भाव बढ़ता ही।  

@ राकेश अचल

31 जनवरी 2025, शुक्रवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:11 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:58 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज माघ माह शुक्ल पक्ष *द्वितीया  तिथि*   13:59 बजे तक फिर तृतीया तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज शतभिषा नक्षत्र* 28:13 बजे तक पश्चात पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र 

    *योग* :- आज *वरियान* है। 

 *करण*  :-आज *कौलब* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक   03 फारफरी रात 11:16 तक चल है।भद्रा, गंडमूल नहीं  है।

*🔥अग्निवास*: आज आकाश में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 11:14 से 12:35 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:12 बजे से 12:55 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहार*- भगवान कुंथुनाथ जी ज्ञान।

*मुहूर्त* : भूमि पूजन/नींव,देवप्रतिष्ठा,नामकरण,मुंडन, अन्नप्रासन ,वाहन क्रय - विक्रय हैं अन्य नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मकर, चन्द्र-कुंभ, मंगल-मिथुन, बुध-मकर, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

चर 07:11 - 08:32 शुभ

लाभ 08:32 - 09:53 शुभ

अमृत 09:53 - 11:14 शुभ

काल 11:14 - 12:35 अशुभ

शुभ 12:35 - 13:56 शुभ

रोग 13:56 - 15:17 अशुभ

उद्वेग 15:17 - 16:37 अशुभ

चर 16:37 - 17:58 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

रोग 17:58 - 19:37 अशुभ

काल 19:37 - 21:16 अशुभ

लाभ 21:16 - 22:55 शुभ

उद्वेग 22:55 - 24:34*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

नगर निरीक्षक कृपा शंकर अवस्थी सेवानिवृत्त हुए, एसपी आफिस में विदाई समारोह 31 जनवरी को

ग्वालियर ।  नगर निरीक्षक कृपा शंकर अवस्थी जी  एस पी ऑफिस में रीडर के रूप में पदस्थ जिन्होंने 10 अक्टूबर 1983को  पुलिस विभाग में  ज्वाइन किया था। आज नगर निरीक्षक से सम्मानित होकर बेदाग सेवानिवृत हो रहे है।

 जानकारी देते हुए अशोक शर्मा संयोजक मातृ भूमि सेवा मिशन मध्य प्रदेश ने कहा कि प्रशंसनीय विषय है कि अवस्थी जी ने पैतृक गांव में एक हवेली एवं माता पिता का मंदिर निर्माण कर हवेली साधना केंद्र सत्संग के लिए आमजन के उत्थान  करने का संकल्प लेकर समर्पित करेंगे। अतः मातृ भूमि सेवा मिशन मध्य प्रदेश,राष्ट्रीय मानव अधिकार सेवा संगठन भारत की ओर से उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए 10,30 बजे प्रातः एस पी ऑफिस में एकत्रित होकर एस पी साहब के समक्ष विदाई समारोह में एकत्रित होकर विदाई सम्मान करें ।


दुनिया के हर गम से क्यों दूर है संगम ?

 

देश में 144  साल बाद प्रयागराज में हो रहे महाकुम्भ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ में मारे गए लोगों का संगम को कोई गम नहीं है।  संगम से इधर लाशें उठीं  और उधर नंग  -धडंग साधू,सन्यासी और शंकराचार्य   पवित्र शाही स्नान और अमृत स्नान के लिए संगम में कूद पड़े ,किसी के चेहरे पर कोई शोक नहीं ,कोई करुणा नहीं,कोई वेदना नही।  सब स्नान के बाद सुखानुभूति करते नजर आ रहे थे। न सरकार विचलित दिखाई दी और न आम जनता। जैसे संगम में कुछ हुआ ही नहीं। जितना बेमिसाल ये महाकुम्भ है उतनी ही बेमिसाल है हमारी हृदयहीनता।

महाकुम्भ में सरकार कहती है कि कुल 30 लोग मारे गए,लेकिन लोगों को इस आंकड़े पर यकीन नहीं  है ।  सरकार इन मौतों के लिए खुद को जिम्मेदार मानती नहीं है ,उसने जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए हादसे की न्यायिक जांच की घोषणा कर दी है। मरने वालों के परिजनों को 25 -25  लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी कर दी है ,इसलिए कहीं कोई खरखसा नहीं।  न मीडिया को ये हादसा कोई हादसा लगा और न धर्म के ठेकदारों को। न कोई निलंबित हुआ और न किसी को हटाया गया। यहां जो भी मौजूद है किसी ने इस हादसे के बाद घर वापसी नहीं की ,खासतौर पार संतों,महंतों और शंकराचार्यों ने ।  वे तो पूरे कुम्भ में नहा-धोकर ,अमृतपान कर ही अपने डेरों में लौटेंगे । जिन्हें मरना था वे मर गए उनके लिए क्या रोना-धोना ?

