क्योंकि ,' कमला ' तुम केवल ' कमला ' हो

कमला हैरिस अमेरिका की राष्ट्रपति नहीं बन पायी।  उनकी छलांग उप राष्ट्रपति  तक हिसिमित कर रह गयी। कमला हैरिस को भी शायद ये पता होगा की जिस देश में वे रहतीं हैं वो देश पिछले 225 साल से पुरुषों के हाथ में है ।  महिला-पुरुष के बीच तमाम बराबरी की वकालत करने वाले अमेरिका का पुरुष प्रधान समाज देश के सर्वोच्च पद पर किसी महिला को बर्दाश्त करने की स्थिति में अब तक आया ही नहीं है। इस मामले में अमेरिका भारत से भी मीलों पीछे है।

मुझे कमला हैरिस की पराजय से कोई हैरानी नहीं हुई ।  मै  ये भी नहीं कह सकता की चुनाव   में उनके साथ वैसी चीटिंग हुई होगी जैसी भारत और दूसरे देशों में होने की गुंजाइशें होती है।  हकीकत तो ये है की कमला या किसी दूसरी महिला को अमेरिका कभी राष्ट्रपति के रूप में स्वीकार कर ही नहीं सकता। कहते हैं की भारत यदि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो अमेरिका दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र है। अमेरिका की जनता को पहले भी हाथी पसंद था ,और इस बार भी उसे ही चुना गया हालाँकि बीच में गधा भी अमेरिका की जनता पसंद करती रही है ।  मै अमेरिका के दो प्रमुख दलों के चुनाव चिन्हों की बात कर रहा हूँ ।  क्योंकि अमेरिका में कोई नेता गधा नहीं हो सकता।

हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के दोस्त डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के 130 साल के इतिहास में ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं जो कि पिछली बार चुनाव में पराजय का स्वाद चख चुके हैं। यानि वे अमेरीका के इतिहास पुरुष तो बन ही गए है।  अब पूरे चार  साल दुनिया में ट्रम्प साहब का ही डंका बजेगा।ट्रम्प के पास भी वैसे ही अंधभक्त हैं जैसे की भारत में मोदी जी के पास है।  आपको याद होगा की ट्रम्प साहब के भक्त गुस्से में उस व्हाइट हाउस पर चढ़ गए थे ,जिस पर वे लम्बी प्रतीक्षा के बाद विधिवत पहुँच रहे हैं।

 भारत अब अमेरिका के साथ किस तरह से जुगलबंदी बनाएगा येकहना कठिन भी है और जल्दबाजी भी। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन की निष्क्रियता और अस्पष्ट विदेश नीति की वजह से हमारे प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र दामोदर दास मोदी अपना डंका बजानेमें लगे थे। वे अपने घर में लगी आग की अनदेखी कर रूस और यूक्रेन के बीच की जंग को समाप्त करने के लिए प्रयत्नशील थे ।  उन्होंने चीन और पाकिस्तान के साथ भी बिगड़े रिश्ते सुधारने की पहल की। ट्रैम्प को न शांतिदूत बनाना है औरन विश्व गुरु। वे विश्व दादा जरूर बनना चाहेंगे। वे विश्व के नए दादा बन भी सकते हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प के आने से अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के जीवन पर क्या फर्क पडेगा,इसकी आहट वहां रहने वालों को पहले ही मिल चुकी है। ट्रंप का कार्यकाल भारत के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। ट्रंप के नेतृत्व में अगर नया अमेरिकी प्रशासन ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडा को आगे बढ़ाने का फैसला करता है, तो भारतीय एक्सपोर्टर्स को ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और फार्मा के लिए ज्यादा कस्टम ड्यूटी का सामना करना पड़ सकता है। ट्रम्प की वीजा नीति भारत हितैषी होगी या विरोधी ,कहना कठिन है। अमेरिका में जिस तरह से बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी है उसे देखते हुए लगता है की ट्रम्प साहब भारतीयों का ख्याल रखने से पहले अपने नागरिकों का ख्याल रखेंगे।

विशेष्ज्ञों की मानें तो कि ट्रंप एच-1बी वीजा नियमों को भी सख्त कर सकते हैं, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों की लागत और वृद्धि पर असर पड़ेगा। भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा आईटी एक्सपोर्ट इनकम अमेरिका से आती है, जिससे वीजा पॉलिसी में बदलाव के प्रति भारत संवेदनशील हो जाता है। अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अमेरिका से भारत का सालाना कारोबार 190 अरब डॉलर से ज्यादा है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के संस्थापक  अजय श्रीवास्तव को लगता है  कि डोनाल्ड ट्रंप चीन के बाद अब भारत और अन्य देशों पर भी शुल्क लगा सकते हैं। ट्रंप ने पहले भारत को ‘बड़ा शुल्क दुरुपयोगकर्ता’ कहा था और अक्टूबर, 2020 में भारत को ‘टैरिफ किंग’ करार दिया था।

डोनाल्ड ट्रम्प के सामने ठीक वैसी ही समस्याएं हैं जैसी की भारत में माननीय मोदी जी के सामने है। लेकिन मोदी जी  और ट्रम्प में एक और समानता ये भी है  कि दोनों कहते हैं की नामुमकिन कुछ भी नहीं है। दोनों नेताओं का आत्म- विश्वास बेमिसाल है। दोनों की बेमिसाल जोड़ी आने वाले दिनों में देश-दुनिया की राजनीति और अर्थव्यवस्था को किस सीमा तक प्रभावित करेंगे ? ये जानने के लिए  महीने-दो महीना इन्तजार करना होगा।

ट्रम्प से हटाकर बात करें तो अमेरिका  में कोई महिला कब राष्ट्रपति बनेगी इसका इन्तजार भी दुनिया को है ।  इस मामले में भारत अमेरिका से बहुत आगे हैं।  भारत क्या दुनिया के बहुत से देशों के रष्ट्र प्रमुख महिलाओं को शिरोधार्य कर चुके हैं। विश्व कि महिला राष्ट्राध्यक्षों कि सूची में अमेरिका का नाम अब तक जुड़ा ही नहीं है ।  यानि इस मामले में अमेरिका बदनसीब  है।

विश्व के ज्यादातर देशों में महिलाओं के हाथ में देश के शीर्ष राजनीतिक पदों की कमान नहीं रही है। यहां तक कि विश्व के लगभग 79 देशों के राजनीतिक समीकरण में आज तक एक भी महिला को जगह नहीं मिली है।भारत  इस मामले में सबसे आगे रहा है। भारत में श्रीमती इंदिरा गांधी और प्रतिभा पाटिल का नाम सबसे ऊपर आता है। श्रीमती इंदिरा गांधी ने देश में दो भागों में 16 सालों तक प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली। पहले भाग में 1966 से लेकर 1977 तक और फिर दूसरे भाग में 1980 से लेकर 1984 इंदिरा ने भारत के प्रधानमंत्री पद का दायित्व संभाला। इसके बाद नाम आता है प्रतिभा पाटिल का, जिन्होंने 2007 से लेकर 2012 तक भारत का राष्ट्रपति होने का गौरव हासिल किया।श्रीमती द्रोपदी मुर्मू इस समय भारत कि राष्ट्रपति हैं ही। अभी तो अमेरिका की महिलाओं की स्थितियों पर भारत के राष्ट्र कवि मैथली शरण गुप्ता की वो पंक्तियाँ याद आतीं हैं ,जिनमें उन्होंने लिखा था की -

अबला जीवन हाय तुम्हारी   यही कहानी,

आँचल में है दूध और आँखों में पानी  

वे यदि आज होते तो लिखते की -

कमला हैरिस हाय ! तुम्हारी यही कहानी ।

 सीने में है क्षोभ और आँखों में पानी।।

@ राकेश अचल


अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ दिया जाएगा छठ महा पर्व पर आज

  

महापर्व छठ सूर्य देव को समर्पित है। छठ का पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है। छठ पूजा के चार दिनों तक भगवान सूर्य देव की उपासना की जाती है। छठ का व्रत संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है। 

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और नेपाल के मिथिलांचल क्षेत्र में मनाई जाती है। छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय होता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर सात्विक भोजन खाया जाता है। छठ का व्रत काफी कठिन माना जाता है। छठ के चार दिनों का अलग-अलग महत्व होता है। 

छठ के दूसरे दिन खरना होता है। इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला व्रत किया जाता है। सूर्यास्त के बाद सूर्यदेव को प्रसाद अर्पित करने के बाद गुड़ वाली खीर खाई जाती है। इसी दिन से महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होता है।

 तीसरे दिन यानी 07 नवंबर गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा।

 वहीं छठ पूजा के चौथे आखरी दिन 08 नवंबर शुक्रवार के दिन जल्दी प्रातः  के समय उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा। जैन ने कहा  इसे उषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। 

 पंचांग के अनुसार इस बार षष्ठी तिथि का आरंभ 06 नवंबर बुधवार को मध्यरात्रि 12 बजकर 41 मिनट पर होगा। षष्ठी तिथि का समापन 07 नवंबर गुरुवार को मध्यरात्रि 12 बजकर 34 मिनट पर होगा।  07 नवंबर गुरुवार यानी छठ पूजा वृतार्थी सूर्यास्त के समय  नदी या तालाब में अर्घ  देंगे यह छठ पूजा का सबसे महत्वत  पूर्ण दिन है।

सूर्यास्त शाम 7 बजकर 32 मिनट पर होगा।

08 नवंबर शुक्रवार को प्रातः वृतार्थी उगते सूर्य को अर्घ देकर अपना व्रत तोड़ेंगे और प्रसाद वितरण करेंगे।

छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा को सूर्य षष्ठी, छठ, छठी, छठ पर्व, डाला पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। छठ पूजा के दौरान सूर्य देव की पूजा करने से सुख, समृद्धि, सफलता और निरोगी शरीर की प्राप्ति होती है। छठ का व्रत करने से संतान दीर्घायु होते हैं और परिवार में संपन्नता और खुशहाली बनी रहती है।

7 नवंबर 2024, गुरुवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:39 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:30 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वीरनिर्वाण संवत- 2551* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

दक्षिण  गोल 

*ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह  शुक्ल पक्ष *षष्ठी तिथि*  24:34 बजे तक फिर सप्तमी  तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र* पूर्वाषाढ़ नक्षत्र 11:46 बजे प्रातः तक फिर  उत्तराषाढ़ चलेगा।

    *योग* :- आज *ध्रुव है।  *करण*  :-आज   *कौलव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक  भद्रा ,गंडमूल नहीं  है।

योग: 

*अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*राहूकाल* :आज  13:26 बजे से 14:46 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:43 बजे से 12:26 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहार* : - सूर्य षष्ठी, डाला छठ जैन भगवान नेमीनाथ जी गर्भ

*मुहूर्त* : - नामकरण, अन्नप्रासन अन्य कोई नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र-धनु, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-वृश्चिक, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन हर्षल-वृष में

संगठन पर्व में सदस्यता अभियान के सक्रिय सदस्यों की होगी भागीदारी - पुष्पेंद्र गुड्डू पाठक।

 प्रमोद अहिरवार जिला ब्यूरो टीकमगढ़ म.प्र. 