कुम्भ में कोई पहली बार तो भगदड़ हुई नहीं है ,पहली बार तो लोग मरे नहीं हैं ।  पहले भी भगदड़ हई ।  पहले भी लोग मरे और कोई दस-बीस नहीं 800  लोग तक मरे। तब भी न तत्कालीन मुख्यमंत्री सम्पूर्णान्द ने इस्तीफा दिया ,न वीर भद्र प्रताप सिंह ने और तो और न अखिलेश यादव ने। फिर कोई मौजूदा मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग किस मुंह से कर सकता है ? करना भी नहीं चाहिए ? क्योंकि योगी जी ने थोड़े ही किसी से कहा था कि  भगदड़ करो और कुचल मरो ! लोग अपनी मौत मरे हैं। पुण्यभूमि में मरे हैं।  उन्हें तो कृतज्ञ होना चाहिए योगी जी का कि  उन्होंने लोगों को कुम्भ में मरने का अवसर दिया ।  मरने वालों को सीधे मोक्ष मिलेगा। इसी मोक्ष के लिए तो नंग -धडंग नागाओं से लेकर सती -सावित्री ममता कुलकर्णी तक जप-तप  और कल्पपवास कर रहे हैं।

एक बात अच्छी है कि  हम लोग इतने धर्मभीरु हैं कि  मरने वालों केलिए टसुए नहीं बहाते ।  हम मृतकों के परिजनों के लये टसुए बहाने वाले परिजनों को रूमाल खरीदने के लिए 25 -25  लाख रूपये की सहायता दे देते हैं। ये हमारी सरकार की दरियादिली   नहीं तो और क्या है ? उत्तरप्रदेश की उत्तरदायी सरकार ने मृतकों के शव उनके गृह गांव तक भेजने के लिए एम्बुलेंस  की व्यवस्था कर सचमुच उपकार किया है ,अन्यथा मृतकों के परिजन क्या करते ? उन्हें अपने परिजनों  के शव गंगा के हवाले ही करना पड़ते। मरने वाले श्रृद्धालुओं के प्रति ये सद्भाव प्रणम्य है ।  उत्तर प्रदेश के ही मुलायम सिंह यादव जब केंद्र में रक्षामंत्री  थे तब उन्होंने भी सीमा पर शहीद होने वाले जवानों को ससम्मान घर तक भेजने की व्यवस्था की थी। इस महा कुम्भ में मुलायम सिंह की प्रतिमा भी विराजमान है।

महाकुम्भ में हुई भगदड़ से उत्तरप्रदेश सरकार को कोई सबक नहीं लेना है ,ये हादसे तो आगे भी होंगे। हादसे होते ही होने के लिए हैं। हादसे न हों तो फिर इस तरह के आयोजनों का अर्थ ही क्या है।  हमारे यहां भगदड़ में लोग मरते हैं। मक्का -मदीना में प्यास से भी मरते हैं। जिन्हें  जैसे मरना है ,वो पहले से निर्धारित होता है।  इसमें हम -आप या सरकार क्या कर सकती है।? बेहतर हो कि  अब जहाँ भी कुम्भ  हों वहां की सरकारें अभी से एक सुरक्षित और पुख्ता योजना पर काम शुरू कर दें ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति न हो। हादसे रोकने के लिए हमारे पास तमाम तकनीकें भी हैं ,लेकिन ये तब नाकाम हो जातीं हैं जब सरकारें ही धार्मिक उन्माद पैदा करतीं हैं। आयोजकों को इस तरह के आयोजनों को ' मेगा इवेंट ' के रूप में प्रचारित करने से भी बचना चाहिए। बचना चाहिए वीआईपी संस्कृति से। नहीं तो  उन्हें ऊपर वाला भी नहीं रोक सकता। हादसों के बाद न्यायिक जांचों की घोषणाओं से जिम्मेदार लोग नहीं मिलने वाले।  जब तक जाँच रिपोर्ट आएगी तब तक लोग इस हादसे को भूल चुके होनेग ,हादसों मो भुलाने में चार घंटे भी तो नहीं लगते  बचेंगे तो आगे भी हादसे होंगे ,