  

 टीकमगढ़। आज स्थानीय भाजपा कार्यालय में जिला कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें भाजपा द्वारा इस बार संगठन चुनाव नाम न देकर इस संगठन पर्व के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी प्रफुल्ल द्विवेदी व स्वप्निल तिवारी ने बताया कि संगठन पर्व के चुनाव जिला प्रभारी के रूप में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह, जिला सदस्यता अभियान पर्यवेक्षक पूर्व विधायक पुष्पेंद्र गुड्डू पाठक, भाजपा जिला अध्यक्ष अमित नुना, विवेक चतुर्वेदी,पूर्व जिलाअध्यक्ष भाजपा अशोक गोयल, कौशल किशोर भट्ट, गोविंद बिहारी अग्रवाल, पूर्व विधायक अजय यादव, भाजयुमो प्रदेश महामंत्री राहुल तिवारी, सांसद प्रतिनिधि अनुराग वर्मा,सह चुनाव प्रभारी व जिला महामंत्री अश्विनी चढ़ार, आशुतोष भट्ट व पूरनचंद्र मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सर्वप्रथम भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया, संगठन गीत लिया गया, जिसके बाद सदस्यता अभियान को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा साझा की गई व संगठन विस्तार को लेकर जानकारी दी गई व राष्ट्रगान के साथ आभार व्यक्त करते हुए बैठक समाप्त की गई। भाजपा जिलाध्यक्ष अमित नुना ने बताया कि संगठन में सदस्यता अभियान को लेकर महत्वपूर्ण कार्य किए गए तथा सभी मंडलों ने अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हुए सक्रिय सदस्य बनाए हैं और नगर मंडल ने अपने सौं सक्रिय सदस्यों का लक्ष्य पूरा किया है जिसको लेकर सभी बधाई के पात्र हैं, उन्होंने कहा कि आने वाली 7 ,8 और 9 नवंबर को जतारा, खरगापुर व टीकमगढ़ विधानसभा की मंडल कार्यशाला आयोजित होगी, जिसमें बूथ समिति का विस्तार सक्रिय सदस्यता के आधार पर किये जाने पर महत्वपूर्ण चर्चा होगी, साथी ही नए मंडल के रूप में देरी मंडल जुड़ेगा। संगठन पर्व जिला चुनाव अधिकारी व प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा कांतदेव सिंह ने कहा कि किसी को भी तनाव लेने की जरूरत नहीं है यह संगठन चुनाव की तरह नहीं बल्कि हम इसे संगठन पर्व के रूप में मनाएंगे । आगे मंडल कार्यशाला के बाद मंडल सहयोगियों की मदद से हम बूथ व मंडल विस्तार आपसी सहमति और सबकी मनशा अनुरूप ही करेंगे, पूर्व जिला अध्यक्षों का मार्गदर्शन लिया जाएगा। भाजपा सदस्यता अभियान पर्यवेक्षक व पूर्व विधायक पुष्पेंद्र गुड्डू पाठक ने कहा कि हम सबको मिलकर अपने संगठन को मजबूत करना है जिसको लेकर 6 वर्षों में सदस्यता अभियान चलाया जाता है और हर 3 वर्ष में संगठन विस्तार होता है जिसको लेकर संगठन पर्व हम मनाएंगे, संगठन में आने वाले व्यक्ति को भाजपा का सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य है और सभी सक्रिय सदस्यों का वेरिफिकेशन जारी है। कार्यशाला में भाजपा जिला उपाध्यक्ष अभिषेक खरे रानू, प्रीति शर्मा, रीतेश भदौरा, बलवीर जोशी, गोपाल राय, छत्रपाल सिंह, सरोज राजपूत, शालिनी विश्व दीपक मिश्रा, सुशीला राजपूत,पुष्पा यादव, विकास यादव, जनमेजय तिवारी, अमित जैन, मुन्ना लाल साहू, प्रफुल्ल द्विवेदी, इंजी अभय प्रताप सिंह यादव, अनीश खान, रोहित वैसाखिया, किशन पटेरिया,हरप्रसाद कुशवाहा, प्रवीण नामदेव, महेश गौतम, संदीप पायक, महेश पटैरिया, सुरेंद्र, रामगोपाल चौरसिया, सुनील खटीक, संजय श्रीधर,शोभरन कुशवाहा,गनेश आदिवासी, वीरेंद्र परमार, शक्ति सिंह राय, रानू तिवारी, शिवचरण उटमालिया, नरेश तिवारी, पंकज प्रजापति, स्वप्निल तिवारी, जितेंद्र जैकी यादव आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

6 नवंबर 2024, बुधवार का पंचांग

 

*सूर्योदय :-* 06:38 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:30 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वीरनिर्वाण संवत- 2551* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

दक्षिण  गोल 

*ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह  शुक्ल पक्ष *पंचमी तिथि*  24:41 बजे तक फिर षष्ठी  तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र* मूल नक्षत्र 11:00 बजे प्रातः तक फिर  पूर्वाषाढ़ चलेगा।

    *योग* :- आज *सुकर्मा है।  *करण*  :-आज   *बव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक  भद्रा नहीं  गंडमूल 11:00 बजे तक  है।

योग: 

*अग्निवास*: आज पाताल में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*राहूकाल* :आज  12:05 बजे से 13:26 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:43 बजे से 12:26 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहार* : लाभ पंचमी अन्य कोई नहीं 

*मुहूर्त* :  अन्नप्रासन अन्य कोई नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र-धनु, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-वृश्चिक, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 06:38 - 07:59 शुभ

अमृत 07:59 - 09:21 शुभ

काल 09:21 - 10:43 अशुभ

शुभ 10:43 - 12:05 शुभ

रोग 12:05 - 13:26 अशुभ

उद्वेग 13:26 - 14:48 अशुभ

चर 14:48 - 16:09 शुभ

लाभ 16:09 - 17:31 शुभ

*🌓चोघडिया, रात*

उद्वेग 17:31 - 19:09 अशुभ

शुभ 19:09 - 20:48 शुभ

अमृत 20:48 - 22:26 शुभ

चर 22:26 - 24:05*शुभ

*अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें _मो  9425187186 (अभी तक अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी अक्षरतः सत्य सिद्ध हुई)* *ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रिय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)* 

*हस्तरेखा,जन्म कुंडली,वास्तु विशेषज्ञ*

भारतियों के लिए असुरक्षित होता कनाडा

भारत में चुनावी राजनीति में लोग एक -दूसरे के छक्के छुड़ाने में लगे हैं उधर सात समंदर  पार कनाडा भारतीयों के लिए दूसरा पाकिस्तान बनता नजर आ रहा है। भारत ने कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू पूजा स्थल पर खालिस्तान समर्थकों की तरफ से हमला करने  के घटनाक्रम ने भारत और कनाडा के आपसी रिश्तों को भयंकर झटका दिया है।  कनाडा में  18 लाख भारतीय मूल के लोग और 1 लाख एनआरआई मौजूद हैं।  ये दुनिया में सबसे बड़े भारतीय प्रवासी समूह में से एक है।  कनाडा की पूरी आबादी में ये हिस्सेदारी करीब 3  प्रतिशत  है।

भारत और कनाडा के रिश्तों में तनातनी की जड़ में खालिस्तानी तत्व हैं। दोनों देशों के प्रधानमंत्री हैं। भारत और कनाडा के आपसी संबंधों का मौजूदा दौर कई सवालों और चिंताओं को जन्म दे रहा है. हरदीप सिंह निज्जर की हत्या सुर्खियों में है, लेकिन दोनों देशों के ताल्लुक पेचीदगियों से भरे है। अच्छी बात ये है की इस समय भारतियों पर कनाडा में हुए ताजा हमले के मुद्दे पर हम सब एक हैं सोशल मीडिया पर जो वीडियो सामने आये हैं उसमें साफ तौर पर दिखता है कि हिंदू मंदिर के सामने पहले खालिस्तान समर्थकों की टोली गाड़ियों से आती है और खालिस्तानी झंडों के साथ वहां एकत्रित लोगों के साथ मारपीट करती है। वहां की पुलिस की बीच-बचाव करती दिखती है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भी इस हमले मैंने से ही इंकार कर  दिया है ,जबकि स्थानीय पुलिस ने इस मामले  में दो-तीन लोगों की गिरफ्तारी की बात कही गई है।

पूजाघरों में  इस तरह की घटनाएं सिहरन पैदा करतीं हैं । कनाडा में अगले वर्ष आम चुनाव है और कई लोगों भारत के साथ प्रधानमंत्री  ट्रुडो की नीतियों को उनकी राजनीतिक महत्वांकाक्षा से जोड़ कर देखते हैं। टूडो की नजर भारत से अलग पृथक देश  खालिस्तान बनाने का सपना पालने वाले खालिस्तानी संगठनों से जुड़े वोटरों पर है। ऐसे में भारतीय समुदाय पर या धार्मिक स्थलों पर उनका हमला बढ़ने की आशंका है। भारत और कनाडा के बीच फिलहाल जो कड़वाहट घुली है, उसे दोनों देशों के रिश्तों का सबसे निचला स्तर बताया जा रहा है और ये दौर दोनों देशों के मौजूदा नेतृत्व कि क्षमताओं पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े करता है।   ये समझने कि जरूरत है कि अचानक  ऐसा क्या हुआ, जो भारत और कनाडा जैसे दो मित्रदेशों के रिश्ते इतने बुरे दौर में पहुंच गए ?  क्या कनाडा में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में वाकई भारत सरकार का हाथ है  और तीसरा, क्या ट्रूडो का बयान पूरी तरह घरेलू वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित है।

  भारत-कनाडा रिश्तों का इतिहास खट्टा-मीठा रहा है।  ये बनते-बिगड़ते रहे है।  अत्तीत में झांककर देखें तो कनाडा-भारत संबंध,कनाडा और भारत गणराज्य के बीच द्विपक्षीय संबंध हैं। माना जाता है कि " लोकतंत्र के लिए आपसी प्रतिबद्धता", " बहुलवाद " और "लोगों के बीच परस्पर संबंधों" पर आधारित हैं।कांग्रेस के शासनकाल में  2009 तक  भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग  4.14 बिलियन डालर का था। वर्षों पहले  एयर इंडिया फ्लाइट 182 में हुए  विस्फोट के  बाद दोनों देशों के रिश्तों  में जो कड़वाहट आई थी उसका असर दो दशकों  रहा। आपको याद होगा कि 23 जून 1985... वो तारीख जब खालिस्तानियों ने एयर इंडिया की एक विमान को निशाना बनाया। इस विमान हादसे में 329 की हुई थी मौत, मरने वालों में 268 कनाडा के नागरिक थे। यह विमानन इतिहास में सबसे घातक आतंकवादी हमला था। खालिस्तानी आतंकियों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेने के लिए विमान पर हमला किया था। हमले के 39 साल पूरे होने के बाद भी कनाडा पुलिस हादसे की जांच नहीं कर पाई थी।

इस हमले से पहले भी भारत द्वारा  1974 में हुए   परमाणु परीक्षण ने दोनों राष्ट्रों के बीच संबंधों में तल्खी पैदा हुई थी। कनाडा ने तब भारत पर  कोलंबो योजना की शर्तों का उल्लंघन का आरोप लगया था ,हालाँकि 1990 के दशक के अंत में जाँ श्रेतियाँ और रोमियो लब्लैंक दोनों ने भारत की, पोखरण-2 परीक्षणों के बाद, संबंधों को एक बार फिर से अस्थायी रूप से रोक दिया गया था।मुझे याद है कि कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने 2012 में भारत  का दौरा किया था। कनाडा और भारत बड़े पैमाने पर व्यापार करते हैं। भारत मुख्य रूप से कनाडा से दाल  आयात करता है। उच्च शिक्षा के लिए  भारतीय छात्रों के लिए कनाडा एक पसंदीदा स्थान है।इस बीच कनाडा में सिख आतंकवादियों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों में हुए इजाफे के दौरान कनाडा सरकार द्वारा अपेक्षित रोकथाम करने   कथित कमी ने दोनों देशों के बीच तनाव पैदा कर दिया है