@ राकेश अचल

30 जनवरी 2025, गुरुवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:11 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:57 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज माघ माह शुक्ल पक्ष *प्रतिपदा  तिथि*   16:10 बजे तक फिर द्वितीया तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज धनिष्ठा नक्षत्र* 29:50 बजे तक पश्चात शतभिषा नक्षत्र 

    *योग* :- आज *व्यतिपात* है। 

 *करण*  :-आज *बव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक 18:34 बजे से प्रारंभ पांच 03 फारफरी रात 11:16 तक,भद्रा, गंडमूलनहीं  है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उतर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 13:55 से 15:16बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:12 बजे से 12:55 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*- महात्मागांधी पुण्य दिवस

*मुहूर्त* : विवाह,सगाई,वाहन क्रय - विक्रय अन्य नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मकर, चन्द्र-मकर, मंगल-मिथुन, बुध-मकर, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

*🌞चोघडिया, दिन*

शुभ 07:12 - 08:32 शुभ

रोग 08:32 - 09:53 अशुभ

उद्वेग 09:53 - 11:14 अशुभ

चर 11:14 - 12:35 शुभ

लाभ 12:35 - 13:55 शुभ

अमृत 13:55 - 15:16 शुभ

काल 15:16 - 16:37 अशुभ

शुभ 16:37 - 17:58 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

अमृत 17:58 - 19:37 शुभ

चर 19:37 - 21:16 शुभ

रोग 21:16 - 22:55 अशुभ

काल 22:55 - 24:34*अशुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

और लो महाकुम्भ ने भी आखिर बलियां ले ही ली

 

दुनिया में सनातन का झंडा ऊंचा करने वाले प्रयागराज के महाकुम्भ ने आखिर अपने कामयाबी की नयी इबारत लिखते हुए दर्जनों सनातनियों की बलि ले ही ली ।  संयोग ये है कि ये बलि किसी आजम खान के होते हुए नहीं हुई।  इनके लिए सीधे-सीधे तौर पर उत्तरप्रदेश के उत्तरदायी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिम्मेदार हैं ,लेकिन वे ये जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देंगे नहीं और न उनसे इस्तीफा माँगा जाना चाहिए।आज प्रयागराज में कोई 10  करोड़ लोग जमा हैं।  

महाकुम्भ 144  साल बाद  का दुर्लभ योग बताया गया था ।  उत्तरप्रदेश और देश की सरकार ने इस महाकुम्भ की धार्मिकता को ताक पर रखकर इसे एक ' मेगा ईवेंट ' में तब्दील कर दिया है। आम आदमी के लिए इस महाकुम्भ में कुछ भी नहीं है, सिवाय धक्के खाने के और भगदड़ में जान गंवाने के। ये महाकुम्भ विदेशी और देशी धनकुबेरों के लिए है।  ये महाकुम्भ सत्ता प्रतिष्ठान  के जलाभिषेक के लिए है ।  ये कुम्भ अब पतित पानी गंगा की गोद नहीं बल्कि एक हरम बनकर रह गया है। यहां भी वीआईपी संस्कृति का झंडा फहरा रहा है। इस कुम्भ पर खर्च किये गए 10  हजार   करोड़ रूपये भी निर्दोषों को मरने से नहीं बचा पाए। 

ये देश विज्ञान,ज्ञान,अनुसन्धान और मानवाधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरु नहीं बनना चाहता।  ये देश धर्म के क्षेत्र में विश्वगुरु बनना चाहता है लेकिन बन नहीं पा रहा। यहां धर्म की ध्वजाएं फहराने वाले पक्के सनातनी ,असंख्य नागाओं के गुरु सत्ता के स्तुतिगान में लगे हैं।  उनके पास बदइन्तजामों पर ऊँगली उठाने की फुर्सत ही नहीं है और नतीजा आपके सामने  है।  अभी तो महाकुम्भ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ में मरने वालों की संख्या बहुत कम [17] बताई  गयी है लेकिन ये कहाँ तक जाएगी ये कोई नहीं जानता। 

देश में धार्मिक उन्माद पैदा करने के लिए भाजपा की सरकारें एड़ी-चोटी का जोर लगा रहीं हैं ताकि देश को जल्द से जल्द हिन्दू राष्ट्र में तब्दील किया जा सके। इसी उन्माद के चलते  मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में गंगा जल निर्दोष सनातनियों के खून  से रक्ताभ हो गयी ।  आपको बता दें कि सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का अत्यधिक महत्व है। माघ माह में पड़ने वाली मौनी अमावस्या  आत्मसंयम, मौन साधना और पवित्र स्नान के लिए समर्पित होती  है। इस बार मौनी अमावस्या  प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान इसी दिन तीसरा शाही स्नान होन था लेकिन हो गयी भगदड़। मेले में मची भगदड़ के बाद निरंजनी अखाड़े ने स्नान जुलूस रोक दिया है। फिलहाल अखाड़ों ने अमृत स्नान स्थगित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  भी हादसे की जानकारी  ली है। 

महाकुम्भ में पुण्य स्नान करने वालों के आंकड़े दिनोदिन बढ़ते ही जा रहे है।  उत्तरप्रदेश सरकार इन आंकड़ों को दिखाकर गौरवान्वित अनुभव कर रही थी ।  मीडिया और भाजपा इस भव्य-दिव्य आयोजन के लिए योगी-मोदी की बलैयां ले रहा था ,लेकिन अब सब मौन हैं। मौनी अमावस्या पर मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात हुई भगदड़ ने यहां के महा प्रबंध की पोल खोलकर रख दी है ,लेकिन मजाल कि कोई अखाड़ा या अखाड़ा परिषद उत्तरप्रदेश सरकार या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एक शब्द बोले ! सब मौनी बाबा बन गए हैं। अब यदि कोई बोलेगा तो उसे सनातन विरोधी करार दे दिया जाएगा। 

देश में भगदड़ की घटनाओं का लंबा इतिहास है ,इन हादसों के लिए सरकारी मशीनरी और आम जनता ही जिम्मेदार होती है। उत्तर प्रदेश तो भगदड़  के लिए अब कुख्यात हो चला है। आपको याद होगा कि पिछले साल ही उत्तर प्रदेश के हाथरस में आयोजित सत्संग के दौरान मची भगदड़ में करीब 120 लोगों की मौत हो गई थी।  । महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में 2005 के दौरान हुई भगदड़ में 340 श्रद्धालुओं की मौत और 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर हुई भगदड़ में कम से कम 250 लोगों की मौत ऐसी ही कुछ बड़ी घटनाएं हैं। हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में भी 2008 में ही धार्मिक आयोजन के दौरान मची भगदड़ में 162 लोगों की जान चली गई थी। दो साल पहले 31  मार्च 2023  को इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन बावड़ी के ऊपर बनी स्लैब ढह जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गईथी। लेकिन हम और हमारा देश इन हादसों से कभी कोई सबक नहीं लेता। 

महाकुम्भ में आगामी 5  फरवरी को मोक्ष की कामना लेकर देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र दामोदर ढाढ़स मोदी जी भी डुबकी लगाने आने वाले है।  वे अब यहां डुबकी लगाने आएंगे या मृतकों और घायलों के परिजनों को सांत्वना देने ,ये पता नहीं है। लेकिन वे आएंगे जरूर। क्योंकि महाकुम्भ में डुबकी लगाए बिना कोई सनातनी कैसे कहलायेगा ? लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने महाकुम्भ में डुबकी नहीं ली इसलिए वे सनातनी नहीं हैं। वे इस हादसे के बाद दिल्ली विधानसभा का चुनाव प्रचार छोड़कर प्रयागराज आएंगे या नहीं कोई नहीं जानता ,लेकिन इस हादसे से दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जाना अब कठिन हो गया है और योगी जी के दिल्ली जाये बिना विधानसभा चुनाव में भाजपा का बेड़ा पार लग  नहीं सकता। 