 हाल के दशक में कनाडा ने नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान भारत में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन की निंदा कर तनाव के नए बीज बोये ।  भारत ने  इसके जवाब  में  कनाडा को  झिड़की दी और साफ़ शब्दों में कहा कि कनाडा को अपने काम से काम रखना चाहिए और भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।  पिछले साल  2023 में, जी-20 बैठक के बाद, कनाडा की ट्रूडो सरकार ने भारत पर एक कनाडाई सिख कार्यकर्ता, हरदीप सिंह निज्जर, जो खालिस्तान आंदोलन का हिस्सा था, की कनाडा में हत्या करने का आरोप लगाया। तब से अब तक रिश्तों में कड़वाहट इतनी बढ़ी कि दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को देश निकला तक दे दिया। अब स्थिति ये है कि कनाडा ने तमाम हदें लांघते हुए भारत के गृहमंत्री तक पर गंभीर आरोप लगा दिए है। मुमकिन है कि इन आरोपों को लेकर २५ नबंवर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में गहमागहमी रहे।

कनाडा और भारत के रिश्तों को समझने के लिए हमें बहुत पीछे जाना पडेगा ,इतने पीछे जहाँ कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू खड़े नजर आने लगें ।  नेहरू को सदैव गालियां देने वालों को शायद ये पता नहीं होगा कि भारत और कनाडा के रिश्तों की नीव में नेहरू  ही हैं मोदी नहीं।इतिहास बताता है कि  आजादी के बाद से लेकर  1960 के दशक में कनाडा-भारत संबंधों को भारतीय प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू और दो वर्षों के दौरान सेवा करने वाले दो कनाडाई प्रधानमंत्रियों लुई सेंट लॉरेंट और लेस्टर बी पियर्सन के व्यक्तिगत संबंधों के कारण बढ़ावा मिला था। ये रिश्ते आज के पुतिन मोदी संबंधों जैसे कहे जा सकते है।  इनकी तुलना नेतन्याहू और मोदी के निजी संबंधों से भी की जा सकती है।

 संयुक्त राष्ट्र और राष्ट्रमंडल में कोरियाई युद्ध और स्वेज संकट जैसे विविध मुद्दों पर, भारत और कनाडा के बीच रुचि और प्रतिबद्धता का एक अनूठा उदाहरण है । । नेहरू के ही कार्यकाल में भारत के लिए कनाडा का सहायता कार्यक्रम 1951 में शुरू हुआ और कोलंबो योजना के तहत काफी बढ़ा। कनाडा ने भारत को खाद्य सहायता, परियोजना वित्तपोषण और तकनीकी सहायता प्रदान की। पिछले पांच दशकों में भारत, कनाडाई द्विपक्षीय सहायता का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता रहा है, जिसकी राशि 3.8 बिलियन से अधिक कनाडाई डॉलर है। नेहरू के कार्यकाल में ही 1960 के दशक में, कनाडा ने कोलंबो योजना के माध्यम से कुंडाह हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर हाउसपरियोजना का समर्थन किया । लेकिन आज दोनों देशों के रिश्तों में इतनी कड़वाहट बढ़ गयी है कि इन्हें  दूर करने में दशकों लग जायेंगे  कम से कम मोदी और टूडो  के रहते तो ये रिश्ते अब सुधरने वाले नहीं है। लौटकर मंदिर में श्रृद्धालुओं पर हुए ताजा हममले पर आते है।  इन हमलों के खिलाफ पूरा भारत एक है । संसद में भी ये एकता दिखाई देना चाहिए।

 दोनों देशों के बीच रिश्तों में कड़वाहट के बीच कनाडा के ब्रैम्‍पटन में हिन्दू मंदिर पर हमले को लेकर  हम मोदी जी कि भूमिका से असहमत होते हुए भी उनके साथ खड़े हैं।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  बेहद सख्‍त लहजे में उन्‍होंने कनाडा की जस्‍ट‍िन ट्रूडो सरकार से कहा क‍ि इस तरह के हमले बर्दाश्त नहीं है।  हमारे हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह है।  भगवान से प्रार्थना है कि वो दोनों देशों की सरकारों को सद्बुद्धि दे ताकि कनाडा भारत के लिए दूसरा पाकिस्तान न साबित हो।

@ राकेश अचल

5 नवंबर 2024,मंगलवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:37 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:31 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वीरनिर्वाण संवत- 2551* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

दक्षिण  गोल 

*ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह  शुक्ल पक्ष *चतुर्थी तिथि*  24:17 बजे तक फिर पंचमी  तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र* ज्येष्ठा नक्षत्र 09:45 बजे प्रातः तक फिर मूल चलेगा।

    *योग* :- आज *अतिगंड है।  *करण*  :-आज   *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक नहीं भद्रा11:54 बजे से 24:17 बजे तक है, गंडमूल  है।

योग: 

*अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*राहूकाल* :आज  14:48 बजे से 16:14 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:43 बजे से 12:26 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहार* :- कोई नहीं 

*मुहूर्त* :  - नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र-वृश्चिक, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-वृश्चिक, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 *🌞चोघडिया, दिन*

रोग 06:38 - 07:59 अशुभ

उद्वेग 07:59 - 09:21 अशुभ

चर 09:21 - 10:43 शुभ

लाभ 10:43 - 12:05 शुभ

अमृत 12:05 - 13:26 शुभ

काल 13:26 - 14:48 अशुभ

शुभ 14:48 - 16:10 शुभ

रोग 16:10 - 17:32 अशुभ

*🌓चोघडिया, रात*

काल 17:32 - 19:10 अशुभ

लाभ 19:10 - 20:48 शुभ

उद्वेग 20:48 - 22:27 अशुभ

शुभ 22:27 - 24:05* शुभ

अमृत 24:05* - 25:43* शुभ

 *अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें _मो  9425187186 (अभी तक अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी अक्षरतः सत्य सिद्ध हुई)* *ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रिय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)* 

*हस्तरेखा,जन्म कुंडली,वास्तु विशेषज्ञ*

मप्र के जंगलों में मरते हाथी ,बढ़ते बाघ

मप्र के जंगलों में हाथियों की संख्या कम हो रही है लेकिन बाघों की संख्या घट रही है ।  प्रदेश में पिछले एक हफ्ते में ही अलग-अलग ठिकानों पर 10  हाथियों की रहस्य्मय तरीके  से मौत हो गयी।  मप्र के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस सिलसिले में जंगलात के 2 अफसरों का निलंबन भी किया ।  मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए ,लेकिन हाथियों की जान पर खतरे बरकरार हैं। ख़ास बात ये है कि मप्र में बाघों की आबादी में इजाफा हो रहा है।।

मप्र में देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है। सम्भवत देश के वन क्षेत्र का २१ फीसदी भाग मप्र में आता है। स्टेट ऑफ फारेस्ट रिपोर्ट 2001 के मुताबिक  मध्यप्रदेश में वन विभाग के नियंत्रण में 95221 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल आता है जबकि इसमें वास्तव में 77265 वर्ग किलो मीटर की जमीन पर ही जंगल दर्ज किया गया है। इसका मतलब यह है कि 18 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में जंगल नहीं है फिर भी वन विभाग का उस पर नियंत्रण है। इसमें से भी सघन वन का क्षेत्रफल 44384 वर्ग किलोमीटर ही है। वर्तमान स्थिति में मध्यप्रदेश में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे ज्यादा, 76429 वर्ग किलोमीटर जंगल है। इसके बाद आंध्रप्रदेश में 68019 वर्ग किलोमीटर और छत्तीसगढ़ में 55998 वर्ग किलोमीटर जंगल है।

मप्र में हाथियों की  संख्या  का मुझे कोई सही ज्ञान नहीं हैं ,लेकिन मप्र में हाथी हैं। मप्र में चूंकि सबसे ज्यादा वन क्षेत्र है इसलिए यहां अभ्यारण्यों की संख्या भी 24 है ,किन्तु िनमने हाथियों का अलग से कोई अभ्यारण्य नहीं है। इन  अभ्यारण्यों में अब वन्यप्राणीं भयभीत हैं ,क्योंकि जनगलों के सबसे विशालकाय हाथी ही इनमें  सुरक्षित नहीं हैं। यहां खरमोर से लेकर घड़ियालों  तक  के लिए  अभ्यारण्य हैं किन्तु हाथियों के लिए  नहीं ,इसीलिए शायद मप्र में हठी सुरक्षित नहीं है।  बांधवगढ़ के जंगलों में 10 हाथियों  की मौत का कारण  दूषित कोदो [ एक तरह की खरपतवार ] को माना  गया है लेकिन कोई इसके ऊपर भरोसा करने को तैयार नहीं  है ।

मप्र वैसे भी टाइगर स्टेट है,इसीलिए यहां शायद हाथियों पर ज्यादा गौर नहीं किया जाता।  देश के हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश में पहली बार बाघों की संख्या 785 पहुंच गई है। राष्ट्रीय स्तर पर पिछली बार की गणना में मप्र में बाघों की आबादी महज 526 थी लेकिन अखिल भारतीय बाघ गणना जनगणना 2022 के अनुसार इस बार मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या में देश में सर्वाधिक वृद्धि हुई है। सबसे ज्यादा बाघों के साथ मध्यप्रदेश देश में इस बार बहुत आगे निकल गया है। उपेक्षित हठी यदि अचानक न मरते तो शायद इस मुद्दे को लेकर कोई हलचल भी नहींहोती,क्योंकि मप्र में चाहे हतहि हो चाहे अफ़्रीकी चीते मरने के लिए अभिशप्त है।  हाथियों से पहले मप्र के कुँओं अभ्यारण्य में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा छोड़े गए अफ्रीका के १० चीते मर चुके हैं। मप्र में मृत 10 हाथियों में से एक नर और नौ मादा थी. इसके अलावा, मृत दस हाथियों में से 6 किशोर/उपवयस्क और 4 वयस्क थे.

कहा जाता है  कि 13 हाथियों के झुंड ने जंगल के आसपास कोदो बाजरा का फसल खाया था। 10 हाथियों का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सकों की टीम ने किया है।  पोस्टमार्टम के बाद विसरा को जांच के लिए बरेली और सागर  की फोरेंसिक लैब में भेजी गयी है। हाथी कोदो और बाजरा खाने पहली बार नहीं निकले थे। अब सवाल ये भी है कि क्या उन्हें शिकारियों ने मारा है या ग्रामीणों ने। हाथी अपने आप तो कम से कम नहीं मरे। हाथियों को उनके दांतों  के लिए मारा जाता है  हालांकि हाथी दांत  की बिक्री भारत समेत दुनिया के सभी देशों में प्रतिबंधित   है. साल 1986 में भारत ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 को संशोधित कर हाथी दांत की घरेलु बिक्री पर भी बैन लगा दिया था.

भारत में ही नहीं बल्कि समूचे एशिया में हाथी खतरे में है। इनकी आबादी  में आश्चर्यजनक रूप से गिरावट हुई है ।  हाथियों की आबादी 50 प्रतिशत तक कम हुई है। मप्र में हाथियों की एक साथ इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों से ये सवाल एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है कि  क्या मप्र सरकार और भारत सरकार को हाथियों की सुरक्षा के लिए अपनी राष्ट्रिय वन्य नीति पर पुनर्विचार  नहीं करना चाहिए ? हमारे यहां  कहने को हाथी पूजनीय है ।  गणेशावतार है ,लेकिन हकीकत ये है कि  भारत में हाथियों और वनवासियों के बीच का टकराव लगातार बढ़ रहा है।  हाथियों के इलाकों में अतिक्रमण हो रहा है ऐसे में जब हाथी आबादी में घुसकर तबाही मचाते हैं तो बदले में उन्हें अपनी जान गंवाना पड़ती है।