फ़िलहाल मैं परिजनों  में हुई भगदड़ में मरे गए सनातनियों के परिजनों के प्रति संवेदना से भरा हुआ हूँ ।  मुझे घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना  भी करना है। मैं चाहूंगा की मृतकों को ऊपर वाला सीधे मोच्छ प्रदान करे। मुझे न मोच्छ चाहिए और न अपने पाप गंगा में धोना हैं इसलिए मैं दूर से ही गंगाजी को प्रणाम कर रहा हूँ ।  आपसे भी निवेदन है कि अपने घर पर ही रहें और महाकुम्भ में अव्यवस्था की बेदी पर शहीद हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना  करें,मौन रहें । 

@ राकेश अचल


12 वर्षो बाद श्रवण नक्षत्र , सिद्धि योग,कुंभ महापर्व के संयोग में मौनी अमावस्या

इस वार की मौनी  अमावस्या होगी खास क्योंकि की इस की बात ही कुछ और है।

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि इस बार की मौनी अमावस्या खाश योगों के साथ है इस लिए विशेष रूप से खाश रहेगी। यह 29 जनवरी बुधवार के दिन श्रवण नक्षत्र सिद्धि योग के संयोग के साथ रहेगी।

इस दिन  ग्रहों की स्थिति बेहद खाश होगी जो 12 वर्षो बाद बनी हुई है।चंद्रमा एवं सूर्य दोनो ग्रह शनि की राशि मकर  में होंगे,गुरु वृष राशि में होने से माघ मास में मौनी अमावस्या को महाकुंभ महापर्व   प्रयाग राज में चल रहा  है इससे इसका फल,पुण्य विशेष बढ़ जाता हैं।

जैन ने कहा इस दिन मौन रहकर व्रत करना चाहिए।

मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है इसलिए इस व्रत को मौन धारण करके करने से मुनि  पद की भी प्राप्ति होती है और आत्म बल बढ़ता है यह दिन सृष्टि संचालक मनु का जन्म दिवस भी है।इस बार मौनी अमावस्या को 29 जनवरी को प्रयागराज में शाहीअमृत  स्नान  संयोग   है।

जैन ने कहा कि यदि इस दिन प्रयाग में संगम के तट पर स्नान किया जाए तो व्यक्ति के समस्त पाप ताप नाश होता है।

अगर कुंडली में पितृ दोष योग है अथवा कालसर्प योग है या राहु,केतु,शनि की दशा है तो इस दिन स्नान ,दान करने से वे तुरंत शांत होकर शुभ फल देते है।

जो गंगा संगम अथवा पवित्र नदी आदि में स्नान करने  नहीं पहुंच पाते उन्हें घर के जल में गंगा जल मिलकर स्नान करना कर दान करना चाहिए।

29 जनवरी 2025, बुधवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 07:12 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:55 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : - शिशिर ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज माघ माह कृष्ण पक्ष *अमावस्या  तिथि*   18:05 बजे तक फिर प्रतिपदा तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज उत्तराषाढ़ नक्षत्र* 08:20 बजे तक पश्चात श्रवण नक्षत्र 

    *योग* :- आज *सिद्धि* है। 

 *करण*  :-आज *नाग* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, भद्रा, गंडमूलनहीं  है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उतर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 12:34 से 13:55बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:12 बजे से 12:55 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौह*- देवपितृ कार्य मोनी अमावस्या, कुंभमहापर्व,प्रयागराज,भगवान श्रेयांसनाथ जी ज्ञान,

*मुहूर्त* : विवाह,सगाई,वाहन क्रय - विक्रय अन्य नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मकर, चन्द्र-मकर, मंगल-मिथुन, बुध-मकर, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 07:12 - 08:33 शुभ

अमृत 08:33 - 09:53 शुभ

काल 09:53 - 11:14 अशुभ

शुभ 11:14 - 12:34 शुभ

रोग 12:34 - 13:55 अशुभ

उद्वेग 13:55 - 15:16 अशुभ

चर 15:16 - 16:36 शुभ

लाभ 16:36 - 17:57 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

उद्वेग 17:57 - 19:36 अशुभ

शुभ 19:36 - 21:15 शुभ

अमृत 21:15 - 22:55 शुभ

चर 22:55 - 24:34*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

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