मप्र ही नहीं अधिकानाश राज्यों में कमोवेश यही स्थिति है।

हाथी मनुष्य का मित्र है। भले ही जंगल में रहता है किन्तु  आंशिक प्रशिक्षण के बाद वो पालतू बन जाता है।  शाकाहारी प्राणी है हाथी।  पहले सर्कसों में अपने करतब दिखाता था । आज भी जंगलों में मालवाहक है हाथी ।हाथी किराये पर मिलते हैं। हाथी एक जमाने में राजा -महाराजाओं की सेना का एक प्रमुख अंग भीहोते थे ,लेकिन आज हाथ खतरे में हैं।  उनका कोई साथी नहीं है। अब हाथी मेरे साथी वाला कोई आदमी आपकी नजर में हो तो हो। राजेश खन्ना तो हाथी मेरा साथै बनाकर हिट हो गए थे। दुनिया के 20  हजार हाथियों की जिंदगी बचने के लिए अभियान मप्र से ही शुरू किया जाये तो बेहतर है ।

  हाथी की असली कीमत तो मुझे नहीं पता लेकिन हमारे यहां कहावत है कि  मरा हुआ हाथी भी सवा लाख का होता है ।  हाथी पालना आसान नहीं होता,क्योंकि इसकी खुराक बहुत है ।  कुम्भकर्ण है हाथी। हाथी पालना सदैव घाटे का सौदा होता होगा शायद इसीलिए कहावत बनी है ' सफेद हाथी पालने की। कुल जमा मप्र में हाथियों की मौत का जो कलंक मप्र के ऊपर लगा है उसे धोने के लिए मप्र में भी एक हाथी अभ्यारण्य बनाया जाना चाहिए ,लेकिन इसकी पहल मप्र सरकार करेगी ,इसमने मुझे संदेह है।

मप्र में हाथियों की मौत का सच कभी सामने आ पायेगा ये भी कहना कठिन  है । हाथियों की कोई राजनितिक पार्टी नहीं होती इसलिए उनकी मौत को लेकर न कहीं कोई धरना देता है और न प्रदर्शन करता है  ,किन्तु  वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है और आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने समय पर कदम नहीं उठाए, जिससे हाथियों की मौत को रोका नहीं जा सका। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई की है. इस मामले में टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर गौरव चौधरी और एसडीओ फतेसिंह निनामा को निलंबित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने वन विभाग को प्रदेश में हाथी टास्क फोर्स बनाने के निर्देश भी दिए हैं

@  राकेश अचल

केंद्रीय मंत्री ने किया लोकार्पण पुलिस लाइन में आयोजित हुआ कार्यक्रम

 प्रमोद अहिरवार जिला ब्यूरो टीकमगढ़ म.प्र.

टीकमगढ़ । केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डाॅ. वीरेन्द्र कुमार ने 04 नवंबर 2024 सोमवार के दिन सी.एस.आर. फण्ड के तहत पुलिस लाइन परिसर में नवनिर्मित लॉन टेनिस ग्राउंड, वॉलीबॉल, बैडमिंटन तथा बास्केटबॉल कोर्ट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर अमित नुना, विवेक चतुर्वेदी, अनुराग वर्मा, अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर अवधेश शर्मा, एसपी मनोहर सिंह मंडलोई सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित तथा खिलाड़ी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार खटीक ने जिला मुख्यालय पर स्थित स्थानीय पुलिस परेड ग्राउंड में विभिन्न खेलों को लेकर कोर्ट का लोकार्पण किया इस मौके पर उनके साथ जिला कलेक्टर अवधेश शर्मा सहित तमाम जन प्रतिनिधि और खेल प्रेमी,खिलाड़ी मौजूद रहे।

4 नवंबर 2024, सोमवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:36 बजे  

*सूर्यास्त :-* 17:32 बजे 

*विक्रम संवत-2081* शाके-1946 

*वीरनिर्वाण संवत- 2551* 

*सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन,

दक्षिण  गोल 

*ऋतु* : - हेमंत  ऋतु

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज कार्तिक  माह  शुक्ल पक्ष *तृतीया तिथि*  23:24 बजे तक फिर चतुर्थी  तिथि चलेगी।

💥 *नक्षत्र* अनुराधा नक्षत्र 08:03बजे प्रातः तक फिर ज्येष्ठा चलेगा।

    *योग* :- आज *शोभन  है।  *करण*  :-आज   *तैतिल* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, भद्रा नहीं है, गंडमूल 08:03 बजे से है।

योग: सर्वार्थ सिद्धि है।

*अग्निवास*: आज पाताल में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*राहूकाल* :आज  07:59 बजे से 09:21 बजे तक  अशुभ समय है।

*अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:43 बजे से 12:26 बजे तक  शुभ 

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहार* :- कोई नहीं 

*मुहूर्त* : भूमि पूजन/ नींव , वाहन,नाम कारण , अन्नप्राशन है अन्य नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-तुला, चन्द्र-वृश्चिक, मंगल-कर्क, बुध-वृश्चिक, गुरु-वृष, शुक्र-वृश्चिक, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-वृष में

 🌞 *चोघडिया, दिन*

अमृत 06:37 - 07:59 शुभ

काल 07:59 - 09:21 अशुभ

शुभ 09:21 - 10:43 शुभ

रोग 10:43 - 12:04 अशुभ

उद्वेग 12:04 - 13:26 अशुभ

चर 13:26 - 14:48 शुभ

लाभ 14:48 - 16:10 शुभ

अमृत 16:10 - 17:32 शुभ

*🌓चोघडिया, रात*

चर 17:32 - 19:10 शुभ

रोग 19:10 - 20:49 अशुभ

काल 20:49 - 22:27 अशुभ

लाभ 22:27 - 24:05*शुभ

 *अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें _मो  9425187186 (अभी तक अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी अक्षरतः सत्य सिद्ध हुई)* *ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रिय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)* 

*हस्तरेखा,जन्म कुंडली,वास्तु विशेषज्ञ*

रूस से राजयोगिनी संतोष दीदी ग्वालियर आ रहीं है


 रविकांत दुबे

विभिन्न विषयों पर प्रवचन देंगी

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता एवं सेंट पीटर्सबर्ग रशिया केन्द्र की निदेशिका राजयोगिनी बीके संतोष दीदी पांच दिवसीय प्रवास पर 4 नवंबर को दोपहर 12 बजे ग्वालियर पहुंच रही है। बीके संतोष दीदी पहली बार ग्वालियर आ रही है। 
कार्यक्रम की आयोजक  ब्रह्मकुमारीज लश्कर केन्द्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी एवं बीके प्रहलाद ने आज पत्रकारों को बताया कि ब्रह्मकुमारी संस्थान इसी वर्ष ग्वालियर में आध्यात्मिक शिक्षा एवं जन सेवा के 63 वर्ष पूर्ण कर रहा है। इस उपलक्ष्य में ग्वालियर केन्द्र लश्कर केन्द्र की डायमंड जुबली हीरक जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि बीके संतोष दीदी 4 नवंबर को दोपहर 12 बजे एयरपोर्ट पर पहुंचेंगी । वहां संस्थान के सदस्यों द्वारा उनका स्वागत किया जाएगा। तत्पश्चात दीदी सीधा ब्रह्मकुमारी के प्रभु उपहार भवन माधवगंज केन्द्र पहुंचेंगी। दीदी बीके संतोष पांच नवंबर से विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगी। 

बीके आदर्श ने बताया कि बीके संतोष दीदी 5 नवंबर को माधवगंज केन्द्र पर 9 से एक बजे तक तथा शाम को 5 बजे से 07 30 बजे तक संस्थान से जुडे भाई बहनों के लिए आयोजित ध्यान साधना शिविर को संबोधित करेंगी। 
6 नवम्बर सुबह 10 बजे से 1 बजे तक महाराजपुरा गोल्डन वर्ल्ड रिट्रीट सेंटर में भोपाल ज़ोन के विभिन्न जिलों की टीचर्स बहनों से मुलकात एवं कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी। तत्पश्चात शाम 5 बजे से 7:30 बजे तक माधवगंज केंद्र पर युवाओं के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करेंगी।
7 नवम्बर को दूसरे ग्रुप के लिए माधवगंज केंद्र पर श्रद्धालुयों के लिए आयोजित ध्यान साधना शिविर को संबोधित करेंगी।
8 नवम्बर को प्रातः 7:30 बजे 9 बजे तक “भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान के सभागार” में शहर के सम्मानीय नागरिको के लिए “ईश्वरीय शक्तियों से चुनौतियों का सामना” विषय पर प्रेरक उद्बोधन एवं मेडिटेशन का कार्यक्रम रहेगा।
एवं ब्रह्माकुमारीज केंद्र के 63 वर्ष पूर्ण होने पर 8 नवम्बर शाम को 5.00 से 7.30 बजे तक भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान के सभागार में ही हीरक जयंती समारोह का कार्यक्रम आयोजित होगा। जिसमें ब्रह्माकुमारीज भोपाल ज़ोन की क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी बीके अवधेश दीदी एवं शहर के विभिन्न गणमान्य नागरिक शामिल होंगे । 
राजयोगिनी बीके संतोष दीदी का जीवन परिचय 
बी.के. संतोष दीदी जी का जन्म 1964 में दिल्ली, में शिक्षित और धार्मिक परिवार में हुआ था। 1977 में, अपने माता-पिता के साथ आप ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संपर्क में आये। प्रारंभ से ही दीदी जी की आध्यात्मिकता में रूचि रही तथा ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के संपर्क द्वारा राजयोग ध्यान के नियमित अभ्यास से आपने कई दिव्य अनुभूतियाँ की । कुशल नेतृत्व की कला से सम्पन्न दीदी जी की बाल्यकाल से ही सामाजिक सेवाओं में अधिक रूचि रही तथा इस विशेषता ने आपको ईश्वरीय सेवाओं की ओर आकर्षित किया। अपनी सक्रिय सामाजिक जीवन और पढ़ाई के बावजूद, वह आध्यात्मिक सत्य के अपने अनुभव को गहरा करने की आवश्यकता महसूस कर रही थीं और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक होने के तुरंत बाद उन्होंने ब्रह्माकुमारी शिक्षक के रूप में आध्यात्मिक अध्ययन और ईश्वरीय सेवाओं के लिए आपने वर्ष 1983 में अपना सम्पूर्ण जीवन ईश्वरीय सेवाओं में समर्पित कर दिया।
1983 से 1989 तक उन्होंने भारत में, विशेष रूप से दिल्ली और संबंधित क्षेत्रों में आध्यात्मिक सेवाएं दी। 1989 में, ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान को रूसी विज्ञान अकादमी द्वारा आमंत्रित किया गया और बीके संतोष को रूस में सेवाएं शुरू करने के लिए नियुक्त किया गया। मार्च 1990 में आप मास्को (रशिया) गये वहां से सेंट पीटर्सबर्ग तथा रूस, बाल्टिक क्षेत्र, जॉर्जिया और सीआईएस सहित यूक्रेन, बेलारूस, आर्मेनिया और अज़रबैजान में केंद्र खोलने और आध्यात्मिक सेवाओं को आपके मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा हैं। उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन, यूएसए, कनाडा, श्रीलंका, मध्य और दक्षिण अमेरिका में भी अपनी ईश्वरीय सेवाएं प्रदान की।
वर्तमान समय में आप क्षेत्रीय सांस्कृतिक और शैक्षिक गैरसरकारी संगठन "सेंट पीटर्सबर्ग ब्रह्मा कुमारी केंद्र" के निदेशक, रूस, सीआईएस और बाल्टिक क्षेत्र में ब्रह्मा कुमारी सेवाओं के संयुक्त क्षेत्रीय समन्वयक, "दिव्य प्रकाश" कला और सांस्कृतिक समूह के निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं।

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